Sunday, June 22, 2025

Iran Israel War: वर्ल्ड वॉर 3 की आशंका! अमेरिकी हमलों के बाद पुतिन से मिलेंगे ईरान के विदेश मंत्री, रूस के लिए हुए रवाना

Israel-Iran War News Updates: अमेरिकी हमलों के बाद ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा है कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने के लिए रविवार (22 जून) को मॉस्को जाएंगे। अरागची ने रविवार को कहा कि उनका देश अपने विभिन्न परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में आगे जो भी कार्रवाई करेगा उसके लिए वाशिंगटन पूरी तरह जिम्मेदार होगा। उन्होंने कहा कि उनके परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद कोई कूटनीतिक रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि हमारे विभिन्न परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों के जवाब में अगर हम कोई कार्रवाई करते हैं, तो उसके लिए वाशिंगटन पूरी तरह से जिम्मेदार है।

अरागची ने इस्तांबुल में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ऐसी कोई लक्ष्मण रेखा अब नहीं बची है जिसे अमेरिका ने पार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि कूटनीतिक रास्ते हमेशा खुला रहने चाहिए। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अरागची ने तुर्किये में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अमेरिका में युद्धोन्मादी, अराजक प्रशासन अपने आक्रामक कृत्य के खतरनाक परिणामों और दूरगामी प्रभावों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।"

ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि अंतिम लक्ष्मण रेखा सबसे खतरनाक रेखा है जो कल पार की गई। अमेरिका ने परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला करके इस लक्ष्मण रेखा को लांघने का काम किया है। अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमले के बाद ईरान के विदेश मंत्री की यह पहली प्रतिक्रिया है।

पीएम मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति से की बात

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से बातचीत की। उन्होंने ईरान एवं इजरायल के बीच तनाव को संवाद और कूटनीति के माध्यम से घटाने की अपील की। प्रधानमंत्री मोदी और ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान के बीच फोन पर यह बातचीत अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर बमबारी किए जाने के कुछ ही घंटे बाद हुई। इस बमबारी से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया है।

पीएम मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उन्होंने तनाव बढ़ने पर गहरी चिंता जताई। पीएम मोदी ने कहा, "ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान से बात की। हमने वर्तमान स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। तनाव बढ़ने पर गहरी चिंता जताई।" उन्होंने कहा, "हमने तनाव तत्काल कम करने की अपील की और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता बहाल करने के लिए संवाद और कूटनीति का मार्ग अपनाने की अपील की।"

ईरान-इजरायल युद्ध में अमेरिका कूदा

ईरानी परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिए इजरायल के हमलों में उसका साथ देते हुए अमेरिका की सेना ने रविवार (22 जून) तड़के ईरान के तीन परमाणु केंद्रों पर हमले किए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमलों की जानकारी देते हुए कहा कि ईरान के परमाणु केंद्र पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि यदि उसने जवाबी कार्रवाई की तो उसके खिलाफ और अधिक हमले किए जा सकते हैं।

ट्रंप ने कहा कि अमेरिका सटीकता, तीव्रता और कुशलता से ऐसे और अधिक केंद्रों को निशाना बना सकता है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "ईरान में या तो शांति होगी या फिर त्रासदी होगी, जो पिछले आठ दिनों में देखी गई त्रासदी से कहीं अधिक घातक होगी।"

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उधर ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने फोर्दो, इस्फहान और नतांज परमाणु केंद्रों पर हमलों की पुष्टि की और जोर देकर कहा कि अपने दुश्मनों की बुरी साजिशों के बावजूद वह अपने हजारों क्रांतिकारी और प्रतिबद्ध वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों के प्रयासों से उठ खड़ा होगा। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी सेना ने ईरान में पर्वतीय क्षेत्र में बनाए गए फोर्दो परमाणु प्लांट पर बंकर-बस्टर बमों का से हमला किया।



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