राजस्थान में एक लड़के के साथ हुए अत्याचार का एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। ये लड़का एक बारात देखने गया था, तभी दो लोगों ने उसे पास के बस स्टैंड पर बुलाया। पुलिस ने बताया कि बिना किसी बात के उन्होंने उसकी पिटाई की, उस पर पेशाब किया और 19 साल के इस दलित लड़के के साथ यौन उत्पीड़न किया। यह घटना 8 अप्रैल को सीकर के फतेहपुर इलाके में घटित हुई। इस मामले में किशोर के सदमे में होने के कारण घटना के लगभग एक हफ्ते बाद 16 अप्रैल को परिवार ने FIT दर्ज कराई थी।
शिकायत में कहा गया है कि आरोपियों ने उसके गुप्तांगों पर भी प्रहार किया, उसे कपड़े उतारने पर मजबूर किया और उसके साथ अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न किया। पीड़ित ने आरोप लगाया, "वे नशे में थे। उन्होंने मुझे बोतल से मारा, मुझ पर पेशाब किया और जातिवादी गालियां दीं।"
उसने बताया कि आरोपियों ने अपनी इन हरकतों का वीडियो भी रिकॉर्ड किया और घटना के बारे में किसी को बताने पर इसे सोशल मीडिया पर साझा करने की "धमकी" दी।
पुलिस ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC ST Act) की जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस उपाधीक्षक (DSP) अरविंद कुमार ने न्यूज एजेंसी PTI को बताया, "हमने मामले में FIR दर्ज कर ली है। पीड़ित की मेडिकल जांच करा ली गई है और उसका बयान दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।"
राजस्थान में विपक्ष के नेता और दलित नेता टीका राम जूली ने कहा कि इस घटना ने राज्य में "कानून व्यवस्था की असली स्थिति" को उजागर कर दिया है।
जूली ने कहा, "यह आज के राजस्थान की सच्चाई है। एक दलित युवक का अपहरण किया गया, उसे पीटा गया, उसके साथ दुष्कर्म किया गया, उस पर पेशाब किया गया और उसे धमकाया गया। यह कोई फिल्मी सीन नहीं है, यह एक शर्मनाक सच्चाई है।"
जूली के साथ भी भेदभाव की घटना हुई थी, जब बीजेपी नेता ज्ञानदेव आहूजा ने कांग्रेस नेता के दौरे के बाद मंदिर को "शुद्ध" करने के लिए उसमें गंगाजल छिड़का था।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी घटना पर संज्ञान लिया। अशोक गहलोत ने कहा, "यह आघात इतना गंभीर था कि युवक आठ दिनों तक शिकायत दर्ज नहीं करा सका।"
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