कर्नाटक के चामराजनगर जिले के माले महादेश्वर हिल्स के हुग्यम वन क्षेत्र में एक बाघिन और उसके चार शावकों की मौत की गुत्थी सुलझ गई है। वन विभाग ने खुलासा किया है कि इन बाघों को बदले की भावना से ज़हर देकर मारा गया था। जानकारी के अनुसार, एक व्यक्ति की गाय को जंगली जानवरों ने मार दिया था, जिससे नाराज़ होकर उसने बाघों को मारने की साजिश रची। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मृत गाय के मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बाघिन और उसके शावकों के मिले थे शव
यह घटना गुरुवार को सामने आई, जब बाघिन और उसके शावकों के शव जंगल में पाए गए थे। पुलिस और वन विभाग ने जांच शुरू की, और जाँच में यह साफ़ हुआ कि उन्हें जहर दिया गया था। इस दिल दहला देने वाली घटना से राज्यभर में आक्रोश फैल गया है। इस दर्दनाक मामले को पुलिस ने एक अहम सुराग की मदद से सुलझाया। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को माडा उर्फ मादुराजू की जहरीली गाय का शव मिला, जिससे जांच को दिशा मिली।
बदले के लिए शख्स ने रचि साजिश
जानकारी के अनुसार, मादुराजू की गाय 'केंची' को जंगली जानवरों ने मार डाला था, जिससे वह बहुत गुस्से में था। अपने नुकसान का बदला लेने के लिए उसने गाय के शव पर ज़हर छिड़का और उसे उसी जंगल में छोड़ दिया, जहां बाघिन और उसके शावक घूमते थे। जांच में यह भी सामने आया कि मादुराजू के दोस्त कोनप्पा और नागराजू भी इस योजना में शामिल थे। पुलिस और वन अधिकारियों ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की आगे जांच जारी है।
आरोपी हुआ गिरफ्तार
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बाघिन ने पहले ज़हर से मरी हुई गाय को खाया और बाद में अपने शावकों के साथ दोबारा लौटकर उसके अवशेषों को खा लिया, जिससे सभी की मौत हो गई।इस मामले में तीनों संदिग्धों को आगे की पूछताछ के लिए हनुरु तालुक के मीन्यम स्थित 'अरण्य भवन' ले जाया गया। पूछताछ के दौरान, मादुराजू के पिता शिवन्ना ने सामने आकर इस कृत्य की ज़िम्मेदारी ली, लेकिन जब जांच में मादुराजू की भूमिका की पुष्टि हुई, तो पिता को छोड़ दिया गया।
मामाले के खुलासे के बाद लोगों में गुस्सा
यह घटना सामने आने के बाद जनता में गुस्सा फैल गया और राजनीतिक हलकों में भी तीखी प्रतिक्रिया हुई। विपक्षी भाजपा ने सरकार पर वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। बाघिन और उसके तीन शावकों की मौत की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए खांडरे ने कहा, "कर्नाटक देश में बाघों की आबादी के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां कुल 563 बाघ हैं। यह राज्य बाघ संरक्षण के लिए जाना जाता है, ऐसे में इस दुखद घटना की जानकारी मिलना बेहद पीड़ादायक है।" राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, बाघों की संख्या में कर्नाटक देश में दूसरे नंबर पर है और पहले स्थान पर मध्य प्रदेश आता है।
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