Sunday, January 5, 2025

ONDC: सरकार की नई ऑनलाइन दुकान, फ्लिपकार्ट- एमेजॉन को सीधे टक्कर, सस्ता सामान और कमाई का मौका!

ऑनलाइन शॉपिंग और फूड डिलीवरी के लिए जब भी बात होती है। तब हमेशा फ्लिपकार्ट, एमेजॉन, जोमैटो और स्विगी जैसे प्लेटफॉर्म का जिक्र सबसे पहले आता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इनसे भी सस्ता और अच्छा एक सरकारी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मौजूद है? यह प्लेटफॉर्म ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) है। जिसे सरकार ने छोटे कारोबारियों को डिजिटल कॉमर्स से जोड़ने और ग्राहकों को सस्ती सेवाएं देने के लिए शुरू किया है। यह तेजी से सुर्खियां बटोर रही है। लोग इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रेह हैं। अब तक इस  प्लेटफॉर्म से  7 लाख से ज्यादा दुकानदार और सेवा देने वाले लोग जुड़ चुके हैं।

ONDC पर आप ग्रॉसरी, गैजेट्स और यहां तक कि खाना भी ऑर्डर कर सकते हैं। यह प्लेटफॉर्म डिजिटल व्यापार को आसान बनाने और छोटे व्यापारियों को मजबूत करने का एक अच्छा उदाहरण बन रहा है।

कैसे हुई शुरुआत?

2021 में सरकार ने ONDC की शुरुआत की, ताकि छोटे व्यापारियों को डिजिटल कॉमर्स से जोड़ा जा सके। इसका मकसद ई-कॉमर्स को सबके लिए सस्ता और आसान बनाना था। यह प्लेटफॉर्म छोटे व्यापारियों को बड़े साइट्स के मुकाबले बराबरी का मौका देता है, जिससे उनका व्यापार बढ़ता है और ग्राहकों को सस्ती चीजें मिलती हैं।

छोटे व्यापारियों का सहारा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ONDC को छोटे व्यापारियों के लिए बहुत जरूरी बताया। उनका कहना है कि यह प्लेटफॉर्म छोटे व्यापारियों को बराबरी का मौका देता है और बड़े कंपनियों से मुकाबला करने में मदद करता है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इसे छोटे व्यापारों के लिए समान अवसर देने वाला मंच कहा।
क्या है ONDC का उद्देश्य?
ONDC का उद्देश्य ई-कॉमर्स को सभी के लिए आसान बनाना है। यह छोटे विक्रेताओं को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ता है, जिससे उनका कारोबार बढ़ता है। विक्रेता सीधे ग्राहकों से जुड़कर ज्यादा प्रॉफिट कमा सकते हैं, और ग्राहक को सस्ती चीजें मिलती हैं। अब तक ONDC ने 15 करोड़ लेन-देन किए हैं और इसके साथ 200 से ज्यादा भागीदार जुड़े हैं। यह छोटे व्यापारियों के लिए एक बड़ा अवसर बन चुका है।
डिजिटल कॉमर्स का बदल रहा है तरीका 
ONDC ग्राहकों को सस्ती और बेहतर सेवाएं दे रहा है, साथ ही छोटे व्यापारियों को बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स से बाहर निकलने का मौका भी दे रहा है। यह भारत के डिजिटल व्यापार को एक नई दिशा दे रहा है। अगर आपने ONDC का उपयोग नहीं किया, तो आज ही इसे आजमाएं और सरकारी ई-कॉमर्स की ताकत महसूस करें।


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Saturday, January 4, 2025

Budget 2025: भारत बनेगा दुनिया का फाइनेंशियल पावरहाउस? बजट में इन 5 सुधारों पर होगा जोर

Budget Expectations 2025: ग्लोबल स्तर पर कई चुनौतियों के बावजूद भारतीय इकोनॉमी ने वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 7.6% की जीडीपी ग्रोथ के साथ अपनी मजबूती दिखाई। डेलॉयट इंडिया ने बजट से पहले जारी अपनी एक प्री-बजट रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है। इस रिपोर्ट को डेलॉयट इंडिया के पार्टनर और फाइनेंशियल सर्विसेज लीडर, हिमानीश चौधरी ने तैयार किया है। इस दौरान सितंबर 2024 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वहीं भारतीय शेयर बाजार ने लगभग सभी इमर्जिंग देशों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया।

हालांकि डेलॉयट की रिपोर्ट को मुताबिक, 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत के फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर को करीब 20 गुना तक बढ़ने की जरूरत है। डेलॉयट ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक 5-सूत्रीय एजेंडा तैयार किया है और कहा कि बजट में उसे इन ऐलानों की उम्मीद रहेगी। इसमें गिफ्ट सिटी, इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश और भारत की ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट में पहुंच को बढ़ावा देने की रणनीतियां शामिल हैं।

डेलॉयट ने फाइनेंशियल सेक्टर को नई उड़ान देने के लिए बजट में इन 5 रणनीतियों पर फोकस करने का सुझाव दिया है-

1. IFSC गिफ्ट सिटी को ग्लोबल हब बनाना

गिफ्ट सिटी (IFSC) भारत को ग्लोबल फाइनेंशियल हब बनाने की महत्वाकांक्षा का केंद्र है। लेकिन इसके विकास में अच्छे टैलेंट की कमी और नियामक बाधाएं बड़ी चुनौतियां हैं। इसे दूर करने के लिए रिपोर्ट में कई सुझाव दिए गए हैं-

- कर्मचारियों के लिए कर छूट और नियोक्ताओं के लिए वेटेड टैक्स कटौती।

- नॉन-बैंकिंग इकाइयों के लिए टैक्स इंसेंटिव्स को बैंकिंग इकाइयों के बराबर करना।

- टैक्स हॉलिडे की अवधि मार्च 2025 से आगे बढ़ाकर पांच साल और करना।

- टैक्स हॉलिडे के बाद 15% आयकर दर लागू करना।

- आईएफएससी ऑपरेशंस के लिए अलग इनकम टैक्स फ्रेमवर्क तैयार करना।

2. इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश को बढ़ावा देना

विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास सबसे अहम है। सॉवरेन वेल्थ फंड (SWF) और विदेशी पेंशन फंड (FPF) इस परियोजनाओं की फंडिंग में में अहम भूमिका निभाते हैं।

सुझाव:

- SWF और FPF के निवेश पर टैक्स छूट की सीमा को मार्च 2025 से आगे बढ़ाकर तीन साल और करना।

- नॉटिफाइड SWF और FPF को भुगतान पर विदहोल्डिंग टैक्स खत्म करना।

- डबल टैक्सेशन रोकने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में दोबारा निवेश किए गए डिविडेंड्स पर टैक्स छूट।

- SWF और FPF के पास रखे गैर-सूचीबद्ध बॉन्ड और डिबेंचर पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स को खत्म करना।

3. भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का ग्लोबल विस्तार

भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार की अपार संभावनाएं हैं। रिपोर्ट में भारतीय म्यूचुअल फंड को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश दिलाने में मदद करने के लिए कई कदम सुझाए गए हैं-

- विदेशी निवेश को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए $7 अरब डॉलर की इंडस्ट्री कैप और व्यक्तिगत फंड हाउस की लिमिट्स को बढ़ाना।

- भारतीय म्यूचुअल फंड्स को सीधे विदेशी सिक्योरिटीज में निवेश करने की इजाजत देना।

- ग्लोबल पासपोर्टिंग मानक स्थापित करना।

4. फंड मैनेजमेंट हब के रूप में भारत की स्थिति मजबूत करना

डेलॉयट की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में टैक्स से जुड़ी अनिश्चितताओं के कारण ग्लोबल फंड मैनेजर्स को आकर्षित करना कठिन रहा है। इसे दूर करने के लिए उसने कई सुझाव दिए हैं-

- टैक्स उद्देश्यों के लिए कैरिड इंटरेस्ट को कैपिटल गेन के रूप में माना जाना चाहिए।

- कैरिड इंटरेस्ट पर GST से छूट देना।

- ब्रोकर-डीलरों और रीइंश्योरेंस कंपनियों जैसे विदेशी फाइनेंशियल कंपनियों को आकर्षित करने के लिए IFSC गिफ्ट सिटी जैसे प्रतिस्पर्धी नियामकीय ढांचे को भारत में लागू करना।

5. फाइनेंशियल सेक्टर की स्थिरता बढ़ाना

लंबी अवधि की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए रिपोर्ट में कई कदम सुझाए गए हैं:

- सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को गति देना।

- डेटा सिक्योरिटी और साइबर रिस्क मैनेजमेंट के लिए एक इंटीग्रेटेड गाइडलाइंस जारी करना।

- उभरते कैटेगरीज को शामिल करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सब-सेक्टर्स की मास्टर लिस्ट को नियमित रूप से अपडेट करना।

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Friday, January 3, 2025

Budget 2025: सीतारमण के इन उपायों से एनबीएफसी सेक्टर को लग सकते हैं पंख

एनबीएफसी सेक्टर को यूनियन बजट 2025 से काफी उम्मीदें हैं। फाइनेंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (एफआईडीसी) ने फाइनेंस मिनिस्ट्री को अपनी उम्मीदों के बारे में बताया। काउंसिल का मानना है कि एनबीएफसी के फंडिंग के स्रोत डायवर्सिफायड होने चाहिए। साथ ही लोन रिकवरी के लिए बेहतर टूल्स की जरूरत है। अगर एनबीएफसी से जुड़े टैक्स के नियमों का आसान बनाया जाता है तो यह सेक्टर तेज ग्रोथ दिखा सकता है।

समर्पित रिफाइनेंस सिस्टम की जरूरत

FIDC ने फाइनेंस मिनिस्ट्री से कहा है कि सरकार को इस सेक्टर के लिए एक समर्पित रिफाइनेंस सिस्टम बनाना चाहिए। सरकार इसके लिए नेशनल हाउसिंग बैंक का मॉडल अपना सकती है। इससे एनबीएफसी को कम इंटरेस्ट रेट और आसान शर्तों पर लोन हासिल करने में मदद मिलेगी। अभी एनबीएफसी को पूंजी की जरूरत के लिए बैंकों पर निर्भर रहना पड़ता है। बैंकों से हासिल लोन पर उन्हें इंटरेस्ट चुकाना पड़ता है। इससे एनबीएफसी के लिए लोन की कॉस्ट बढ़ जाती है।

ग्राहकों का दायरा बढ़ना चाहिए

अभी एनबीएफसी के ग्राहकों का दायरा सीमित है। ज्यादातर एनबीएफसी रिटेल ग्राहकों पर फोकस करती है। पर्याप्त फंड की सुविधा मिलने पर एनबीएफसी MSME, प्रायरिटी सेक्टर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और सोलर रूफटॉप के लिए भी लोन ऑफर करने पर फोकस बढ़ा सकती हैं। इससे एनबीएफसी का बिजनेस बढ़ेगा, जिससे उनकी कमाई भी बढ़ेगी। इकोनॉमी के अलग-अलग सेक्टर की लोन की जरूरत पूरी करने में भी एनबीएफसी की बड़ी भूमिका हो सकती है।

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बॉन्ड बाजार के विस्तार से फायदा

एफआईडीसी ने सरकार से कॉर्पोरेट बॉन्ड मार्केट के विस्तार के लिए उपाय करने की गुजारिश की है। इससे फंड की जरूरत के लिए बैंकों पर एनबीएफसी की निर्भरता में कमी आएगी। सरकार प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय कर सकती है। अभी प्राइमरी और सेकेंडरी बॉन्ड मार्केट में ज्यादातर एएए और एए प्लस बॉन्ड्स का ज्यादा बोलबाला है। सरकार को बॉन्ड की व्यापक रेंज उपलब्ध कराने की कोशिश करनी चाहिए।



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Thursday, January 2, 2025

50 रुपये से ज्यादा उछल सकता है ये इंफ्रा स्टॉक, एक दो दिनों में मुनाफे के लिए डीलर्स ने आज इन दो शेयरों में कराई जोरदार खरीदारी

Dealing Room Check: - ऑटो और ऑटो फाइनेंसिंग कंपनियों में आज तूफानी रफ्तार देखने को मिली। शानदार बिक्री आंकड़ों के बाद आयशर मोटर्स 7% चढ़ गया। अशोक लीलैंड 5% दौड़ा। वहीं मारुति में भी 5% का उछाल देखने को मिला। दूसरी तरफ कमर्शियल गाड़ियों की फाइनेंसिंग से जुड़ी चोला फाइनेंस कंपनी का स्टॉक करीब 5% उछला। श्रीराम फाइनेंस में भी 3% की रौनक देखने को मिली। ऑटो के साथ IT शेयरों में भी तूफानी तेजी नजर आई। निफ्टी IT INDEX डेढ़ परसेंट से ज्यादा चढ़ा। इन्फोसिस में तीन परसेंट का उछाल देखने को मिला। इसके साथ ही HCL TECH, LTIM, LTTS में भी रफ्तार नजर आई। वहीं सरकारी बैंक और रियल्टी में हल्की मुनाफावसूली देखने को मिली। इधर डीलर्स ने आज आरईसी (REC) और अदाणी पोर्ट (ADANI PORT) के शेयर में दांव लगाने की राय अपने क्लाइंट्स को दी।

REC

सीएनबीसी-आवाज़ के यतिन मोता ने डीलिंग रूम्स के सूत्रों के हवाले से कहा कि आज डीलर्स ने पावर फाइनेंस सेक्टर के शेयर में खरीदारी करवाई है। डीलर्स ने आरईसी (REC) के शेयर में खरीदारी करने की राय अपने क्लाइंट्स को दी है। डीलर्स के मुताबिक शेयर में FII की शॉर्ट कवरिंग देखने को मिली है। डीलर्स की स्टॉक में BTST यानी कि आज खरीदने और कल बेचने की सलाह दी है। डीलर्स के मुताबिक इसमें 525-530 रुपये तक के लक्ष्य संभव हैं।

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ADANI PORT

दूसरे स्टॉक के रूप में भी डीलर्स ने आज इंफ्रा सेक्टर के शेयर में बुलिश राय दी। यतिन मोता ने कहा कि डीलर्स ने अदाणी पोर्ट (ADANI PORT) के शेयर में खरीदारी करने की राय दी है। डीलर्स के मुताबिक घरेलू फंड्स की बैंकिंग शेयरों में खरीदारी देखने को मिली है। डीलर्स ने इस स्टॉक पर 40-50 रुपये के उछाल की उम्मीद जताई है। डीलर्स का कहना है कि HNIs की शेयर में खरीदारी हुई है।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

 

 

 

 



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Budget 2025: निर्मला सीतारमण से ये हैं इंडस्ट्रीज की 5 सबसे बड़ी उम्मीदें

यूनियन बजट 2025 से पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इंडस्ट्रीज के अलग-अलग सेक्टर के प्रतिनिधियो से मुलाकात कर रही हैं। अब तक वह कई प्रमुख इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर चुकी हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में उन्होंने हेल्थकेयर और एजुकेशन सेक्टर के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। इंडस्ट्री को आम तौर पर वित्तमंत्री से 5 बड़ी उम्मीदें हैं। इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का कहना है अगर सरकार उनकी उम्मीदें पूरी करती है तो इससे जीडीपी ग्रोथ तेजी से बढ़ेगी।

1. इनकम टैक्स में राहत

करीब हर इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार को यूनियन बजट 2025 (Union Budget 2025) में इनकम टैक्स में कमी करना चाहिए। इससे आम लोगों पर टैक्स का बोझ घटेगा। इससे उनके पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे बचेंगे। लोग बढ़ती महंगाई की वजह से ज्यादा खर्च नहीं कर रहे हैं, जिसका सीधा असर इकोनॉमी की ग्रोथ पर पड़ रहा है।

2. पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी

प्रमुख उद्योग चैंबर सीआईआई ने कहा है कि अगर सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी करती है तो इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी। इससे आम आदमी को काफी राहत मिलेगी। अभी आम आदमी के महीने के खर्च में पेट्रोल की काफी हिस्सेदारी है।

3. रोजगार बढ़ाने के उपाय

इंडस्ट्री के कई सेक्टर के प्रतिनिधियों ने कहा है कि सरकार को रोजगार के मौके बढ़ाने पर फोकस करना होगा। इसके लिए सरकार उन सेक्टर के लिए स्कीम का ऐलान कर सकती हैं, जिनमें मानव श्रम की ज्यादा जरूरत होती है। इनमें टूरिज्म, गारमेंट्स, फुटवियर जैसी इंडस्ट्रीज शामिल हैं।

4. ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ाने पर फोकस

सरकार को ग्रामीण इलाकों में मांग बढ़ाने के लिए बजट में बड़े ऐलान करना चाहिए। इसके लिए ग्रामीण इलाकों में लोगों की इनकम बढ़ाना जरूरी है। ग्रामीण इलाकों में कमजोर मांग का असर कंपनियों के प्रदर्शन पर पड़ा है। दूसरी तिमाही में कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ इसका उदाहरण है।

यह भी पढ़ें: Budget 2025: सरकार आखिर किस वजह से STT खत्म नहीं कर रही, क्या 1 फरवरी को इसे खत्म करने का होगा ऐलान?

5. चीन से सस्ते आयात पर अंकुश

चीन में कंजम्प्शन कमजोर है। इसलिए वह अतिरिक्त उत्पादन के एक्सपोर्ट पर जोर दे रहा है। वह इंडिया सहित ग्लोबल मार्केट्स में सस्ते प्रोडक्ट्स की सप्लाई कर रहा है। इससे घरेलू कंपनियों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।



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सर्दियों में भी हरा-भरा रहेगा गेंदे का पौधा, बस गमले में डालें इस हरी सब्जी का घोल

घर की बालकनी में हरे-भरे और रंग-बिरंगे फूलों से सजे पौधे हमेशा देखने में सुंदर लगते हैं। हालांकि, इन पौधों की देखभाल करना आसान नहीं होता, खासकर सर्दियों के मौसम में। जब ठंड बढ़ने लगती है, ओस और पाले के कारण पौधों को नुकसान होने लगता है और उनका रंग मुरझाने लगता है। गेंदा का पौधा भी इससे अछूता नहीं है। सर्दी में ओस गिरने और सूर्य की कम रोशनी मिलने से इन पौधों की वृद्धि रुक जाती है, जिससे वे कमजोर पड़ने लगते हैं।लेकिन अब चिंता करने की कोई बात नहीं है। हम आपको एक प्रभावी और आसान उपाय बताने जा रहे हैं, जिससे आप सर्दियों में भी अपने गेंदा के पौधे को हरा-भरा और फूलदार बनाए रख सकती हैं।

बस आपको कुछ घरेलू नुस्खों की मदद लेनी होगी। इन नुस्खों के जरिए आप अपने पौधों को न केवल कोहरे और पाले से बचा सकती हैं, बल्कि उन्हें सही पोषण भी दे सकती हैं। इस तरह, आप सर्दी में भी अपने घर को रंग-बिरंगे फूलों से सजा सकती हैं।

पालक और सरसों की खली से करें देखभाल

रायबरेली के वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक नरेंद्र प्रताप सिंह ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए कहा कि सर्दियों में पौधों को पर्याप्त पानी और धूप नहीं मिलती, जिससे उनकी ग्रोथ प्रभावित होती है। हरी पत्तेदार सब्जियों में पालक जहां हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, वहीं यह गेंदा के पौधों के लिए भी वरदान है। पालक और सरसों की खली का मिश्रण पौधों को पोषण देकर उन्हें सर्दियों में हरा और फूलों से लबालब रख सकता है।

कैसे करें इसका उपयोग?

1 - एक बर्तन में पालक के पत्तों और सरसों की खली को अच्छी तरह उबाल लें।

2 - इसे छानकर ठंडा करें।

3 - इस पोषक पानी से गेंदे के पौधों की सिंचाई करें।

नियमित देखभाल से पौधे रहेंगे स्वस्थ

सर्दियों में गेंदा के पौधों की सिंचाई के लिए इस मिश्रण का इस्तेमाल करने से पौधे न केवल सही ढंग से बढ़ेंगे, बल्कि फूलों से भी लदे रहेंगे। ठंड के मौसम में पौधों को ज्यादा ध्यान और देखभाल की जरूरत होती है। इन सरल घरेलू उपायों से आप सर्दियों में भी अपने गार्डन को हरा-भरा और सुंदर बनाए रख सकते हैं।

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Tata Motors और M&M को मिलेंगे ‌₹246 करोड़, इस कारण सरकार से मिलेगा पैसा

ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनियों महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) और टाटा मोटर्स (Tata Motors) को पिछले वित्त वर्ष 2024 के लिए 246 करोड़ रुपये का इंसेंटिव मिलने वाला है। पीएलआई स्कीम (PLI Scheme) के तहत क्लेम की गई यह राशि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही जनवरी-मार्च 2025 में मिल सकती है। टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2024 की बढ़ी हुई बिक्री के आधार पर 142.13 करोड़ रुपये के इंसेंटिंव का दावा किया है तो महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 104.08 करोड़ रुपये का इंसेंटिव क्लेम किया है। हैवी इंडस्ट्रीज एंड स्टील मिनिस्टर एचडी कुमारास्वामी ने कहा कि देश में ही ऑटो मैनुफैक्चरिंग को लेकर ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर्स (OEMs) ने अच्छा काम किया है।

PLI Scheme के तहत कितना मिलता है इंसेंटिव?

टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा को इस तिमाही पीएलआई स्कीम के तहत 246 करोड़ रुपये का इंसेंटिव मिलने वाला है। इस स्कीम के तहत ईवी (इलेक्ट्रिक वाहनों) और हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स से जुड़े कंपोनेंट्स के लिए 13-18 फीसदी का इंसेंटिंव दिया जाता है। वहीं बाकी अन्य एडवांस्ड ऑटोनमोटिव टेक्नोलॉजी (AAT) कंपोनेंट्स पर 8-13 फीसदी का इंसेंटिव मिलता है।

पीएलआई स्कीम के चलते ऑटो सेक्टर में आया ₹20715 करोड़ का निवेश

सरकारी आंकड़ो के मुताबिक पीएलआई स्कीम के चलते ऑटो सेक्टर में 20,715 करोड़ रुपये का निवेश आया जिसके चलते बिक्री में 10,472 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। इस स्कीम के तहत जल्द ही और कंपनियां ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स का प्रोडक्शन शुरू करने वाली हैं। कार कंपनियों के लिए नई पीएलई स्कीम के तहत इंसेंटिव का यह पहला वित्त वर्ष है और यह वित्त वर्ष 2029 तक जारी रहेगा।

Hiring Alert: हायरिंग लौटी ट्रैक पर, लेकिन  Info Edge के एमडी ने इकॉनमी की इतनी सालाना रफ्तार को बताया जरूरी

Retail Power: 99.84% पिनकोड तक पहुंचा स्टॉक मार्केट, 10 साल में 10 गुना बढ़ी खुदरा निवेशकों की हिस्सेदारी

Hyundai Motor India के शेयरों में तेजी, कंपनी लॉन्च करेगी CRETA का इलेक्ट्रिक वर्जन



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Wednesday, January 1, 2025

Vitamin D Benefit: धूप में कितनी देर तक बैठने से विटामिन D की होगी पूर्ति? यहां जानिए पूरी डिटेल

हम सब लोग जानते हैं कि सेहत के लिए धूप बहुत जरूरी है। इससे विटामिन D की पूर्ति होती है। गर्मी के समय में लोग सूर्य की रोशनी से कोसों दूर भागते हैं। वहीं सर्दी के मौसम में लोग सूर्य के नजदीक आते हैं। विटामिन D भी सेहत के लिए काफी जरूरी माना जाता है। इसकी कमी से हड्डियों, ब्लड प्रेशर, दांत और मांसपेशियों की सेहत पर असर पड़ता है। Vitamin D की कमी से इम्यूनिटी कमजोर होती है। थकान, उदासी और तनाव बढ़ने लगता है। इस विटामिन की कमी को दूर करने के लिए आजकल बहुत से लोग टैबेलेट खाने लगते हैं।

धूप से विटामिन D की पूर्ति करने के लिए हर मौसम में सुबह 8 बजे से 11 बजे तक धूप में बैठना फायदेमंद माना जाता है। गर्मी में 20 से 25 मिनट और सर्दी में दो घंटे की धूप सेंकना फायदेमंद माना जाता है। इतने समय में शरीर भरपूर मात्रा में विटामिन D अवशोषित कर लेता है।

धूप के फायदे भी जान लीजिए

सूर्य की रोशनी में थोड़ा समय बिताने से ही कई फायदे मिलते हैं। इसमें से सबसे ज्यादा विटामिन D मिलता है। आज के समय में कई लोगों को विटामिन D की कमी हो रही है। सूर्य की रोशनी हमारे शरीर को ऊर्जावान भी बनाए रखता है। सूर्य की रोशनी से बॉडी को यूवीए मिलता है। जिससे हमारा ब्लड फ्लो बेहतर होता है। इसके अलावा ये ब्लड ग्लूकोज लेवल में सुधार करता है। अगर आप नींद की समस्या से जूझ रहे हैं तो आपके लिए सूर्य की रोशनी बहुत मददगार रहेगी। ये आपको गहरी नींद दिलाने में मददगार रहती है। सूर्य की रोशनी में मेलाटोनिन नाम का हार्मोन होता है। जिससे गहरी नींद आने में मदद मिलती है।

शरीर को विटामिन D की कितनी जरूरत?

शरीर में दांतो हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी मात्रा में विटामिन D मिलनी चाहिए। शरीर में मौजूद कैल्शियम को हड्डियों तक पहुंचाने का काम इसी विटामिन D के जिम्मे होता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को 1 दिन में करीब 37.5 से 50 एमसीजी विटामिन D की जरूरत होती है। वहीं बढ़ते हुए बच्चों को रोजाना कम से कम 25 एमसीजी की आवश्यकता होती है। यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो वसा में घुलता है। इसमें विटामिन D1, D2 और D3 होते हैं। धूप के संपर्क में आते ही त्वचा विटामिन D का खुद-ब-खुद निर्माण करने लगता है।

ऐसे करें विटामिन D की पूर्ति

गाय का दूध

विटामिन D के सोर्स की बात करें तो धूप के अलावा गाय का दूध भी फायदेमंद माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लो फैट मिल्क की बजाय फुल क्रीम मिल्क पीने से ज्यादा विटामिन D और कैल्शियम मिलता है।

दही

दही खाने से भी विटामिन D की कमी पूरी होती है। नियमित तौर पर दही का सेवन जबरदस्त फायदेमंद होता है। इससे न सिर्फ विटामिन डी की पूर्ति होती है। बल्कि शरीर को कई पोषक तत्व मिलते हैं।

ऑरेज जूस

संतरा और मौसम्बी का जूस भी विटामिन D का अच्छा सोर्स माना जाता है। नियमित तौर पर फ्रेश ऑरेंज जूस पीने से विटामिन D की कमी पूरी हो जाती है। यह सेहत के लिए कई और तरीके से फायदेमंद होता है।

डिस्क्लेमर - यहां बताए गए उपाय सिर्फ सामान्य ज्ञान पर आधारित हैं। इसके लिए आप किसी हेल्थकेयर प्रोफेशनल से सलाह लेने के बाद ही अपनाएं।

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GST collection: दिसंबर में 7.3% बढ़ा जीएसटी कलेक्शन, सरकार के खजाने में आए 1.77 लाख करोड़ रुपये

GST collections: दिसंबर महीने में गुड्स एंड सर्विसेज (GST) कलेक्शन बढ़कर 1.77 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह लगातार दसवां महीना है, जब GST कलेक्शन का आंकड़ा 1.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। सरकार ने आज 1 जनवरी 2025 को ये आंकड़े जारी किए हैं। इसके पहले दिसंबर 2023 में GST कलेक्शन से सरकार के खजाने में 1.65 लाख करोड़ रुपये आए थे। हालांकि, अप्रैल में हासिल किए गए ₹2.1 लाख करोड़ के आंकड़े से यह कम है। इसके अलावा, ग्रोथ की रफ्तार पिछले तीन महीनों में सबसे धीमी रही।

GST collections के आंकड़े

सरकार की ओर से जारी GST कलेक्शन के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर महीने में CGST 32836 करोड़ रुपये रहा। इसके अलावा, SGST 40499 करोड़ रुपये रहा। वहीं, IGST 912331 करोड़ रुपये और CESS 12301 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है।

दिसंबर तिमाही में जीएसटी कलेक्शन पिछली तिमाही से बेहतर रहा है। अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में जीएसटी कलेक्शन औसतन 1.82 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछली तिमाही में यह 1.77 लाख करोड़ रुपये था। दिसंबर तिमाही में जीएसटी कलेक्शन पिछले साल की तुलना में 8.3 फीसदी अधिक रहा।

जीएसटी रेवेन्यू में बढ़ोतरी पिछली तिमाही की तुलना में बेहतर आर्थिक प्रदर्शन का संकेत देती है। दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई। अप्रैल-जून की अवधि में विकास दर 6.7 फीसदी से गिरकर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई। आरबीआई को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 25 में अर्थव्यवस्था 6.6 फीसदी की दर से बढ़ेगी।



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