Iran Israel War : इजरायल और ईरान के युद्ध में अमेरिका की सीधी एंट्री हो गई है। रविवार को अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। बंकर बस्टर बम से ईरान के परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज और इस्फाहान पर हमला किया। 15 टन की वजन वाले इस बम का इस्तेमाल पहली बार अमेरिका ने किया है। इसके बाद अमेरिका ने कहा कि ईरान को सीजफायर के लिए आगे आना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि ईरान में तख्ता पलट जरूरी है। ट्रंप ने सोशल मीडिया ट्रूथ पर पोस्ट करके कहा कि अगर मौजूदा शासन ईरान को महान बनाने में असमर्थ है तो इसका तख्तापलट करके ईरान में नई रिजीम की स्थापना होनी चाहिए। ट्रंप ने ईरान को लेकर मेक ईरान ग्रेट अगेन का पोस्ट भी किया।
इधर ईरान भी थमने को तैयार नहीं, ट्रंप को कहा गैम्बलर
इधर ईरान भी थमने को तैयार नहीं है। ईरानी संसद ने हॉर्मुज की खाड़ी को बंद करने पर अपनी मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी आखिरी फैसला ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को लेना है। इधर ईरान ने अमेरिका को धमकी दे दी है। ईरान ने अमेरिकी हमले को ईरान की पवित्र जमीन का उल्लंघन बताया है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर (IRGC) के प्रवक्ता इब्राहिम ज़ोल्फ़ग़री ने कहा है कि "मिस्टर ट्रंप, गैम्बलर! आप ये युद्ध शुरू कर सकते हैं लेकिन इसे ख़त्म हम करेंगे।"
ईरान के कमांडर इन चीफ़ अमीर हातमी का एक वीडियो जारी किया गया है जिसमें उन्होंने कहा कि जब भी अमेरिका ने अतीत में ईरान के ख़िलाफ़ 'अपराध' किए हैं, उसे 'कड़ा जवाब' मिला है और इस बार भी वही होगा। इधर अरब की खाड़ी में ईरान की नेवी उतर गई है। ईरानी नेवी के युद्धपोत,मिसाइल लॉन्चर और ड्रोन तैनात हो चुके हैं। किसी भी वक्त जंगी मिशन का आदेश जारी किया जा सकता है। वहीं ईरान ने कहा है कि नुकसानों के बाद भी उसका यूरेनियम एनरिचमेंट का काम जारी रहेगा।
इजरायल का ईरान पर बड़ा हमला
इधर इजरायली सेना ने दावा किया है कि उसने ईरान के छह एयरपोर्ट पर हमला किया है। हमले में 15 ईरानी एयरक्राफ्राट तबाह किए गए हैं और रनवे को नुकसान पहुंचाया गया है। इसराइली डिफेंस फोर्स ने सोशल मीडिया पर इस हमले की जानकारी दी है। IDF ने बताया कि ये हमले पश्चिमी, पूर्वी और सेंट्रल ईरान में स्थित एयरपोर्ट पर किए गए। इसराइली सेना ने यह भी कहा कि रनवे और भूमिगत बंकरों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा IDF के मुताबिक़, इन हवाई हमलों में F-15 और F-5 फ़ाइटर जेट, रिफ्यूलिंग प्लेन और एएच-1 कोबरा अटैक हेलीकॉप्टर तबाह किए गए हैं। ईरान ने अभी तक इन हमलों की पुष्टि नहीं की है।
खतरनाक मोड़ पर इजरायल-ईरान युद्ध
ईरान-इज़राइल जंग पहले ही विस्फोटक थी। अब अमेरिका के हमलों ने उसे और भड़का दिया है। ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी बमबारी ने चिंताओं को भी तेज़ कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र, IAEA, रूस, चीन, यूरोप, हर कोई बेचैन है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में अमेरिका के हमलों पर तीखी बहस हुई। रूस, चीन और पाकिस्तान ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। उन्होंने तत्काल युद्धविराम की मांग करते हुए मसौदा प्रस्ताव रखा। वहीं यूएन महासचिव ने एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि ये हमला “खतरनाक मोड़” है और इसका असर क्षेत्र से आगे तक होगा। उन्होंने कहा ये भी कहा “हम युद्ध की दलदल में जा रहे हैं और अब डिप्लोमेसी ही आखिरी उम्मीद है”।
खतरनाक पड़ाव पर ईरान VS इज़राइल की जंग
ईरान और इज़राइल के बीच चल रहे टकराव में अमेरिका की एंट्री ने वैश्विक स्तर पर डर और चिंता को और गहरा कर दिया है। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया और इसके बाद जियो पॉलिटिकल समीकरण हिल गए हैं। ये हमला जहां एक ओर न्यूक्लियर डिटरेंस के नाम पर हुआ, वहीं अब सवाल ये है कि क्या ये किसी बड़ी जंग की शुरुआत है? यूरोप, एशिया, खाड़ी देश, हर जगह बाज़ारों में उतार-चढ़ाव है, तेल की कीमतें बढ़ रही हैं और राजनयिक हलकों में बेचैनी है। दुनिया पूछ रही है,क्या अमेरिका अब इस युद्ध को अपने हाथ में ले चुका है?
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में अमेरिका के हमलों पर तीखी बहस हुई। रूस, चीन और पाकिस्तान ने इन हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। उन्होंने तत्काल युद्धविराम की मांग करते हुए मसौदा प्रस्ताव रखा। लेकिन अमेरिका ने हमले को जायज़ बताया और चेताया अगर ईरान ने जवाब दिया तो उसका अंजाम भयानक होगा।
Iran-Israel war : होर्मुज स्ट्रेट बंद होने का भारत पर क्या होगा असर, क्या हैं दूसरे विकल्प
इस बीच IAEA प्रमुख राफेल ग्रोसी ने कहा कि अगर बातचीत का रास्ता बंद हुआ तो “अकल्पनीय स्तर की तबाही” हो सकती है। उन्होंने बताया कि ईरान के फोर्दो, नतांज़ और इस्फहान साइट्स पर भारी बमबारी से संरचनात्मक नुकसान हुआ है। IAEA टीम ईरान में मौजूद है, लेकिन उन्हें साइट पर जाने के लिए युद्धविराम चाहिए। राफेल ग्रोसी ने ये भी कहा कि यूरेनियम का स्टॉकपाइल पहले ही शिफ्ट किया जा चुका था।
अब सवाल है क्या IAEA को निरीक्षण की इजाज़त मिलेगी? या फिर यह हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई न होकर,परमाणु निगरानी व्यवस्था की चुनौती बन जाएगा। दुनियाभर की सरकारें और एजेंसियां अब इसी बात को लेकर परेशान हैं, क्या ये तनाव अब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लेगा?
फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन ने संयम बरतने की अपील की है। खाड़ी देशों में सैन्य अलर्ट बढ़ा दिया गया है,अमेरिकी ठिकानों की सुरक्षा भी सख्त हो गई है। तेल की कीमतों में तेज़ उछाल आया है । राजनयिक हलकों में चर्चा तेज़ है कि अगर ईरान जवाब देता है तो क्या अमेरिका एक भयानक युद्ध को अंजाम तक पहुंचाएगा।?
ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के इस ट्वीट से समझिए कि हालात कहां पहुंच चुके हैं। "ज़ायनिस्ट दुश्मन ने बहुत बड़ी गलती और बहुत बड़ा जुर्म किया है। अब उसे इसकी सज़ा मिल रही है,और यही सज़ा अभी दी जा रही है।"
ज़ाहिर है कि पश्चिम एशिया समेत पूरी दुनिया के लिए ये घड़ी बेहद नाज़ुक है। यही वजह है कि दुनिया इस नई संभावित तबाही पर ब्रेक लगाना चाहती है।
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