Pahalgam Terror Attack: सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया है। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब ऐसी अटकलें हैं कि भारत पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों के मद्देनजर कार्रवाई कर सकता है। ऐसी जानकारी है कि देश की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को एनएसएबी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। एनएसएबी एक सलाहकार बॉडी है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को जानकारी प्रदान करता है।
सूत्रों ने बताया कि एनएसएबी में नियुक्त नए सदस्यों में पश्चिमी वायु कमान के पूर्व कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, सेना की दक्षिणी कमान के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल (रिटायर्ड) मोंटी खन्ना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व राजनयिक बी वेंकटेश वर्मा और रिटायर आईपीएस राजीव रंजन वर्मा को भी एनएसएबी का सदस्य नियुक्त किया गया है।
पीएम मोदी ने सेना को दी पूरी छूट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शीर्ष रक्षा अधिकारियों से कहा कि सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की पूरी अभियानगत छूट है। सरकारी सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों सहित शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता के दौरान यह टिप्पणी की।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है।" सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों की क्षमता में पूर्ण विश्वास व्यक्त किया। एक सूत्र ने PM मोदी के हवाले से कहा, "उन्हें (सशस्त्र बलों को) हमारी जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय के बारे में फैसला लेने की पूरी अभियानगत छूट है।"
इस बैठक में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल अनिल चौहान भी शामिल हुए। यह बैठक पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर विचार किए जाने के बीच हुई। पहलगाम के लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में कम से कम 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले में शामिल आतंकवादियों और उनके आकाओं का पृथ्वी के अंतिम छोर तक पीछा करने और उन्हें उनकी कल्पना से परे कड़ी से कड़ी सजा देने का आह्वान किया है। पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर पिछले कई वर्षों में हुआ सबसे घातक हमला है, जिसे लेकर पूरे देश में आक्रोश की लहर है। हमलावरों तथा उनके आकाओं के खिलाफ कठोर जवाबी कार्रवाई की मांग उठ रही है।
प्रधानमंत्री की कठोर टिप्पणियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर उनकी सरकार के कड़े रुख के कारण भारत की ओर से करारी जवाबी कार्रवाई की उम्मीदें बढ़ गई हैं। PM मोदी सरकार ने 2016 में उरी में सेना के जवानों पर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उसने पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले को निशाना बनाए जाने के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमला किया था।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, जिनमें पड़ोसी देश के साथ सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी शामिल है। सूत्रों ने बताया कि इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख और दो अन्य सुरक्षा संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। हालांकि, बैठक के एजेंडे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है।
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