Monday, September 16, 2024

HRA tax benefits: हर महीने घर का रेंट चुकाते हैं तो HRA क्लेम करने से काफी घट जाएगा आपका टैक्स, जानिए इसके नियम और शर्तें

नौकरी करने वाले कई लोग किराए के घर में रहते हैं। उन्हें अपनी सैलरी इनकम से हर महीने मकान मालिक को किराया चुकाना होता है। बड़े शहरों में तो सैलरी इनकम का बड़ा हिस्सा किराए चुकाने में चला जाता है। इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत टैक्सपेयर घर के किराए पर टैक्स बेनेफिट क्लेम कर सकता है। इससे उस पर टैक्स का बोझ कम हो जाता है। आइए हाउस रेंट पर इनकम टैक्स डिडक्शन क्लेम करने के नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

HRA के नियम क्या हैं?

अगर आप सैलरीड एंप्लॉयी हैं और किराए के घर में रहते हैं तो रेंट अमाउंट पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए कुछ शर्तें हैं। चुकाए गए रेंट पर टैक्स बेनेफिट के लिए मुख्य रूप से दो प्रावधान है, जो हाउस रेंट अलाउन्स (HRA) और सेक्शन 80जीजी के तहत आते हैं। एचआरए आम तौर पर एंप्लॉयी की सैलरी का हिस्सा होता है। इसे रेंट पर होने वाले खर्च की भरपाई के लिए दिया जाता है। लेकिन, यह ध्यान में रखने वाली बात है कि एचआरए पर टैक्स बेनेफिट तभी क्लेम किया जा सकता है, जब एंप्लॉयी वास्तव में किराए के घर में रहता हो और हर महीने किराया चुकाता हो।

HRA का कैलकुलेशन कैसे होता है?

एचआरए के कैलुकलेशन के लिए तीन तरीके हैं। इनमें से जिस तरीके से सबसे कम एचआरए आता है, उसका इस्तेमाल होता है। पहला, किसी एंप्लॉयी को एंप्लॉयर से मिलने वाला वास्तविक एचआरए। दूसरा, चुकाए गए किराए के अमाउंट में से बेसिक सैलरी का 10 फीसदी घटाने के बाद जो अमाउंट आएगा, इस पर टैक्स बेनेफिट क्लेम किया जा सकता है। तीसरा, अगर आप मेट्रो सिटी (दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता) में रहते हैं तो आपकी बेसिक सैलरी का 50 फीसदी या नॉन-मेट्रो शहर में रहते हैं तो बेसिक सैलरी का 40 फीसदी।

HRA क्लेम करने के लिए क्या हैं शर्तें?

एचआरए क्लेम करने से पहले कुछ बातें जान लेना जरूरी है। पहला, आपको अपने एंप्लॉयर को रेंट रिसीट सब्मिट करना होगा। अगर आपका रेंट अमाउंट सालाना 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको मकान मालिक के पैन की डिटेल एंप्लॉयर को देना होगा। अगर आपकी सैलरी में एचआरए शामिल नहीं है तो भी आप सेक्शन 80जीजी के तहत किराए पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। यह प्रावधान उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो सेल्फ-एंप्लॉयड हैं या जिनकी सैलरी में एचआर एक कंपोनेंट शामिल नहीं है।

यह भी पढ़ें: Ayushman Bharat: क्या अब 70 साल और ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को अलग हेल्थ पॉलिसी की जरूरत नहीं है?

सेक्शन 80जीजी का प्रावधान क्या है?

सेक्शन 80जीजी के तहत रेंट पर डिडक्शन क्लेम करने के लिए कुछ शर्तें हैं। रेंट के कैलकुलेशन के लिए तीन तरीके हैं, इनमें से जिस तरीके से सबसे कम रेंट आएगा, वह लागू होगा। पहला, हर महीने 5,000 रुपये किराया या सालाना 60,000 रुपये। दूसरा, चुकाया गए कुल किराए में से टोटल इनकम का 10 फीसदी घटाने पर जो रकम आएगी। तीसरा, टोटल इनकम का 25 फीसदी अमाउंट।



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/ZWvh9Ix
via

No comments:

Post a Comment