Tuesday, April 30, 2024

Taking Stock: निफ्टी रिकॉर्ड हाई पर टिकने में रहा नाकामयाब, जानें 2 मई को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

Taking Stock:अत्यधिक उतार-चढ़ाव भरे सत्र में आईटी, मेटल, मीडिया, ऑयल एंड गैस कंपनियों में देखी गई बिकवाली के बीच बाजार ने सभी इंट्राडे बढ़त को गंवा दिया और गिरावट के साथ बंद हुआ। अंत में, सेंसेक्स 188.50 अंक या 0.25 प्रतिशत गिरकर 74,482.78 पर बंद हुआ। निफ्टी 38.60 अंक या 0.17 प्रतिशत गिरकर 22,604.80 पर बंद हुआ। अप्रैल 2024 के महीने में बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी50 इंडेक्सेस में 1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। सकारात्मक शुरुआत के बाद जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा, बाजार ने अपनी बढ़त बढ़ा दी। निफ्टी एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया। जबकि ऑटो, पावर और रियल्टी स्टॉक के नेतृत्व में सेंसेक्स भी 75,124.28 के अपने रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच गया। लेकिन अंतिम घंटे की बिकवाली ने सारी बढ़त को खत्म कर दिया।

निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी बैंक इंडेक्स ने भी इंट्राडे में अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ। निफ्टी पर एमएंडएम, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन, श्रीराम फाइनेंस, हीरो मोटोकॉर्प और बजाज ऑटो टॉप गेनर्स स्टॉक्स रहे। जबकि टेक महिंद्रा, बीपीसीएल, जेएसडब्ल्यू स्टील, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और सन फार्मा टॉप लूजर्स रहे।

सेक्टोरल इंडेक्सेस की बात करें तो आईटी, मेटल, मीडिया, तेल और गैस, हेल्थकेयर में 0.4-1 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि ऑटो, बिजली और रियल्टी में एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।

ब्रॉडर इंडेक्सेस ने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया। बीएसई मिडकैप इंडेक्स ताजा ऊंचाई पर पहुंच गया और 0.5 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ। जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स सपाट नोट पर बंद हुआ।

1 मई को महाराष्ट्र दिवस ( Maharashtra Day) के अवसर पर बाजार बंद रहेगा।

2 मई को कैसी रहेगी बाजार की चाल

Progressive Shares के आदित्य गग्गर ने कहा कि पॉजिटिव मोमेंटम को बढ़ाते हुए, भारतीय इक्विटी ने सत्र की शुरुआत मजबूती के साथ की। अधिकांश सत्र में बढ़त में बढ़ोतरी देखी गई। लेकिन ट्रेडिंग के आखिरी घंटे में तेज उलटफेर ने इंडेक्स को नीचे खींच लिया। इससे सत्र लाल निशान में 22,604.85 पर बंद हुआ।

सेक्टोरल इंडेक्सेस में ऑटो दिन का सबसे अधिक बढ़ने वाला इंडेक्स रहा। उसके बाद रियल्टी का नंबर रहा। दूसरी तरफ आईटी ने अपनी गिरावट की ओर यात्रा को और बढ़ा दिया। जबकि मेटल सेगमेंट में मुनाफावसूली का दौर देखा गया।

रिकॉर्ड स्तर पर इंडेक्स ने आरएसआई में संभावित डायवर्जेंस के साथ एक बेयरिश कैंडल बनाया।

आज के उच्च स्तर से ऊपर ब्रेकआउट होने और बंद होने से कैंडलस्टिक इम्प्लीकेशंस समाप्त हो जाएंगे। जबकि 22,500 से नीचे ट्रेडिंग करने से इंडेक्स 22,400-22,360 के जोन तक फिसल सकता है।

LKP Securities के रूपक डे ने कहा कि निफ्टी में बिकवाली का दबाव देखा गया। इसकी वजह ये रही कि इसे पिछले स्विंग हाई के पास रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ा। जिसके परिणामस्वरूप कमजोर क्लोजिंग देखने को मिली। अन्य इंडिकेटर्स जैसे 20-डे सिंपल मूविंग एवरेज (SMA) और 50-डे SMA इंडेक्स वैल्यू से नीचे दिख रहे हैं। इससे पता चलता है कि जारी पॉजिटिव ट्रेंड बरकरार रह सकता है। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) भी एक बुलिश क्रॉसओवर का संकेत दे रहा है।

अगले कुछ दिनों में, हेडलाइन इंडेक्स में रुझान तब तक साइडवे बना रह सकता है जब तक कि यह 22783 के सर्वकालिक उच्च स्तर से ऊपर ब्रेक आउट न दे दे। इसमें गिरावट आने पर, तत्काल सपोर्ट 22500 पर नजर आ रहा है। इसके नीचे जाने पर इंडेक्स में और गिरावट नजर आ सकती है।

(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)

 

 

 



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Central Bank of India Q4 Result: नेट प्रॉफिट में 41% का उछाल, आज शेयर में दिखी गिरावट

पब्लिक सेक्टर के बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने अपने तिमाही नतीजों का ऐलान कर दिया है। इसके साथ ही बैंक के तिमाही नतीजों में ग्रोथ देखने को मिली है। वहीं बैंक का नेट प्रॉफिट बढ़ गया है। बीते वित्त वर्ष 2023-24 की जनवरी-मार्च तिमाही में बैंक का नेट प्रॉफिट 41 प्रतिशत बढ़कर 807 करोड़ रुपये हो गया। फंसे कर्ज में कमी और ब्याज आय बढ़ने से बैंक का लाभ बढ़ा है। हालांकि बैंक के स्टॉक प्राइज में आज हल्की गिरावट देखने को मिली है।

नेट प्रॉफिट

इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 की इसी तिमाही में बैंक को 571 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हुआ था। सेंट्रल बैंक ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 9,699 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले की समान तिमाही में 8,567 करोड़ रुपये थी।

इंटरेस्ट इनकम

बैंक की इंटरेस्ट इनकम आलोच्य तिमाही में बढ़कर 8,337 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में 7,144 करोड़ रुपये थी। इस दौरान बैंक की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) सकल कर्ज का 4.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले मार्च 2023 में 8.44 प्रतिशत थी। शुद्ध एनपीए मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में घटकर कुल कर्ज का 1.23 प्रतिशत रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1.77 प्रतिशत था।

पूंजी जुटाने का प्रस्ताव

फंसे कर्ज में कमी से बैंक का ऐसे लोन को लेकर प्रावधान 2023-24 की चौथी तिमाही में घटकर 509 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले इसी तिमाही में 789 करोड़ रुपये था। बैंक के निदेशक मंडल ने FPO या राइट इश्यू, पात्र संस्थागत नियोजन या अन्य किसी माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये तक पूंजी जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी भी दी है। यह पूंजी मंजूरी के आधार पर बासेल-3 मानकों के अनुरूप शेयर पूंजी (टिअर 1) और बॉन्ड या अन्य प्रतिभूतियों के जरिये जुटायी जाएगी।

शेयर की कीमत

वहीं 30 अप्रैल को शेयर की कीमत में 1.10 रुपये (1.61%) की गिरावट देखने को मिली। इसके साथ ही शेयर ने एनएसई पर 67.10 रुपये पर क्लोजिंग दी। वहीं पिछले एक महीने में शेयर ने अपने निवेशकों को 6% का रिटर्न दिया है। इसके साथ ही पिछले 6 महीने में शेयर ने 55% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। वहीं एक साल में शेयर 122% से ज्यादा चढ़ा है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दी गई राय एक्सपर्ट की निजी राय होती है। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



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कभी बैठ गया उम्मीदवार, तो कहीं पार्टी ने नहीं उतारा प्रत्याशी, बिना चुनाव लड़े जीत गए ये नेता, बड़े ही अनोखे हैं ये किस्से

4 जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने में डेढ़ महीना बाकी है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली सीट जीत ली है। 22 अप्रैल को, सूरत से कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने के एक दिन बाद, बाकी आठ उम्मीदवारों के नाम वापस लेने के बाद, बीजेपी के मुकेश दलाल को लोकसभा सीट से निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया। ये कोई पहला मामला नहीं है और न ही दलाल ऐसे पहले नेता हैं, जो बिना चुनाव लड़े ही जीत गए। दलाल 1952 के बाद से केवल 29वें सांसद हैं, जिन्होंने उपचुनावों समेत निर्विरोध जीत हासिल की है। 1952, 1957 और 1967 में एक ही चुनाव में सबसे ज्यादा- पांच- पांच, निर्विरोध सांसद चुने गए थे।

1952 के बाद से, जम्मू-कश्मीर में सबसे ज्यादा चार सांसद निर्विरोध चुने गए हैं। केवल आठ ऐसे राज्य हैं, जहां से बिना चुनाव लड़े एक से ज्यादा नेता संसद पहुंच हैं। ये राज्य हैं- आंध्र प्रदेश, असम, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश।

20 साल की उम्र में, कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सांसदों को बिना चुनाव लड़े जीतते हुए देखा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और समाजवादी पार्टी (SP) दो-दो के साथ दूसरे जगह पर हैं। सिर्फ एक निर्दलीय ने संसदीय चुनाव निर्विरोध जीता है। इस लिस्ट में दलाल पहले बीजेपी सांसद हैं।

केवल दो लोकसभा सीटों पर एक सांसद को एक से ज्यादा बार निर्विरोध चुना गया है, वो है सिक्किम और श्रीनगर। निर्विरोध चुने गए सांसदों में नासिक से पूर्व उप प्रधान मंत्री और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री वाई बी चव्हाण, जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और NC प्रमुख फारूक अब्दुल्ला श्रीनगर से; नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री और चार राज्यों के पूर्व राज्यपाल एस सी जमीर, ओडिशा के पहले सीएम हरेकृष्ण महताब अंगुल से और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी एम सईद लक्षद्वीप से और के एल राव आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से शामिल हैं।

1952 के पहले चुनाव में आनंद चंद निर्विरोध चुने जाने वाले पहले और एकमात्र निर्दलीय उम्मीदवार बने। चंद बिलासपुर के पिछले शासन के 44वें शासक थे, जिसकी उस समय अपनी लोकसभा सीट थी और अब यह हिमाचल प्रदेश का हिस्सा है।

तब कांग्रेस ने चंद के खिलाफ एक उम्मीदवार खड़ा किया था, बाद में उन्होंने कथित तौर पर पैसे की कमी के कारण और राजा के साथ मुकाबला करने से बचने के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया। कांग्रेस के आरोप लगाया था कि चंद ने उसके उम्मीदवार को रिश्वत दी थी। पार्टी ने निर्विरोध चुनाव को भी चुनौती दी, लेकिन एक जिला अदालत ने चंद के पक्ष में ही फैसला सुनाया था।

1962 में, ओडिशा के पहले सीएम हरेकृष्ण महताब राज्य के अंगुल संसदीय क्षेत्र से निर्विरोध चुने गए थे। उस समय उनके सामने एक भी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार नहीं था और ये काफी हैरानी की बात थी, क्योंकि उन्होंने ऐसी सीट से चुनाव लड़ा था, जहां गणतंत्र परिषद (GP) एक प्रमुख क्षेत्रीय पार्टी थी।

GP ने शुरू में एक उम्मीदवार के नाम का ऐलान किया था। हालांकि, उन्हें ऐसा लगा महताब के खिलाफ मुकाबला बहुत कड़ा होगा, इसलिए पार्टी के आखिरी उम्मीदवार ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया, जिससे महताब अकेले ही मैदान में रह गया।

उसी साल, मानवेंद्र शाह को टेहरी गढ़वाल सीट, जो अब उत्तराखंड में है, वहां से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में निर्विरोध चुना गया। शाह तत्कालीन गढ़वाल साम्राज्य के अंतिम शासक थे, जो 1949 में भारतीय संघ में शामिल होने के लिए विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली पहली रियासतों में से एक थी।

1957 से शुरू होकर, शाह ने रिकॉर्ड आठ बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया और 1971 में केवल एक बार हारे। शाह ने बाद में 1980 के दशक में आयरलैंड में भारतीय राजदूत के रूप में भी काम किया।

1967 में, न्गवांग लोबज़ैंग थुपस्तान चोग्नोर ने बतौर कांग्रेस उम्मीदवार लद्दाख सीट निर्विरोध जीती। चोग्नोर, जिन्हें 19वें कुशोक बकुला रिनपोछे के नाम से जाना जाता है, एक बौद्ध आध्यात्मिक नेता थे और उन्हें बुद्ध का अवतार भी माना जाता है। उन्होंने 1971 में फिर से लद्दाख जीता और बाद में 1990 से 2000 तक मंगोलिया में भारतीय राजदूत भी रहे।

1977 में सिक्किम और अरुणाचल पश्चिम सीटों पर निर्विरोध सांसद चुने गए। सिक्किम में छत्र बहादुर छेत्री के सामने सात प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार थे, लेकिन जांच के दौरान उन सभी के नामांकन पत्र अवैध माने गए। अरुणाचल पश्चिम में, रिनचिन खांडू ख्रीमे नामांकन दाखिल करने वाले अकेले उम्मीदवार थे।

1985 के उपचुनाव में निर्विरोध जीत के बाद सिक्किम ने एक और सांसद को लोकसभा में भेजा, जब दिल कुमारी भंडारी निचले सदन में राज्य की पहली महिला सांसद बनीं।

1989 में, कश्मीर घाटी में बढ़ते विद्रोह के बीच, इसकी तीन सीटों के लिए लोकसभा चुनाव में एक सांसद निर्विरोध चुना गया। जबकि बारामूला और अनंतनाग में केवल 5% मतदान हुआ, नेशनल कॉन्फ्रेंस के मोहम्मद शफी भट ने श्रीनगर से चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की। ये वो दौर था, जब सरकार बढ़ते उग्रवाद को देखते हुए बढ़े ही संघर्षों से ये चुनाव करा पाई थी।

दलाल से पहले समाजवादी पार्टी नेता डिंपल यादव निर्विरोध जीतने वाली सबसे हालिया सांसद थीं। 2012 में, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी की जीत के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अपनी कन्नौज लोकसभा सीट खाली करने के लिए मजबूर होना पड़ा और वो सीएम बन गए।

आगामी उपचुनाव में सपा ने उनकी पत्नी डिंपल को अपना उम्मीदवार बनाया। जहां कांग्रेस, BSP और राष्ट्रीय लोक दल (RLD) उपचुनाव से दूर रहे, तो वहीं बीजेपी, कई निर्दलीय और छोटी पार्टियों ने कन्नौज से चुनाव लड़ने में रुचि दिखाई।

बाद में बीजेपी और पीस पार्टी ने SP पर उनके उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने से रोकने का आरोप लगाया। हालांकि, SP ने कहा कि बीजेपी ने उसके उम्मीदवार को नाम वापस लेने के लिए कहा था।



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Exide Industries Dividend: शेयरधारकों को डिविडेंड का तोहफा, मार्च तिमाही में 36% बढ़ा मुनाफा

Exide Industries Dividend 2024: एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड अपने शेयरधारकों को डिविडेंड का तोहफा देने जा रही है। कंपनी वित्तीय वर्ष 2024 के लिए प्रत्येक स्टॉक पर 200 फीसदी के डिविडेंड का भुगतान करेगी। इसका मतलब है कि निवेशकों को हर शेयर पर 2 रुपये का डिविडेंड जारी किया जाएगा। इसके साथ ही कंपनी ने तिमाही नतीजों की घोषणा भी की है। इस खबर के बीच आज 30 अप्रैल को एक्साइड इंडस्ट्रीज के शेयरों में 3.68 फीसदी की तेजी देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 472.30 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। इस तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 40145 करोड़ रुपये हो गया है। बता दें कि आमतौर पर कंपनियां तिमाही नतीजों के साथ ही इनाम के रूप में डिविडेंड जारी करती है।

Exide Industries Dividend से जुड़ी डिटेल

एक्साइड इंडस्ट्रीज ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, "बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने आज हुई अपनी बैठक में 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए 1 रुपये के फुली पेडअप प्रत्येक इक्विटी शेयर पर 2 रुपये (यानी 200 फीसदी) के डिविडेंड की सिफारिश की है। यह कंपनी की आगामी 77वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में शेयरधारकों के अप्रुवल के अधीन है।" कंपनी ने आगे कहा कि डिविडेंड का भुगतान एजीएम के समापन के 30 दिनों के भीतर किया जाएगा।

एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने 21 जून 2002 से 34 बार डिविडेंड घोषित किए हैं। पिछले 12 महीनों में कंपनी ने प्रति शेयर ₹2 का इक्विटी डिविडेंड घोषित किया है। वर्तमान शेयर प्राइस पर एक्साइड इंडस्ट्रीज लिमिटेड की डिविडेंड यील्ड 0.42% है।

कैसे रहे Exide Industries के तिमाही नतीजे

स्टोरेज बैटरी बनाने वाली कंपनी एक्साइड इंडस्ट्रीज का नेट प्रॉफिट जनवरी-मार्च तिमाही में सालाना आधार पर 36.5 फीसदी बढ़कर ₹284 करोड़ हो गया। कंपनी ने पिछले साल की समान तिमाही में ₹208 करोड़ का नेट प्रॉफिट कमाया था। एक्साइड का रेवेन्यू चौथी तिमाही में 13.2 फीसदी बढ़कर ₹4,009.4 करोड़ हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह ₹3,543 करोड़ था।

कंपनी का EBITDA सालाना आधार पर 41 फीसदी बढ़कर ₹516.4 करोड़ हो गया, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह ₹366.6 करोड़ था। सालाना आधार पर एक्साइड का मार्जिन 10.3 फीसदी के मुकाबले 12.8 फीसदी पर आ गया।



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Monday, April 29, 2024

APL Apollo Tubes के स्टॉक में दिख सकता है 25% का उछाल, SMC ने बताया ये टारगेट

शेयर मार्केट में कई ऐसे स्टॉक मौजूद हैं, जिनमें काफी तेजी देखने को मिल रही है। वहीं शेयर मार्केट भी अपने ऑल टाइम हाई के करीब बना हुआ है। इस बीच बाजार में Apl Apollo Tubes Ltd के स्टॉक्स में भी पिछले एक साल से तेजी देखने को मिली है। हालांकि पिछले 6 महीने में शेयर ने अपने निवेशकों को निगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं अब ब्रोकरेज हाउस Apl Apollo Tubes Ltd पर बुलिश बना हुआ है। SMC Global Securities ने Apl Apollo Tubes पर BUY रेटिंग दी है। साथ ही इसका टारगेट प्राइज भी सुझाया है।

शेयर प्राइज

Apl Apollo Tubes Ltd एनएसई पर 29 अप्रैल को 3.75 रुपये (0.24%) की गिरावट के साथ 1550.70 रुपये के भाव पर बंद हुआ। इसके साथ ही शेयर में पिछले एक महीने में 3% से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है। हालांकि पिछले 6 महीने में शेयर में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है और स्टॉक की तरफ से 3% से ज्यादा का निगेटिव रिटर्न दिया गया है।

शेयर का रिटर्न

वहीं पिछले एक साल का रिटर्न देखा जाए तो स्टॉक ने अपने निवेशकों को पिछले एक साल में 29% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। वहीं इसका एनएसई पर 52 वीक हाई 1800 रुपये है और इसका 52 वीक लो प्राइज 1047 रुपये है।

SMC की राय

वहीं अब एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के मुताबिक शेयर में आने वाले 8-10 महीने में 25% का अपसाइड देखने को मिल सकता है। बिजनेस अपडेट के अनुसार, एपीएल अपोलो ट्यूब्स ने Q4FY24 में 6,78,556 टन की सेल्स दर्ज की, जो कंपनी द्वारा रिपोर्ट की गई सबसे अधिक तिमाही सेल्स है। FY24 के लिए कंपनी ने 26,18,477 टन की सेल्स दर्ज की, जो कि सालाना आधार पर 15% की वृद्धि है। इसे नए चालू हुए नए रायपुर और दुबई प्लांट्स के जरिए समर्थन दिया गया। मैनेजमेंट को उम्मीद है कि आम चुनाव के बाद देश में निर्माण आधारित मांग में विस्तार से एपीएल अपोलो की सेल्स में और बढ़ोतरी होगी।

टारगेट

एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज का कहना है कि कंपनी नए प्रॉडक्ट लॉन्च और निर्यात बिक्री बढ़ाकर वित्त वर्ष 26 तक अपनी बिक्री मात्रा को 5 मिलियन टन तक बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसके रायपुर और दुबई प्लांट कंपनी के भविष्य के विकास को गति देंगे। इसके साथ ही यह उम्मीद की जाती है कि स्टॉक को 12x के लक्ष्य P/BV और 161.22 के वित्तीय वर्ष 25 BVPS पर 8 से 10 महीने की समय सीमा में 1935 रुपये का टारगेट हासिल हो सकता है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दी गई राय एक्सपर्ट की निजी राय होती है। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



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Sunday, April 28, 2024

UP Lok Sabha Election: हाथरस के हींग बाजार की बदहाली व्यापारियों के बीच बड़ा मुद्दा

हाथरस के प्रसिद्ध हींग बाजार में पहुंचने से पहले ही मसालों की तेज महक यहां आने वालों का स्वागत करती है, लेकिन बाजार में घुसते ही दिखते हैं यहां की सड़कों के गड्ढे, जगह-जगह पड़ा मलबा, भीड़-भाड़ वाली गलियां और जर्जर मकान। स्थानीय व्यापारियों और निवासियों का कहना है कि ये हालात सरकार की ‘उपेक्षा’ का जीता जागता सबूत है और ये उनके लिए प्रमुख मुद्दों में से एक है। हाथरस हींग को 2023 में प्रतिष्ठित ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (GI) हासलि हुआ था। व्यापारियों का कहना है कि इससे बाजार के हालात में कोई ज्यादा सुधार नहीं हुआ।

न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, हींग व्यापारी रोहित उपाध्याय ने कहा, "हमारे नेताओं को खोखली बयानबाजी के बजाय हमारे हालातों में सुधार लाने पर ध्यान देना चाहिए।"

GST ने हमारे कारोबार को तबाह कर दिया: व्यापारी

दुकानदार प्रीतीश जिंदल ने कहा, "हम स्थानीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और इसके बावजूद हम सबसे ज्यादा टैक्स के बोझ तले दबे हुए हैं। बदले में इंफ्रास्ट्रक्चर या सहायता के नाम पर कुछ खास नहीं मिला है।"

हींग व्यापारी ललित वाष्णेय ने कहा, "यह दुनिया का सबसे बड़ा हींग बाजार है। यहां ईरान और इराक से लाई गई हींग की प्रोसेसिंग की जाती है और इस काम के लिए यह बाजार दुनिया भर में मशहूर है। इसके बावजूद जब महंगाई, बेरोजगारी और बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख मुद्दों की बात आती है, तो हम खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। GST ने हमारे कारोबार को तबाह कर दिया है।"

GST से घट रहा है हमारा मुनाफा: व्यापारी

व्यापारी रमेश गुप्ता ने कहा, "GST की बढ़ती दरों के कारण हमारा कारोबार खत्म होता जा रहा है। मुनाफा घट रहा है, जिससे हमारी आजीविका को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है।"

हाथरस के हींग बाजार (Hathras Hing Market) संघ के अनुसार 100 रुपए प्रति किलोग्राम से लेकर 35,000 रुपए प्रति किलोग्राम तक 90 प्रतिशत हींग अफगानिस्तान से मंगाई जाती है, आठ प्रतिशत उज्बेकिस्तान से और दो प्रतिशत ईरान से।

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के तीसरे चरण के तहत हाथरस में सात मई को मतदान होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस निर्वाचन क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और समाजवादी पार्टी (SP) के बीच सीधी टक्कर है।

इस सीट से BJP ने राज्य मंत्री अनूप प्रधान वाल्मीकि को मैदान में उतारा है और सपा ने जसवीर वाल्मीकि को टिकट दिया है।



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Saturday, April 27, 2024

क्या आपका पैन कार्ड ऑपरेटिव नहीं है? ऐसे लोगों को मिली इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से राहत

हाल में कई टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिला है। नोटिस में अतिरिक्त टैक्स जमा करने के लिए कहा गया है, क्योंकि कई लोगों के पैन कार्ड ऑपरेटिव (चालू) नहीं रह गए हैं। हालांकि, ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए अच्छी खबर है।

कोई पैन कार्ड कब ऑपरेटिव नहीं रह जाता है?

अगर किसी शख्स (छूट वाली कैटेगरी को छोड़कर) ने 30 जून 2023 से पहले अपने पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक नहीं किया है, तो यह 1 जुलाई 2023 से ऑपरेटिव नहीं रहेगा।

अगर आपका पैन कार्ड काम नहीं करता है, तो क्या होगा?

अगर आपका पैन लिंक नहीं किया गया है, तो:

- आपको कोई इनकम टैक्स रिफंड नहीं मिलेगा।

-अगर आपका पैन ऑपरेटिव नहीं हैं, तो 1 जुलाई 2023 के बाद भुगतान किए गए इनकम टैक्स रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा।

-TDS दर ज्यादा होगी।

-टैक्स कलेक्शन (TCS) दर भी ज्यादा होगी।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से राहत

फाइनेंस मिनिस्ट्री ने 23 अप्रैल 2024 को सर्कुलर नंबर 6 जारी कर कहा है कि अगर पैन 31 मई 2024 से पहले फिर से ऑपरेटिव (आधार कार्ड से लिंक करना) हो जाता है, इनऑपरेटिव पैनहोल्डर्स के 31 मार्च 2024 तक के ट्रांजैक्शंस के लिए अतिरिक्त टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा।

हालांकि, अगर पैन कार्ड 31 मई तक भी ऑपरेटिव नहीं होगा, तो 31 मार्च 2024 के ट्रांजैक्शंस पर ज्यादा टैक्स लगेगा और टैक्स काटने वालों के पास ब्याज के साथ टैक्स काटने का अधिकार होगा।

अगर किसी भी ट्रांजैक्शन पर आपको टैक्स काटने की जरूरत है, तो यह सुनिश्चित करें कि दूसरे शख्स ने पैन कार्ड को आधार से लिंक कर रखा है ताकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अतिरिक्त टैक्स या ब्याज के भुगतान से बचा जा सके।



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DCB Bank पर ब्रोकरेज ने दी BUY रेटिंग, इतना है टारगेट, शेयर 5 दिन में 13% चढ़ा

देश में कई बैंक मौजूद हैं, इनमें से कई स्टॉक मार्केट में भी लिस्ट हैं। वहीं शेयर बाजार में लिस्ट कई शेयर में पिछले कुछ वक्त से तेजी भी देखने को मिली है। इसमें डीसीबी बैंक भी शामिल है। पिछले एक साल में डीसीबी बैंक की ओर से अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न उपलब्ध करवाया गया है। वहीं अब ब्रोकरेज हाउस भी डीसीबी बैंक पर बुलिश बना हुआ है। इसके साथ ही ब्रोकरेज हाउस की ओर से डीसीबी बैंक पर BUY रेटिंग दी गई है।

शेयर में तेजी

26 अप्रैल 2024 को डीसीबी बैंक में 2.35 रुपये (1.73%) की तेजी देखने को मिली। इसके साथ ही शेयर का दाम एनएसई पर 138.40 रुपये के भाव पर बंद हुआ। वहीं पिछले पांच दिन में शेयर में तेजी देखी गई है और 5 दिन में ही शेयर ने 13% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। इसके साथ ही एक महीने में शेयर की ओर से करीब 16% का रिटर्न दिया गया है।

इतना दिया रिटर्न

वहीं पिछले 6 महीने में शेयर ने अपने निवेशकों को 18% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। वहीं पिछले 1 साल में शेयर की ओर से अपने निवेशकों को 30% से ज्यादा का रिटर्न उपलब्ध करवाया गया है। शेयर का 52 वीक हाई एनएसई पर 163.45 रुपये रहा है और इसका 52 वीक लो प्राइज 101.95 रुपये रहा है।

तिमाही नतीजे

चौथी तिमाही के दौरान डीसीबी बैंक की नेट इंटरेस्ट इनकम पिछले साल से 4.4% बढ़कर 507.5 करोड़ रुपये हो गई। यह आंकड़ा मोतीलाल ओसवाल के 488.5 करोड़ रुपये के अनुमान से अधिक था। नेट प्रॉफिट भी पिछले साल से 9.5% बढ़कर 155.6 करोड़ रुपये हो गया। तिमाही के लिए अन्य इनकम पिछले वर्ष से 11.3% बढ़कर 136.2 करोड़ रुपये हो गई।

बुलिश है ब्रोकरेज

इस बीच Prabhudas Lilladher बैंक पर बुलिश बना हुआ है। ब्रोकरेज का कहना है कि डीसीबी ने सभी मोर्चों पर मजबूत तिमाही परिणाम दिखाए हैं। बेहतर एनआईआई और फीस के कारण कोर पीपीओपी पीएलई से 12.8% अधिक था, जबकि स्लिपेज में कमी के कारण जीएनपीए भी 20बीपीएस क्यूओक्यू से घटकर 3.2% हो गया। फीस इनकम प्रोफाइल में भी FY24 में साल-दर-साल सुधार हुआ है, 3-4 वर्षों में बैलेंस शीट को दोगुना करने का मार्गदर्शन बनाए रखा गया है। इसके साथ ही ब्रोकरेज की ओर से स्टॉक पर 180 रुपये का टारगेट दिया गया है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दी गई राय एक्सपर्ट की निजी राय होती है। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



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Mamata Banerjee Injured: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फिर हुईं चोटिल, हेलीकॉप्टर में चढ़ते वक्त संतुलन बिगड़ने से गिरीं

Mamata Banerjee Injured: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार 27 अप्रैल को एक हेलीकॉप्टर में चढ़ते वक्त फिसलकर गिर पड़ीं और चोटिल हो गईं। यह घटना पश्चिम बर्धमान जिले के दुर्गापुर में हुई, जब वह एक चुनावी रैली के लिए आसनसोल जा रही थीं। हेलीकॉप्टर में चढ़ते वक्त मुख्यमंत्री का संतुलन बिगड़ गया और वह गिर पड़ीं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, उनके सिर पर मामूली चोट लगी है। हालांकि इसके बावजूद उन्होंने आसनसोल की अपनी आगे की यात्रा जारी रखी। ममता बनर्जी इस घटना के बाद कुल्टी पहुंची और उन्होंने आसनसोल से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार शत्रुघ्न सिन्हा के समर्थन में एक रैली को संबोधित किया।

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने ममता के साथ मौजूद एक सीनियर अधिकारी के हवाले से बताया, "मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर में बैठते वक्त संतुलन बिगड़ गया जिससे वह गिर गयीं। वह ठीक हैं।" इस घटना का न्यूज एजेंसी ANI ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि ममता बनर्जी हेलीकॉप्टर पर चढ़ने के दौरान सीट लेते समय फिसलकर गिर गईं।

इस वीडियो को आप नीचे देख सकते हैं-

पश्चिम बंगाल में 7 चरणों में मतदान

बता दें कि पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में मतदान हो रहा है। बीते 26 अप्रैल को दूसरे चरण के मतदान के दौरान राज्य की 3 लोकसभा सीटों पर मतदान हुए। इसमें दार्जिलिंग, बालुरघाट और रायगंज शामिल है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में इन तीनों सीट पर जीत हासिल की थी। सुकांत मजूमदार बालुरघाट सीट से विजयी रहे थे, वहीं राजू बिस्ता ने दार्जिलिंग सीट से जीत हासिल की थी। इस बार भी बीजेपी ने दोनों सांसदों को इसी सीट से चुनाव मैदान में उतारा है।

वहीं रायगंज सीट से पिछले चुनाव में सांसद रहे देबाश्री चौधरी को बीजेपी ने इस बार कोलकाता दक्षिण सीट से टिकट दिया है। वहीं उनकी जगह इस बार कार्तिक पॉल को रायगंत से उम्मीदवार बनाया गया है।

बालुरघाट लोकसभा सीट पर मजूमदार का मुकाबला तृणमूल कांग्रेस (TMC) के दिग्गज नेता और मंत्री बिप्लब मित्रा से है। जबकि दार्जिलिंग में बिस्ता का मुकाबला टीएमसी के गोपाल लामा और कांग्रेस के मुनीश तमांग से है। इससे पहले, 19 अप्रैल को हुए फर्स्ट फेज के मतदान में राज्य की 3 सीटों- जलपाईगुड़ी, कूच बिहार और अलीपुरदुआर पर वोट डाले गए।

यह भी पढ़ें- BJP Google Ads: बीजेपी ने मई 2018 से अब तक गूगल पर दिए ₹103 करोड़ के विज्ञापन, वीडियो पर खर्च की 68.2% राशि



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Friday, April 26, 2024

Go First case: गो फर्स्ट को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, DGCA को सभी 54 एयरक्राफ्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का निर्देश

Go First case: दिल्ली हाईकोर्ट से दिवालिया हो चुकी एयरलाइन गो फर्स्ट को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने सभी 54 विमानों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने का आदेश दिया है। अदालत ने एविएशन रेगुलेटर डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को अगले 5 वर्किंग डे में गो फर्स्ट द्वारा लीज पर लिए गए एयरक्राफ्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कहा है। न्यायमूर्ति तारा वितास्ता गंजू की सिंगल-जज बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लेसर्स के 54 एयरक्राफ्ट का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए डिटेल्ड निर्देश पारित किए गए हैं।

हाईकोर्ट ने कहा कि DGCA तुरंत और अगले 5 वर्किंग डे के भीतर एयरक्राफ्ट के लिए डी-रजिस्ट्रेशन के आवेदन पर कार्रवाई करेगा। अदालत ने कहा कि यह आदेश सभी 54 विमानों पर लागू होता है। कोर्ट ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (RP) के आदेश के संचालन को एक सप्ताह के लिए स्थगित रखने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया ताकि वे अदालत की डिवीजन बेंच के समक्ष अपील दायर कर सकें। नतीजतन अगर आरपी ने इस आदेश पर रोक नहीं लगाई तो एयरलाइन को अपने सभी 54 एयरक्राफ्ट को खोना पड़ सकता है।

अदालत ने कहा कि एयरक्राफ्ट के सभी "मेंटेनेंस से जुड़े कार्य" याचिकाकर्ता लेसर्स और ऑथराइज्ड रिप्रेजेंटेटिव द्वारा एयरक्राफ्ट रूल्स के तहत "जब तक एयरक्राफ्ट को डी-रजिस्टर और निर्यात नहीं किया जाता है" तक किया जाएगा। दिल्‍ली हाईकोर्ट में गो फर्स्ट के एयरक्राफ्ट लेसर्स ने याचिका दाखिल की थी कि उनके विमानों के रजिस्‍ट्रेशन को रद्द किया जाए। इस संबंध में दिल्‍ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले लेसर्स में पेमब्रोक एविएशन, एक्सीपिटर इन्वेस्टमेंट्स एयरक्राफ्ट 2, ईओएस एविएशन और एसएमबीसी एविएशन समेत कई शामिल थे।



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सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील आर्यमा सुंदरम ने कहा-इनहेरिटेंस टैक्स से काला धन बढ़ेगा

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील आर्यमा सुंदरम का मानना है कि इंडिया में फिर से इनहेरिटेंस टैक्स लगाने से ब्लैक मनी बढ़ेगी। इससे लोग अपनी इनकम और नेटवर्थ बताने से बचेंगे। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने इस मसले पर कई अहम बातें बताईं। हाल में कांग्रेस के सीनियर नेता सैम पित्रोदा के एक बयान से इनहेरिटेंस का मसला सुर्खियों में आ गया है। उन्होंने इनहेरिटेंस टैक्स की वकालत की थी। पित्रोदा अमेरिका में रहते हैं, जहां के कुछ राज्यों में इनहेरिटेंस टैक्स लागू है।

इंडिया में इनहेरिटेंस टैक्स 1985 में खत्म हुआ था

आर्यमा सुंदरम (Aryama Sundaram) ने कहा, "इंडिया में टैक्स के रेट्स ज्यादा हैं। एक समय इंडिया में एस्टेट ड्यूटी (Estate Duty) बहुत ज्यादा थी। इसने कई परिवारों को बर्बाद कर दिया। इसे खत्म करना अच्छा कदम था। लोग अब अपनी संपत्ति बताने में संकोच नहीं करते हैं। जब इंडिया में यह टैक्स तब लोग अपनी संपत्ति बताना नहीं चाहते थे।" उन्होंने कहा कि जब यह टैक्स लागू था तब लोग बैंकों में रखने की जगह गद्दों के नीचे पैसे छुपाकर रखते थे। इसकी वजह यह थी कि वे इसे अगले पीढ़ी को देना चाहते थे। उन्हें डर था कि सरकार उनकी सपंत्ति ले लेगी।

इंडिया में इनहेरिटेंस टैक्स की जरूरत नहीं

उन्होंने कहा कि हम स्कैंडिनेवियाई देश की तरह नहीं हैं जहां टैक्स के रेट्स ज्यादा हैं, लेकिन सरकार आपको जरूरत की हर चीज देती है। इनमें एजुकेशन, बिजली और हेल्थकेयर शामिल हैं। यहां (इंडिया) आप टैक्स चुकाते हैं और बदले में आपको कुछ नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि इंडिया में लोग सरकार को टैक्स चुका रहे हैं। इसलिए उन्हें अपनी कमाई का एक हिस्सा अपने और अपने परिवार के लिए रखने का हक है। अगर सरकार इनहेरिटेंस लगाती है और बदले में कुछ नहीं देती है तो लोग अपनी इनकम बताना नहीं चाहेंगे। सीनियर वकील ने कहा, "मैं पूरी तरह से इनहेरिटेंस टैक्स के खिलाफ हूं। इसकी वजह यह है कि इंडिया में जो सामाजिकआर्थिक स्थिति है उसे देखते हुए यह (इनहेरिटेंस टैक्स) ठीक नहीं है।"

यह भी पढ़ें: इनहेरिटेंस टैक्स क्या है, सैम पित्रोदा ने आखिर क्या कह दिया कि इतना हंगामा मच गया?

राजीव गांधी ने पीएम बनने के बाद हटाया था यह टैक्स

इंडिया में 1953 से 1985 के बीच इनहेरिटेंस टैक्स लागू था। राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने के एक साल बाद इसे हटा दिया गया। जब इस टैक्स को हटाया गया तब वीपी सिंह वित्त मंत्री थे। 1985 के अपने बजट भाषण में सिंह ने कहा था कि इस टैक्स को हटाने के फैसले के पक्ष में कहा था कि जब व्य्कति जीवित है तो एक टैक्स (वेल्थ टैक्स) और मौत के बाद दूसरा टैक्स (Estate Duty) लगाना टैक्सपेयर्स को परेशान करने जैसा है। सिंह ने यह भी कहा था कि एस्टेट ड्यूटी का मकसद पूरा नहीं हुआ है। इसका मकसद संपत्ति के असमान वितरण को दूर करना था और सरकार को डेवलपमेंट स्कीमों पर खर्च के लिए पैसे उपलब्ध कराना था।



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Thursday, April 25, 2024

Market outlook : अप्रैल एक्सपायरी के दिन बाजार में रही तेजी, जानिए 26 अप्रैल को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Stock Market : अप्रैल एक्सपायरी के दिन बाजार में आज जोश देखने को मिला है। 25 अप्रैल को बाजार ने तेजी का पंच लगाया है। सेंसेक्स, निफ्टी लगातार 5वें दिन बढ़त पर बंद हुए हैं। आज मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी खरीदारी रही। फार्मा , PSE औरऑटो शेयरों में खरीदारी देखने को मिली। वहीं, मेटल और एनर्जी इंडेक्स भी बढ़त पर बंद हुए। FMCG और इंफ्रा शेयरों में भी खरीदारी रही। पीएसयू बैंक इंडेक्स लगभग 4 फीसदी बढ़ा है। हालांकि कंज्यूमर ड्यूरेबल इंडेक्स गिरावट पर बंद हुए हैं। सेंसेक्स आज 487 अंक चढ़कर 74,339 पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 168 अंक चढ़कर 22,570 पर बंद हुआ है। बैंक निफ्टी 306 अंक चढ़कर 48,495 पर बंद हुआ है। जबकि मिडकैप 237 अंक चढ़कर 50,229 पर बंद हुआ है।

आज सेंसेक्स के 30 में से 23 शेयरों में खरीदारी देखने को मिली। वहीं, निफ्टी के 50 में से 40 शेयरों में खरीदारी रही। बैंक निफ्टी के 12 में से 9 शेयरों में खरीदारी रही। जबकि रुपया बिना बदलाव के 83.32 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ। निफ्टी पर सबसे ज्यादा बढ़ने वाले शेयरों में एक्सिस बैंक, एसबीआई, डॉ. रेड्डीज लैब्स, जेएसडब्ल्यू स्टील और नेस्ले इंडिया शामिल हैं। जबकि सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, एलटीआईमाइंडट्री, एचयूएल, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और टाइटन कंपनी शामिल हैं।

26 अप्रैल को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

शेयरखान के जतिन गेडिया का कहना है कि निफ्टी में आज उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिला। ऑवरली मोमेंटम इंडीकेटर ने एक पॉजिटिव क्रॉसओवर शुरू कर दिया है जो एक बॉय सिगनल है। अगले कुछ कारोबारी सत्रों में हमें बाजार में बढ़त जारी रहने की उम्मीद है। ऊपर की ओर अगला तत्काल रजिस्टेंस 22776 पर दिख रहा है। लॉन्ग पोजीशन के लिए स्टॉप-लॉस 22430 के स्तर पर होना चाहिए जो 20-ऑवर मूविंग एवरेज है।

जहां तक बैंक निफ्टी का सवाल है तो आज बैंक निफ्टी में एक स्मार्ट रिकवरी देखी गई। लगभग 400 अंक नीचे खुलने के बाद अंत में 300 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ। उम्मीद है कि आगे भी ये तेजी जारी रहेगी। किसी मामूली गिरावट को खरीदारी के अवसर के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। ऊपर की तरफ इसके लिए पहला रजिस्टेंस 49000 पर दिख रहा है। लॉन्ग पोजीशन में 48200 के ट्रेलिंग स्टॉपलॉस के साथ बने रहें जो कि 20 ऑवर मूविंग एवरेज है।

Voda-Idea FPO: कंपनी ने जीती जिंदगी जीने की लड़ाई या आगे होगी मोटी कमाई!

प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि बुलिश इंगल्फिंग कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ, निफ्टी ने 22,430-22,500 के बियरिश गैप जोन को भर दिया है और 22,750 के अपने पिछले हाई की ओर बढ़ने के लिए तैयार है। अब निफ्टी का सपोर्ट ऊपर की ओर 22,450 पर शिफ्ट हो गया है।

 

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Wednesday, April 24, 2024

Market outlook: हल्की बढ़त के साथ बंद हुआ बाजार, जानिए 25 अप्रैल को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Stock market : भारत के सेंसेक्स और निफ्टी इंडेक्स सुबह की बढ़त के बाद बाद में सपाट हो गए। वहीं, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्सों में बढ़त जारी रही। बाजार में आज लगातार चौथे दिन तेजी देखने को मिली है। सेंसेक्स 114.49 अंक या 0.16 फीसदी की बढ़त के साथ 73,852.94 पर और निफ्टी 34.40 अंक या 0.15 फीसदी की तेजी लेकर 22,402.40 पर बंद हुआ है। आज लगभग 2,184 शेयर बढ़े है। 1,458 शेयर गिरे हैं और 134 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। आज सेंसेक्स के 30 में से 17 शेयरों में खरीदारी रही।

आज बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.92 फीसदी बढ़कर 40957 अंक पर बंद हुआ है। जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स 0.8 फीसदी बढ़कर 46858.60 अंक पर बंद हुआ। आज जेएसडब्ल्यू स्टील 4 फीसदी, टाटा स्टील 2.9 फीसदी और पावर ग्रिड 1.8 फीसदी चढ़ा है। दूसरी तरफ टीसीएस 1.1 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ है। इसके बाद टेक महिंद्रा में 1 फीसदी और मारुति सुजुकी इंडिया में 0.7 फीसदी की गिरावट देखने को मिली।

25 अप्रैल को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

बाजार जानकार अब मौद्रिक नीतियों के बारे में अंदाजा लगाने के लिए मंहगाई के आंकड़ों सहित दूसरे अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर फोकस कर रहे हैं। एक्सिस सिक्योरिटीज के राजेश पालवीय का कहना है कि नतीजों के मौसम के दौरान उठापटक के कारण लार्ज-कैप में एक्पायरी तक अस्थिरता बनी रहने की उम्मीद है। निवेशक संभावित दिशा का अंदाजा लगाने के लिए कंपनियों के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। इससे लार्ज-कैप सेगमेंट में अस्थिरता बढ़ गई है। मई सीरीज में लार्ज-कैप की भागीदारी बढ़ सकती है। स्मॉल-कैप और मिड-कैप में आई रैली इनमें निवेशकों के विश्वास और शॉर्ट टर्म में इनके अच्छे आउटलुक का संकेत दे रही है।

Share Market में लगातार चौथे दिन हरियाली, Sensex 114 अंक उछला, निवेशकों की ₹1.78 लाख करोड़ बढ़ गई संपत्ति

रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि हालिया उछाल के बाद बाजार ने राहत की सांस ली और मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। शुरुआती तेजी के बाद निफ्टी एक सीमित दायरे में घूमता रहा और अंत में 22,402 पर बंद हुआ।

अब हमें निफ्टी में 22,300-22,500 के रेंज के भीतर और कंसोलीडेशन देखने को मिल सकता है। हालांकि अप्रैल डेरीवेटिव अनुबंधों की एक्सपायरी के कारण वोलैटीलिटी ज्यादा रह सकती है। ट्रेडरों को उन सेक्टर/थीम पर अपना फोकस रखना चाहिए जो मेटल, ऑटो और डिफेंस जैसे ट्रेंड में मजबूती दिखा रहे हैं और उन्हें गिरावट पर जमा करना चाहिए।

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Tuesday, April 23, 2024

Nifty Next 50 इंडेक्स पर F&O कॉन्ट्रैक्ट्स की ट्रेडिंग में 6 महीनों तक नहीं लगेगा ट्रांजैक्शन चार्ज

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 23 अप्रैल को बताया कि निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स पर फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स की ट्रेडिंग में अगले 6 महीनों तक ट्रांजैक्शन चार्ज नहीं लगेगा। NSE के मुताबिक, 24 अप्रैल 2024 से 31 अक्टूबर 2024 तक इन सौदों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। NSE ने 24 अप्रैल 2024 से निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स (Nifty Next 50 Index) पर फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स में ट्रे़डिंग शुरू करने का ऐलान किया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने 23 अप्रैल को जारी सर्कुलर में कहा गया है, 'निफ्टी-नेक्स्ट 50 इंडेक्स पर फ्यूचर एंड ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स में ट्रेडर्स की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए यह तय किया गया है कि इसमें 24 अप्रैल 2024 (प्रोडक्ट लॉन्च की तारीख) से कोई शुल्क नहीं लगेगा। निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स में बड़े और लिक्विड स्टॉक्स शामिल हैं।' निफ्टी-नेक्स्ट 50 इंडेक्स में निफ्टी 100 की 50 कंपनियां शामिल हैं। हालांकि, इसमें निफ्टी 50 की कंपनियां नहीं हैं। इस इंडेक्स को आम तौर पर जूनियर निफ्टी भी कहा जाता है।

मार्च 2024 के मुताबिक, इंडेक्स में फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर की टॉप कंपनियों की भागीदारी थी और इन कंपनियों का वेट 23.76 पर्सेंट था। इसके बाद कैपिटल गु्डस सेक्टर (11.91 पर्सेंट) और कंज्यूमर सर्विसेज (11.57 पर्सेंट) का नंबर है। इस इंडेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1997 को हुई थी। इंडेक्स का मार्केट कैपिटल 70 लाख करोड़ रुपये है, जो 29 मार्च 2024 के मुताबिक NSE पर लिस्टेड शेयरों के मार्केट कैपिटल का 18 पर्सेंट है। वित्त वर्ष 2024 में इंडेक्स में औसत टर्नओवर 9,560 करोड़ रुपये रहा, जो कैश मार्केट टर्नओवर का 12 पर्सेंट है।



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Monday, April 22, 2024

Market outlook : बाजार में लगातार दूसरे दिन रही तेजी, जानिए 23 अप्रैल को कैसी रह सकती है इसकी चाल

Stock market : भारतीय बेंचमार्क सेंसेक्स-निफ्टी इंडेक्स में 22 अप्रैल को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में तेजी देखने को मिली। निफ्टी 22300 से ऊपर बंद हुआ है। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 560.29 अंक या 0.77 फीसदी ऊपर 73,648.62 पर और निफ्टी 189.40 अंक या 0.86 फीसदी ऊपर 22,336.40 पर बंद हुआ है। आज लगभग 2465 शेयर बढ़े, 1148 शेयर गिरे और 134 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। निफ्टी पर टॉप गेनर्स में बीपीसीएल, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, आयशर मोटर्स, एलएंडटी और श्रीराम फाइनेंस शामिल हैं। जबकि एनटीपीसी, एचडीएफसी बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, इंडसइंड बैंक और टाटा स्टील निफ्टी के टॉप लूजर रहे हैं।

ऑटो, पीएसयू बैंक, कैपिटल गुड्स, ऑयल एंड गैस, एफएमसीजी, हेल्थकेयर और रियल्टी इंडेक्स में 1-3 फीसदी की बढ़त के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे रंग में बंद हुए हैं। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 1 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।

23 अप्रैल को कैसी रह सकती है बाजार की चाल

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वी के विजयकुमार का मानना है कि बाजार पर अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़त से दबाव है जो 4.6 फीसदी के आसपास बनी हुई है। उन्होंने कहा कि इससे विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा और बिकवाली शुरू हो सकती है।

एंजेल वन के समीत चव्हाण ने कहा कि अनिश्चितता के इस माहौल में, 22,000 अंक पर निफ्टी के लिए एक बड़ा सपोर्ट नजर आ रहा है। वहीं, ऊपर की तरफ निफ्टी के लिए 22,300 पर पहला रजिस्टेंस दिख रहा है। 22,430-22,500 से ऊपर जा कर मजबूती दिखाने पर निफ्टी में नई तेजी की शुरुआत हो सकती है।

मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे-जैसे कॉरपोरेट नतीजों का मौसम आगे बढ़ेगा, स्टॉक स्पेसिफिक एक्शन देखने को मिलेगा। ऐसे में जब तक कि अनिश्चितता पूरी तरह से दूर न हो जाए अच्छी क्वालिटी वाले स्टॉक जमा करने की सलाह मिल रही है।

ग्लोबल फ्रंट पर निवेशक दर में कटौती के रुख को समझने के लिए 26 अप्रैल को फेडरल रिजर्व के पसंदीदा मुद्रास्फीति डेटा प्वाइंट व्यक्तिगत उपभोग व्यय पर नजर रखेंगे।

एलकेपी सिक्योरिटीज के रूपक डे का कहना है कि निफ्टी 22,600-22,700 की ओर बढ़ सकता है। निफ्टी में लगातार दूसरे सत्र में बढ़त के चलते बाजार पर तेजड़ियों का दबदबा कायम रहा। एक अहम शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज को फिर से हासिल करने के बाद बाजार का रुझान पॉजिटिव हो गया है। जब तक निफ्टी 22150 से ऊपर रहेगा तब तक तेजी की उम्मीद बनी रहेगी है। ऊपर की ओर निफ्टी 22,600-22,700 की ओर बढ़ सकता है। वहीं, दूसरी तरफ 22,150 से नीचे की गिरावट निफ्टी में और गिरावट ला सकती है।

Buzzing stocks : वोल्टास में 7% की तेजी, 20% के लोअर सर्किट पर GSPL,स्टॉक को ये क्या हुआ!

शेयरखान के तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक जतिन गेडिया का कहना है कि बैंक निफ्टी 48470-48500 की ओर बढ़ सकता है। उन्होंने कहा निफ्टी आज गैप-अप खुला और दिन के अधिकांश भाग में कंसोलीडेट हुआ। देर से आई तेजी के बाद निफ्टी लगातार दूसरे दिन शानदार बढ़त के साथ बंद हुआ। दैनिक चार्ट पर निफ्टी में फॉलो-थ्रू खरीदारी देखने को मिली और यह 22315 - 22198 की रेंज में स्थित 20 और 40 डे मूविंग एवरेज से ऊपर बंद होने में भी कामयाब रहा है। यह लेबल अब निफ्टी के लिए सपोर्ट के रूप में काम करेगा। उम्मीद है कि निफ्टी 22562 तक अपनी बढ़त जारी रखेगा जो 22776 से 21777 तक की गिरावट का 78.6 फीसदी फाइबोनैचि रिट्रेसमेंट स्तर है।

जहां तक बैंक निफ्टी का सवाल है तो इसकी तेजी 48470-48500 तक जारी रहने की संभावना है, जो 15 अप्रैल को बने गैप एरिया से मेल खाता है। मोमेंटम सेटअप से तेजी जारी रहने के संकेत मिल रहे हैं। नीचे की तरफ बैंक निफ्टी के लिए 47700 - 47620 पर बड़ा सपोर्ट दिख रहा है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

 



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Sunday, April 21, 2024

Lok Sabha Elections 2024: अलीगढ़ पर 2014 से BJP का है कब्जा, क्या इस बार सपा मारेगी बाजी? जानें जिले का सियासी गणित

UP Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी अभियान में जोर-शोर से मिशन 2024 में जुट गई हैं। इस बार के लोकसभा चुनावों में 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका होगी। आज हम बात कर रहे हैं अलीगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Aligarh Lok Sabha Constituency) की। यह जिला उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। ताला और तालीम के शहर अलीगढ़ को एजुकेशन, कारोबार और राजनीति का संगम भी कहा जाता है।

अलीगढ़ अपने मजबूत तालों के लिए देश-विदेश में मशहूर हैं। जानकारों की मानें तो अलीगढ़ के ताले का इतिहास 200 वर्ष पुराना है। यहां वर्षों पहले ताले हाथ से बनाए जाते थे। इसके अलावा अलीगढ़ को दो विश्वविद्यालय पूरे भारत वर्ष में पहचान दिलाते हैं। दिल्ली-NCR से जुड़ा होने के कारण अलीगढ़ में रोड कनेक्टिविटी भी शानदार है।

सियासी समीकरण

अलीगढ़ की लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी लगातार जीतते आ रहे हैं। 2009 के आम चुनाव BSP ने यह सीट कांग्रेस से छीनी थी। बहुजन समाज पार्टी की राजकुमारी चौहान ने जीत दर्ज की थी। फिलहाल, पिछली दो बार से यह सीट भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पास है। 2014 और 2019 के चुनाव में सतीश कुमार गौतम ने शानदार जीत दर्ज की थी।

बात अगर समाजवादी पार्टी (SP) के महत्व की करें तो पिछले कई चुनाव में अखिलेश यादव की पार्टी इस सीट पर दूसरे या तीसरे स्थान पर आती रही है। इस बार गठबंधन के तहत यह सीट सपा के खाते में गई है। अब देखना होगा कि क्या मोदी-योगी लहर में सपा बीजेपी से यह प्रमुख सीट छीन पाने में सफल होती है यानी...।

कितने हैं वोटर्स?

- यह सीट जनरल कैटेगरी में आती है। 2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार, अलीगढ़ लोकसभा सीट के कुल मतदाताओं की संख्या 18,82,047 है। जिले में अनुमानित मुस्लिम मतदाताओं की संख्या साढ़े तीन लाख से अधिक है।

- अलीगढ़ संसद सीट पर SC मतदाता लगभग 380,173 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 20.2% हैं। जबकि ST मतदाता 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 0% है।

- इस सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 1,097,233 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 58.3% है।

- वहीं, संसदीय सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 784,814 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 41.7% है।

2019 में कितना हुआ था मतदान?

- 2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार अलीगढ़ लोकसभा सीट के मतदान केंद्रों की संख्या 2,136 थी।

- 2019 के संसदीय चुनाव में अलीगढ़ संसदीय सीट पर 61.3% मतदान हुआ था।

- 2017 विधानसभा चुनाव में अलीगढ़ संसदीय सीट पर 63.6% वोटिंग हुई थी।

7 विधानसभा सीटों पर है BJP का कब्जा

अलीगढ़ में कुल मिलाकर 7 विधानसभा सीट हैं। इनमें अलीगढ़, अतरौली, बरौली, छर्रा, इगलास, खैर, कोल शामिल हैं। इन सभी सातों सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में अलीगढ़ सीट पर बीजेपी के सतीश कुमार गौतम ने जीत दर्ज की थी।

मतदान की तारीख

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 16 मार्च को घोषित शेड्यूल के अनुसार, अलीगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र चुनाव 2024 के लिए मतPOदान की तारीख 26 अप्रैल (चरण 2) है। जबकि परिणामों की घोषणा की तारीख 4 जून है।

प्रमुख प्रत्याशी

1- चौधरी बिजेंद्र सिंह (समाजवादी पार्टी)

2- सतीश कुमार गौतम (बीजेपी)

3- हितेंद्र कुमार उर्फ बंटी उपाध्याय (बहुजन समाज पार्टी)

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'कांग्रेस को उसके पापों की सजा दे रहा है देश', I.N.D.I.A. गठबंधन पर बरसे पीएम मोदी

Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार (21 अप्रैल) को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने परिवारवाद और भ्रष्टाचार का दीमक फैलाकर देश को खोखला कर दिया। उन्होंने कहा कि उसके इन्हीं पापों की सजा आज देश पार्टी को दे रहा है। उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी ने कभी देश में 400 लोकसभा सीटें जीती थी.. वह आज 300 सीटों पर चुनाव नहीं लड़ पा रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने जालोर जिले के भीनमाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, "कांग्रेस ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार का दीमक फैलाकर देश को खोखला कर दिया और उनके इन्हीं पापों की सजा आज देश कांग्रेस को दे रहा है।"

पीएम मोदी ने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी की जो हालत हुई है उसकी गुनहगार वह खुद है। राजस्थान में पहले चरण के मतदान की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "पहले चरण के मतदान में आधे राजस्थान ने कांग्रेस को बराबर सजा दी है। उसे बराबर सबक सिखाया है।" उन्होंने कहा, "राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत राजस्थान ये जानता है कि कांग्रेस कभी भी मजबूत भारत बना ही नहीं सकती। देश को ऐसी कांग्रेस सरकार नहीं चाहिए। देश को 2014 के पहले जो हालात थे वो हालात वापस नहीं चाहिए।"

'रिमोट कंट्रोल से चला करती थी कांग्रेस सरकार'

पीएमम मोदी ने कहा, ''(तब) हर कोई कांग्रेस की कमजोर सरकार को आता जाता हर कोई धमकाता था और हर कोई देश को लूटने में जुटा था। प्रधानमंत्री को तो कोई पूछता ही नहीं था। सरकार रिमोट कंट्रोल से चला करती थी। कैबिनेट से पास हुए अध्यादेश को उनकी पार्टी के ही एक नेता मीडिया की बैठक में बड़े रौब से फाड़ कर फेंक देते थे।''

उन्होंने कहा कि ऐसी दुर्बल अवस्था देश को मजबूत बना सकती है क्या? आप मुझे बताइए अस्थिरता की प्रतीक कांग्रेस पार्टी और उनका कुनबा देश को चला सकता है क्या? आज कांग्रेस पार्टी की जो हालत हुई है उसकी गुनहगार वो खुद है। पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि 60 वर्षों तक राज करने वाली कांग्रेस ने हमारी माताओं-बहनों को शौचालय, गैस, बिजली, पानी, बैंक खाते जैसी छोटी छोटी चीजों के लिए तरसाया है।

उन्होंने कहा, ''इसी कांग्रेस ने परिवारवाद और भ्रष्टाचार का दीमक फैलाकर देश को खोखला कर दिया और उनके इन्हीं पापों की सजा आज देश कांग्रेस को दे रहा है और खासकर के देश का युवा इतना गुस्से में है वो दोबारा कांग्रेस का मुंह नहीं देखना चाहता है।''

'भ्रष्टाचार का दीमक फैलाकर देश को खोखला कर दिया'

पीएम मोदी ने विपक्षी गठबंधन 'I.N.D.I.A.' पर कटाक्ष करते हुए कहा, "इन्होंने अवसरवादी 'इंडी एलायंस' बना लिया है। उसकी पतंग उड़ने से पहले ही कट गई है। कहने को तो गठबंधन है लेकिन कई राज्यों में ये गठबंधन वाले ही आपस में ही लड़ रहे हैं। इस लोकसभा चुनाव में देश की 25 प्रतिशत सीट ऐसी हैं, जहां ये गठबंधन के लोग एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं।"

प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि राज्य की गत कांग्रेस सरकार ने जल जीवन मिशन योजना में घोटाला किया व उसका काम नहीं होने दिया। उन्होंने कहा, ''अब हमारी भजनलाल सरकार आई है। वो घोटाले की जांच भी कर रही ..अगर यहां कांग्रेस सरकार ना होता तो अब तक हम हर घर जल के लक्ष्य के बहुत निकट पहुंच जाते है।''

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उन्होंने कहा, ''अभी हमें राजस्थान के विकास को, देश के विकास को नई बुलंदी देनी है। ये संकल्प लेकर मैं चल पड़ा हूं। भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाना है। 'विकसित भारत-विकसित राजस्थान' बनाना है।'' बता दें कि राजस्थान में लोकसभा की 25 सीट हैं। पहले चरण में 12 सीट पर मतदान 19 अप्रैल को हुआ था और बाकी बची 13 सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है।



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Saturday, April 20, 2024

IPL देखने के लिए तलाश रहे हैं जियो के डेटा टॉपअप प्लान, ये 5 रिचार्ज आएंगे काम, कीमत 15 रुपये से शुरू

Jio Plan: क्या आप भी IPL मैच देखने का जियो का डेटा रिचार्ज प्लान तलाश रहे हैं। यहां आप एयरटेल के सस्ते 15 रुपये से शुरू होने वाले डेटा रिचार्ज प्लान के बारे में बता रहे हैं जो आपकी डेटा रिचार्ज की जरूरतों को पूरा कर देंगे। जियो के डेटा टॉपअप प्लान 15 रुपये से शुरू है। जियो का डेटा प्लान 15 रुपये, 19 रुपये, 25 रुपये, 29 रुपये और 61 रुपये का है। इसमें 1GB डेटा से लेकर 6GB मोबाइल डेटा मिल रहा है।

1. जियो का 15 रुपये का रिचार्ज

Jio का 15 रुपये का डेटा वाउचर प्लान आपको 1GB का एक्स्ट्रा डेटा देता है। इस प्लान की वैलिडिटी आपके मौजूदा प्लान के बराबर है। अगर आपका डेली डेटा खत्म हो जाता है तो आप 1GB एक्स्ट्रा डेटा के लिए यह रिचार्ज करा सकते हैं।

2. जियो का 19 रुपये का रिचार्ज

Jio की ओर से एक और बूस्टर डेटा प्लान पेश किया गया है, जिसकी कीमत सिर्फ 19 रुपये है। इसमें आपको रेगुलर डेटा के अलावा 1.5GB एक्स्ट्रा डेटा दिया जा रहा है, जो डेटा लिमिट खत्म होने के बाद आपके काम आ सकता है। लेकिन इसमें आपको कॉल और एसएमएस का कोई फायदा नहीं मिलता है।

3. जियो का 25 रुपये का रिचार्ज

रिलायंस जियो ग्राहकों को 25 रुपये का रिचार्ज प्लान भी दे रहा है। इसमें आप डेली डेटा लिमिट खत्म होने के बाद 2GB तक एक्स्ट्रा डेटा मिलता है। आप इस रिचार्ज प्लान का फायदा अपने मौजूदा रिचार्ज प्लान की वैलिडिटी का फायदा उठा सकते हैं।

4. जियो का 29 रुपये का रिचार्ज

इसके अलावा अगर आपकी डेली डेटा लिमिट खत्म हो गई है तो जियो की ओर से आपको 29 रुपये का रिचार्ज प्लान भी ऑफर किया जा रहा है। इसमें जियो आपको 2.5GB एक्स्ट्रा डेटा दे रहा है। इसके साथ आपको कोई अन्य फायदा नहीं मिलता, बल्कि मौजूदा प्लान की वैलिडिटी खत्म होने तक आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

5. जियो का 61 रुपये का रिचार्ज

अगर आपको किसी जरूरी काम के लिए ज्यादा इंटरनेट स्पीड की जरूरत है तो आप 61 रुपये का डेटा बूस्टर प्लान ले सकते हैं। इसमें आपको काफी फायदे मिलते हैं और इसमें आपको 6GB तक डेटा मिल रहा है, जिसे आप वैलिडिटी तक इस्तेमाल कर सकते हैं।

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Daily Voice: जब तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट नहीं आती तब तक 2024 में 75 बेसिस प्वाइंट रेट कट नामुमकिन

मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के पोर्टफोलियो मैनेजर अरिंदम मंडल ने मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में कहा है कि मौजूदा बाजार सेंटीमेंट अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दो से कम दरों में कटौती की उम्मीद का संकेत दे रहा है। हालांकि जब तक अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बड़ी गिरावट नहीं आती तब तक 2024 में यूएस फेड रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती नामुमकिन लग रही है।

बढ़ती महंगाई इक्विटी बाजार के लिए एक बड़ी शॉर्ट टर्म चुनौती

निवेश प्रबंधन में 14 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले अरिंदम का कहना है कि बढ़ती महंगाई इक्विटी बाजार के लिए एक बड़ी शॉर्ट टर्म चुनोती है। उनका कहना है, लंबे समय तक महंगाई के ऊंचे स्तर पर बने रहने की आशंका साकार होती दिख रही है।

वर्तमान जियो पोलिटिकल तनाव और बाजार पर इसके असर पर बात करते हुए अरिंदम मंडल ने कहा जब हम किसी भी संकट के दौर से गुजरते हैं तो हम सतर्क रहते हैं। हालांकि इस समय हमारा फोकस मैक्रोइकोनॉमिक एनालिसिस पर नहीं है फिर भी हम "द ग्रेट रप्चर: थ्री एम्पायर्स, फोर टर्निंग पॉइंट्स, एंड द फ्यूचर ऑफ ह्यूमैनिटी" के लेखक विक्टर श्वेत्स जैसे जाने माने मैक्रोइकॉनॉमिस्टों का अनुसरण करते हैं। बदलती जियो पोलिटिकल स्थिति , महंगाई और इक्विटी बाजार में निवेश के भविष्य के बारे में श्वेत्स का नजरिया बहुत ही ज्ञानवर्धक है।

 जियोपोलिटिकल स्थिति के बारे में कोई भविष्यवाणी करना मुश्किल 

मैं यहां विक्टर के उन विचारों से सहमत हूं जिसमें उन्होंने कहा थी कि 2010 की शुरुआत ने शांति के युग के अंत का संकेत दिया और यहां से एक अशांत जियो पोलिटिकल युग की शुरुआत हुई जिसके आगे सालों तक जारी रहने की संभावना है। बढ़ते संघर्षों इस संक्रमण काल को कोल्ड बनाम हॉट वॉर की दुविधा कहा जा सकता है। कोल्ड वॉर से हॉट वार की तरफ बढ़ती दुनिया की नियति अमेरिका, चीन और कम उदार यूरेशिया की आर्थिक शक्ति और सामाजिक एकजुटता पर निर्भर करेगी। कुल मिलाकर कहें तो आगे की जियोपोलिटिकल स्थिति के बारे में कोई भविष्यवाणी करना मुश्किल है।

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बॉटम-अप स्टॉक सेलेक्शन की रणनीति 

इस पृष्ठभूमि में लंबी अवधि के निवेश के नजरिए से अमेरिका और भारत के बाजार काफी अच्छे लग रहे है। ऐसे में मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के ग्लोबल पोर्टफोलियो में अमेरिकी शेयरों का बोलबाला है। इस पोर्टफोलियो में उच्च गुणवत्ता वाली ग्रोथ और सिक्लिकल कंपनियों के बीच संतुलित आवंटन के साथ बॉटम-अप स्टॉक सेलेक्शन की रणनीति अपनाई गई है जो हमें महंगाई से सुरक्षा प्रदान कर सकती है।

लॉन्ग टर्म के नजरिए से अमेरिका और भारत के बाजार ज्यादा अच्छे

इस समय कौन से देश निवेश के लिए आकर्षक दिख रहे हैं? इसका जवाब देते हुए अरिंदम मंडल ने कहा कि वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताओं, विशेष रूप से हाई प्राइस -टू-अर्निंग अनुपात ने चीन, जापान और यूरोप जैसे विकसित बाजारों में रुचि बढ़ा दी है। वैल्यूएशन के लिहाज से ये बाजार इस समय अच्छे दिख रहे हैं। इन बाजारों में शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के नजरिए से अच्छे मौके हो सकते है। लेकिन लॉन्ग टर्म के नजरिए से अमेरिका और भारत के बाजार ज्यादा अच्छे दिख रहे हैं।

इंडस्ट्रियल और चाइना प्लस वन थीम से जुड़ी कंपनियां नजर आ रही अच्छी

भारतीय बाजार पर बात करते हुए अरिंदम मंडल ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 संभवतः वित्त वर्ष 2008 के बाद से निफ्टी EPS रिवीजन के लिए सबसे बेहतर साल है। मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स का बाजार को लेकर नजरिया मोटे तौर पर पॉजिटिव बना हुआ है। लेकिन बाजार के कुछ सेक्टरों विशेष रूप से स्मॉल और मिड-कैप सेक्टर को वैल्यूशन से जुड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इस समय लार्जकैप स्टॉक सबसे बेहतर स्थिति में नजर आ रहे हैं। निवेश की सबसे बेहतर थीम्स क्या हैं? इस पर बात करते हुए अरिंदम मंडल ने कहा कि इस समय प्रीमियम सेगमेंट को कैटर करने वाली खपत और सर्विस के जुड़ी कंपनियां, इंडस्ट्रियल और चाइना प्लस वन थीम से जुड़ी कंपनियां अच्छी नजर आ रही हैं।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



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Dividend Stock : गुजरात की कंपनी कर सकती है डिविडेंड का ऐलान, एक साल में 80% रिटर्न दे चुका है स्टॉक

Dividend Stock : गुजरात की सरकारी कंपनी गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (GSFC) के बोर्ड की बैठक 21 मई 2024 को होने वाली है। इस बैठक में तिमाही नतीजों के अलावा डिविडेंड की घोषणा भी की जा सकती है। बीते शुक्रवार को यह स्टॉक 0.29 फीसदी गिरकर 222.65 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 8,872.10 करोड़ रुपये है। स्टॉक का 52-वीक हाई 322.45 रुपये और 52-वीक लो 122.20 रुपये है।

GSFC का बयान

19 अप्रैल को GSFC की रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार यह सूचित किया जाता है कि ऑडिटेड फाइनेंशियल रिजल्ट पर विचार करने और अप्रुव करने के लिए कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक मंगलवार, 21 मई 2024 को आयोजित होगी। इसके साथ ही, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी के इक्विटी शेयरों पर डिविडेंड, यदि कोई हो, की घोषणा भी की जाएगी।

गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स ने 29 अगस्त 2001 से 23 बार डिविडेंड की घोषणा की है। पिछले 12 महीनों में, गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स ने 10 रुपये प्रति शेयर के इक्विटी डिविडेंड का ऐलान किया है। 222.65 रुपये के मौजूदा शेयर मूल्य पर गुजरात स्टेट फ़र्टिलाइज़र एंड केमिकल्स का डिविडेंड यील्ड 4.49 फीसदी है।

कैसा रहा है शेयरों का प्रदर्शन

GSFC के शेयरों का 52-वीक हाई 322.45 रुपये और 52-वीक लो 122.20 रुपये है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 11 फीसदी की तेजी आ चुकी है। पिछले 6 महीने में इसने 17 फीसदी का रिटर्न दिया है। हालांकि, इस साल अब तक कंपनी के शेयर 19 फीसदी टूट चुके हैं। पिछले एक साल में इसके निवेशकों को 80 फीसदी का तगड़ा मुनाफा हुआ है। इतना ही नहीं, पिछले 4 सालों में इसने 416 फीसदी का जबरदस्त रिटर्न दिया है।

GSFC के बारे में

GSFC साल 1962 में इनकॉर्पोरेट हुई है। इसके प्लांट्स में 1967 में फर्टिलाइजर्स का प्रोडक्शन शुरू हुआ। कंपनी ने गुजरात के पश्चिमी तट पर सिक्का, जामनगर में भारत में पहला DAP फर्टिलाइजर कॉम्प्लेक्स स्थापित किया है। कंपनी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 37.84 फीसदी है। वहीं, FII की इसमें 14.12 फीसदी और DII की 4.55 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, भारत सरकार की 5.65 फीसदी और पब्लिक के पास 37.84 फीसदी शेयर हैं।



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गोल्ड में तेजी पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स बेचे हैं? जानिए मुनाफे पर कैसे होगा टैक्स का कैलकुलेशन

गोल्ड की कीमतों में उछाल से सोने से जुड़े फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स की चमक भी बढ़ी है। इनमें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) भी शामिल है। कई स्टॉक ब्रोकर्स ने मनीकंट्रोल को बताया है कि अगस्त और सितंबर 2024 सीरीज के एसजीबी को बेचने के लिए बिड्स की संख्या बढ़ी है। इसकी वजह है सोने में आई जबर्दस्त तेजी। सोने के भाव 14 अप्रैल को 72,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए थे। 15 अप्रैल को एनएसई में 22.43 करोड़ रुपये मूल्य के एसजीबी के सौदे हुए।

मैच्योरिटी से पहले बेचने का है विकल्प

एसजीबी आपको गोल्ड में निवेश करने का मौका देता है। इसमें आपको फिजिकल गोल्ड सुरक्षित रखने का टेंशन भी नहीं होता है। हालांकि, एसजीबी 8 साल में मैच्योर होते हैं। लेकिन, इन्हें उससे पहले बेचने का विकल्प होता है। बॉन्ड्स जारी होने की तारीख से पांच साल बीत जाने के बाद उन्हें बेचा जा सकता है।

पांच साल से पहले बेच सकते हैं

एसजीबी यूनिट्स डीमैटेरिलाइज्ड फॉर्म में होने पर आप उसे स्टॉक मार्केट में पांच साल से पहले भी बेच सकते हैं। अगर आप अपने एसजीबी यूनिट्स को एक्सचेंज पर बेचना चाहते हैं या 8 साल पुराने एसजीबी2016 सीरीज 2 बॉन्ड्स के रिडेम्प्शन से पैसे मिले हैं आपको इससे जुड़े टैक्स के नियमों को समझ लेना जरूरी है। इसकी वजह यह है कि इंडिविजुअल को पैसे के पेमेंट से पहले RBI उस पर टैक्स नहीं काटता है। लेकिन, रिटर्न फाइलिंग के वक्त आपको टैक्स चुकाना जरूरी है।

टैक्स के नियम को दो तरह से समझें

एसजीबी पर टैक्स के नियमों को समझने के लिए हमें दो स्थितियों को समझना होगा। मान लीजिए आपने 2016 सीरीज बॉन्ड्स में 2.92 लाख (100 यूनिट्स) रुपये निवेश किया था। आपने इसे रिडेम्प्शन के लिए RBI को दिया। आपको 7.24 लाख रुपये रिडेम्प्शन से मिलेंगे। इसमें 6.6 लाख रुपये गोल्ड की वैल्यू के होंगे। बाकी 64,152 रुपये इंटरेस्ट के होंगे।

मुंबई के चार्टर्ड अकाउंटेंट मेहुल सेठ ने कहा, "एसजीबी में इनवेस्टमेंट के नियम में यह प्रावधान है कि बॉन्ड्स मैच्योरिटी तक रखने पर इसके कैपिटल गेंस पर टैक्स नहीं लगता है। लेकिन, इंटरेस्ट आपकी कुल इनकम में जोड़ दी जाएगी। फिर आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से उस पर टैक्स लगेगा।" उन्होंने बताया कि चूंकि आपने एसजीबी को मैच्योरिटी तक रखा है तो आपको 6.6 लाख के कैपिटल गेंस पर टैक्स नहीं चुकाना होगा।

एसजीबी में इंटरेस्ट का पेमेंट हर छह महीनों पर होता है। इसे आपकी इनकम में जोड़ दिया जाता है। इसलिए अगर आप 30 फीसदी टैक्स ब्रैकेट में आते हैं तो आपको एसजीबी के इंटरेस्ट अमाउंट पर भी 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा।

एक्सचेंज में बेचने पर टैक्स कैसे लगेगा?

श्यामलाल कुरियन ने सीजीबी सीरीज 1 2017-18 में 100 यूनिट्स खरीदी थी। उन्होंने मैच्योरिटी से दो साल पहले इसे बेचने का फैसला किया। इससे मिलने वाले पैसे से उन्होंने मलयालम के नए साल विशु पर गोल्ड ज्वैलरी खरीदने का फैसला किया। 15 अप्रैल को उन्होंने एसजीबी में अपने 2.95 लाख रुपये के निवेश को एनएसई में 7.24 लाख रुपये में बेच दिया। उन्होंने प्रति यूनिट 7,239 रुपये के रेट पर यह बिक्री की। लेकिन, चूंकि उन्होंने एसजीबी को मैच्योरिटी तक नहीं रखा था, जिससे उनके कैपिटल गेंस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगेगा।

सेठ ने कहा, "उन्होंने बॉन्ड्स तीन साल तक रखने के बाद बेचे हैं। इसलिए उन्हें कैपिटल गेंस पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा। दूसरा विकल्प इंडेक्सेशन का है। इसमें इंडेक्सेशन के बाद उन्हें 20 फीसदी टैक्स देना होगा।" इस तरह कुरियन को 10 फीसदी कैपिटल गेंस टैक्स के हिसाब से 42880 रुपये का टैक्स देना होगा। यह उन्हें एसजीबी पर इंटरेस्ट के रूप में मिले 44,265 रुपये से थोड़ा ही कम है।

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Friday, April 19, 2024

Israel Iran War: एयर इंडिया ने 30 अप्रैल तक तेल अवीव से सभी उड़नों पर लगाई रोक, इजराइल-ईरान के तनाव के बीच लिया फैसला

Israel Iran War: मिडिल ईस्ट में स्थितियों को देखते हुए टाटा ग्रुप के स्वामित्व वाली एविएशन कंपनी एयर इंडिया ने एक बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि तेल अवीव से 30 अप्रैल 2024 तक सभी उड़ानों पर रोक लगाने का ऐलान किया है। कंपनी ने कहा कि हम लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और अपने यात्रियों को सहायता मुहैया करा रहे हैं। जिन्होंने आने-जाने के लिए टिकट बुकिंग कन्फर्म कर लिया है। हम उनसे संपर्क कर या तो उन्हें रिफंड मुहैया करा रहे हैं। हम उन्हें आगे के शिड्यूल के बारे में बताएंगे।

एयर इंडिया ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर

एयरलाइन ने अपने यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया है। 011-69329333/011-69329999 पर यात्री 24 घंटे में कभी भी इन नंबरों पर बात कर सकते हैं। इसके अलावा कंपनी ने अधिक जानकारी लिए इसकी वेबसाइट http://airindia.com पर जाने के लिए भी कहा है। इससे पहले इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए एयरलाइन ने तेल अवीव के लिए उड़ानें अस्थाई रूप से रोक (temporarily suspended) लगा दी थी। एयर इंडिया ने 3 मार्च को ही 5 महीने के बाद इजराइल के लिए अपनी सेवाएं शुरू की थी। एक अलग पोस्ट में एयरलाइन ने भारी बारिश के बाद बाढ़ जैसी स्थिति के बाद दुबई एयरपोर्ट से उड़ानें रद्द करने की भी जानकारी दी है।

कहा जा रहा है कि एयर इंडिया के अलावा कई अन्य एयरलाइन कंपनियां मध्य-पूर्व में बढ़ते तनाव के खतरे को देखते हुए इस तरह के कदम पर विचार कर रही हैं। बता दें, पिछले शनिवार को, ईरान ने 1 अप्रैल को दमिश्क वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले के जवाब में इजराइल पर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलें दागी थी। जिसमें इजराइल का दावा है कि सभी को निष्क्रिय कर दिया था।

Iran Attacks Israel: ईरान-इजराइल के बीच तनाव के क्या हैं मायने और भारत के लिए इसकी क्या है अहमियत



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जम्‍मू-कश्‍मीर से आई लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर, बारात रवाना होने से पहले वोट डालने पहुंचा दूल्हा, दुल्‍हन करती रही इंतजार

Jammu and Kashmir Lok Sabha Elections 2024: देशभर में लोकतंत्र के महापर्व का शुक्रवार (19 अप्रैल) को जोश भरा आगाज हो चुका है। लोकसभा चुनाव के पहले चरण में दोपहर बजे तक करीब 50 प्रतिशत मतदान होने का अनुमान है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। पश्चिम बंगाल और मणिपुर में कुछ पोलिंग बूथों पर हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच अब तक की जानकारी के अनुसार मतदान शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। मतदान केंद्रों पर भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। वोटिंग के बीच, कुछ ऐसे नजारे भी सामने आए, जहां मतदान केंद्रों पर दूल्हा-दुल्हन के लिबास में मतदाता वोट डालने पहुंचे।

जम्‍मू-कश्‍मीर से लोकतंत्र की एक खूबसूरत तस्वीर सामने आई है। दरअसल, जम्‍मू-कश्‍मीर के डोडा ज‍िले के भद्रवाह में बारात रवाना होने से पहले एक दूल्हे ने पोलिंग बूथ पर जाकर अपना वोट डाला। यह मामला भद्रवाह के सेरी इलाके का है। बताया जा रहा है कि सुशील कुमार जब अपनी बारात लेकर निकले तो बारिश शुरू हो गई।

इसके बाद वह पूरी बारात को लेकर पोलिंग बूथ पहुंच गए, जहां सब लोग उन्हें देखकर हैरान रह गए। बाद में दूल्‍हे ने जब अपना वोटर कार्ड न‍िकाला तो लोग समझ गए क‍ि वह वोट डालने आया है। वहां मौजूद मतदाताओं ने दूल्‍हे की जमकर तारीफ भी की। उन्होंने सेरी में स्थित एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला।

डोडा में 'पिंक बूथ' पर वोट डालने उमड़ीं महिलाएं

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले डोडा जिले में कड़े सुरक्षा प्रबंध के बीच महिला कर्मियों की तैनाती वाले 'पिंक बूथ' पर बड़ी संख्या में महिलाएं वोट डालने के लिए उमड़ रही हैं। पीटीआई के मुताबिक, इन 'पिंक बूथ' की ओर महिला मतदाता विशेषकर मुस्लिम महिलाएं आकर्षित हो रही हैं।

आज सुबह जैसे ही मतदान शुरू हुआ, भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में महिला मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए डोडा शहर के राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल में स्थापित 'पिंक बूथ' पर जुट गई। 'पिंक बूथ' पर लंबी कतारों में लगकर वोट डालने के दौरान उनके चेहरों पर खुशी साफ देखी जा सकती थी।

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डोडा में 'पिंक बूथ' पर अपना वोट डालने वाली आरिफा बेगम ने कहा, "हम पूरी तरह से महिला कर्मचारियों वाले इन मतदान केंद्रों पर पहली बार मतदान करके बहुत खुश हैं। यहां बहुत अच्छी सुविधाएं हैं।" उन्होंने कहा कि इस पहल से इस मतदान केंद्र पर महिलाओं की भीड़ बढ़ गई है। उधमपुर लोकसभा क्षेत्र में 19 'पिंक बूथ' स्थापित किए गए हैं।



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Federal Bank: फेडरल बैंक 400 दिनों की FD पर दे रहा है 7.90% का ब्याज, यहां मिलेगा ज्यादा फायदा

Federal Bank FD Rates: फेडरल बैंक ने एफडी पर ब्याज दरों को रिवाइज कर दिया है। बैंक ने रेजिडेंट और नॉन रेजिडेंट दोनों के लिए ब्याज दरों में बदलाव किया है। फेडरल बैंक 3 फीसदी से 7.55 फीसदी का ब्याज ऑफर कर रहा है। फेडरल बैंक ग्राहकों को 7 दिन से लेकर 10 साल की एफडी दे रहा है। बैंक की नई ब्याज दरें 17 अप्रैल 2024 से लागू हो गई हैं। बैंक सबसे ज्यादा ब्याज 400 दिनों की एफडी पर दे रहा है। इस पर बैंक सीनियर सिटीजन को 7.90 फीसदी का ब्याज दे रहा है।

400 दिनों की एफडी पर मिल रहा है अधिकतम ब्याज

फेडरल बैंक 400 दिनों की एफडी पर सामान्य नागरिकों को 7.90 फीसदी ब्याज दे रहा है। ये ब्याज सीनियर सिटीजन को मिल रहा है। वहीं, सामान्य जनता को 7.40 फीसदी का ब्याज दे रहा है। बैक अपनी सभी एफडी पर सीनियर सिटीजन को 0.50 फीसदी का एक्स्ट्रा ब्याज दे रहा है।

फेडरल बैंक की एफडी पर ब्याज दरें

फेडरल बैंक 7 से 29 दिनों में मैच्योर होने वाली एफडी पर 3 फीसदी और 30 से 45 दिन में मैच्योर होने वाली एफडी पर 3.25 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश कर रहा है। बैंक की वेबसाइट के अनुसार यह 46 दिनों से 60 दिनों के पीरियड की एफडी पर 4.00 प्रतिशत और 61 दिनों से 119 दिनों में मैच्योर होने वाली एफडी पर 4.75% की दर से ब्याज मिलेगा। अगले 120 से 180 दिनों में मैच्योर होने वालों को अब 5% की दर से ब्याज मिलेगा। बैंक अगले 181 दिनों से 270 दिनों में मैच्योर होने वाली एफडी पर 5.75 प्रतिशत और अगले 271 दिनों से एक साल से कम समय में मैच्योर होने वाली एफडी पर 6 प्रतिशत की ब्याज दर दी जा रही है।

ब्याज दरें

फेडरल बैंक अब 1 साल से 15 महीने से कम पीरियड में मैच्योर होने वाली एफडी पर 6.80 प्रतिशत और 15 महीने से 2 साल की पीरियड वाली एफडी पर 7.20 प्रतिशत की ब्याज दर दे रहा है। दो साल से अधिक और तीन साल से कम की एफडी पर अब 7.05 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। तीन साल से पांच साल से कम की मैच्योरटी एफडी पर अब 7 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। बैंक 5 साल और उससे अधिक की पीरियड वाली एफडी पर 6.60 प्रतिशत की ब्याज दर दे रहा है।

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IT कंपनियों में घट रही नौकरियां! TCS-इंफोसिस के बाद अब Wipro में 6,180 कर्मचारी हुए कम, लगातार छठवीं तिमाही गिरावट

Wipro Results: दिग्गज आईटी कंपनी विप्रो (Wipro) के कर्मचारियों की संख्या मार्च तिमाही में 6,180 घट गई। यह लगातार छठवीं तिमाही है, जब विप्रो के कर्मचारियों की संख्या में गिरावट आई है। वहीं सालाना आधार पर, वित्त वर्ष 2024 में विप्रो के कर्मचारियों की संख्या 24,516 कम हो गई। मार्च तिमाही के अंत में विप्रो के कुल कर्मचारियों की संख्या, 2,34,054 थी। यह गिरावट ऐसे समय में आई है, जब आईटी कंपनियां अपने मार्जिन को बढ़ाने के लिए कर्मचारियों के यूटिलाइजेशन को बेहतर बनाने और एट्रिशन रेट को कम करने पर जोर दे रही है। विप्रो का एट्रिशन रेट तिमाही आधार पर 14.2 फीसदी के सपाट रहा। बता दें कि कर्मचारियों के खुद से इस्तीफा देकर कंपनी छोड़ने की दर को एट्रिशन रेट कहते हैं।

इससे पहले इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी इसकी प्रतिद्वंदी कंपनियों में यही ट्रेंड देखने को मिला था। TCS के कर्मचारियों की संख्या वित्त वर्ष 2024 में 13,249 घट गई। वहीं इंफोसिस के कर्मचारियों की संख्या में 25,994 की गिरावट आई। तिमाही आधार पर TCS के 1,759 कर्मचारी कम हुए। वहीं इंफोसिस ने 5,423 कर्मचारी खोए।

हालांकि विप्रो को इसके अलावा वित्त वर्ष 2024 में कुछ और भी चुनौतियां का सामना करना पड़ा। इसके टॉप मैनेजमेंट के 10 प्रतिशत से अधिक कर्मचारियों ने सिर्फ 2023 में कंपनी छोड़ दी। इसमें कंपनी के चीफ ग्रोथ ऑफिसर स्टेफनी ट्रौटमैन, चीफ फाइनेंस ऑफिसर जतिन दलाल, चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर संजीव सिंह, अमेरिका-2 बिजनेस के चीफ बिजनेस ऑफिसर नितिन वी जगनमोहन आदि शामिल हैं।

यहां तक इसके सीईओ थिएरी डेलापोर्टे ने भी हाल ही में कंपनी से अचनाक इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। विप्रो ने इनकी जगह श्रीनिवास पल्लिया को कंपनी का नया सीईओ और एमडी नियुक्त किया है।

Wipro के मुनाफे में 8% की गिरावट

इस बीच विप्रो का मुनाफा मार्च तिमाही में 8% की गिरावट के साथ 2,835 करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 3,074.5 करोड़ रुपये था। कंपनी का रेवेन्यू भी मार्च तिमाही में घटकर 22,208.3 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 23,190.3 करोड़ रुपये था। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 19 अप्रैल को विप्रो का शेयर 1.74% की बढ़त के साथ 452.1 रुपये के भाव पर बंद हुआ।

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Thursday, April 18, 2024

Loksabha Election: अपने मोबाइल पर एक मिनट में डाउनलोड करें वोटर स्लिप, बिना इसके नहीं दे पाएंगे वोट

Lok Sabha elections phase 1: कल 21 राज्यों की 102 सीटों पर फेज वन के लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ये चुनाव कल शुक्रवार 19 अप्रैल 2024 को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होंगे। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में चुनाव होने हैं उनमें शामिल हैं: अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू और कश्मीर, लक्षद्वीप, पुडुचेरी शामिल हैं।

वोट डालने के लिए चाहिए ये डॉक्यूमेंट

वोट डालने के लिए मतदाताओं को कुछ डॉक्यूमेंट अपने साथ रखने होंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता पर्चियां (Voter Slip) जारी करता और वह इन्हें उनके घर तक भेज दिया है। अगर आपको वोटर स्लिप नहीं मिली है तो आप इसे ऑनलाइन निकाल सकते हैं।

क्या मतदाता पर्ची (Voter Slip) अनिवार्य है?

कई मतदाताओं को अभी तक अपनी वोटर स्लिप नहीं मिली है तो क्या आप वोट डाल सकते हैं? इसका जवाब हैं, हां आप बिना वोटर स्लिप के भी वोट डाल सकते हैं। बशर्ते कि आपका नाम भारत निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट-Electoralsearch.eci.gov.in की लिस्ट में शामिल हो। अगर आपना नाम वोटर लिस्ट में शामिल होगा, तब ही आप अपना सरकारी आईडी, जैसे - आधार, पैन कार्ड, पासपोर्ट, आदि दिखाकर अपना वोट डाल सकते हैं।

वोटर स्लिप क्या है?

मतदाता पर्ची या 'मतदाता सूचना पर्ची (Voter Information Slip)' भारत के चुनाव आयोग (ECI) की तरफ से जारी काय गया डॉक्यूमेंट हैं जिसमें वोटर की जानकारी जैसे नाम, उम्र, लिंग, विधानसभा क्षेत्र, मतदान केंद्र का स्थान और मतदान की तारीख और समय शामिल होता है। जब मतदान के दिन मतदाता इसे ले जाता है, तो यह मतदाताओं के लिए एक पहचान के तौर पर काम करता है। आप इस स्लिप को ऑनलाइन और मोबाइल से भी डाउनलो कर सकते हैं।

वोटर स्लिप ऑनलाइन कैसे डाउनलोड करें?

राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल (NVSP) की वेबसाइट https://www.nvsp.in पर जाएं।

होमपेज पर Search in Electoral Roll टैब पर क्लिक करें।

इनमें से किसी एक विकल्प का चुनाव करें - ‘Search by Details’, ‘Search by EPIC’ or ‘Search by Mobile’

आवश्यक जानकारी और कैप्चा कोड डालें और सर्च पर क्लिक करें।

यहां आप व्यू डिटेल में अपनी जानकारी को देख सकते हैं। यहां आपको वोटर डिटेल मिलेगी। इसके

बाद ‘Print Voter Information’ पर क्लिक करें। आपको अपनी वोटर स्लिप मिल जाएगी।

मोबाइल पर वोटर स्लिप कैसे डाउनलोड करें?

गूगल प्ले स्टोर से 'वोटर हेल्पलाइन ऐप' डाउनलोड और इंस्टॉल करें।

NVSP वेबसाइट पर रजिस्टर अपना मोबाइल नंबर और पासवर्ड डालकर लॉगिन करें या यदि आप

एनवीएसपी वेबसाइट पर रजिस्टर करने के लिए पहले आपको रजिस्टर करना होगा और फिर ऐप में लॉगिन करना होगा।

‘Search Your Name in Electoral Roll’ विकल्प पर क्लिक करें।

इनमें से किसी एक विकल्प का चयन करें, Search by Mobile’, ‘Search by Bar/QR Code’, ‘Search by Details’ or ‘Search by EPIC No.

उसके बाद सर्च बटन पर क्लिक करें।

यहां आपको डाउनलोड आइकन मिलेगा। उस पर क्लिक करें। आपका वोटर स्लिप डाउनलोड हो जाएगा।

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Wednesday, April 17, 2024

DPIIT सेक्रेटरी ने कहा-उम्मीद है कि Tesla की इंडिया में एंट्री सिर्फ कारों तक सीमित नहीं रहेगी

डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इनटर्नल ट्रेड (DPIIT) में सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि इंडिया में टेस्ला की एंट्री सिर्फ इलेक्ट्रिक कारों तक सीमित नहीं रहेगी। मनीकंट्रोल से बातचीत में सिंह ने इंडिया की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी और एलॉन मस्क की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होने वाली बातचीत के बारे में कई अहम बातें बताईं। उन्होंने कि एलॉन मस्क की इंडिया में एंट्री इलेक्ट्रिक कारों तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि इसमें स्टारलिंक और बैटरी टेक्नोलॉजी से जुड़े प्रोजेक्ट्स भी शामिल होंगे। अगले हफ्ते पीएम नरेंद्र मोदी से एलॉन मस्क की संभावित मुलाकात के बारे में सिंह ने कहा कि टेस्ला के प्रमुख इंडिया में सभी तरह के इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स लाएंगे।

सिंह ने कहा कि कम लोअर ड्यूटी वाली सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी सिर्फ टेस्ला को ध्यान में रख नहीं बनाई गई है। इसका फायदा इंडियन बाजार में दिलचस्पी रखने वाली कोई कंपनी उठा सकती है। उन्होंने कहा कि ईवी पॉलिसी में टैक्स में दी गई छूट को रियायत नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ज्यादातर देशों में 15 फीसदी स्टैंडर्ड टैक्स है। मस्क की मुलाकात पीएम मोदी से 22 अप्रैल को होने की संभावना है। इसके बाद इंडिया में टेस्ला की एंट्री का औपचारिक ऐलान हो सकता है।

क्या ईवी पॉलिसी विदेशी ऑटो कंपनियों के लिए ज्यादा फायदेमंद है? इसके जवाब में सिंह ने कहा कि ईवी पॉलिसी को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इसका विरोध नहीं हुआ है। कोई यह नहीं कह रहा है कि इससे लोकल मैन्युफैक्चरर्स को दिक्कत होगी, क्योंकि ग्लोबल व्हीकल कंपनियों को कम ड्यूटी पर जिस प्राइस की गाड़ियां इंडिया में इंपोर्ट करने की इजाजत दी गई है, उस प्राइस पर लोकल ऑटो कंपनियों की व्हीकल्स उपलब्ध नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि लोकल मैन्युफैक्चरर्स उस प्राइस पर अगले एक या दो साल में गाड़ियां लॉन्च कर सकते हैं। इसलिए उन्हें ग्लोबल मैन्युफैक्चरर्स से प्रतिस्पर्धा करने की स्थिति में होना चाहिए। मैं इसे कम ड्यूटी वाली पॉलिसी भी नहीं कहूंगा क्योंकि ज्यादातर देशों में 15 फीसदी एक स्टैंडर्ड ड्यूटी रेट है। यह सही है कि हम जितनी ड्यूटी लगाते थे उसके मुकाबले यह काफी कम है। हमने यह पॉलिसी इस तरह से बनाई है, जिससे ग्राहकों को विकल्प मिल सके। हम पारंपरिक ईंधन पर निर्धनता घटाना चाहते हैं। वायु प्रदूषण में कमी लाना चाहते हैं।



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Tuesday, April 16, 2024

लखनऊ के लाल ने कर दिया कमाल, आदित्य कुमार ने किया IAS टॉप, IIT कानपुर से किया बीटेक

Aditya Srivastava UPSC 2023 Topper: संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission -UPSC) ने आज (16 अप्रैल 2024) सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2023 के नतीजों का ऐलान कर दिया है। इसमें लखनऊ के रहने वाले आदित्य श्रीवास्तव (Aditya Srivastava) ने टॉप किया है। तीसरे प्रयास में उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा में टॉप किया है। इसके पहले उनका IPS के लिए चयन हुआ था और वो बतौर IPS अंडर ट्रेनिंग पश्चिम बंगाल में काम कर रहे हैं। आयोग ने इस साल कुल 1016 लोगों का चयन किया है। उनमें 347 जनरल कैटेगरी से हैं। UPSC के मुताबिक अलग-अलग चरणों में आयोजित किए गए इंटरव्यू में कुल 2,800 से ज्यादा लोग इंटरव्यू में शामिल हुए थे।

आदित्य श्रीवास्तव का जन्म उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ। वे यहीं पले पढ़ें और शुरुआती पढ़ाई सीएमएस अलीगंज से की। 12वीं पास करने के बाद आदित्य ने IIT कानपुर से बीटेक किया। उन्होंने साल 2019 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग (Electrical Engineering) से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगे।

IPS से IAS बने आदित्य श्रीवास्तव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने बिना कोचिंग के सफलता हासिल की है। उन्होंने टेस्ट सीरीज और मॉक इंटरव्यू से तैयारी की है। उन्होंने वैकल्पिक विषय के रूप में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग को चुना है। उन्होंने पिछले साल के पेपरों का स्टडी किया और उसके अनुसार प्रीलिम्स और मेन्स दोनों परीक्षाओं की तैयारी की। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्हें अपने जीवन में कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि मैंने कुछ ऐसी गलतियां भी की, जब पहली बार UPSC की प्रीलिम्स (Prelims) परीक्षा भी नहीं पास कर पाए। इसके बाद दूसरे प्रयास में वो IPS बने। फिर तीसरे प्रयास में उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा में टॉप किया।

बीटेक के बाद प्राइवेट कंपनी में किया काम

अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आदित्य बेंगलुरु में Goldman Sachs कंपनी के साथ कामकाज शुरू कर दिया। करीब 15 महीने तक काम करने के बाद उन्होंने जॉब छोड़ने का फैसला किया और सिविल सेवा की परीक्षा में जुट गए। सिविल सेवा की तैयारी में जुटे छात्रों को सलाह दी है कि हर बार अपनी बातों को मानना ही बेहतर नहीं है। सीनियर्स और एक्सपर्ट्स की भी सलाह लेनी चाहिए। कड़ी मेहनत के बजाय स्मार्ट तरीके से काम करना चाहिए।

UPSC CSE Result 2023: जारी हो गए UPSC के नतीजे, जानिए कैसे चेक करें अपना रिजल्ट, आदित्य श्रीवास्तव ने किया टॉप



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Monday, April 15, 2024

Baghpat Lok Sabha Polls: बागपत में क्या BJP की लगेगी हैट्रिक? मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने दी थी इन दिग्गजों को पटखनी

Baghpat Lok Sabha Polls: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और पड़ोसी राज्य हरियाणा की सीमा से सटे बागपत (Baghpat Loksabha) की धरती पर राजनीति हमेशा खास रही है। इसी ऐतिहासिक धरती ने देश को चौधरी चरण सिंह जैसा प्रधानमंत्री दिया। जिनके आदर्शों पर चलने का तमाम राजनीतिक पार्टियां दावा करती हैं। बीजेपी हो, सपा, बसपा, RLD या फिर कांग्रेस, सभी चौधरी साहब को किसान मसीहा के रूप में पूजती हैं। उनके नाम पर वोट बटोरने को कोशिश में जुटी रहती हैं। इस सीट से पिछले दो बार के चुनाव में BJP का कब्जा है। बीजेपी से डॉ. सत्यपाल सांसद हैं। बता दें कि सत्यपाल आईपीएस अधिकारी हैं और मुंबई के पुलिस कमिश्वर रह चुके हैं।

सत्यापल सिंह ने साल साल 2014 के चुनाव में छोटे चौधरी यानी अजित सिंह को हरा दिया था। वहीं साल 2019 के चुनाव में रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को हराया था। अब देखना ये है कि जयंत चौधरी इस चुनाव में अपनी पारवारिक सीट को किस तरह से बचा पाएंगे। पिछले चुनाव में जंयत चौधरी और अजित सिंह को करार हार का सामना करना पड़ा था।

बागपत लोकसभा सीट का इतिहास

बागपत लोकसभा सीट 1967 में बनी थी। सबसे पहले जनसंघ ने अपनी जीत दर्ज कराई थी। 1967 में यहां पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार आर एस शास्त्री पहले सांसद बने। उन्होंने कांग्रेस के के सी शर्मा को भारी वोटों के अंतर से हराया। इसके बाद कांग्रेस ने यहां अपना परचम लहराया। लेकिन इमरजेंसी के बाद 1977 में आए राजनीतिक भूचाल से किसान नेता और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह उभरकर सामने आए। इसके बाद 1977, 1980 ओर 1984 में लगातार 3 बार लोकसभा चुनाव जीते। यही कारण है कि इस सीट को चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि कहा जाता है।

चौधरी चरण सिंह के निधन के बाद 1989 के लोकभा चुनाव में उनके बेटे अजित सिंह ने लोकसभा चुनाव लड़ा ओर लगातार 6 बार इस सीट से सांसद बने। कुल मिलाकर बागपत सीट पर पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के परिवार का कब्जा रहा है। लेकिन पिछले दो चुनाव में यह किला ढह गया।

जानिए किस पार्टी से कौन हैं उम्मीदवार

बागपत लोकसभा सीट से इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) की तरफ से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अमरपाल शर्मा को मैदान में उतारा है। जबकि NDA में ये सीट राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के खाते में गई है। RLD ने राजकुमार सांगवान को उम्मीदवार बनाया है। वहीं बहुजन पार्टी (BSP) ने प्रवीण बैंसला को टिकट दिया है। जाटलैंड कही जाने वाली बागपत सीट पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होंगे।

बागपत लोकसभा में 15 लाख से ज्यादा हैं मतदाता

बागपत लोकसभा सीट पर 15 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। पिछले 2014, 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो करीब 10 लाख मतदाताओं ने मतदान किया था। इसमें करीब 6 लाख से अधिक पुरुष और 4 लाख से अधिक महिला मतदाताओं ने हिस्सा लिया। बागपत लोकसभा सीट पर जाट, गुर्जर, त्यागी, राजपूत, मुस्लिम और दलित मतदाताओं का प्रभाव रहा है।

जानिए बागपत लोकसभा सीट में जातीय और राजनीतिक समीकरण

1 – बागपत लोकसभा सीट जनरल कैटेगरी की संसदीय सीट है।

2 - लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 62.53 फीसदी है।

3 - बागपत संसदीय सीट पर SC मतदाताओं की संख्या लगभग 227,946 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 14.2 फीसदी हैं।

4 - बागपत संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या करीब 1,202,335 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 74.9 फीसदी है।

5 - बागपत संसदीय सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 402,919 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 25.1 फीसदी है।

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Sunday, April 14, 2024

Indian Railways: गर्मी में बिहार से मुंबई का सफर होगा आसान, रेलवे ने शुरू की स्पेशल ट्रेन, जानिए टाइम टेबल

Indian Railways: गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है। स्कूलों की छुट्टियां भी इसी समय रहती हैं। ऐसे में बहुत से लोग शहरों से अपने गांव की ओर जाते हैं। जाहिर है कि इससे ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है। गर्मी के इस मौसम में टिकटों की मारामारी बनी रहती है। यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे की ओर से कई स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जाती हैं। ऐसे ही पूर्वोत्तर रेलवे (North Eastern Railway) समर स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। यह छपरा से पनवेल के बीच चलाई जाएगी। ट्रेन छपरा से 18 अप्रैल से 27 जून 2024 तक चलाई जाएगी।

इस दौरान यह ट्रेन कुल 11 फेरे लगाएगी। यह ट्रेन गाजीपुर से होते हुए अपने गंतव्य तक का सफर तय करेगी। यह समर स्पेशल ट्रेन किन स्टेशन से होते हुए जाएगी। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल सूचना जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार का कहना है कि इस गाड़ी में 22 कोच लगाए जाएंगे। इसमें एसी, स्लीपर, इकोनॉमी समेत अन्य कोच शामिल होंगे।

यहां जानिए ट्रेन का टाइम टेबल

ट्रेन नंबर 05193 छपरा-पनवेल समर स्पेशल ट्रेन 18 अप्रैल से 27 जून, 2024 तक चलेगी। यह ट्रेन छपरा से हर गुरुवार को पनवेल के लिए प्रस्थान करेगी। छपरा से ट्रेन दोपहर 3.20 बजे रवाना होगी। बलिया से 16.50 बजे, गाजीपुर सिटी से 18.05 बजे, वाराणसी से 19.50 बजे, बनारस से 20.05 बजे, प्रयागराज से 22.40 बजे, दूसरे दिन सतना से 02.20 बजे, कटनी से 03.35 बजे, जबलपुर से 05.00 बजे, इटारसी से 08.55 बजे, भुसावल से 13.25 बजे, नासिक से 17.10 बजे, इगतपुरी से 18.15 बजे और कल्याण से 19.57 बजे छूटकर पनवेल 20.30 बजे पहुंचेगी।

ये है वापसी का टाइम टेबल

वहीं ट्रेन वापसी में 05194 पनवेल से रात 9.40 (21.40) बजे छपरा के लिए रवाना होगी। यह ट्रेन कल्याण से 22.21 बजे, दूसरे दिन इगतपुरी से 01.40 बजे, नासिक से 02.30 बजे, भुसावल से 06.00 बजे, इटारसी से 11.40 बजे, जबलपुर से 16.40 बजे, कटनी से 18.00 बजे, सतना से 19.30 बजे, तीसरे दिन प्रयागराज से 02.05 बजे, बनारस से 04.00 बजे, वाराणसी से 04.25 बजे, गाजीपुर सिटी से 06.00 बजे और बलिया से 07.5 बजे छूटकर छपरा 08.50 बजे पहुंचेगी।



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Saturday, April 13, 2024

Sydney Mall Stabbing: शॉपिंग मॉल में 6 लोगों की चाकू मारकर हत्या, हमलावर ढेर, आंतकी घटना होने का शक

Sydney Mall Stabbing: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में स्थित एक शॉपिंग मॉल में शनिवार 13 अप्रैल को एक व्यक्ति ने चाकू से हमला कर 6 लोगों की हत्या कर दी। बाद में पुलिस कार्रवाई में हमलावर भी मारा गया। हमले में एक छोटे बच्चे सहित कई लोग घायल भी हुए हैं। ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने बताया कि एक व्यक्ति ने 'वेस्टफील्ड बॉन्डी जंक्शन' नाम के एक शॉपिंग मॉल में चाकू से नौ लोगों पर हमला किया। इनमें से 6 की मौत हो गई। यह हमला शनिवार की दोपहर में हुआ, जब वीकेंड के चलते मॉल में भीड़ थी। बाद में पुलिस कार्रवाई के दौरान एक इंस्पेक्टर ने हमलावर पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने घायलों की स्थिति के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी।

न्यू वेल्स के असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर, एंथनी कुक ने बताया कि ऐसा लगता है कि अपराधी ने इस वारदात को अकेले अंजाम दिया और अब कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि अपराधी की पहचान नहीं हो पाई है और घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।

इस बीच इस घटना से जुड़े कई वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हैं, जिसमें शॉपिंग सेंटर के आसपास लोगों की भीड़ के साथ कई एम्बुलेंस और पुलिस की गाड़ियां आती-जाती दिख रही है। मेडिकल कर्मी घटनास्थल पर लोगों का उपचार करते दिखाई दिए।

घटना के प्रत्यक्षदर्शी रोई हबरमैन ने एक न्यूज चैनल को बताया कि उसने घटना के दौरान एक दुकान में छिपकर अपनी जान बचाई। हबरमैन ने कहा, "... और अचानक मैंने एक या दो गोली चलने की आवाज सुनी। हमें नहीं पता था कि क्या करें। बाद में हमें दुकान से सुरक्षित बाहर निकाला गया।"

हमले के पीछे के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। हालांकि पुलिस अधिकारी फिलहाल इसके 'आतंकी' घटना होने के एंगल से इनकार नहीं कर रहे हैं। एंथनी कुक ने कहा, "हम फिलहाल यह नहीं जानते हैं कि वह कौन था। आप समझ सकते हैं कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और कुछ भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है। हम इस मामले में अपराधी की पहचान करने के प्रयास कर रहे हैं।"

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Auto Sector: इन ऑटो कंपनियों पर बुलिश है ब्रोकरेज, ग्रोथ की उम्मीद के साथ कमाई की भी संभावना

Auto Sector: कंपनियों ने अपनी इनकम और ग्रोथ के साथ Q4 के रिजल्ट नतीजे की घोषणा करनी शुरू कर दी है। ऐसे में एनलिस्ट की अपने-अपने हिसाब से दावे कर रहे हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर के बारे में एनलिस्ट का कहना है कि ये क्वाटर इस बार स्ट्रॉन्ग रह सकता है। खासतौर पर पब्लिक व्हीकल, टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर बनाने वाली कंपनियों के EBITDA में 15 से 30 फीसदी की ग्रोथ हो सकती है। ब्रोकरेज फर्म एलारा कैपिटल के मुताबिक पब्लिक व्हीकल, टू-व्हीलर और कमर्शियल व्हीकल का प्रोडक्शन क्वाटर 4 में बढ़ा है जबकि ट्रैक्टर का एस्टीमेट से कम हुआ है।

ये हैं आंकड़े

ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक 2-व्हीलर प्रोडक्शन में 3% क्वाटर-टू-क्वाटर और ईयर-टू-ईयर में 29% की ग्रोथ हो सकती है। जबकि पब्लिक व्हीकल के प्रोडक्शन में 20% क्वाटर-टू-क्वाटर और ईयर-टू-ईयर में 12% की ग्रोथ हो सकती है। साथ ही, मीडियम और हेवी कमर्शियल व्हीकल के प्रोडक्शन में क्वाटर-टू-क्वाटर 4% की ग्रोथ और ईयर-टू-ईयर में 11% की गिरावट आ सकती है।

सालाना ग्रोथ

क्वाटर 4 फाइनेंशियल ईयर 2024 में, डोमेस्टिक मार्केट में लगातार डिमांड के साथ-साथ इंटरनेशनल मार्केट में भी डिमांड आने से 2-व्हीलर के प्रोडक्शन में लगभग 26% की ग्रोथ हुई है। वहीं पब्लिक व्हीकल इंडस्ट्री ने खासकर एसयूवी में सालाना 13% की ग्रोथ हुई है।

परफॉर्मेंस

कुल मिलाकर देखें तो मार्च मंथ ऑटो सेक्टर के लिए मिला-जुला रहा क्योंकि बजाज और टीवीएस जैसी टू-व्हीलर ने बेहतर परफॉर्मेंस दी, जबकि हीरो बहुत अच्छी परफॉर्मेंस नहीं दे पाया। दूसरी ओर, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने 10% की ग्रोथ की है, जबकि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने ऑटो सेगमेंट में 3.5% की ग्रोथ की है। ट्रैक्टरों के प्राइज में एवरेज 20% की गिरावट आई है, जबकि कमर्शियल व्हीकल में लगभग 6-11% की गिरावट आई है। ब्रोकरेज फर्म एलकेपी की ऑटो-राउंडअप रिपोर्ट के अनुसार, मार्च में बजाज और टीवीएस टू-व्हीलर के लिए 40% और 25% की स्ट्रांग ग्रोथ साथ एक्पोर्ट में भी ग्रोथ हुई है।

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दी गई राय एक्सपर्ट की निजी राय होती है। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए जिम्मेदार नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



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Friday, April 12, 2024

GST रिटर्न फाइलिंग के लिए बचे हैं कुछ घंटे, टेक्निकल प्रॉब्लम के कारण बढ़ी थी डेट

GST Return Filing: टैक्सपेयर्स के लिए जीएसटी रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। इसकी समयसीमा 10 अप्रैल 2024 तक होती है लेकिन बुधवार को करदाताओं को जीएसटी रिटर्न फाइल करने में परेशानी हो रही थी, जिसके कारण जीएसटी रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन को 12 अप्रैल तक आगे बढ़ा दी गई। दरअसल, तकनीकी दिक्कतों के कारण टैक्सपेयर्स रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे थे।

GSTR-1 फाइलिंग डेट 

ऐसे में करदाता को राहत देने के लिए जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने एक्स पर पोस्ट किया। इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि जीएसटीआर-1 के लिए रिटर्न दाखिल करने की तारीख 12 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। जीएसटी टेक ने कहा कि जीएसटीएन पर टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने में दिक्कत आ रही थी। इसके कारण जीएसटीआर-1 दाखिल करने में कठिनाइयों का सामना टैक्सपेयर्स को करना पड़ रहा था। पोर्टल पर काम धीरे हो रहा था, जिसके बाद डेडलाइन आगे बढ़ाई गई।

बचे हैं कुछ घंटे

मंथली टैक्सपेयर्स के लिए GSTR-1 दाखिल करने की तारीख 10 अप्रैल तक थी लेकिन फिर इसे बढ़ाकर 12 अप्रैल 2024 कर दी गई। टैक्सपेयर्स आज भी जीएसटी रिटर्न फाइल कर सकते हैं। आज जीएसटी फाइल करने का आज आखिरी दिन है।

 

Indian Railways: रेलवे के नियम से बुजुर्गों को मिलेगा आराम, IRCTC पर टिकट बुकिंग के समय करना होगा ये काम



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Thursday, April 11, 2024

'देशविरोधी कुकृत्य को कांग्रेस बेशर्मी से जायज ठहरा रही', दिग्विजय सिंह के बयान पर PM मोदी का पलटवार

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान के करौली में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार (11 अप्रैल) कहा कि 4 जून को क्या परिणाम होगा वो आज करौली में स्पष्ट दिख रहा है। करौली बता रहा है कि 4 जून 400 पार....पूरा राजस्थान बता रहा है कि फिर एक बार मोदी सरकार। इस दौरान पीएम मोदी ने कच्चातिवु द्वीप (Katchatheevu issue) को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) के उस बयान पर तीखा पलटवार किया, जिसमें उन्होंने पूछा था कि क्या उस द्वीप पर कोई रहता भी है?

पीएम मोदी ने कहा कि ये वही कांग्रेस है, जिसने तमिलनाडु के पास के एक द्वीप कच्चातिवु को श्रीलंका को दे दिया था। अब इस देशविरोधी कुकृत्य को कांग्रेस बेशर्मी से जायज ठहरा रही है। कल ही कांग्रेस ने कहा है कि कच्चातिवु पर कोई रहता है क्या। रहता नहीं है तो क्या दे दोगे? ऐसे होती है देशसेवा? ये है इनकी मानसिकता। इनके लिए देश का खाली हिस्सा सिर्फ जमीन का एक टुकड़ा है।

दिग्विजय सिंह का विवादित बयान

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कच्चातिवु द्वीप (Katchatheevu Island) मुद्दा फिर से उठाने के लिए बुधवार (10 अप्रैल) को प्रधानमंत्री पर पलटवार करते हुए विवादित बयान दे दिया। दिग्विजय सिंह ने पूछा कि उस द्वीप पर कोई रहता है क्या? बता दें कि पीएम मोदी ने बुधवार सुबह तमिलनाडु में एक चुनावी रैली में कच्चातिवु विवाद उठाते हुए कहा कि कांग्रेस और DMK ने इस मुद्दे पर राज्य को कई सालों तक अंधेरे में रखा। कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर राजनीतिक लाभ के लिए 50 साल पहले हल किए जा चुके कच्चातिवु द्वीप मुद्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

बता दें कि तमिलनाडु की राजनीति में यह मुद्दा गर्माया हुआ है। पीएम मोदी ने दावा किया कि तत्कालीन DMK सरकार के संज्ञान में बातें रखे जाने के बाद इस द्वीप को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच समझौता हो सका था। प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि क्या उस द्वीप पर कोई रहता है।"

क्या है पूरा मामला?

पीएम मोदी कांग्रेस और उसकी सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) पर 1970 के दशक के मध्य में कच्चातिवु द्वीप के श्रीलंका को कब्जे में लेने के मामले में राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए निशाना साध रहे हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी दावा किया था कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर उदासीनता दिखाई जैसे उन्हें कोई परवाह नहीं हो और भारतीय मछुआरों के अधिकारों को छोड़ दिया जबकि कानूनी राय इसके खिलाफ थी।

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

- पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 2024 का लोकसभा चुनाव कौन सांसद बनेगा या कौन नहीं बस इतने भर का नहीं है। ये चुनाव 'विकसित भारत' के संकल्प को नई ऊर्जा देने का चुनाव है।

- प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया था, लेकिन बीजेपी लगातार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए काम कर रही। आज देश के 10 करोड़ किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि मिल रही है।

- उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने दलितों, आदिवासियों और महिलाओं को न कभी अवसर दिया और न ही सम्मान दिया। बीजेपी ने देश के 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों के जनधन खाते खुलवाए, 11 करोड़ परिवारों के लिए शौचालय बनवाए, 4 करोड़ गरीबों को पक्के घर दिए। इनमें से ज्यादातर लाभा​र्थी समाज के वंचित वर्ग के हैं।

- पीएम ने कहा कि मोदी आराम करने के लिए पैदा नहीं हुआ है, न ही मोदी मौज करने के लिए पैदा हुआ है। मोदी मेहनत करता है, क्योंकि मोदी के लक्ष्य बहुत बड़े हैं और ऐसे लक्ष्य जो मेरे देशवासियों से जुड़े हैं, आपसे जुड़े है, मेरे युवाओं से जुड़े हैं।

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- PM मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस ऐसी पार्टी है, जिसने युवाओं की नौकरी में भी लूट के मौके तलाशे हैं। यहां कांग्रेस के संरक्षण में पेपर लीक इंडस्ट्री खड़ी हो गई। मोदी ने आपको गारंटी दी थी, राजस्थान में भाजपा की सरकार आएगी, तो पेपर लीक माफिया जेल के अंदर दिखाई देंगे और मोदी ने अपनी गारंटी पूरी की।

- पीएम मोदी ने कहा कि जिस राजस्थान ने, धौलपुर ने अयोध्या में 500 साल के इंतजार के बाद बन रहे भव्य राम मंदिर के लिए पत्थर भेजे, उसी राम मंदिर पर कांग्रेस पार्टी के नेता कैसी-कैसी भाषा बोल रहे हैं। इन लोगों ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार तक किया।

- प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडी गठबंधन में इनकी साथी पार्टी सनातन को नष्ट करने की बात करती है और ये कांग्रेस वाले उनका मौन समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि ये वही कांग्रेस है, जिसने तमिलनाडु के पास के एक द्वीप कच्चातिवु को श्रीलंका को दे दिया था।



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चीन को झटका! Apple अगले 3 साल में भारत शिफ्ट करेगी अपनी आधी सप्लाई चेन, 5 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

आईफोन (iPhone) बनाने वाली कंपनी एपल (Apple) कोरोना महामारी के बाद से ही चीन से दूरी बना रही है और भारत में निवेश कर रही है। Apple ने अगले 3 सालों के दौरान अपनी मौजूदा सप्लाई चेन का कम से कम आधा हिस्सा चीन से भारत में ट्रासंफर करने की योजना बनाई है। इससे भारत में करीब 5 लाख नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, Apple का लक्ष्य भारत में कम से कम 5,00,000 लोगों को सीधे रोजगार देना है। ये नौकरियां कंपोनेंट्स और सप्लायर्स मोर्चे पर पैदा होंगी। फिलहाल Apple ने भारत में करीब 1,50,000 लोगों को ब्लू-कॉलर वाली नौकरियां दी हुईं है, जो किसी एक कंपनी की ओर से दी सबसे अधिक नौकरी है।

एपल ने कोरोना महामारी के बाद से ही चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने की रणनीति अपनाई हुई है। इसके तहत ने भारतीय सप्लायर्स पर जोर देना शुरू किया है। Apple के अलावा दुनिया की और भी कई कंपनियों ने इस रणनीति को अपनाया हुआ है, जिसे 'चीन प्लस वन पॉलिसी' के नाम से जाना जाता है।

फिलहाल Apple का पूरी दुनिया में सबसे अधिक घरेलू वैल्यू एडिशन चीन में ही है, जो करीब 28 प्रतिशत है। वहीं भारत में वैल्यू-एडिशन करीब 11-12 प्रतिशत है जिसके 15-18 प्रतिशत तक जाने की उम्मीद है।

भारत में Apple के सप्लार्स में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics), सैलकॉम्प टेक्नोलॉजीज (Salcomp Technologies), फॉक्सलिंक (Foxlink) और सनवोडा (Sunwoda) शामिल हैं। इन सभी कंपनियों ने काफी रोजगार पैदा किए हैं। एक अनुमान के मुताबिक अगस्त 2021 में प्रोडक्शन-लिंक्ड इनसेंटिव्स (PLI) स्कीम लॉन्च किए जाने के बाद कम से कम 1,50,000 प्रत्यक्ष और करीब 3 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा हुईं हैं।

इसके अलावा फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन और पेगाट्रॉन जैसे कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स, भारत में Apple के लिए आईफोन का उत्पादन करते हैं। इन कंपनियों ने भी देश में रोजगार बढ़ाने में अहम योगदान दिया है। पिछले साल, इन कंपनियों ने कुल मिलाकर 77,000 से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा कीं। इसके अलावा उत्पादन के पीक समय में इन्होंने 10,000 से अधिक अतिरिक्त कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बनाई है।

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Wednesday, April 10, 2024

'उस द्वीप पर कोई रहता है क्या?' कच्चातिवु आइसलैंड को लेकर क्या बोल गए दिग्विजय सिंह

Katchatheevu issue: कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने कच्चातिवु द्वीप (Katchatheevu Island) मुद्दा फिर से उठाने के लिए बुधवार (10 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए विवादित बयान दे दिया। दिग्विजय सिंह ने पूछा कि उस द्वीप पर कोई रहता है क्या? बता दें कि पीएम मोदी ने बुधवार सुबह तमिलनाडु में एक चुनावी रैली में कच्चातिवु विवाद उठाते हुए कहा कि कांग्रेस और DMK ने इस मुद्दे पर राज्य को कई सालों तक अंधेरे में रखा। कांग्रेस (Congress) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर राजनीतिक लाभ के लिए 50 साल पहले हल किए जा चुके कच्चातिवु द्वीप मुद्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।

बता दें कि तमिलनाडु की राजनीति में यह मुद्दा गर्माया हुआ है। पीएम मोदी ने दावा किया कि तत्कालीन DMK सरकार के संज्ञान में बातें रखे जाने के बाद इस द्वीप को लेकर भारत और श्रीलंका के बीच समझौता हो सका था। प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा, "मैं पूछना चाहता हूं कि क्या उस द्वीप पर कोई रहता है।"

क्या है पूरा मामला?

पीएम मोदी कांग्रेस और उसकी सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) पर 1970 के दशक के मध्य में कच्चातिवु द्वीप के श्रीलंका को कब्जे में लेने के मामले में राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए निशाना साध रहे हैं।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी दावा किया था कि कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर उदासीनता दिखाई जैसे उन्हें कोई परवाह नहीं हो और भारतीय मछुआरों के अधिकारों को छोड़ दिया जबकि कानूनी राय इसके खिलाफ थी।

कांग्रेसी प्रधानमंत्रियों ने 'छोटी चट्टान' बताया था

जयशंकर ने 1 अप्रैल को कहा था कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी जैसे प्रधानमंत्रियों ने कच्चातिवु को एक 'छोटा द्वीप' और 'छोटी चट्टान' बताया था। उन्होंने कहा था कि यह मुद्दा अचानक सामने नहीं आया है, बल्कि यह हमेशा से एक जीवंत मुद्दा रहा है।

जयशंकर ने कहा था कि इसके रिकॉर्ड मौजूद हैं कि तत्कालीन विदेश सचिव ने तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं DMK के नेता एम करुणानिधि को दोनों देशों के बीच हुई बातचीत की पूरी जानकारी दी थी। उन्होंने क्षेत्रीय दल द्रमुक पर कांग्रेस के साथ 1974 में और उसके बाद एक ऐसी स्थिति उत्पन्न करने के लिए मिलीभगत करने का आरोप लगाया था जो "बड़ी चिंता" का कारण है।

RTI से हुआ खुलासा

सूचना के अधिकार (RTI) के जरिए अब सार्वजनिक हुए दस्तावेजों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इसमें (दस्तावेज में) बताया गया है कि 1973 के बाद से तत्कालीन केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर तमिलनाडु सरकार एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के साथ व्यक्तिगत रूप से निरंतर और डिटेल्स सलाह किया था।

DMK के तमिलों और मछुआरों के हितैषी होने के दावों पर कटाक्ष करते हुए जयशंकर ने दावा किया कि वास्तव में उसकी स्थिति यह थी, 'ठीक है, हम इन सभी से सहमत हैं, लेकिन आप जानते हैं, सार्वजनिक रूप से हम इसका समर्थन नहीं करेंगे। इसलिए, सार्वजनिक रूप से, हम कुछ और कहेंगे, लेकिन वास्तव में हम इस पर आपके साथ हैं।"

उन्होंने कहा कि इसके रिकॉर्ड मौजूद हैं कि तत्कालीन विदेश सचिव ने तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) के नेता एम करुणानिधि को दोनों देशों के बीच हुई बातचीत की पूरी जानकारी दी थी। उन्होंने क्षेत्रीय दल पर कांग्रेस के साथ 1974 में और उसके बाद एक ऐसी स्थिति उत्पन्न करने के लिए मिलीभगत करने का आरोप लगाया जो "बड़ी चिंता" का कारण है।

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