Monday, September 30, 2024

Stocks to Sell: 6 महीने में 46% रिटर्न, अब फटाफट बेचने की बारी, नहीं तो 25% डूब जाएगा मुनाफा

Stocks to Sell: पैराशूट, सफोल और लिवॉन जैसे ब्रांड्स की मालकिन मैरिको (Marico) के शेयर कुछ दिन पहले रिकॉर्ड हाई पर पहुंचे थे। हालांकि तेजी कायम नहीं रह सकी और आज ढहते मार्केट में भी अच्छी तेजी के बावजूद इस रिकॉर्ड हाई से यह 2 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है। ब्रोकरेज फर्म बीओबी कैपिटल मार्केट्स के मुताबिक अभी मौजूदा लेवल से यह 25 फीसदी से भी अधिक गिर सकता है। आज BSE पर यह 0.58 फीसदी की बढ़त के साथ 696.50 रुपये के भाव (Marico Share Price) पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में यह 1.81 फीसदी उछलकर 705 रुपये तक पहुंचा था। वहीं घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) डेढ़-डेढ़ फीसदी टूटे हैं।

Marico को ब्रोकरेज ने क्यों दी बेचने की सलाह?

ब्रोकरेज ने मैरिको को बांग्लादेश के मौजूदा माहौल के चलते ही सेल रेटिंग दी है। ब्रोकरेज का का मानना इसके चलते गांवों में रिकवरी को लेकर पॉजिटिव संकेत है और इसके प्रोजेक्ट सेतु से सेल्स बढ़ेगी। मिक्स और मार्जिन को भी सपोर्ट मिलेगा। हालांकि प्रोजेक्ट सेतु के चलते किसी एफएमसीजी कंपनी के नियर टर्म में सेल्स को लेकर कितना फायदा मिला, इसे लेकर कुछ कह नहीं सकते हैं। इसके अलावा बांग्लादेश की स्थिति ने भी अनिश्चितता बना दी है। इन वजहों से ब्रोकरेज फर्म ने इसे सेल रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 532 रुपये पर फिक्स किया है।

प्रोजेक्ट सेतु की बात करें तो यह कंपनी का तीन वर्षीय प्लान है जिसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2027 तक अपने आउटलेट की संख्या को मौजूद 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख तक ले जाने का है। कंपनी ने इसे जून तिमाही में शुरू किया था। इसके लिए फंड का इंतजाम कंपनी की कुछ बचत, कॉस्ट मैनेजमेंट और ओवरऑल सेल्स सिस्टम में रिसोर्सेज के रीएलोकेशन से किया जाएगा।

एक साल में कैसी रही शेयरों की चाल?

मैरिको के शेयर करीब 6 महीने पहले 19 मार्च 2024 को 486.75 रुपये के भाव पर थे जो इसके लिए एक साल का रिकॉर्ड निचला स्तर है। इस निचले स्तर से 6 महीने में यह 46 फीसदी से अधिक उछलकर कुछ दिनों पहले 27 सितंबर 2024 को 713.60 रुपये के भाव पर पहुंच गया जो इसके शेयरों के लिए रिकॉर्ड हाई है। इस हाई से फिलहाल यह 2 फीसदी से अधिक डाउनसाइड है। हालांकि अब एक्सपर्ट का मानना है कि मौजूदा लेवल से अभी यह 25 फीसदी से अधिक टूट सकता है।

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Sunday, September 29, 2024

अगर मुझे तीन-चार महीने पहले रिहा कर दिया गया होता, तो AAP हरियाणा में सरकार बना लेती: अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि अगर वह तीन-चार महीने पहले जेल से रिहा हो गए होते, तो हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद उनके दल की सरकार बन जाती। हालांकि, केजरीवाल ने यह भी कहा कि हरियाणा में अगली सरकार AAP के समर्थन के बिना नहीं बन सकती। केजरीवाल आबकारी नीति मामले में पांच महीने तिहाड़ जेल में बंद रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह 13 सितंबर को जेल बाहर आ सके हैं।

हरियाणा में आप उम्मीदवारों के पक्ष में एक सभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने अपनी पार्टी की गारंटियों के बारे में बात की, जिनमें मुफ्त बिजली, मोहल्ला क्लीनिक की स्थापना, सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति में सुधार और महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपए देने जैसी योजना शामिल हैं।

तो हरियाणा में हमारी सरकार बन जाती:केजरीवाल

केजरीवाल ने कहा, "मैं कहना चाहता हूं कि अगर उन्होंने मुझे तीन-चार महीने पहले जेल से रिहा कर दिया होता, तो हरियाणा में हमारी सरकार बन जाती।"

उन्होंने कहा, "हर जगह मुझे लोगों से बहुत प्यार मिल रहा है। उन्होंने मुझे 10 दिन पहले ही रिहा किया है। हमें इतनी सीट मिल रही हैं कि हमारे बिना हरियाणा में कोई भी सरकार नहीं बना सकता। हरियाणा में जो भी सरकार बनेगी, वह आम आदमी पार्टी के समर्थन से बनेगी।"

'जेल मुझे तोड़ने की कोशिश की गई'

केजरीवाल ने BJP के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जेल में रहने के दौरान उन्हें "तोड़ने" की कोशिश करने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने रेवाड़ी में एक भीड़ से कहा, "जब मैं जेल में था, तो उन्होंने मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने की कोशिश की।"

उन्होंने कहा, "मैं डायबिटीज का मरीज हूं और मुझे हर दिन चार इंसुलिन इंजेक्शन की जरूरत होती है, लेकिन उन्होंने मेरी दवाएं बंद कर दीं। वे मुझे तोड़ना चाहते थे, लेकिन वे नहीं जानते कि मैं हरियाणा से हूं, और AAP हरियाणा के किसी व्यक्ति को नहीं तोड़ सकते।"

हरियाणा में पांच अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे आठ अक्टूबर को घोषित किये जायेंगे।

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NSE और BSE एक अक्टूबर से ट्रांजेक्शन फीस में बदलाव करने के लिए तैयार, ब्रोकर्स और इनवेस्टर्स पर क्या होगा असर?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 1 अक्टूबर 2024 से अपने ट्रांजेक्शन फीस में बदलाव करने जा रहे हैं। मार्केट रेगुलेटर सेबी ने 1 जुलाई 2024 को इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया था, जिसके अनुसार अब नए फीस स्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा। सेबी के सर्कुलर में मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) यानी स्टॉक एक्सचेंज, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरी को ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर स्लैब-वाइज फीस स्ट्रक्चर को बंद करने का निर्देश दिया गया है। इसके बजाय, सेबी ने सभी मेंबर्स के लिए यूनिफॉर्म फीस स्ट्रक्चर लागू करने का निर्देश दिया।

ट्रांजेक्शन फीस में होंगे ये अहम बदलाव

NSE ने किए ये बदलाव

कैश मार्केट के लिए ट्रांजेक्शन फीस अब प्रति लाख ट्रेडेड वैल्यू पर ₹2.97 है, जो स्लैब-वाइज स्ट्रक्चर के तहत ₹2.97 से ₹3.22 की पिछली रेंज से कम है। इक्विटी फ्यूचर्स में फीस को ₹1.73 प्रति लाख ट्रेडेड वैल्यू तय की गई है, जो पहले के ₹1.73 से ₹1.88 की रेंज से कम है। इसके अलावा, इक्विटी ऑप्शन में फीस अब ₹35.03 प्रति लाख प्रीमियम वैल्यू है, जबकि पहले यह ₹29.50 से ₹49.50 की रेंज थी।

BSE के फीस स्ट्रक्चर में हुए ये बदलाव

BSE में इक्विटी फ्यूचर्स, सेंसेक्स 50 और स्टॉक ऑप्शंस के लिए ट्रांजेक्शन फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, सेंसेक्स और बैंकेक्स ऑप्शंस में बदलाव किए गए है। इसमें प्रीमियम टर्नओवर वैल्यू पर प्रति करोड़ ₹3250 का फिक्स्ड चार्ज तय किया गया है, जबकि पहले स्लैब ₹500 से ₹4,950 था।

डिस्काउंट ब्रोकर्स पर क्या होगा असर?

नए फीस स्ट्रक्चर से Angel One, Zerodha और 5Paisa जैसे डिस्काउंट ब्रोकर्स पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। पिछली स्लैब-वाइज रिजीम के तहत ब्रोकर एक्सचेंजों को दी जाने वाली ट्रांजेक्शन फीस (जो हाई ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण कम थे) और क्लाइंट को दी जाने वाली फीस (जो आमतौर पर अधिक थे) के बीच के अंतर से लाभ उठा सकते थे।

उदाहरण के लिए, ब्रोकर क्लाइंट्स से इक्विटी ऑप्शन के लिए प्रति लाख प्रीमियम वैल्यू पर ₹49.50 चार्ज कर सकते हैं, जबकि वॉल्यूम ₹2000 करोड़ से अधिक होने पर ₹29.50 प्रति लाख की कम दर का भुगतान कर सकते हैं, जिसके अंतर से ब्रोकर को फायदा होता है।

रेवेन्यू पर कितना होगा असर?

एक अनुमान के मुताबिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha को नए फीस स्ट्रक्चर से 10 फीसदी रेवेन्यू का नुकसान हो सकता है। इसके अलावा, एंजलवन की बात करें तो जुलाई 2024 में मैनेजमेंट ने संकेत दिया था कि इससे कंपनी का करीब 8% रेवेन्यू प्रभावित हो सकता है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक फीस स्ट्रक्चर में बदलाव से एक्सचेंजों के रेवेन्यू पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। निवेशकों को ट्रांजेक्शन फीस में कमी देखने को मिल सकती है। नया ट्रांजेक्शन फीस स्ट्रक्चर ट्रेडिंग मेंबर्स को समान अवसर प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। डिस्काउंट ब्रोकरों पर इसका नकारात्मक असर हो सकता है, जबकि एक्सचेंजों पर इसका कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।



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Israel Hezbollah War: ईरान के जासूस ने इजरायल को दी थी हसन नसरल्लाह की लोकेशन!

इजरायल ने लेबनान के बेरूत में हवाई हमले में हिजबुल्लाह नेता सैय्यद हसन नसरल्लाह को मार दिया। यूं तो इजरायल की इंटेलिजेंस नेटवर्क और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद के बारे में हर कोई जनता है, लेकिन फिर भी एक सवाल ये है कि आखिर इजरायली सेना को नसरल्लाह का ठिकाना और हमले के इतने सटीक टारगेट के बारे में कैसे पता चला, वो भी किसी दूसरे देश के एकदम बीच में।

फ्रांस के एक अखबार ले पेरिसियन ने अब बताया कि इसमें इजरायल की मदद ईरान के एक जासूस ने की, जिसने इजरायली अधिकारियों को नसरल्लाह ठिकाने की जानकारी दी।

रिपोर्ट में लेबनान के एक सुरक्षा सूत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि जासूस ने इजरायली अधिकारियों को बताया था कि नसरल्लाह संगठन के कई शीर्ष सदस्यों के साथ एक बैठक में हिस्सा लेने के लिए बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में हिजबुल्लाह के अंडरग्राउंड हेडक्वार्टर में होगा।

कल दोपहर 1.30 बजे (लेबनान समयानुसार सुबह 11 बजे) के आसपास, इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने X पर एक पोस्ट में कहा, "हसन नसरल्लाह अब दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएगा।"

बाद में, हिजबुल्लाह ने इस खबर की पुष्टि की। एक बयान में कहा गया, "सैय्यद हसन नसरल्लाह... अपने महान, अमर शहीद साथियों में शामिल हो गए हैं, जिनका उन्होंने लगभग 30 सालों तक नेतृत्व किया।"

इजरायल के जासूस कैसे हुए हिजबुल्लाह के खिलाफ एक्टिव?

The New York Times की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल ने 2006 के युद्ध के बाद हिजबु्ल्लाह को निशाना बनाने के लिए इंटेलिजेंस रिसोर्स पर ज्यादा फोकस करने पर ध्यान दिया और ये हमले उसी का नतीजा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायली सेना और खुफिया एजेंसियां ​ 34 दिनों तक चले उस संघर्ष में निर्णायक जीत हासिल नहीं कर पाई थी। संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से संघर्ष विराम के साथ युद्ध रुका और नुकसान के बावजूद हिजबुल्लाह को फिर से संगठित होने और अगले युद्ध के लिए तैयार होने का समय भी मिल गया।

इसके बाद के सालों में, इजरायल ने हिजबुल्लाह के नेतृत्व और रणनीति के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए बहुत सारे संसाधन तैनात किए।

NYT रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल की सिग्नल इंटेलिजेंस एजेंसी यूनिट 8200 ने हिजबुल्लाह के सेलफोन और दूसरे कम्युनिकेशन को बेहतर ढंग से रोकने के लिए अत्याधुनिक साइबर टून बनाए हैं।

इसमें कहा गया है कि कॉम्बेट रैंक के भीतर नई टीमें बनाई गईं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बहुमूल्य जानकारी तुरंत सैनिकों और वायु सेना तक पहुंचाई जा सके।

पेजर बम और नसरल्लाह की एंट्री

हाल ही में टेलीविजन पर प्रसारित एक भाषण में नसरल्ला ने कहा था कि इजराइल की ओर से विस्फोटकों से भरे पेजर और वॉकी टॉकी में विस्फोट करने के बाद हिजबुल्लाह को "जबरदस्त झटका" लगा है।

इन हमलों में दो दिनों में 37 लोग मारे गए और लगभग 3,000 लोग घायल हो गए। नसरल्लाह ने तब इजरायल को "कड़ा बदला और उचित दंड देने की चेतावनी दी थी।"

हसन नसरल्लाह के बाद उसका 'उत्तराधिकारी' भी ढेर! इजरायल ने हिजबुल्लाह नेता नबील कौक को मार गिराया



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जरूरी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सैलरी का कितना हिस्सा बचाना जरूरी है?

आपकी सैलरी में कितनी रकम बचत के मद में जानी चाहिए, इसको लेकर कई तरह के नियम हैं। हालांकि, आज के दौर में बढ़ते खर्च और लाइफस्टाइल से जुड़े लक्ष्यों को देखते हुए नियमों को लागू करना मुश्किल काम है। ऐसे में सवाल यह है कि आप अपने निजी लक्ष्यों को पूरा करने के लिए किस तरह से बचत की रणनीति तैयार करते हैं?

हम आपक के लिए यहां इनकम, खर्च करने की आदत और भविष्य के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए कुछ व्यावहारिक सुझाव पेश कर रहे हैं।

पारंपरिक 50/20/30 नियम: अब यह नियम क्यों नहीं काम करता?

आपने 50/20/30 नियम के बारे में सुना होगा, जिसमें 50% इनकम जरूरतों पर खर्च करने की बात है, जबकि 20% बचत के लिए और 30% अन्य खर्चों के लिए। यह नियम आसान है, लेकिन इनफ्लेशन, लाइफस्टाइल बढ़ने और लोन की वजह इस पर अमल कर पाना मुश्किल है। आंत्रप्रेन्योर और सेबी के साथ रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार गौरव गोयल का कहना है कि कई लोगों को अपनी 20% सैलरी बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। इसकी कई वजहें हैं। उनके मुताबिक, एक अहम वजह लाइफस्टाइल में बदलाव है। सोशल मीडिया और विज्ञापनों की वजह से लोग लग्जरी आइटम की खरीदारी के लिए प्रोत्साहित होते हैं और इस वजह से 50/20/30 का नियम लागू नहीं हो पाता।

फर्ज कीजिए कि कोई शख्स 50,000 रुपये प्रति महीना कमा रहा है। किराया, EMI, ग्रॉसरी और बिल वगैरह देकर उसके पास सिर्फ 10,000 रुपये बचते हैं। कागजों पर 50,000 रुपये कमाकर 10,000 रुपये बचाना आसान जान पड़ता है, लेकिन अगर आप लेटेस्ट आईफोन 1.20 लाख रुपये खरीदने की इच्छा रखते हैं, तो क्या होगा?

EMI स्कीम के जरिये इसे खरीदने का लोभ प्रबल हो सकता है, लेकिन यह आपकी लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल सिक्योरिटी को नुकसान पहुंचा सकता है।

प्राथमिकताएं तय करना जरूरी

फिनएज के को-फाउंडर और CEO हर्ष गहलोत ने बताया, 'पहले बचाएं, बाद में खर्च करें' के नियम का पालन करना जरूरी है।' उनका कहना था कि लग्जरी की चाहत रखने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन समझदार आदमी खरीदारी से पहले पैसे की बचत करेगा। लिहाजा, EMI स्कीम की तरफ जाने से पहल आप लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल गोल में निवेश करते हुए अपने आईफोन के लिए 5,000 रुपये प्रति महीना निवेश कर सकते हैं।

जरूरतों और शौक के बीच संतुलन बनाना जरूरी

अगर आपके लिए आईफोन खरीदना जरूरी है, तो आपको अन्य शौकिया खर्चों बाहर खाने या छुट्टियां बिताने के लिए बाहर जाने जैसी गतिविधियों पर रोक लगानी होगी। गोयल के मुताबिक, इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पूरी तरह से अपने शौक को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने बताया, ' आपको सावधानी से प्लानिंग करनी चाहिए। स्वास्थ्य, शिक्षा और लॉन्ग टर्म सिक्योरिटी जैसी चीजों को प्राथमिकता देनी होगी, जबकि लग्जरी के लिए भी कुछ अलग प्रावधान करके रखना होगा।' मिसाल के तौर पर अगर कोई शख्स 50,000 रुपये कमा रहा है, तो इसका मतलब है कि उसे आईफोन खरीदने के लिए अगले 12-18 महीनों में छुट्टियों में बाहर जाने या गैर-जरूरी ऑनलाइन शॉपिंग जैसे खर्चों को कम करने या रोकने की जरूरत होगी।



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Saturday, September 28, 2024

Sell Flat with Outstanding Home Loan: फ्लैट के लोन की किश्तें अभी भी हैं बाकी, क्या बेचने की मिलेगी मंजूरी?

Sell Flat with Outstanding Home Loan: लगभग हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो। इस सपने को पूरा करने के लिए कुछ लोग वर्षों तक पैसे जोड़ते हैं तो कुछ लोग दोस्तों से पैसे उधार लेते हैं और कुछ बैंकों से लोन लेते हैं। भारत में अधिकतर लोग लोन लेकर प्रॉपर्टी खरीदते हैं। इससे फायदा ये होता है कि घर खरीदने के लिए एकमुश्त पैसे देने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसकी बजाय वे लोन लेते हैं और हर महीने इसकी किश्तें चुकाते हैं। हालांकि कभी-कभी ऐसा होता है कि लोन पर लिए गए घर को बेचने की इच्छा कर जाती है तो यहां सवाल ये उठता है कि बकाए लोन वाले घर को भी बेच सकते हैं? और अगर बेच सकते हैं तो इसका प्रोसेस क्या होगा? यहां इन सभी सवालों के जवाब दिए जा रहे हैं।

क्या बकाए लोन के साथ घर को बेचना है संभव?

अगर किसी घर या फ्लैट पर लोन बकाया है और इसे बेचने का मन बना लिया है तो इसे बेच सकते हैं। इसमें लोन बकाया है, इससे कोई दिक्कत नहीं आएगी। हालांकि इसके लिए कुछ नियम-कायदे होते हैं जैसे कि जिस बैंक से लोन लिया है, उससे मंजूरी लेनी होती है।

क्या है प्रोसेस?

अगर आप ऐसे शख्स को घर या फ्लैट बेच रहे हैं, जिसे उसी बैंक से लोन लेना है, जिससे आपने लोन लिया है तो प्रक्रिया और आसान हो जाएगी क्योंकि तब बैंक को प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट लौटाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वहीं अगर लोन की सभी किश्तें एक ही बार में खरीदार दे देता है तो प्रॉपर्टी डॉक्यूमेंट उसे मिल जाएगा। बैंक इसके कागजात तभी जारी करता है, जब लोन अमाउंट और बाकी बकाया चुका दिया जाता है। एक तरीका ये है कि पर्सनल लोन लेकर पूरा बकाया चुका दें लेकिन इसके लिए बैंक से पहले बात करनी होगी। प्रॉपर्टी बेचने के लिए बैंक से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) की जरूरत पड़ेगी। वैसे लोन के बकाए वाले घर की बिक्री के लिए किसी रियल एस्टेट एक्सपर्ट से जरूर संपर्क कर लें ताकि इसके वित्तीय और कानूनी पहलू भी समझ सकें।

गाजियाबाद में कम दाम में घर खरीदने का मौका! नवरात्रि में इस तारीख से शुरू होगी घरों की सेल



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Friday, September 27, 2024

Haryana Election: कांग्रेस का बागियों पर एक्शन, निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ रहे 13 उम्मीदवारों को दिखाया बाहर का रास्ता

कांग्रेस की हरियाणा इकाई ने शुक्रवार को पार्टी के 13 नेताओं को ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधि’’ के आरोप में निष्कासित कर दिया, क्योंकि इन नेताओं ने राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर चुने गए उम्मीदवार के खिलाफ बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस ने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता पर रोक लगाने के लिए उन्हें तत्काल प्रभाव से छह साल के लिए निष्कासित किया जा रहा है।

हरियाणा की कांग्रेस इकाई के प्रमुख उदय भान की ओर से जारी पार्टी आदेश के अनुसार, गुहला अनुसूचित जाति (SC) सुरक्षित सीट से नरेश धांडे, जींद से प्रदीप गिल, पुंडरी से सज्जन सिंह ढुल और सुनीता बट्टन, नीलोखेड़ी-SC (रिजर्व) से राजीव मामूराम गोंदर और दयाल सिंह सिरोही, पानीपत ग्रामीण से विजय जैन, उचाना कलां से दिलबाग सांडिल, दादरी से अजीत फोगाट, भिवानी से अभिजीत सिंह, बवानी खेड़ा-SC (रिजर्व) से सतबीर रतेरा, पृथला से नीटू मान और कलायत से अनीता ढुल बड़सीकरी को निष्कासित कर दिया गया है।

टिकट नहीं मलने से नाराज थे ये नेता

हरियाणा में पांच अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिलने से कई नेता नाराज थे, लेकिन बाद में पार्टी इनमें से कई की नाराजगी दूर करने में सफल रही थी।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री संपत सिंह ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद नलवा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया, जबकि एक और नेता राम किशन ‘फौजी’ ने भी बवानी खेड़ा सीट से अपना नाम वापस ले लिया।

अंबाला सिटी से कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व मंत्री निर्मल सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहे पूर्व विधायक जसबीर मलौर ने भी अपना नाम वापस ले लिया है।

हालांकि निर्मल सिंह की बेटी चित्रा सरवारा अंबाला कैंट सीट से चुनाव लड़ रही हैं। पार्टी बागी नेता सरवारा के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर चुकी है।

हरियाणा चुनाव: प्रचार में उतरे सिद्धू मूसेवाला के पिता, कांग्रेस उम्मीदवार के लिए मांगे वोट, AAP पर भी साधा निशाना

 



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Thursday, September 26, 2024

सिंगापुर की अदालत से WazirX को मिली बड़ी राहत, 4 महीने तक नहीं होगी कोई कानूनी कार्रवाई

WazirX News: हैकर्स के झटके से जूझ रहे दिग्गज क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स को सिंगापुर की अदालत से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इसे ऐसी राहत दी है कि अब 4 महीने तक इसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो पाएगी। हालांकि इसकी कुछ शर्तें भी कोर्ट ने तय की हैं। इससे भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स को प्रभावित लोगों से कानूनी नोटिसों से परेशान हुए बिना अपने कारोबारी ढांचे को रीस्ट्रक्चर करने में मदद मिलेगी। यह राहत ऐसे समय में आई है, जब करीब दो महीने पहले एक्सचेंज को अपने मल्टीसिग वॉलेट में से एक में 23 करोड़ डॉलर का साइबर हमला झेलना पड़ा, जिसमें इसके 45 फीसदी क्रिप्टो एसेट्स गायब हो गए।

इन शर्तों के साथ मिली है WazirX को राहत

सिंगापुर हाईकोर्ट ने वजीरएक्स को मोरेटोरियम देते हुए कुछ शर्तें भी लगाई हैं। ये शर्तें ये हैं कि एक कोर्ट एफिडेविट के जरिए इसे अपने वॉलेट्स के एड्रेस का खुलासा करना होगा, यूजर्स की क्वेरीज का जवाब देना होगा और छह हफ्ते के भीतर बुक ऑफ अकाउंट्स का खुलासा करना होगा। इसके अलावा वजीरएक्स को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि अगर अब कोई वोटिंग होती है तो वह स्वतंत्र प्लेटफॉर्म पर हो।

6 महीने की राहत मांगी थी वजीरएक्स ने

हैकर्स ने वजीरएक्स के प्लेटफॉर्म पर हमला कर 23.4 करोड़ डॉलर उड़ा लिए। इसने सिंगापुर हाईकोर्ट में छह महीने के मोरेटोरियम यानी छह महीने तक किसी भी प्रकार से कानूनी कार्यवाही से मुक्ति के लिए याचिका दायर की थी। हैकर्स की बात करें तो कुछ समय पहले सामने आया था कि जो फंड चुराए गए थे, उसे टॉरनेडो कैश के जरिए ट्रांसफर कर दिया गया है ताकि लेन-देन ट्रैक न हो सके।

WazirX से चुराए क्रिप्टो का लेन-देन, हैकर्स ने 63 लाख डॉलर के Ether किए ट्रांसफर

भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX में ₹1900 करोड़ का फर्जीवाड़ा, सभी लेन-देन पर लगी रोक

Crypto News: हैकर्स के हमले से परेशान WazirX, मदद के लिए पहुंचा Binance के पास

WazirX के लैपटॉप पर नहीं हुआ था हैकर्स का कब्जा, गूगल की जांच में हुआ खुलासा



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Wednesday, September 25, 2024

M&B Engineering लाएगी 653 करोड़ का IPO, सेबी के पास दाखिल किए कागजात

M&B Engineering IPO: एमएंडबी इंजीनियरिंग आईपीओ के जरिए फंड जुटाने की योजना बना रही है। कंपनी ने इसके लिए आज 25 सितंबर को मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) दाखिल किया है। कंपनी का इरादा पब्लिक इश्यू के जरिए 653 करोड़ रुपये जुटाने का है। इस आईपीओ के तहत 325 करोड़ रुपये के फ्रेश इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए 328 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की जाएगी।

M&B Engineering IPO से जुड़ी डिटेल

प्रमोटर गिरीशभाई मणिभाई पटेल, चिराग हसमुखभाई पटेल, विपिनभाई कांतिलाल पटेल, बिरवा चिराग पटेल, आदित्य विपिनभाई पटेल, लीनाबेन विपिनभाई पटेल और उमाबेन गिरीशभाई पटेल ऑफर-फॉर-सेल में सेलिंग शेयरहोल्डर होंगे। गुजरात स्थित यह कंपनी आईपीओ के लॉन्च से पहले प्री-आईपीओ प्लेसमेंट में 65 करोड़ रुपये जुटाने पर भी विचार कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो नए इश्यू का साइज कम हो जाएगा।

M&B Engineering कहां करेगी फंड का इस्तेमाल

पटेल फैमिली के स्वामित्व वाली कंपनी आईपीओ से होने वाली आय में से 63.9 करोड़ रुपये इक्विपमेंट और मशीनरी की खरीद के लिए और 60 करोड़ रुपये कर्ज चुकाने के लिए खर्च करेगी। अगस्त 2024 तक कुल बकाया उधारी 386 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, आईपीओ फंड के 110 करोड़ रुपये का उपयोग इसकी वर्किंग कैपिटल जरूरतों के लिए और शेष राशि का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

M&B Engineering का कारोबार

एमएंडबी इंजीनियरिंग का दावा है कि वह भारत में सेल्फ-सपोर्टेड स्टील रूफिंग सॉल्यूशन की मैन्युफैक्चरिंग और इंस्टॉलेशन में रेवेन्यू के मामले में सबसे बड़ी कंपनी है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 75 फीसदी है। इसका बिजनेस दो सेगमेंट में है, जिसमें फेनिक्स डिवीजन PEB और कॉप्लेक्स स्ट्रक्चरल स्टील कंपोनेंट के लिए सॉल्यूशन प्रोवाइड करती है। वहीं, प्रोफ्लेक्स डिवीजन सेल्फ-सपोर्टेड स्टील रूफिंग सॉल्यूशन प्रोवाइड करती है। इसने जून 2024 तक जनरल इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग, फूड और बेवेरेज, वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स, पावर, टेक्सटाइल और रेलवे जैसे कई सेक्टर्स में 8700 से अधिक प्रोजेक्ट्स को एग्जीक्यूट किया है।

एमएंडबी इंजीनियरिंग का मुकाबला पेन्नार इंडस्ट्रीज, बंसल रूफिंग प्रोडक्ट्स, HIL, एवरेस्ट इंडस्ट्रीज और इंटरआर्क बिल्डिंग प्रोडक्ट्स जैसी लिस्टेड कंपनियों से है। कंपनी ने अपने फीनिक्स डिवीजन से लगभग 73 फीसदी कारोबार हासिल किया और शेष लगभग 27 फीसदी प्रोफ्लेक्स डिवीजन से हासिल किया। इसके अलावा, वित्त वर्ष 2024 में इसके कुल रेवेन्यू का 73 फीसदी रिपीट कस्टमर्स से आया, जो वित्त वर्ष 23 में 65.6 फीसदी से अधिक है।

M&B Engineering का फाइनेंशियल

वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले वर्ष की तुलना में 38.7 फीसदी बढ़कर 45.6 करोड़ रुपये हो गया, जबकि कंपनी का रेवेन्यू नेगेटिव रहा। इसी अवधि के दौरान रेवेन्यू 9.7 फीसदी घटकर 795 करोड़ रुपये रह गया। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का EBITDA 20 फीसदी बढ़कर 79.6 करोड़ रुपये हो गया, जबकि मार्जिन पिछले वित्त वर्ष 2023 की तुलना में 250 बीपीएस बढ़कर 10 फीसदी हो गया। इक्विरस कैपिटल और डीएएम कैपिटल एडवाइजर्स इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं।



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Tuesday, September 24, 2024

Coldplay Mumbai Concert: कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के लिए सस्ता टिकट पाने का सुनहरा मौका! ऐसे खरीदें 'इनफिनिटी' टिकट

Coldplay India Concert 2025: दुनिया के सबसे पसंदीदा बैंड में से एक 'कोल्डप्ले' अगले साल जनवरी 2025 में एक रोमांचक कॉन्सर्ट के लिए भारत लौट रहा है। 2016 में उनके सफल परफॉर्मेंस के बाद भारतीय फैंस उत्साह से भरे हुए हैं। अगर आप टिकट पाने से चूक गए हैं, तो अभी भी 'इनफिनिटी' टिकट विकल्प के माध्यम से काफी सस्ते में अपना स्थान सुरक्षित करने का मौका है। कोल्डप्ले के मुंबई कॉन्सर्ट की टिकट बिक्री को लेकर इतनी मारा मारी है कि लोग सुबह से शाम लगा दे रहे हैं फिर भी टिकट नहीं बुक हो रही है। काउंटर खुलते ही टिकटें मिनटों में बिक गईं। कुछ ने तो दोबारा बेची गई टिकटों पर करीब 3 लाख रुपये खर्च कर दिए।

'कोल्डप्ले' के जितने फैंस टिकट खरीदने से चूक गए हैं उनके लिए गुड न्यूज है। आपके पास 'इनफिनिटी टिकट' के जरिए कोल्डप्ले कॉन्सर्ट के सस्ता टिकट खरीदने का अभी भी एक शानदार मौका है। हर कोल्डप्ले शो के लिए सीमित संख्या में टिकट जारी किए जाते हैं, जिससे इसके फैंस को बहुत ही कम कीमत पर 'म्यूजिक ऑफ द स्फीयर्स' वर्ल्ड टूर का आनंद लेने का मौका मिलता है। इन टिकटों की कीमत करीब 2,000 रुपये है। हालांकि,इन्हें जोड़े में खरीदना होगा।

सीट कहां मिलेंगी?

इसमें एक सरप्राइज एलिमेंट भी है। इसमें सीटें रैंडम तरीके से आवंटित की जाएंगी, जब आप शो के दिन बॉक्स ऑफिस पर अपने टिकट चुनेंगे। इनफिनिटी टिकटों के लिए बैंड की साइट पर कहा गया है, "इनफिनिटी टिकटें आयोजन स्थल में कहीं भी रैंडम तरीके से आवंटित की जाती हैं। पिछली लाइन से लेकर फ्लोर तक और घर की सबसे अच्छी सीट तक...।"

इस में बताया गया कि आप टिकट बिक्री शुरू होने पर अलर्ट पाने के लिए साइन अप भी कर सकते हैं। आपको नाम, ईमेल आईडी और शहर सहित कुछ अन्य जानकारी देनी होगी। कोल्डप्ले मुंबई कॉन्सर्ट के लिए 'इनफिनिटी' टिकट 22 नवंबर को लाइव होंगे।

कोल्डप्ले मुंबई कॉन्सर्ट 2025

Fix You, Yellow, A Sky Full of Stars, Hymn for the Weekend, Viva La Vida, The Scientist समेत कई अन्य हिट के लिए मशहूर ब्रिटिश रॉक बैंड की भारत में काफी मांग है। ग्रैमी विजेता बैंड की 9 साल बाद भारत में वापसी ब्लॉकबस्टर होने वाली है। मुंबई लाइनअप में तीसरा कॉन्सर्ट जोड़ा गया है।

BookMyShow पर टिकट बिक्री शुरू होने के तुरंत बाद टिकटिंग प्लेटफॉम क्रैश हो गया, जिससे कई फैंस निराश हो गए। ऐसे फैंस के लिए इनफिनिटी टिकट कोल्डप्ले द्वारा एक विशेष पेशकश है, जिसे उनके संगीत कार्यक्रमों को अधिक प्रशंसकों तक पहुंचाने के लिए प्लान बनाया गया है। प्रत्येक शो के लिए सीमित संख्या में ये टिकट अविश्वसनीय रूप से कम कीमत पर जारी किए जाते हैं।

ये भी पढ़ें- रेप केस में गिरफ्तार जानी मास्टर मामले में अल्लू अर्जुन भी हैं शामिल? Pushpa प्रोड्यूसर ने दी सफाई

'कोल्डप्ले' मुंबई में अगले साल जनवरी में 3 लाइव कॉन्सर्ट करने के लिए आने वाले हैं। कोल्डप्ले का यह कॉन्सर्ट डीवाई पाटिल स्टेडियम (DY Patil Stadium) में 18, 19 और 21 जनवरी को होने जा रहा है. स्टेडियम के नजदीक के 5 स्टार होटल भी इन तीन दिनों के लिए बुक हो चुके हैं।

कॉन्सर्ट की तारीख: 18 जनवरी, 19 जनवरी और 21 जनवरी

स्थान: डीवाई पाटिल स्टेडियम, मुंबई



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SH Kelkar के शेयरों में 18% की दमदार रैली, ब्रोकरेज ने बताया टारगेट प्राइस

SH Kelkar share: एस एच केलकर एंड कंपनी के शेयरों में आज 24 सितंबर को 18 फीसदी से अधिक की शानदार रैली देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 18.19 फीसदी की बढ़त के साथ 301.50 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। दरअसल, ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कंपनी के शेयरों में तेजी की उम्मीद जताई है। इस खबर के बाद आज एस एच केलकर एंड कंपनी के शेयरों में जमकर खरीदारी देखी गई। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 4173 करोड़ रुपये हो गया है।

SH Kelkar का कितना है टारगेट प्राइस

ब्रोकरेज फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने एस एच केलकर एंड कंपनी के शेयरों को Buy रेटिंग दी है और 400 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। इस हिसाब से कंपनी के शेयरों में करीब 33 फीसदी की तेजी की संभावना है।

ब्रोकरेज का कहना है कि एसएच केलकर ग्लोबल मार्केट में पैठ बनाना शुरू कर रहा है। ब्रोकरेज ने कहा, "हम SHK के ग्रोथ के लिए एक लंबा रास्ता देखते हैं, क्योंकि यह बढ़ते भारतीय बाजार में अपने स्थापित और मजबूत संबंधों के साथ-साथ यूरोप, दक्षिण पूर्व एशिया और अमेरिका में अपने कदम बढ़ा रहा है।"

SH Kelkar पर क्या है ब्रोकरेज की राय

कोटक ने कहा कि एसएच केलकर मार्जिन एक्सपेंशन और हेल्दी कैश जनरेशन के साथ डबल डिजिट रेवेन्यू ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए अच्छी स्थिति में है। ग्लोबल FMCG दिग्गज यूनिलीवर से बड़ा ऑर्डर मिलने से अगले कुछ वर्षों में 12% से अधिक रेवेन्यू ग्रोथ के लिए मैनेजमेंट गाइडेंस पर भरोसा बढ़ता है। इसके अलावा, ऑपरेटिंग लीवरेज से EBITDA मार्जिन में वृद्धि होने की उम्मीद है। कंपनी ने पहले ही पर्याप्त सरप्लस कैपिसिटी बनाई है, जिसका मतलब है कि कैपेक्स की जरूरतें लिमिटेड होंगी।

कैसा रहा है SH Kelkar के शेयरों का प्रदर्शन

पिछले एक महीने में एस एच केलकर एंड कंपनी के शेयरों में 27 फीसदी की तेजी आई है। पिछले 6 महीने में स्टॉक ने 46 फीसदी का तगड़ा रिटर्न दिया है। इस साल अब तक कंपनी के शेयर करीब 110 फीसदी भाग चुके हैं। पिछले एक साल में इसने 87 फीसदी का शानदार रिटर्न दिया है। पिछले 4 सालों में इसके निवेशकों को 275 फीसदी का मुनाफा हुआ है।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।)



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IRCTC लेकर आया वैष्णो देवी का टूर पैकेज, 6 दिन के पैकेज का खर्च सिर्फ 11,900 रुपये

IRCTC Vashno Devi Tour Package: क्या आप भी नवरात्रि में वैष्णो देवी जाने का प्लान कर रहे हैं? IRCTC वैष्णो देवी का टूर पैकेज ऑफर कर रहा है। देश में नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होंगे। वैष्णो देवी मंदिर को भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में गिना जाता है। लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। जम्मू के रियासी जिले के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित यह मंदिर कटरा के बेस कैंप से 13 किलोमीटर की दूरी पर है। हर साल लाखों भक्त माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए यहाँ आते हैं, लेकिन ट्रेन और अन्य ट्रांसपोर्ट में भारी भीड़ के कारण कई लोग मंदिर तक नहीं पहुंच पाते।

IRCTC लेकर आया टूर पैकेज

भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी आईआरसीटीसी ने मध्य प्रदेश के यात्रियों के लिए एक विशेष टूर पैकेज लॉन्च किया है। यह पैकेज 5 रातों और 6 दिनों का होगा। इसमें श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन के साथ-साथ पटनीटॉप के खूबसूरत पहाड़ी दृश्यों का आनंद भी ले सकेंगे। यह टूर पैकेज श्रद्धालुओं के लिए एक अच्छा टूर पैकेज है। इस टूर पैकेज में ट्रांसपोर्ट, होटल और फूड का खर्च शामिल है।

टूर पैकेज की खासियतें:

पैकेज का नाम: वैष्णो देवी विथ शिवखोरी या पटनीटॉप (WBR88)

अवधि: 5 रातें और 6 दिन

खानपान: नाश्ता और डिनर

यात्रा की तारीख: हर बुधवार

यात्रा का माध्यम: ट्रेन (थर्ड एसी)

इस टूर की शुरुआत गुजरात के जामनगर से होगी, और इसके यात्रियों को डॉ. अंबेडकर नगर, इंदौर, उज्जैन, सीहोर, भोपाल और विदिशा रेलवे स्टेशनों से चढ़ने और उतरने की सुविधा मिलेगी। इस पैकेज में सभी सुविधाएं शामिल हैं, जिसमें यात्रा, ठहरने की जगह और फूड शामिल है।

पैकेज की कीमत:

ओक्यूपेंसी के आधार पर पैकेज की कीमत अलग-अलग होगी।

ट्रिपल ओक्यूपेंसी: प्रति व्यक्ति ₹11,900

डबल ओक्यूपेंसी: प्रति व्यक्ति ₹13,400

सिंगल ओक्यूपेंसी: प्रति व्यक्ति ₹21,200

यात्री इस पैकेज को आईआरसीटीसी की वेबसाइट www.irctc.co.in पर जाकर बुक कर सकते हैं। यह नया टूर पैकेज माता वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए एक बेहतरीन मौका होगा। वे इस पैकेज के माध्यम से न केवल माता वैष्णो देवी के दर्शन कर सकेंगे। इस पैकेज की किफायती दरें इसे और भी आकर्षक बनाती हैं, जो भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद कर सकती हैं।



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त्योहारों पर ई-कॉमर्स कंपनियों के लोक लुभावने ऑफर पर सरकार की नजर, कसेगी की नकेल

त्योहारी सीजन पर ई- कॉमर्स कंपनियां लोक लुभावन ऑफर के जरिए लोगों को अपनी वेबसाइट पर खींच रही है। कई बार पेमेंट करने के बावजूद उपभोक्ताओं को प्रोडेक्ट नहीं मिलता है। या फिर उपभोक्ता पर सामान के साथ भारी डिलीवरी चार्ज थोप दिया जाता है। सरकार के मुताबिक यह सब अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस है और सरकार इन पर नजर रखे हुए है। अगर आप भी किसी ऐसे ऑफर का शिकार बने है तो आप इसकी शिकायत नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर कर सकते है। सरकार ऐसी ई-कॉमर्स कंपनियों पर कार्रवाई करेगी।

ई-कॉमर्स कंपनियों पर नकेल

इस खबर पर ज्यादा डिटेल के साथ सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने बताया कि सरकार की त्योहारों पर ई-कॉमर्स कंपनियों के लोक लुभावने ऑफर पर नजर है। कई कंपनियां 99 रुपए में मोबाइल बेचने का दावा कर रही हैं। पेमेंट करने के बाद भी उपभोक्ता को मोबाइल नहीं मिला है। सरकार की ऐसे भ्रामक विज्ञापनों पर कड़ी नजर है। सरकार के मुताबिक ऐसे भ्रामक विज्ञापन अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस के तहत आते हैं। ऐसे विज्ञापनों के खिलाफ ग्राहक भी सकता है सरकार से शिकायत कर सकता है। ऐसे मामलों में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन में व्हाट्सएप के जरिए भी शिकायत की जा सकती है।

Karwa Chauth 2024: अक्टूबर में होगा करवा चौथ का व्रत, जानिए तिथि और चांद निकलने का सही समय

इस बारे में सीएनबीसी-आवाज़ से बात करते हुए कंज्यूमर ऑफेयर मंत्रालय की सेक्रेटरी निधि खरे ने कहा कि ऑनलाइन ट्रेड पर हमारी नजर है। नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर आने वाली शियकातों पर अमल किया जा रहा है। गलत ट्रेड प्रैक्टिस करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।



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Monday, September 23, 2024

Market outlook : Nifty 25900 के ऊपर हुआ बंद, जानिए 24 सितंबर को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

Stock market : 23 सितंबर को भारतीय इक्विटी सूचकांक लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में बढ़त के साथ बंद हुए और निफ्टी 25,900 से ऊपर जाता दिखा। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 384.30 अंक या 0.45 फीसदी बढ़कर 84,928.61 पर और निफ्टी 148.05 अंक या 0.57 फीसदी बढ़कर 25,939 पर बंद हुआ। आज लगभग 2274 शेयरों में तेजी आई, 1661 शेयरों में गिरावट आई और 118 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। निफ्टी में सबसे ज्यादा बढ़त एमएंडएम, ओएनजीसी, बजाज ऑटो, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, हीरो मोटोकॉर्प में देखने को मिली। जबकि आयशर मोटर्स, डिविस लैब्स, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा और इंडसइंड बैंक में सबसे ज्यादा कमजोरी रही।

सेक्टोरल इंडेक्सों पर नजर डालें तो पीएसयू बैंक इंडेक्स में 3 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई। वहीं, रियल्टी इंडेक्स में 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई। जबकि ऑटो, एनर्जी, एफएमसीजी, मेटल, फार्मा, मीडिया में 0.5-1 फीसदी की तेजी आई। हालांकि, आईटी इंडेक्स में 0.5 फीसदी की गिरावट आई। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.7 फीसदी की बढ़त देखने को मिली।

प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि मजबूत गैप-अप ओपनिंग के साथ ही इंडेक्स ने आज एक बड़े दायरे में उतार-चढ़ाव किया और अंत में 148.10 अंकों की बढ़त के साथ 25,939.05 के रिकॉर्ड हाई पर बंद हुआ। आज आईटी को छोड़कर दूसरे सभी सक्टरों में बढ़त दर्ज की गई। पीएसयू बैंक और रियल्टी शेयर टॉप प्रदर्शन करने वाले रहे।

बाजार का रुझान छोटे-मझोले शेयरों की तरफ वापस आ गया है। आज मिडकैप में 0.84 फीसदी ​​की बढ़त दर्ज की गई है। जबकि स्मॉलकैप में 1 फीसदी से अधिक की तेजी आई है। मीड और स्मॉल कैप ने फ्रंटलाइन इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया।

पिछले 2 कारोबारी सत्रों में आई मजबूत तेजी को देखते हुए इंडेक्स शॉर्ट के लिए काफी ओवरबॉट दिख रहा है। ऐसे में बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। अब निफ्टी के लिए 25,800-25,850 के जोन में मजबूत सपोर्ट दिख रहा है। वहीं, दूसरी तरफ 26000 का स्तर एक मनोवैज्ञानिक रजिस्टेंस के रूप में काम कर सकता है।

जियोजीत फाइनेंशियल्स के वीके विजयकुमार के मुताबिक बैंकिंग स्टॉक बाजार की चाल का नेतृत्व कर रहे हैं। इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं। पहला, एफआईआई जो इस साल की शुरुआत में नेट सेलर थे, अब खरीदार बन गए हैं। वे बैंकिंग स्टॉक पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। बैंकिंग शेयर इस महंगे बाजार में अभी भी अच्छे भाव पर मिल रहे हैं। दूसरा, वजह यह है कि बैंकों के मार्जिन पर दबाव बनाने वाला क्रेडिट-डिपॉजिट अंतर कम होना शुरू हो गया है। इसके चलते बैंकिंग स्टॉक में एक्युमुलेशन बढ़ गया है।

India Europe Free Trade Agreement: अल्कोहल इंडस्ट्री पर क्यों अटकी हुई है सबकी नजर?

चॉइस ब्रोकिंग के डेरिवेटिव एनालिस्ट मंदार भोजने का कहना है कि निफ्टी बैंक के चार्ट से जोरदार तेजी के रुझान के संकेत मिल रहे हैं। निजी क्षेत्र के बैंकों में ज्यादा तेजी के रुझान दिख रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि बैंक निफ्टी के लिए तत्काल रजिस्टेंस 54,500 और 55,000 पर है, जबकि नीचे की तरफ इसके लिए 53,000 पर एक बड़ा सपोर्ट दिख रहा है।

 

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



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Sunday, September 22, 2024

Adani Energy Solutions का वैल्यूएशन 18.5 अरब डॉलर, रेवेन्यू 20% की दर से बढ़ने की उम्मीद

अदाणी ग्रुप की पावर ट्रांसमिशन यूटिलिटी अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) का वैल्यूएशन एंटरप्राइज लेवल पर 18.5 अरब डॉलर है। एक रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत बिजनेस के कारण अगले तीन वर्षों में कंपनी के प्री-टैक्स प्रॉफिट में 29 फीसदी की कंपाउंडेड ग्रोथ होने का अनुमान है। AESL के पास डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है जिसमें ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन एसेट के अलावा स्मार्ट मीटरिंग बिजनेस शामिल है।

ग्लोबल ब्रोकरेज की ये है राय

ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म कैंटर फिट्ज़गेराल्ड ने कवरेज की शुरुआत करते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा गया, “AESL की एंटरप्राइज वैल्यू 18.5 अरब डॉलर है। हमारा मानना ​​है कि AESL भारत में तेजी से बढ़ते एनर्जी मार्केट्स में निवेश करने का एक बहुत ही आकर्षक तरीका है।”

कंपनी का मानना ​​है कि AESL अमेरिका, यूरोप या एशिया में किसी भी अन्य पब्लिकली ट्रेडेड यूटिलिटी/एनर्जी कंपनी के विपरीत ग्रोथ प्रदान करती है। उन्होंने कहा, "हमारा अनुमान है कि FY24 से FY27 तक कंपनी का कुल रेवेन्यू औसतन 20 फीसदी CAGR की दर से और एडजस्टेड Ebtida 28.8 फीसदी की सीएजीआर से बढ़ेगा।" इसकी तुलना में, अन्य पियर्स का रेवेन्यू लो सिंगल डिजिट में और Ebtida मिड सिंगल डिजिट में बढ़ रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, AESL अपने पियर्स की तुलना में काफी तेजी से बढ़ रही है और उनका मानना ​​है कि AESL एक अधिक डायवर्सिफाइड बिजनेस है। AESL का गठन तब हुआ जब अदाणी एंटरप्राइजेज ने 2015 में अदाणी ट्रांसमिशन नामक एक नई एंटिटी में ट्रांसमिशन एसेट्स को डीमर्ज कर दिया। इसके बाद अदाणी ट्रांसमिशन ने 2018 में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर से डिस्ट्रीब्यूशन एसेट्स का अधिग्रहण किया और 2021 में MPSEZ यूटिलिटीज से डिस्ट्रीब्यूशन एसेट्स का अधिग्रहण किया।



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Saturday, September 21, 2024

Zerodha ने यूजर्स को फर्जी व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप से किया सावधान, ऐसे करें ठगी करने वालों की पहचान

स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha ने अपने यूजर्स को फेक व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप के खिलाफ चेतावनी जारी की है। इन ग्रुप का इस्तेमाल ऐप यूजर्स को ठगने के लिए किया जा रहा है। Zerodha ने एक्स पर कई पोस्ट शेयर किए हैं, जिसमें उसने अपने यूजर्स को वित्तीय सलाह, वेबिनार और स्टॉक टिप्स का वादा करके लुभाने वाले धोखेबाजों के बारे में जानकारी दी है। इन पोस्ट में Zerodha ने अपने यूजर्स को अपने आधिकारिक व्हाट्सएप, टेलीग्राम, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया चैनलों की जानकारी भी दी है, ताकि यूजर्स फेक ग्रुप में ठगी का शिकार होने से बच सकें।

Zerodha ने X पर क्या कहा?

Zerodha ने X पर लिखा, फर्जी व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप से सावधान रहें। हाल ही में हमने Zerodha और @Nithin0dha के नाम से फर्जी व्हाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप बनाए जाने के बारे में सुना है। यहां कुछ बातें ध्यान में जरूर रखें। कंपनी ने आगे कहा, "स्कैमर्स अक्सर वित्तीय सलाह, एक्सक्लूसिव वेबिनार और स्टॉक टिप्स का वादा करके अनजान व्यक्तियों को लुभाते हैं। वे असली दिखने के लिए Zerodha लोगो और "जीरोधा ट्रेडिंग क्लब" जैसे नामों का इस्तेमाल करते हैं।"

ऐसे करें ठगी करने वालों की पहचान

Zerodha ने आगे अपने ग्राहकों को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि कि एक बार जब आप ग्रुप में जुड़ जाते हैं, तो वे लालच के तौर पर मुफ्त फाइनेंशियल वेबिनार या स्टॉक टिप्स देते हैं। वे समय के साथ भरोसा पैदा करते हैं, जिससे ग्रुप मददगार और वास्तविक लगे। इसके बाद वे आखिरकार पेड सर्विसेज ऑफर करते हैं और एक्सक्लुसिव एक्सेस के लिए मनी ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं।

Zerodha ने पोस्ट में आगे कहा, "याद रखें, अगर कोई गारंटीड रिटर्न का वादा कर रहा है, तो यह 100% स्कैम है। साथ ही, अपने अकाउंट क्रेडेंशियल, पासवर्ड या कोई भी व्यक्तिगत जानकारी कभी भी किसी के साथ साझा न करें।"

पर्सनल जानकारी न करें साझा

Zerodha अपने यूजर्स को कॉल या मैसेज पर अकाउंट से जुड़ी जानकारी साझा न करने की सलाह दी है। कंपनी ने कहा, "अगर आपको ट्विटर, फेसबुक, टेलीग्राम, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर "Zerodha" के नाम से कोई भी धोखाधड़ी वाला अकाउंट या ग्रुप दिखाई देता है, तो कृपया उन्हें रिपोर्ट करके हमारी मदद करें।"



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Friday, September 20, 2024

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक ने रिवाइज किया FD पर ब्याज, चेक करें इंटरेस्ट रेट

IDFC FD Rates: IDFC फर्स्ट बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर अपनी ब्याज दरों को रिवाइज किया है। प्राइवेट सेक्टर बैंक आईडीएफसी फर्स्ट बैंक बदलाव के बाद नियमित ग्राहकों को एफडी पर 3 से 7.75 फीसदी सालाना ब्याज ऑफर कर रहा है। वहीं, सीनियर सिटीजन को बैंक आम नागरिकों के मुकाबले 0.50 फीसदी ज्यादा ब्याज दे रहा है। सीनियर सिटीजन को बैंक में एफडी कराने पर 3.50% से 8.25% तक सालाना ब्याज मिलेगा।

ये हैं ब्याज दरें

आईडीएफसी फर्स्ट बैंक रिवाइज की एफडी दरों के बाद IDFC फर्स्ट बैंक 3 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर न्यूनतम 3.50% और अधिकतम 7.75% ब्याज ऑफर कर रहा है। प्राइवेट बैंक सीनियर सिटीजन को 0.50% अधिक ब्याज भी दे रहा है। बैंक सबसे ज्यादा ब्याज 400 दिनों  की FD पर ऑफर कर रहा है। 400 दिनों की एफडी पर आम लोगों को 7.75 फीसदी और सीनियर सिटीजने को 8.25 फीसदी का ब्याज मिल रहा है

IDFC First Bank का एफडी रेट्स

 

पीरियड आम लोगों के लिए FD रेट्स सीनियर सिटीजन के लिए FD रेट्स
7 – 14 दिन 3.00% 3.50%
15 – 29 दिन 3.00% 3.50%
30 – 45 दिन 3.00% 3.50%
46 – 90 दिन 4.50% 5.00%
91 – 180 दिन 4.50% 5.00%
181 दिन – और 1 साल से कम 5.75% 6.25%
1 साल 6.50% 7.00%
1 साल 1 दिन – 399 दिन 7.25% 7.75%
400 दिन 7.75% 8.25%
401 दिन – 2 साल 6.80% 7.30%
2 साल 1 दिन – 3 साल 7.00% 7.50%
3 साल 1 दिन – 5 साल 6.75% 7.25%
5 साल- 1 दिन – 10 साल 6.50% 7.00%

 

टैक्स सेवर जमा (केवल घरेलू जमा के लिए) ब्याज दर (% प्रति वर्ष) 13 सितंबर 2024 से 3 करोड़ रुपये से कम 
5 साल 6.75%

 

ग्रीन डिपॉजिट (केवल घरेलू जमा के लिए) ब्याज दर (% प्रति वर्ष) 13 सितंबर 2024 से 3 करोड़ रुपये से कम 
1000 दिन 7.00%

 



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Thursday, September 19, 2024

Life Certificate: यहां जानें कैसे बनवा सकते हैं जीवन प्रमाण, नहीं होगी जाने की जरूरत, पेंशनर्स का घर बैठे हो जाएगा काम

Life Certificate: डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र एक बायोमेट्रिक डिजिटल सर्विस है। इसे विशेष रूप से पेंशनर्स के लिए बनाया गया है ताकि उन्हें हर साल अपने जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए लंबी कतारों में न लगना पड़े। यह सेवा केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ अन्य सरकारी संगठनों के पेंशनर्स को मदद करती है।

जीवन प्रमाणपत्र क्यों जरूरी है?

हर साल नवंबर में पेंशनर्स को अपने जीवन का प्रमाण देना होता है ताकि उनकी पेंशन नियमित रूप से उनके बैंक खातों में जमा होती रहे। पहले पेंशनर्स को बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर यह प्रमाणपत्र जमा करना पड़ता था। यह प्रक्रिया बुजुर्ग पेंशनर्स के लिए समय लेने वाली और कठिन हो सकती थी। Jeevan Pramaan इस परेशानी का समाधान करता है। इसके जरिए पेंशनधारक अपने जीवन प्रमाणपत्र को कहीं से भी डिजिटल तरीके से जमा कर सकते हैं, जिससे समय और एनर्जी बच जाती है।

कहां से मिल सकता है डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र?

सिटीजन सर्विस सेंटर (CSC): भारत भर में मौजूद CSC पर जाकर पेंशनधारक अपना जीवन प्रमाणपत्र बनवा सकते हैं।

Jeevan Pramaan पोर्टल: पेंशनधारक Jeevan Pramaan पोर्टल पर जाकर फिंगरप्रिंट रीडर की मदद से डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र बना और जमा कर सकते हैं।

Jeevan Pramaan मोबाइल ऐप: मोबाइल ऐप डाउनलोड करके पेंशनधारक अपने घर से ही फिंगरप्रिंट रीडर के जरिए प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं।

पेंशन वितरण एजेंसियां (PDA): बैंक, पोस्ट ऑफिस, ट्रेजरी जैसे पेंशन वितरण एजेंसियों में भी जीवन प्रमाणपत्र जमा किया जा सकता है।

डिजिटल सेवा घर बैठे: पेंशनधारक अपने लैपटॉप या मोबाइल से कहीं से भी अपना जीवन प्रमाणपत्र बना सकते हैं। इसके लिए आधार नंबर या VID की जरूरत होगी।

डोरस्टेप बैंकिंग: 70 साल से अधिक उम्र के पेंशनर्स या जिनकी गतिशीलता सीमित है, उनके लिए कुछ सरकारी बैंक घर पर ही जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की सर्विस देते हैं।

फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक: पेंशनधारक अपने Android स्मार्टफोन से फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का उपयोग करके भी जीवन प्रमाणपत्र जमा कर सकते हैं। इसके लिए Aadhaar Face RD ऐप और Jeevan Pramaan ऐप का उपयोग करना होगा।

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक: इंडिया पोस्ट द्वारा 'डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र के लिए पोस्टमैन द्वारा डोरस्टेप सेवा' भी उपलब्ध है। इसके लिए Postinfo ऐप का उपयोग किया जा सकता है।

जीवन प्रमाणपत्र जमा करने की प्रक्रिया

एक बार जीवन प्रमाणपत्र जमा हो जाने के बाद, यह सीधे संबंधित डेटाबेस में अपलोड हो जाता है और पेंशनधारक की पेंशन बिना किसी देरी के उनके खाते में जमा हो जाती है।

Income Tax: क्या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ आपका टैक्स का कोई विवाद चल रहा है? आपको



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Income Tax: क्या इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ आपका टैक्स का कोई विवाद चल रहा है? आपको मिल सकती है बड़ी राहत

टैक्सपेयर कई बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के टैक्स डिमांड नोटिस से सहमत नहीं होता है। वह इसके खिलाफ अपील करता है। ऐसे मामलों में फैसला टैक्सपेयर्स के पक्ष में होने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ट्राइब्यूनल या हायर ज्यूडिशियल अथॉरिटी में अपील फाइल करता है। हालांकि, अपील फाइल करने से पहले डिपार्टमेंट के लिए विवादित मामले में टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू को देखना जरूरी होता है। अपील की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू की सीमा तय की है। इसका मतलब है कि विवादित मामले में टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू एक सीमा से ज्यादा होने पर ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपील फाइल कर सकता है।

वित्तमंत्री ने 23 जुलाई को बजट में किया था ऐलान

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को पेश बजट में कहा था कि हायर कोर्ट्स में विवादित मामलों (Disputed Cases) की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए सरकार टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू की सीमा बढ़ाएगी। इसके पीछे मकसद यह है कि हायर ज्यूडिशियल अथॉरिटी के पास सिर्फ ज्यादा टैक्स से जुड़े मामले जाने चाहिए। कम टैक्स के मामलों का निपटारा लोअर लेवल पर हो जाना चाहिए। इससे ज्यूडिशियरी पर बोझ नहीं बढ़ेगा और सिस्टम अच्छी तरह से काम करेगा।

सीबीडीटी ने जारी किया सर्कुलर

अब सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू की नई लिमिट तय कर दी है। इसके लिए 17 सितंबर, 2017 को सर्कुलर जारी कर दिया गया है, जिसका नंबर 09/2024 है। इसके मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट तभी हायर कोर्ट में अपील फाइल करेगा, जब विवादित मामले में टैक्स की मॉनेटरी वैल्यू निम्नलिखित सीमा से ज्यादा होगी:

-इनकम टैक्स एपेलेट ट्राइब्यूनल (ITAT) में अपील करने के लिए विवादित मामले में टैक्स अमाउंट 60 लाख रुपये से ज्यादा होना चाहिए।

-हाई कोर्ट में अपील के लिए विवादित मामले में टैक्स अमाउंट 2 करोड़ रुपये से ज्यादा होना चाहिए।

-सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए विवादित मामले में टैक्स अमाउंट 5 करोड़ रुपये से ज्यादा होना चाहिए।

कुछ स्थितियों में अपील का अधिकार

ऊपर बताई गई लिमिट सभी तरह के मामलों पर लागू होगी। इनमें इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत आने वाले TDS और TCS से जुड़े मामले भी शमिल होंगे। हालांकि, कुछ खास स्थितियों में विवादित मामले की मेरिट के आधार पर टैक्स अमाउंट तय सीमा से कम होने के बावजूद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास अपील फाइल करने का अधिकार होगा। उदाहरण के लिए, नियमों के उल्लंघन पर दूसरी कानूनी एजेंसियों या इंटेलिजेंस एजेंसियों या जीएसटी डिपार्टमेंट की तरफ से की गई जांच में में अपील फाइल करने का अधिकार होगा। इससे पहले टैक्स की मॉनेटरी लिमिट में 2018 में बदलाव किया गया था।

यह भी पढ़ें: इंडिया में भी Interest Rate घटने की उम्मीद, क्या आपको डेट फंडों में निवेश बढ़ाना चाहिए?

मामले वापस लेने का विकल्प

नई लिमिट ऐसे मामलों पर भी लागू होगी, जो कोर्ट या ट्राइब्यूनल में लंबित हैं। इसका मतलब है कि अगर अगर सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या ट्राइब्यूनल में कोई मामला पहले से है और ऐसे मामले में टैक्स अमाउंट तय सीमा से कम है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उस मामले को वापस ले सकता है। अनुमान है कि इस प्रावधान से कोर्ट में विवादित मामलों की संख्या में कमी आएगी।

(लेखक सीए हैं। वह पर्सनल फाइनेंस खासकर इनकम टैक्स से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट हैं)



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ये बैंक सात दिनों की FD पर दे रहा है 6.75% का ब्याज, चेक करें डिटेल्स

FD Rates: Jana Small Finance Bank (SFB) ने निवेशकों के लिए अपनी नई 'Liquid Plus Fixed Deposit' स्कीम लॉन्च की है। जो आपके एक्स्ट्रा फंड को कम पीरियिड के लिए सुरक्षित तरीके से निवेश करने का ऑप्शन देती है। जन स्मॉल फाइनेंस बैंक कम समय की एफडी के लिए ज्यादा ब्याज दर ऑफर कर रहा है। ये एफडी 7 दिनों से लेकर 180 दिनों के लिए है। अगर आप भी कम समय के लिए एफडी में निवेश करने का प्लान कर रहे हैं तो ये आपके लिए बेस्ट हो सकता है।

जन स्मॉल फाइनेंस बैंक की FD

जन स्मॉल फाइनेंस बैंक की FD में निवेश सात दिन से लेकर 180 दिनों के लिए निवेश कर सकते हैं। इस योजना में निवेशकों के लिए न्यूनतम और अधिकतम निवेश की सीमा भी तय की गई है। जन स्मॉल फाइनेंस बैंक के अनुसार न्यूनतम निवेश का अमाउंट 10 लाख रुपये है। रिटेल डिपॉजिट्स के लिए यह सीमा 10 लाख रुपये से लेकर 3 करोड़ रुपये तक है, जबकि, बल्क डिपॉजिट्स के लिए 3 करोड़ रुपये से लेकर 200 करोड़ रुपये तक की सीमा तय की गई है।

FD पर ब्याज दरें

Jana SFB के अनुसार 19 सितंबर 2024 तक इस स्कीम के लिए सभी पीरियड पर इंटरेस्ट रेट 6.75% है। यह ब्याज दर उन निवेशकों के लिए फायदेमंद है जो अपनी अतिरिक्त धनराशि को थोड़े समय के लिए एक सुरक्षित और आकर्षक ब्याज दर पर निवेश करना चाहते हैं।

Jana Small Finance Bank FD Rates:

पीरियड रिटेल एफडी रेट्स (सालाना) बल्क एफडी रेट्स (सालाना)
7-14 दिन 6.75% 6.75%
15-60 दिन 6.75% 6.75%
61-90 दिन 6.75% 6.75%
91-180 दिन 6.75% 6.75%

 



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NTPC Green Energy के IPO में निवेश का बना रहे हैं मन? पहले जान लें तमाम रिस्क फैक्टर्स

NTPC Green Energy IPO: एनटीपीसी लिमिटेड की सब्सिडियरी कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने आईपीओ के लिए अप्लाई कर दिया है। कंपनी इस आईपीओ के जरिए 10000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में है। ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) के अनुसार कंपनी केवल नए शेयर जारी करेगी और मौजूदा शेयरधारक कोई हिस्सेदारी नहीं बेचेंगे। यह आईपीओ मई 2022 में लाइफ LIC के 21000 करोड़ रुपये के आईपीओ के बाद किसी पब्लिक सेक्टर कंपनी का सबसे बड़ा आईपीओ होगा।

अगर आप इस एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के आईपीओ में निवेश का मन बना रहे हैं, तो पहले आपको इस कंपनी से जुड़ी तमाम जोखिमों के बारे में जान लेना चाहिए। कंपनी ने अपने DRHP में सभी रिस्क फैक्टर्स का खुलासा किया है।

NTPC Green Energy: रेवेन्यू के लिए कुछ ग्राहकों पर निर्भरता अधिक

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी ने वित्त वर्ष 2024 में अपने रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा (87% से अधिक) टॉप पांच ऑफटेकर से प्राप्त करती है, जिसमें इसके सबसे बड़े ऑफटेकर का रेवेन्यू में योगदान वित्त वर्ष 24 में लगभग 50% है। इनमें से किसी भी ग्राहक के नहीं होने या उनकी वित्तीय स्थिति में गिरावट से बिजनेस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कंपनी ने कहा है कि वह वित्त वर्ष 25 के शेष समय के लिए रेवेन्यू के एक बड़े हिस्से के लिए टॉप नौ ऑफटेकर्स पर निर्भर रहेगी।

NTPC Green Energy की थर्ड पार्टी सप्लायर्स पर अधिक निर्भरता

बिजनेस और प्रॉफिटेबिलिटी मटेरियल, कंपोनेंट्स और इक्विपमेंट की उपलब्धता और लागत पर निर्भर है। कंपनी इन जरूरतों को पूरा करने के लिए थर्ड पार्टी सप्लायर्स पर निर्भर है। कंपनी के पास अभी किसी भी मटेरियल, कंपोनेंट या इक्विपमेंट सप्लायर्स के साथ कोई लॉन्ग टर्म सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट नहीं है। हालांकि, कंपनी सोलर मॉड्यूल, विंड टरबाइन जनरेटर और बैटरी स्टोरेज सिस्टम जैसे अहम कैपिटल एक्सपेंडिचर कंपोनेंट्स की सप्लाई के लिए लॉन्ग टर्म एग्रीमेंट कर सकती है।

NTPC Green Energy का बिजनेस राजस्थान में केंद्रित

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी की ऑपरेटिंग रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स राजस्थान में केंद्रित हैं। राजस्थान में कोई भी बड़ी सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक या सीजनल दिक्कत और प्राकृतिक आपदाएं बिजनेस पर असर डाल सकती हैं।

PPA रिस्क

पावर परचेज एग्रीमेंट्स (PPA) बिजनेस को कुछ रिस्क में डाल सकते हैं। इसके अलावा, कंपनी का रेवेन्यू फिक्स्ड टैरिफ और टैरिफ रेगुलेशन और स्ट्रक्चरिंग में बदलाव के अधीन है। वर्तमान में कंपनी का 96 फीसदी रेवेन्यू रिन्यूएबल एनर्जी की बिक्री से आता है, जिसमें प्रॉफिटेबिलिटी काफी हद तक PPA के तहत इफेक्टिव कॉस्ट मैनेजमेंट पर निर्भर करती है।

NTPC Green Energy के लिए तगड़ा कंपटीशन

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी को ट्रेडिशनल और रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों दोनों से कड़े कंपटीशन का सामना करना पड़ रहा है। रिन्यूएबल एनर्जी इंडस्ट्री मार्केट में होने वाले बदलावों को समझने में कोई भी गलती कंपनी के बिजनेस को प्रभावित कर सकती है। मुख्य कंपटीटर्स में सोलर प्रोजेक्ट्स, विंड प्रोजेक्ट्स और अन्य रिन्यूएबल एनर्जी के इंडियन और इंटरनेशनल डेवलपर्स और ऑपरेटर शामिल हैं।

NTPC Green Energy के लिए ये भी हैं रिस्क

सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए इन-हाउस प्रोक्योरमेंट ऑपरेशन बिजनेस को कुछ रिस्क में डाल सकते हैं। अगर पावर प्रोजेक्ट्स में कंपोनेंट्स के सप्लायर अपनी वारंटी ऑब्लिगेशन पर डिफॉल्ट करते हैं, तो कंपनी को खर्च उठाना पड़ सकता है। एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी सप्लायर्स और कॉन्ट्रैक्टर्स से क्रेडिट और परफॉर्मेंस रिस्क के अधीन है।

सोलर इक्विपमेंट और विंड टरबाइन जनरेटर के आयात पर प्रतिबंध और अन्य फैक्टर सोलर इक्विपमेंट की कीमत या उपलब्धता को प्रभावित कर सकते हैं, बिजनेस की लागत बढ़ा सकते हैं। कंपनी पर काफी कर्ज है और फाइनेंसिंग एग्रीमेंट्स में री-पेमेंट और अन्य शर्तों का पालन नहीं कर पाने की स्थिति में बिजनेस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ है। 30 जून 2024 तक कंपनी पर कुल बकाया उधार (करेंट बॉरोइंग और नॉन-करेंट बॉरोइंग सहित) ₹15277 करोड़ था।

अपनी बिजनेस स्ट्रेटेजी के रूप में कंपनी ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन केमिकल और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम सहित नए रिन्यूएबल एरिया में एंट्री करके रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का इरादा रखती है। ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन केमिकल्स और एनर्जी स्टोरेज सिस्टम जैसे नए क्षेत्रों का विकास और कमर्शियलाइजेशन जटिल, समय लेने वाला और महंगा है और इसमें उच्च स्तर का बिजनेस रिस्क है।



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Wednesday, September 18, 2024

सरकार ने बढ़ा दी है PF से पैसा निकालने की लिमिट, पहले थी इतनी, जानें कितना होगा फायदा

PF Rule: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों को बड़ी राहत दी है। अब कर्मचारी मेडिकल इमरजेंसी के लिए अपने पीएफ खाते से 1 लाख रुपये तक का एडवांस निकाल सकते हैं। पहले यह सीमा 50,000 रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। यह सुविधा EPF फॉर्म 31 के तहत दी गई है और इसका जिक्र 16 अप्रैल 2024 को जारी सर्कुलर में किया गया है।

क्या है पैरा 68J?

पैरा 68J के तहत, कर्मचारी और उनके परिवार के मेडिकल खर्चों के लिए आंशिक पैसा निकाला जा सकता है। इसमें एक महीने या उससे ज्यादा समय तक अस्पताल में भर्ती रहना, बड़े ऑपरेशन, टीबी, कैंसर, पैरालाइज जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज शामिल है। यदि कर्मचारी के पीएफ खाते में पर्याप्त बैलेंस हो, तो वह 1 लाख रुपये तक निकाल सकता है। यदि खाते में इससे कम पैसा हो, तो उपलब्ध अमाउंट के आधार पर पैसा निकाला जा सकता है।

फॉर्म 31 से पैसा निकालने का प्रोसेस

EPFO का फॉर्म 31 शादी, घर बनाने या खरीदने, और मेडिकल खर्चों जैसी जरूरी जरूरतों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। पैसा निकालने के लिए कर्मचारी को नियोक्ता और डॉक्टर से प्रमाणित डॉक्यूमेंट करने होते हैं, जो खर्च की पुष्टि करते हैं।

EPFO की नई ऑनलाइन सुविधा

EPFO ने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) की सुविधा शुरू की है, जिससे कर्मचारी अब सीधे ऑनलाइन क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए UAN को आधार और बैंक खाते से लिंक करना जरूरी है। EPFO पोर्टल पर लॉग इन कर और ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद आसानी से क्लेम किया जा सकता है।

अन्य निकासी के नियम

मेडिकल खर्चों के अलावा, EPFO के विभिन्न नियमों के तहत कई और वजहों से पैसा निकाला जा सकता है। जैसे पैरा 68B के तहत घर खरीदने या होम लोन चुकाने के लिए पैसा निकाला जा सकता है, पैरा 68K बच्चों की शादी या उच्च शिक्षा के लिए है, और पैरा 68N का इस्तेमाल विकलांग लोगों के लिए मेडिकल उपकरण खरीदने के लिए किया जा सकता है। रिटायरमेंट से पहले भी कुछ स्थितियों में निकासी की जा सकती है।

EPF से पैसे निकालने में इन बातों का रखेंगे ध्यान तो रिजेक्ट नहीं होगा आपका अप्लिकेशन

 



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Samsung's Workers Protest: नोटबंदी-जीएसटी के चलते बढ़ी MNCs की मनमानी! 10 दिनों से सैमसंग की फैक्ट्री में काम ठप

Samsung's Workers Protest: तमिलनाडु में सैमसंग के एंप्लॉयीज 10 दिनों से हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इससे फेस्टिव सीजन से पहले सैमसंग का प्रोडक्शन प्रभावित हो रहा है। अब यूनियन के सदस्यों ने तमिलनाडु सरकार से हस्तक्षेप करने और श्रमिक मुद्दों को हल करने की अपील की है। तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई के पास श्रीपेरंबुदुर में सैमसंग के प्लांट के कर्मचारी 9 सितंबर से बेहतर वेतन, वर्किंग ऑवर्स में कटौती और यूनियन को मान्यता की मांग कर रहे हैं। सैमसंग की यह फैसिलिटी वर्ष 2007 में बनी थी और यहां टीवी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसी चीजें बनती है। यहां 1800 वर्कर्स काम करते हैं और यूनियन का दावा है कि करीब 1500 एंप्लॉयीज हड़ताल पर बैठे हुए हैं।

एंप्लॉयीज की ये है मांग

सैमसंग के एंप्लॉयीज की यह हड़ताल सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU) ने ऑर्गेनाइज की है। इसे कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्किस्ट) का सपोर्ट भी मिला हुआ है और खास बात ये है कि राज्य में डीएमके की गठबंधन सरकार में यह भी सहयोगी है। सीआईटीयू के कांचीपुरम जिला सचिव ई मुथुकुमार ने मनीकंट्रोल से बातचीत में कहा कि सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन को कंपनी न तो मानने को तैयार है और न ही बातचीत करने को। इसकी बजाय उन्होंने इसके समानांतर एंप्लॉयीज की एक समिति बनाई और कहा कि वे केवल उनसे बात करेंगे जबकि अधिकांश एंप्लॉयीज सैमसंग इंडिया वर्कर्स यूनियन के साथ हैं। उन्होंने आगे कहा कि उनके सदस्यों को कंपनी अपनी समिति में शामिल होने के लिए दबाव डाल रही है।

सीआईटीयू तमिलनाडु के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी कन्नन ने मनीकंट्रोल से कहा कि विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इस हड़ताल का समाधान करना चाहिए। अभी एंप्लॉयीज का वेतन ₹18,000 से ₹45,000 के बीच है, लेकिन केवल पांच एंप्लॉयीज को ही ₹45,000 मिल रहा है। कन्नन ने कहा कि कंपनी को मांगी की सूची दी गई है, लेबर डिपार्टमेंट से बातचीत हो रही है लेकिन सैमसंग का मैनेजमेंट सहयोग नहीं कर रहा है।

नोटबंदी और जीएसटी सिस्टम के चलते बढ़ी MNCs की मनमानी?

रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर MG Devasahayam का कहना है कि कई मल्टीनेशनल कंपनियां एंप्लॉयीज के साथ खराब व्यवहार करती हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी-लेबर संबंध खराब हो चुके हैं जबकि सरकारें निवेश के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए उन्हें सस्ती जमीन, पानी, बिजली और टैक्स में छूट जैसी सुविधाएं देती हैं। कंपनियां बड़ा मुनाफा कमाती हैं लेकिन एंप्लॉयीज को बहुत कम देती हैं। एमी देवसहयम का कहना है कि कंपनियां एंप्लॉयीज को केवल लेबर के रूप में मानती हैं जबकि कंपनियों को उन्हें साझेदार के रूप में मानना चाहिए। उनका कहना है कि प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए जरूरी है कि एंप्लॉयीज के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि मल्टीनेशनल कंपनियां देश में बेरोजगारी के संकट का फायदा उठाकर श्रमिकों का शोषण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि कई MSMEs खराब नोटबंदी और GST के कार्यान्वयन के कारण बंद हो गई हैं और यहां नौकरियों की कमी है जिसके चलते MNCs स्थिति का लाभ उठाकर श्रमिकों का शोषण कर रही हैं।

तमिलनाडु में कैसा है वर्किंग माहौल?

सैमसंग के एंप्लॉयीज की हड़ताल ऐसे समय में हो रही है, जब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाल ही में दो हफ्ते के अमेरिकी दौरे पर 18 कंपनियों के साथ ₹7,516 करोड़ के निवेश सौदे पर हस्ताक्षर किए। फोर्ड मोटर कंपनी ने तमिलनाडु में प्रोडक्शन फिर से शुरू करने में दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि सैमसंग के एंप्लॉयीज की हड़ताल से इस पर निगेटिव असर दिख सकता है। एक तरफ तमिलनाडु वैश्विक कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित कर रही है तो दूसरी तरफ वेतन में बदलाव और वर्क-लाइफ से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज करने के लिए आलोचनाएं भी झेलनी पड़ रही है।

अप्रैल 2023 में राज्य ने फैक्ट्रीज एक्ट, 1948 में बदलाव किया, जिसके तहत एमएनसी के दबाव में हर दिन काम के घंटे को आठ से बढ़ाकर बारह कर दिया गया है लेकिन घंटे बढ़ा दिया गया। हालांकि यूनियनों के विरोध में फिलहाल यह लागू नहीं हो पाया है। तमिलनाडु की भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में करीब 33 फीसदी हिस्सेदारी है।

Amazon और Flipkart के साथ स्मार्टफोन कंपनियों की मिलीभगत, सीसीआई की रिपोर्ट्स में खुलासा

Ford Re-entry in India: फोर्ड की फिर होगी होगी भारत में वापसी? तमिलनाडु के सीएम स्टालिन पहुंचे कंपनी के ऑफिस



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Tuesday, September 17, 2024

EaseMyTrip ने अब मेडिकल टूरिज्म में रखा कदम, ₹90 करोड़ में 2 अधिग्रहण का किया ऐलान

EaseMyTrip Share Price: ऑनलाइन ट्रैवल सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी, ईजमायट्रिप ने अब मेडिकल टूरिज्म इंडस्ट्री में भी कदम रख दिया है। इसकी पैरेंट कंपनी ईजी ट्रिप प्लानर्स (Easy Trip Planners) ने आज 17 सितंबर को 90 करोड़ रुपये में 2 अधिग्रहण का ऐलान किया। कंपनी ने बताया कि उसके बोर्ड ने 60 करोड़ रुपये में रॉलिन्स इंटरनेशनल (Rollins International) में 30% हिस्सेदारी और 30 करोड़ रुपये में फ्लेज होम हेल्थकेयर सेंटर (Pflege Home Healthcare Center) में 49% हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी दी है।

कंपनी ने बताया कि वह रॉलिन्स इंटरनेशनल में हिस्सेदारी के लिए वह इक्विटी शेयर स्वैप के जरिए भुगतान करेगी, यानी कंपनी अपने फुली पेड-अप इक्विटी शेयर जारी करेगी। वहीं Pflege Home में उसने 20 करोड़ रुपये में कुछ शेयर खरीदे और बाकी 10 करोड़ रुपये में नए शेयरों को सब्सक्राइब किया है। यह डील भी इक्विटी शेयर स्वैप के आधार पर हुई है।

EaseMyTrip ने मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में कदम रखने के साथ ही अपने कारोबार के विस्तार की दिशा में बड़ी रणनीतिक पहल की है। इसी महीने की शुरुआत में कंपनी ने इलेक्ट्रिक बसों के निर्माण के लिए एक सहायक कंपनी बनाने की योजना का भी ऐलान किया था, जिसे अभी मंत्रालय से मंजूरी मिलना बाकी है।

कंपनी के को-फाउंडर प्रशांत पिट्टी ने पिछले महीने बताया था कि ईजी ट्रिप प्लानर्स अब अपने प्रॉफिट ग्रोथ को प्राथमिकता दे रही है। इसके चलते कंपनी अब गैर-एयर ट्रैवल सेवाओं और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विस्तार पर फोकस कर रही है।

हालिया जून तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 23.1% बढ़कर 152.6 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 124 करोड़ रुपये था। वहीं इसका शुद्ध मुनाफा इस दौरान 30.9% बढ़कर 33.9 करोड़ रुपये रहा। कंपनी के ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) में 34.9% की बढ़ोतरी हुई और यह 34.7 करोड़ रुपये से बढ़कर 46.8 करोड़ रुपये हो गया। EBITDA मार्जिन भी 28% से बढ़कर 30.7% हो गया।

इस बीच कंपनी के शेयर आज एनएसई पर 1.78 फीसदी गिरकर 41.45 रुपये के भाव पर बंद हुए। हालांकि इस साल अबतक कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन लगभग सपाट रहा। जबकि इसके मुकाबले निफ्टी में इस साल करीब 16 फीसदी की तेजी आई है।

यह भी पढ़ें- Bajaj Housing Finance के शेयरों की शानदार लिस्टिंग से निवेशक क्या सीख सकते हैं?



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SBI, IDBI Bank और इंडियन बैंक की स्पेशल एफडी स्कीम की अंतिम तारीख नजदीक, क्या आपको निवेश करना चाहिए?

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), आईडीबीआई और इंडियन बैंक की खास फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश के लिए अंतिम तारीख 30 सितंबर है। इन बैकों की खास स्कीमों में 300-444 दिन के एफडी पर 7.05-7.35 फीसदी इंटरेस्ट रेट मिल रहा है। सवाल है कि क्या इन स्कीमों में निवेश करना चाहिए? आइए इस सवाल का जवाब जानते हैं।

ज्यादा इंटरेस्ट रेट्स का फायदा उठाने का मौका

अमेरिका में केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के 18 सितंबर को इंटरेस्ट रेट में कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट्स कमी करने का अनुमान है। यह बीते 4.5 साल में अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में पहली कटौती होगी। आरबीआई के भी इस साल इंटरेस्ट रेट में कमी करने का अनुमान है। इसके बाद बैंक एफडी पर इंटरेस्ट रेट घटाना शुरू करेंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जो निवेशक रेगुलर रिटर्न चाहते हैं वे बैंकों की स्पेशल एफडी स्कीम में निवेश कर सकते हैं। ऐसी स्कीम में इंटरेस्ट रेट्स सामान्य स्कीमों के मुकाबले ज्यादा होता है।

अलग-अलग मैच्योरिटी पीरियड के विकल्प

IDBI Bank की उत्सव एफडी स्कीम में 300, 375, 444 और 700 दिनों के लिए निवेश किया जा सकता है। इस स्कीम में सीनियर सिटीजंस के लिए इंटरेस्ट सालाना 7.55 से 7.85 फीसदी के बीच है। सामान्य, एनआरओ और एनआरई कैटेगरी के निवेशकों के लिए इंटरेस्ट रेट 7.05 से 7.35 फीसदी के बीच है। एसबीआई की अमृत कलश स्कीम में 400 दिन के एफडी पर सीनियर सिटीजंस को 7.60 फीसदी सालाना और बाकी लोगों को 7.10 फीसदी इंटरेस्ट मिलेगा।

बैंक आगे डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट घटा सकते हैं

इंडियन बैंक ने दो स्पेशल एफडी स्कीम पेश की है। IND Supreme स्कीम 300 दिनों की है। इसका इंटरेस्ट रेट 7.05 फीसदी है। आईएनडी सुपर स्कीम में 400 दिन के एफडी पर 7.25 फीसदी इंटरेस्ट मिलेगा। यह इंटरेस्ट रेट सामान्य और एनआरओ निवेशकों के लिए है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया में इनफ्लेशन रेट अगस्त में 3.65 फीसदी रहा। इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि आगे इनफ्लेशन में कमी देखने को मिल सकती है।

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क्या आपको निवेश करना चाहिए?

आरबीआई के इंटरेस्ट रेट घटाने पर बैंक डिपॉजिट पर इंटरेस्ट रेट में कमी करेंगे। ऐसे में निवेशक बैंकों की स्पेशल एफडी स्कीम का फायदा उठा सकते हैं। एफपीएसबी इंडिया के सीईओ कृषन मिश्रा ने कहा, "लंबी अवधि के एफडी से स्टेबिलिटी मिलती है। यह खासकर सीनियर सिटीजंस के लिए अच्छा है।" निवेशक के पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन के लिए भी स्पेशल एफडी स्कीम का शामिल होना अनिवार्य है।



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डेटा प्रोटेक्शन नियमों पर आम लोगों से सलाह लेगी सरकार, इसी महीने जारी करेगी ड्राफ्ट

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) कानून का मसौदा बनकर तैयार है और इसे इस महीने के आखिर तक आम जनता के बीच सलाह-मशवरे के लिए पेश किया जाएगा। मामले से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, 'DPDP कानून का ड्राफ्ट बनकर तैयार है। यह सलाह-मशवरे के लिए सितंबर के आखिर से पहले पेश किया जाएगा और सलाह-मशवरे की अवधि एक महीना से ज्यादा होगी।'

DPDP बिल को तकरीबन एक साल पहले संसद में पास किया गया था, लेकिन भारत का पहला डेटा प्राइवेसी कानून अब तक लागू नहीं हो पाया है। दरअसल, पर्सनल डेटा लीक होने से रोकने वाले इस कानून के कई प्रावधानों में अतिरिक्त नियम की जरूरत है। यह कानून तमाम लोगों समेत बच्चों और दिव्यांगों के लिए विशेष सुरक्षा मुहैया कराता है। इसमें 18 साल से कम उम्र वालों को नाबालिग माना गया है और कानून के सेक्शन 9 के मुताबिक, ऐसे बच्चों का वेरिफिकेशन करना होगा और किसी नाबालिग के डेटा की प्रोसेसिंग के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी होगी।

इससे पहले मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में आईटी सेक्रेटरी एस. कृष्णन ने कहा था कि DPDP (डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन) कानून के प्रावधानों को लागू करना मोदी 3.0 सरकार के लिए 'प्राथमिकता' है। मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल 17 दिसंबर को पूरा हो गया।

DPDP नियमों में क्या हो सकता है

बच्चों के डेटा की प्रोसेसिंग पर छूट: सरकार DPDP कानून में शिक्षा संस्थानों, स्वास्थ्य संस्थानों और कुछ सरकार इकाइयों को बच्चों के डेटा की प्रोसेसिंग से जुड़ी पाबंदी से छूट दे सकती है।

डेटा लीक और डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड: पर्सनल डेटा प्रोसेस करने वाले किसी भी प्लेटफॉर्म (चाहे वह प्राइवेट हो या सरकारी इकाई) को डेटा लीक का पता चलने पर इस बारे में तुरंत डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड को (DPB) बताना होगा।

सहमति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्लेटफॉर्म की होगी: बच्चों या दिव्यांगों के डेटा की प्रोसेसिंग करते वक्त यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्लेटफॉर्म की होगी कि वे इसके लिए बच्चों के माता-पिता या कानूनी गार्जियन से अनुमति हासिल करें।



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'महिलाओं को सुरक्षा की जरूरत है, रियायत की नहीं' सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार के 'नो-नाइट शिफ्ट' आदेश की आलोचना की

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सरकारी अस्पतालों को महिला डॉक्टरों की नाइट शिफ्ट नहीं लगाने के निर्देश देने वाले नोटिफिकेशन पर पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि उन्हें सुरक्षा की जरूरत है, रियायत की नहीं। बंगाल सरकार ने 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मद्देनजर नोटिफिकेशन जारी किया था।

रेप-हत्या मामले की सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने बंगाल सरकार के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि वह महिला डॉक्टरों को सीमित क्यों करना चाहते हैं?

India Today के अनुसार, उन्होंने कहा, "आप कैसे कह सकते हैं कि महिलाएं रात में काम नहीं कर सकतीं? महिला डॉक्टरों को सीमित क्यों किया जाए? वे रियायत नहीं चाहते... महिलाएं एक ही शिफ्ट में काम करने के लिए तैयार हैं।"

पश्चिम बंगाल सरकार नोटिफिकेशन में करे बदलाव

उन्होंने कपिल सिब्बल से इस मुद्दे का समाधान करने को कहा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे का समाधान उचित सुरक्षा देकर करना है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिफिकेशन में बदलाव करने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा, "सुरक्षा देना आपकी जिम्मेदारी है; आप महिलाओं को रात में काम करने से नहीं रोक सकते। पायलट, सेना के जवान और दूसरे लोग रात के समय काम करते हैं।"

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने विकिपीडिया से पीड़िता का नाम अपने प्लेटफॉर्म से हटाने को कहा।

कोलकाता के सरकारी अस्पताल में क्या हुआ?

36 घंटे की कठिन शिफ्ट के बीच महिला डॉक्टर अस्पताल के सेमिनार रूम में सोने चली गई थी। 9 अगस्त की सुबह उसके साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।

पुलिस ने संजय रॉय नाम के सिविक वालंटियर को गिरफ्तार किया है। बाद में मामला CBI को सौंप दिया गया। हजारों जूनियर डॉक्टर इस जघन्य अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच सोमवार को समझौता हो गया। उन्होंने डॉक्टरों की मुख्य मांग - पुलिस कमिश्नर, एक DCP और दो वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने की मंजूरी दे दी। हालांकि, वह स्वास्थ्य सचिव को हटाने पर सहमत नहीं हुईं।

कपिल सिब्बल ने आज अदालत को बताया कि बनर्जी ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया है कि काम पर लौटने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक या प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी।

Bulldozer Justice Row: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाया ब्रेक, 1 अक्टूबर तक तोड़फोड़ पर रोक

 



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Monday, September 16, 2024

HRA tax benefits: हर महीने घर का रेंट चुकाते हैं तो HRA क्लेम करने से काफी घट जाएगा आपका टैक्स, जानिए इसके नियम और शर्तें

नौकरी करने वाले कई लोग किराए के घर में रहते हैं। उन्हें अपनी सैलरी इनकम से हर महीने मकान मालिक को किराया चुकाना होता है। बड़े शहरों में तो सैलरी इनकम का बड़ा हिस्सा किराए चुकाने में चला जाता है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सपेयर घर के किराए पर टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकता है। इससे उस पर टैक्स का बोझ कम हो जाता है। आइए हाउस रेंट पर इनकम टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

HRA के नियम क्या हैं?

अगर आप सैलरीड एंप्लॉयी हैं और किराए के घर में रहते हैं तो रेंट अमाउंट पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए कुछ शर्तें हैं। चुकाए गए रेंट पर टैक्स बेनेफिट के लिए मुख्य रूप से दो प्रावधान है, जो हाउस रेंट अलाउन्स (HRA) और सेक्शन 80जीजी के तहत आते हैं। एचआरए आम तौर पर एंप्लॉयी की सैलरी का हिस्सा होता है। इसे रेंट पर होने वाले खर्च की भरपाई के लिए दिया जाता है। लेकिन, यह ध्यान में रखने वाली बात है कि एचआरए पर टैक्स बेनेफिट तभी क्लेम किया जा सकता है, जब एंप्लॉयी वास्तव में किराए के घर में रहता हो और हर महीने किराया चुकाता हो।

HRA का कैलकुलेशन कैसे होता है?

एचआरए के कैलुकलेशन के लिए तीन तरीके हैं। इनमें से जिस तरीके से सबसे कम एचआरए आता है, उसका इस्तेमाल होता है। पहला, किसी एंप्लॉयी को एंप्लॉयर से मिलने वाला वास्तविक एचआरए। दूसरा, चुकाए गए किराए के अमाउंट में से बेसिक सैलरी का 10 फीसदी घटाने के बाद जो अमाउंट आएगा, इस पर टैक्स बेनेफिट क्लेम किया जा सकता है। तीसरा, अगर आप मेट्रो सिटी (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रहते हैं तो आपकी बेसिक सैलरी का 50 फीसदी या नॉन-मेट्रो शहर में रहते हैं तो बेसिक सैलरी का 40 फीसदी।

HRA क्लेम करने के लिए क्या हैं शर्तें?

एचआरए क्लेम करने से पहले कुछ बातें जान लेना जरूरी है। पहला, आपको अपने एंप्लॉयर को रेंट रिसीट सब्मिट करना होगा। अगर आपका रेंट अमाउंट सालाना 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको मकान मालिक के पैन की डिटेल एंप्लॉयर को देना होगा। अगर आपकी सैलरी में एचआरए शामिल नहीं है तो भी आप सेक्शन 80जीजी के तहत किराए पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। यह प्रावधान उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो सेल्फ-एंप्लॉयड हैं या जिनकी सैलरी में एचआर एक कंपोनेंट शामिल नहीं है।

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सेक्शन 80जीजी का प्रावधान क्या है?

सेक्शन 80जीजी के तहत रेंट पर डिडक्शन क्लेम करने के लिए कुछ शर्तें हैं। रेंट के कैलकुलेशन के लिए तीन तरीके हैं, इनमें से जिस तरीके से सबसे कम रेंट आएगा, वह लागू होगा। पहला, हर महीने 5,000 रुपये किराया या सालाना 60,000 रुपये। दूसरा, चुकाया गए कुल किराए में से टोटल इनकम का 10 फीसदी घटाने पर जो रकम आएगी। तीसरा, टोटल इनकम का 25 फीसदी अमाउंट।



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Sunday, September 15, 2024

Bonus Issue: 4 शेयरों पर 1 शेयर फ्री में दे रही है IT सर्विस मैनेजमेंट कंपनी, 19 सितंबर फिक्स की है रिकॉर्ड डेट

Bonus Share: आईटी सर्विस मैनेजमेंट कंपनी सैकसॉफ्ट लिमिटेड (Saksoft Limited) का शेयर 19 सितंबर को एक्स-बोनस ट्रेड करेगा। कंपनी ने अगस्त महीने में 1:4 के रेशियो में बोनस शेयर देने की घोषणा की थी। इसका मतलब है कि शेयरहोल्डर्स को उनके पास मौजूद हर 4 फुली पेड अप इक्विटी शेयरों पर 1 नया फुली पेड अप इक्विटी शेयर बोनस के तौर पर मिलेगा। शेयर की फेस वैल्यू 1 रुपये है। इस बोनस इश्यू के लिए रिकॉर्ड डेट 19 सितंबर 2024 है। इस तारीख तक जिन शेयरधारकों के नाम शेयरों के लाभार्थी मालिकों के तौर पर रजिस्टर ऑफ मेंबर्स ऑफ द कंपनी या डिपॉजिटरीज के रिकॉर्ड्स में होंगे, वे बोनस शेयर पाने के हकदार होंगे।

Saksoft पूरी दुनिया में फिनटेक, ट्रांसपोर्टेशन एंड लॉजिस्टिक्स, टेलिकॉम एंड यूटिलिटीज, रिटेल ई-कॉमर्स और हेल्थकेयर कस्टमर्स के लिए एक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सॉल्यूशन पार्टनर है। यह अपने क्लाइंट्स की एप्लीकेशन इंजीनियरिंग, क्वालिटी एश्योरेंस एंड टेस्टिंग, डेटा एनालिटिक्स, क्लाउड, इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सिक्योरिटी सर्विसेज से मदद करती है।

6 महीने में Saksoft शेयर 65% मजबूत

कंपनी के शेयर ने पिछले 5 वर्षों में 1300 प्रतिशत से ज्यादा रिटर्न दिया है। 6 महीने के अंदर शेयर की कीमत 65 प्रतिशत चढ़ी है। बीएसई पर शुक्रवार, 13 सितंबर को शेयर 360.85 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 3600 करोड़ रुपये है। कंपनी में जून 2024 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 66.64 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

कॉटन यार्न बनाने वाली कंपनी देगी ₹35 का डिविडेंड, 20 सितंबर है रिकॉर्ड डेट

Augmento Labs को खरीद चुकी है कंपनी

इस साल जून महीने में सैकसॉफ्ट लिमिटेड ने Augmento Labs Private Limited में 100 प्रतिशत इक्विटी इंट्रेस्ट खरीदने के लिए शेयर परचेज एग्रीमेंट किया था। कंपनी ने कहा था कि इस खरीद के पूरा होने के बाद Augmento Labs, सैकसॉफ्ट के पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी बन जाएगी। Augmento Labs एक डिजिटल इंजीनियरिंग कंपनी है, जिसके भारत और अमेरिका में एंटरप्राइज क्लाइंट हैं। वित्त वर्ष 2024 में सैकसॉफ्ट लिमिटेड की इनकम 768.57 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 96.17 करोड़ रुपये रहा।

Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।



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Saturday, September 14, 2024

दिल्ली शराब घोटाला: केजरीवाल को मिली जमानत, लेकिन अब आम आदमी पार्टी पर मंडरा रहा नया खतरा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया अब जमानत पर बाहर हैं। ये दोनों ही दिल्ली की शराब नीति में हुए कथित घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल हैं। पार्टी इस अहम समय पर अपने नेतृत्व के फिर से सामने आने से खुश है, लेकिन कानूनी संकट अभी भी उस पर मंडरा रहा है। दरअसल नेताओं के अलावा, खुद आम आदमी पार्टी (AAP) भी इस मामले के मुख्य आरोपियों में से एक है। हमारे सहयोगी News18 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) अब आगे पार्टी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।

सूत्रों के मुताबिक, ED जल्द ही इस मामले में एक और पूरक चार्जशीट दाखिल कर सकती है, जिसमें AAP की कथित भूमिका को विस्तार से बताया जाएगा। अब तक ED ने इस मामले में कुल नौ चार्जशीट दाखिल की हैं, जिनमें से आठ पूरक चार्जशीट हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जांच अभी जारी है और हमारे पास इस मामले में और भी सुराग हैं। आरोपी को जमानत देना न्यायपालिका का काम है, लेकिन मामला अभी भी ट्रायल में है। हमारे किसी भी आरोपी को बरी नहीं किया गया और हमारे पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "दिल्ली सरकार ने जो आबकारी नीति बनाई और जिस तरह से सौदे हुए, वह एक बड़े घोटाले का संकेत देती हैं, जिसमें जनता के पैसे का दुरुपयोग किया गया है और उसे राजनीतिक फंडिंग में बदल दिया गया। खास बात यह है कि इस मामले में AAP भी एक आरोपी है। हम पार्टी की संलिप्तता को स्पष्ट करते हुए एक और पूरक चार्जशीट दाखिल कर सकते हैं।"

हालांकि आम आदमी पार्टी को इसके वरिष्ठ नेताओं की रिहाई से कुछ समय के लिए राहत मिली है, लेकिन यह मामला अभी भी पार्टी के लिए एक बड़ा खतरा बना हुआ है, जो AAP की राजनीतिक स्थिति को बदल सकता है। आने वाले महीने पार्टी के लिए अहम होंगे, जहां उसके सामने कानूनी और राजनीतिक लड़ाई के अलावा और जनता के सामने अपनी ईमानदार छवि को बचाने की चुनौती होगी। इस महत्वपूर्ण मामले का नतीजा या तो AAP के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है या फिर इसके संकट को और गहरा कर सकता है।

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Friday, September 13, 2024

हॉलीडे पर जाने के लिए पर्सनल लोन लेना चाहते हैं? जानिए कितना इंटरेस्ट चुकाना होगा

हॉलीडे पर जाने का प्लान बनाने से पहले कई बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। हॉलीड डेस्टिनेशन क्या होगा, आपको कितने दिन की छुट्टी लेनी पड़ेगी और अगर आप ऐसी जगह जा रहे हैं जहां खानपान अलग तरह का है तो उसका हल भी निकालना होगा। लेकिन, इससे पहले खर्च का कैलकुलेशन करना जरूरी है। यह भी कि क्या आपके पास इतना सरप्लस पैसा है। अगर नहीं है तो पर्सनल लोन आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन, अगर आपका पहसे से कोई पर्सनल लोन चल रहा है तो उसे चुकाए बगैर आपके लिए नया पर्सनल लोन लेना ठीक नहीं रहेगा।

क्रेडिट कार्ड लोन का इंटरेस्ट ज्यादा होता है

एक्सपर्ट्स का कहना है कि हॉलीडे पर जाने के लिए क्रेडिट कार्ड (Credit Card Loan) पर भी लोन लिया जा सकता है। लेकिन, पर्सनल लोन (Personal Loan) के मुकाबले यह महंगा पड़ता है। क्रेडिटबी के चीफ रिस्क अफसर सिद्धार्थ वी ने कहा कि क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले लोन का इंटरेस्ट रेट ज्यादा होता है। अगर इस लोन को ठीक से नहीं चुकाया गया तो इससे व्यक्ति कर्ज के जाल में फंस जाता है। इसके मुकाबले पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट कम होता है। इसलिए छुट्टियां बिताने के लिए अगर आप लोन लेना चाहते हैं तो पर्सनल लोन के बारे में सोच सकते हैं।

अपने सरप्लस पैसे का कर सकते हैं इस्तेमाल

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपने हॉलीडे के लिए पर्सनल लोन लेने का मन बना लिया है तो आपको सबसे पहले अपने खर्च का कैलकुलेशन करना चाहिए। आपको कम से कम अमाउंट का पर्सनल लोन लेना चाहिए। अगर आपके बैंक सेविंग्स अकाउंट में कुछ पैसा है तो आप उसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपको कम अकाउंट का पर्सनल लोन लेना पड़ेगा। दूसरा, आपको यह तय कर लेना होगा कि आप पर्सनल लोन अमाउंट का पेमेंट कितने समय में करेंगे। अपनी सुविधा के हिसाब से आप लोन पीरियड तय कर सकते हैं। कम समय में रिपेमेंट करने पर ईएमआई ज्यादा आती है लेकिन इंटरेस्ट पर आपका कम पैसा खर्च होता है।

अच्छा क्रेडिट स्कोर है तो अट्रैक्टिव रेट पर मिलेगा लोन

अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको 13-15 फीसदी इंटरेस्ट रेट पर पर्सनल लोन मिल सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आजकल आपके व्हाट्सअप और फोन पर बैंकों के लोन के ऑफर आते रहते हैं। लेकिन, आपको किसी नए बैंक की जगह उस बैंक का चुनाव करना चाहिए, जिसमें आपका अकाउंट है या जिससे आपने पर्सनल लोन लिया है। फिर, बैंक के रिप्रजेंटेटिव से बातचीत में आपको लोन की शर्तों को ठीक तरह से समझ लेना होगा। जैसे इस लोन का इंटरेस्ट रेट कितना होगा, लोन की प्रोसेसिंग फीस कितनी होगी और समय से पहले लोन चुकाने पर क्या कोई पेनाल्टी लगेगी।

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बैंक के प्रतिनिधि से लोन के नियम और शर्तों को समझ लें

इन सवालों का जवाब मिलने के बाद ही आपको लोन के ऑफर को हां करना चाहिए। अच्छा होगा कि आप दो बैंकों से इस बारे में बात करें। फिर इंटरेस्ट रेट के अलावा जिस बैंक के नियम और शर्तें आपको अच्छा लगे, उस बैंक से लोन लेने का फैसला करें। लोन लेने में जल्दबाजी नहीं दिखाएं। ऐसा करने पर बैंक आप पर अपनी शर्तें मानने का दबाव बना सकता है। इसलिए हॉलीडे पर जाने से कुछ हफ्ते पहले पर्सनल लोन लेने के लिए प्रोसेस शुरू कर दें।



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पोर्ट ब्लेयर अब कहलाएगा श्री विजयपुरम, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नाम बदलने का किया ऐलान

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर "श्री विजयपुरम" करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय "देश को औपनिवेशिक छाप से मुक्त कराने" के लिए लिया गया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी घोषणा की।

अमित शाह ने X पर लिखा, "देश को गुलामी के सभी प्रतीकों से मुक्ति दिलाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प से प्रेरित होकर आज गृह मंत्रालय ने पोर्ट ब्लेयर का नाम ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है।"

गृह मंत्री ने कहा कि ‘श्री विजयपुरम’ नाम हमारे स्वाधीनता के संघर्ष और इसमें अंडमान और निकोबार के योगदान को दर्शाता है।

इस द्वीप का इतिहास में अद्वितीय स्थान: अमित शाह

उन्होंने लिखा, "इस द्वीप का हमारे देश की स्वाधीनता और इतिहास में अद्वितीय स्थान रहा है। चोल साम्राज्य में नौसेना अड्डे की भूमिका निभाने वाला यह द्वीप आज देश की सुरक्षा और विकास को गति देने के लिए तैयार है।

शाह ने आगे लिखा कि यह द्वीप नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी द्वारा सबसे पहले तिरंगा फहराने से लेकर सेलुलर जेल में वीर सावरकर व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा मां भारती की स्वाधीनता के लिए संघर्ष का स्थान भी है।

कुख्यात सेलुलर जेल के लिए मशहूर है ये शहर

यह शहर कुख्यात सेलुलर जेल राष्ट्रीय स्मारक के लिए लोकप्रिय है, जो अंग्रेजों के शासन काल में कभी एक जेल थी, जहां कई स्वतंत्रता सेनानियों और दूसरे देशों के लोगों को कैद किया गया था।

इससे पहले जुलाई में, राष्ट्रपति भवन के प्रतिष्ठित 'दरबार हॉल' का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' कर दिया गया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर राष्ट्रपति भवन के भारतीयकरण की प्रक्रिया भी हुई पूरी



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'PSU शेयरों में और गिरावट देखने को मिल सकती है', जानें इस एक्सपर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

इस साल के पहले कुछ महीनों में देश की पब्लिक सेक्टर कंपनियों (PSUs) के शेयरों की परफॉर्मेंस अच्छी रही है। हाल के महीनों की बात करें, तो इन कंपनियों से जुड़ा निफ्टी का PSE इंडेक्स 1 अगस्त को टॉप पर पहुंच गया था। अगस्त में निफ्टी के PSE इंडेक्स में 1.7 पर्सेंट की गिरावट रही और सितंबर में फिलहाल इसमें 5 पर्सेंट की गिरावट है, जो इस इंडेक्स की इस साल की सबसे खराब परफॉर्मेंस है।

बहरहाल, हालिया खराब परफॉर्मेंस के बावजूद स्टॉक रिसर्च फर्म गोल्डीलॉक्स प्रीमियम रिसर्च के गौतम शाह का मानना है कि हालात नॉर्मल होने से पहले PSU शेयरों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। PSE इंडेक्स अपने पीक से 10% नीचे है, जबकि PSU बैंकों के शेयरों में तेज बिकवाली देखने को मिली है और इंडेक्स 3 जून के अपने पीक से तकरीबन 20% की गिरावट पर है। इसके एक दिन बाद यानी 4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजों के ऐलान हुआ था

निफ्टी के PSE इंडेक्स में पिछली बार लगातार दो महीनों की गिरावट मई और जून 2022 में देखने को मिली थी। शाह ने सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में कहा, 'पिछले कुछ महीनों से मोमेंटम ठीक नहीं है। PSU स्टॉक्स, निफ्टी के साथ कदम में कदम मिलाकर नहीं चल रहे हैं और जब हम रेशियो चार्ट देखते हैं, तो यह बात साफ पता चल जाती है। आउटपरफॉर्मेंस पूरी तरह से खत्म हो चुका है।'

PSU स्टॉक में संबंधित इंडेक्स के मुकाबले तेज करेक्शन देखने को मिला और ज्यादातर शेयरों में अपने पीक से 10% से 15% की गिरावट है। मझगांव डॉक, कोचिन शिपयार्ड और गार्डन रीच शुरुआती जुलाई के अपनी पीक से तकरीबन 40 पर्सेंट गिर चुके हैं। शाह ने यह भी बताया कि मोमेंटम गंवाने के बाद भी PSU शेयरों में उस तरह से गिरावट नहीं देखने को मिली है, जिस तरह से पिछले 12-18 महीनों में इसमें तेजी देखने को मिली थी। हालांकि, शाह का कहना था कि इसके बावजूद इन कंपनियों के शेयरों की लॉन्ग टर्म संभावनाओं को लेकर उनका भरोसा कायम है। हालांकि, अभी कुछ और गिरावट देखने को मिल सकती है।



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क्या आपसे भी किसी व्यक्ति ने निवेश पर हाई रिटर्न का वादा किया है? स्कैम का शिकार बनने से ऐसे बच सकते हैं आप

हाल में एक व्यक्ति ने बताया कि एक मिड साइज ब्रोकरेज फर्म के एंप्लॉयी ने उससे संपर्क किया था। उसने एक ऐप डाउनलोड कर ट्रेडिंग शुरू करने की सलाह दी थी। उसने नए ट्रेडिंग आइडियाज के लिए एक व्हाट्सअप ग्रुप ज्वाइन करने को कहा था। दरअसल, व्हाट्सअप और टेलीग्राम पर ऐसे कई ग्रुप हैं, जिन्हें ज्वाइन करने के लिए नए लोगों को कहा जाता है। उन्हें दूसरे निवेशकों के मोटा मुनाफे कमाने के उदाहरण बताए जाते हैं। कई बार तो जालसाज बड़ी ब्रोकरेज फर्मों के ऐप से मिलते जुलते ऐप तक बनवा लेते हैं। ऐसे जालसाजों से आपको सावधान रहने की जरूरत है।

जानिए मैक्सिमम कितना रिटर्न मिल सकता है

अगर आप नए निवेशक हैं तो सबसे पहले आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि किसी फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश से ज्यादा से ज्यादा कितना रिटर्न कमाया जा सकता है। रजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट एडवाइजर आशीष चड्ढा का कहना है कि निवेशक को सबसे पहले 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड को देखना चाहिए। अगर यील्ड 7 फीसदी है तो इससे काफी ज्यादा रिटर्न की उम्मीद करना व्यवहारिक नहीं है। अगर आपको कोई व्यक्ति इससे काफी ज्यादा रिटर्न का वादा करता है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए।

फटाफट रिटर्न के लिए किसी नए इंस्ट्रूमेंट में न करें निवेश

क्या किसी फाइनेंशियल प्रोडक्ट के डिस्ट्रिब्यूटर ने पैसा पर कई गुना रिटर्न देने वाले किसी खास सेक्टर में आपको निवेश करने को कहा है? अगर हां तो आपको सावधान हो जाने की जरूरत है। अगर आपको किसी नए सेक्टर में निवेश करना है तो आप म्यूचुअल फंडों के थिमैटिक या सेक्टर फंड में निवेश कर सकते हैं। पिछले कुछ सालों में ऐसे फंडों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। इससे मार्केट में कई ऐसे नए फंड आए हैं। हाल में मुंबई में आयोजित मनीकंट्रोल के सालाना म्यूचुअल फंड कॉन्फ्रेंस में फंड मैनेजरों की राय थी कि ऐसे सेबी रेगुलेटेड फंडों में निवेश करने में ज्यादा रिस्क नहीं है। हालांकि, आपको इनमें भी सोचसमझ कर निवेश करना चाहिए।

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किसी एसेट में निवेश से पहले उसे समझ लें

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जालसाज आपको बेवकूफ इसलिए बना देते हैं क्योंकि आपके मन में लालच होता है। आप जल्द से जल्द मोटी कमाई करना चाहते हैं। जालसाज आपके इस माइंडसेट का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे जालसाज तब सक्रिय होते हैं, जब किसी एसेट पर लोग आंख बंदकर निवेश कर रहे होते हैं। उदाहरण के लिए जब क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें तेजी से चढ़ रही थीं तब फिनफ्लूएंसर्स क्रिप्टो में निवेश करने की सलाह देते थे। लेकिन, जब इसकी कीमतों में तेज गिरावट आई तो वे गायब हो गए। लेकिन, उनके कहने पर क्रिप्टो में मेहनत की कमाई के पैसे का निवेश करने वाले निवेशकों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।



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Thursday, September 12, 2024

आखिरी घंटे में क्यों आया बुलिश तूफान, Sensex-Nifty ने बनाया रिकॉर्ड, अब आगे क्या है रुझान?

घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) आज दिन भर ग्रीन जोन में बने रहे। हालांकि दिन के आखिरी घंटे में एकाएक ये रॉकेट बन गए। इंट्रा-डे में पहली बार सेंसेक्स 83 हजार और निफ्टी भी पहली बार 25,400 के पार चला गया। निफ्टी ने यह रिकॉर्ड ऊंचाई वीकली एक्सपायरी के दिन छुआ है। इसे बैंकिंग, एनर्जी, आईटी और ऑटो स्टॉक्स का शानदार सपोर्ट मिला। दिन के आखिरी में निफ्टी 1.89 फीसदी की बढ़त के साथ 25,388.90 और सेंसेक्स 1.77 फीसदी के उछाल के साथ 82,962.71 पर बंद हुआ है। इंट्रा-डे में सेंसेक्स 83,116.19 और निफ्टी 25,433.35 तक पहुंचा था। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों पर ही सिर्फ नेस्ले ही आज रेड जोन में बंद हुआ है।

Sensex-Nifty में आखिरी घंटे में क्यों आई ताबड़तोड़ तेजी

आज कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) डेटा आने वाला है, जिसके चलते मार्केट में और तेजी आई। ऐसा इसलिए क्योंकि अमेरिकी कंज्यूमर इंडेक्स में पिछले महीने अगस्त में मामूली तेजी दिखी और कोर इंफ्लेशन स्थिर बनी रही। एक दिन पहले अमेरिकी आंकड़े आए थे और इसके चलते अमेरिकी फेड की 17-18 सितंबर की बैठक दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की उम्मीद 66 फीसदी से बढ़कर85 फीसदी हो गई है। हालांकि 0.50 फीसदी कटौती की संभावना 34 फीसदी से घटकर 15 फीसदी रह गई।

इसके अलावा मनीकंट्रोल से बातचीत में निर्मल बैंग के टेक्निकल और डेरिवेटिव एनालिस्ट Nirav Harish Chheda ने कहा कि मार्केट में बहुत से शॉर्ट बन गए थे तो इसे कवर करने के लिए ही निफ्टी और बैंक निफ्टी में जोरदार तेजी दिखी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि वैश्विक स्तर पर बुलिश रुझान बना है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक और अमेरिकी फेड से पॉजिटिव की उम्मीद में बुलिश मार्केट पर पकड़ बना रहे हैं। रेट कटौती की उम्मीद ने नया उत्साह भरा है।

अब आगे क्या है रुझान?

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने कहा कि बिकवाली के बाज अब विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) बुलिश हो गए हैं और वे तेजी से पैसे डाल रहे हैं। पिछले तीन दिनों से वे कैश मार्केट में खरीदारी कर रहे हैं। इसने मार्केट को तगड़ा सपोर्ट किया। इससे मार्केट के मजबूत बने रहने के संकेत मिल रहे हैं। रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजीत मिश्र ने कहा कि अब निफ्टी 25550 के पार जा सकता है। वहीं डाउनसाइड इसे 24900-25150 के जोन में सपोर्ट मिलेगा। उन्होंने निवेशकों को सेक्टर्स और थीम के आधार पर निवेश की सलाह दी है और कहा है कि लॉर्ज कैप और बड़े मिडकैप स्टॉक्स पर फोकस करें।

अगर यह हुआ तो सस्ता हो जाएगा पेट्रोल-डीजल, पेट्रोलियम सचिव ने कर दिया खुलासा

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



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Wednesday, September 11, 2024

Hybrid Funds: क्या हाई वैल्यूएशन के बीच हाइब्रिड फंड में निवेश करने में कम रिस्क है?

निवेशकों को हाई वैल्यूएशन की चिंता नहीं है। अच्छी लिक्विडिटी की बदौलत मार्केट चढ़ रहा है। बीते 53 महीनों में सेंसेक्स 200 फीसदी चढ़ा है। इससे पहले मई 2003 से जनवरी 2008 के बीच सेंसेक्स 600 अंक से ज्यादा चढ़ा था। इसके बाद अगस्त 2013 और जनवरी 2020 के बीच सेंसेक्स 140 फीसदी चढ़ा था। इस बार लगातार मार्केट में तेजी के बाद संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या यह तेजी जारी रहेगी या मार्केट में करेक्शन आएगा? निवेशकों के मन में यह सवाल इसलिए चल रहा है, क्योंकि वे ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते। ज्यादा रिस्क नहीं लेने वाले निवेशकों के लिए म्यूचुअल फंड की हाइब्रिड स्कीम अच्छा विकल्प हो सकती है।

क्या है हाइब्रिड फंड?

हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) शेयरों के अलावा डेट और कुछ दूसरे एसेट क्लास में निवेश करते हैं। ये फंड उन निवेशकों के लिए ज्यादा फायदेमंद हैं, जिन्होंने अब तक मार्केट में बड़ी गिरावट नहीं देखी है। जो निवेशक शेयरों में कम निवेश के साथ स्टेबल रिटर्न हासिल करना चाहते हैं वे इक्विटी सेविंग्स स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इक्विटी हाइब्रिड फंड का इक्विटी में ज्यादा निवेश होता है। इसका हमेशा इक्विटी में 65 फीसदी से ज्यादा निवेश बना रहता है।

क्या है मल्टी एसेट फंड?

बैलेंस्ड एडवांटेज फंड भी हाइब्रिड फंड की कैटेगरी में आते हैं। ये इक्विटी में निवेश के लिए प्राइस टू अर्निंग्स (पी/ई) और प्राइस टू बुक वैल्यू (पी/बी) जैसे मानकों का इस्तेमाल करते हैं। पिछले कुछ सालों में इस फंड की लोकप्रियता बढ़ी है। इससे इसका एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) भी बढ़ा है। मल्टी एसेट फंड भी ऐसा फंड है, जो कई तरह के एसेट में इनवेस्ट करता है। इनमें इक्विटी, गोल्ड, डेट और दूसरे तरह के एसेट शामिल हैं। यह फंड डायवर्सिफिकेशन के लिहाज से काफी अच्छा है।

अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड (AIF) अंब्रेला के तहत अलग तरह से डायनेमिक एसेट एलोकेशन होता है। इस कैटेगरी के फंड में बेसिक एलोकेशन एक बैलेंस्ड एडवान्टेज फंड की तरह होता है, लेकिन यह कुछ हिस्सा (जैसे 20 फीसदी) डेरिवेटिव्स में निवेश करता है। इससे फंड मैनेजर को मार्केट की दिशा के अपने आकलन के आधार पर ज्यादा एग्रेसिव पॉजिशन लेने का मौका मिलता है।

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हाइब्रिड फंडों में किसे निवेश करना चाहिए?

ऐसे निवेशक जिनके पास अपने इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो की रिबैलेंसिंग का समय नहीं है, वे हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। निवेशक एक फंड में निवेश करते हैं और उस फंड का फंड मैनेजर स्थिति के हिसाब से पोर्टफोलियो का एलोकेशन करता है। यह कैटेगरी तेजी से लोकप्रिय हो रही है। कई निवेशक अपना कुछ पैसा ऐसे फंड में लगा रहे हैं। इस फंड ने हमेशा अच्छा रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न दिया है। यह खासकर उन निवेशकों के लिए बेहतर है जो पहली बार निवेश कर रहे हैं। ऐसे वक्त जब वैल्यूएशन हाई है और बाजार में उतारचढ़ाव दिख रहा है, इस कैटेगरी के फंड निवेशकों के लिए निवेश के अच्छे विकल्प हैं।



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चाय पीने वाले हो जाएं सावधान, कीटनाशक की भरमार, खुफिया विभाग ने मारा छापा, लाखों की चाय बरामद

देशभर में चाय की बंपर डिमांड है। आज देश का हर तबका चाय का शौकीन है। ज्यादातर घरों में सुबह की शुरूआत ही चाय से होती है। चायपत्ती की खेती देश के कई हिस्सों में होती है। असम और दार्जलिंग की चायपत्ती सबसे अच्छी चायपत्ती मानी जाती है। इसकी डिमांड भारत ही नहीं विदेशों में भी है। लेकिन अब यह चाय की पत्ती जहर बनती जा रही है। चाय पत्ती में भारी कीटनाशक (pesticides) पाए जाने की खबर सामने आई है। महाराष्ट्र राज्य के खाद्य और औषधि प्रशासन के खुफिया विभाग ने राज्य भर में सपट परिवार चाय कंपनी पर छापा मारा है। यहां लाखों की चाय पत्ती बरामद की गई है।

दरअसल, चाय बागानों में भारी कीटनाशक पाए जाने के बाद देश भर में हंगामा मच गया है। महाराष्ट्र में सह्याद्रि हार्ड, सह्याद्रि इलायची, सपट होटल डस्ट और सपट परिवार फैमिली मिक्स उत्पादों में कीटनाशकों की मात्रा तय मानकों से कहीं ज्यादा पाई गई है। इससे देश भर में हड़कंप मच गया है।

खुफिया विभाग ने की छापेमारी

चाय पत्ती में कीटनाशक पाए जाने के बाद चाय के शौकीनों को अब सावधान रहने की जरूरत है। खुफिया विभाग ने सपट टी के पुणे, संभाजीनगर, सातारा, कोल्हापुर शहरों में छापेमारी की गई है। विभाग ने यहां लाखों की चाय बरामद की है। दरअसल, पिछले कुछ सालों में चाय बागानों में ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से बहुत बदलाव आ रहे हैं। कभी भारी बारिश होती है तो कभी लंबे समय तक सूखा रहता है। ऐसे में कीड़ों का खतरा बढ़ गया है। लिहाजा चाय की खेती करने वाले लोग कीटनाशक का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं कई बार दवा का असर खत्म होने से पहले ही चाय की पत्तियां तोड़ ली जाती हैं। कीटनाशक का असर बना रहता है।

इन बीमारियों का बढ़ सकता है खतरा

कीटनाशक युक्त चाय सेहत के लिए बेहद हानिकारक मानी गई है। इस तरह की चाय पीने से सेहत की बैंड बज सकती है। इससे आपको पेट खराब, दस्त, ऐंठन, सूजन, मतली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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J&K Elections: "20 सीटें और आ जातीं तो सारे जेल में होते" BJP पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे

Jammu and Kashmir Assembly Elections 2024: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर बड़ा हमला बोला। खड़गे ने बुधवार (11 सितंबर) को भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अगर हमें 20 सीटें और आ जातीं तो सारे बीजेपी नेता जेल में होते। खड़गे ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को देखकर बीजेपी घबरा गई है। यही वजह है कि वह बार-बार जम्मू-कश्मीर के लिस्ट बदल रहे हैं।

मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन का हवाला दे रहे थे। इस आम चुनाव में भगवा पार्टी ने 234 सीटें जीती थीं। उन्होंने बीजेपी पर इस बात के लिए भी कटाक्ष किया कि वह 400 सीटें नहीं जीत पाई, जबकि उसने इसी मुद्दे पर प्रचार किया था।

अनंतनाग में आयोजित रैली में खड़गे ने कहा, "400 सीटें पार करने वाले कहां चले गए? वे 240 सीटों पर सिमट गए। अगर हमें 20 सीटें और मिल जातीं, तो ये सारे लोग (बीजेपी) जेल में होते। इन लोगों को जेल में ही रहना चाहिए।"

खड़ने ने कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने जम्मू-कश्मीर में परिवार की महिला मुखियाओं को 3,000 रुपये मासिक और महिलाओं को पांच लाख रुपये का ब्याज मुक्त लोन देने का वादा किया है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के सत्ता में आने पर वहां के लोगों के लिए पांच गारंटी सूचीबद्ध कीं।

चुनावी रैली में खड़गे ने कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन सत्ता में आने पर जम्मू-कश्मीर के सभी परिवारों को 25 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हम मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान किए गए कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का वादा पूरा करेंगे।

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी ने इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। भगवा पार्टी ने कहा कि यह कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता की याद दिलाता है। केंद्र में 10 साल से सत्ताधारी पार्टी ने कहा कि 70 के दशक के मध्य में आपातकाल की घोषणा करने वाले कांग्रेस ही थे।

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला उर्फ ​​शहजाद जय हिंद ने कहा, "यह कांग्रेस की 'आपातकाल' वाली मानसिकता का उदाहरण है। वह विपक्ष के नेताओं को जेल में डालना चाहते हैं। इंदिरा गांधी ने लोगों को जेल में डाला था और कांग्रेस उस विरासत को जारी रखना चाहती है। जब तृणमूल कांग्रेस बंगाल में तानाशाही व्यवहार करती है तो वे कुछ नहीं कहते और फिर भी अन्य पार्टियों को तानाशाह कहते हैं।"

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पूनावाला ने यह भी कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहले कहा था कि अगर कांग्रेस कश्मीर में जीतती है तो वह पूरे भारत पर नियंत्रण कर लेगी। खड़गे ने राज्य के अपने पिछले दौरे के दौरान कहा था, "जम्मू और कश्मीर का चुनाव अगर हम जीतेंगे, तो सारा हिंदुस्तान हमारे कब्जे में होगा।" अनंतनाग में खड़गे ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के कश्मीर चुनाव एक साथ लड़ने से बीजेपी 'घबरा गई' है।



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