सरकार इनकम टैक्स की नई रीजीम के लिए दो बड़े ऐलान करने जा रही है। इससे नई रीजीम में टैक्सपेयर्स की दिलचस्पी बढ़ेगी। पिछले कुछ सालों में नई रीजीम का अट्रैक्शन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। 2023 में सरकार ने नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा देने का ऐलान किया था। पिछले साल बजट में सरकार ने नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया था। इस बार भी सरकार नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले टैक्सपेयर्स को बड़ा तोहफा देने जा रही है।
पिछले साल बढ़ा था स्टैंडर्ड डिडक्शन
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को इनकम टैक्स की नई रीजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 75,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये करने का ऐलान करेंगी। इससे बड़ी संख्या में लोगों को फायदा होगा। सरकार के डेटा के मुताबिक, अभी इंडिविजुअल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले लोगों में से 73 फीसदी लोग नई टैक्स रीजीम का इस्तेमाल कर रहे हैं। नई टैक्स रीजीम में टैक्स के रेट्स कम हैं, लेकिन ज्यादातर डिडक्शन के फायदे नहीं मिलते हैं।
एचआरए पर डिडक्शन सिर्फ ओल्ड रीजीम में मिलता है
सरकार इनकम टैक्स की नई रीजीम में हाउस रेंट अलाउन्स (HRA) का लाभ भी देने जा रही है। अभी इनकम टैक्स की सिर्फ ओल्ड रीजीम में एचआरए पर डिडक्शन मिलता है। एचआरए क्लेम करने से टैक्सपेयर्स का टैक्स काफी घट जाता है। हालांकि, यह ध्यान में रखना होगा कि एचआरए पर डिडक्शन का फायदा सिर्फ इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम में मिलता है। काफी समय से नई रीजीम में एचआरए पर डिडक्शन का लाभ देने की मांग चल रही है।
लोगों पर घटेगा टैक्स का बोझ
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर सरकार नई रीजीम में एचआरए डिडक्श देने और स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने का ऐलान बजट में करती है तो इससे लोगों पर टैक्स का बोझ घटेगा। महंगाई खासकर खानेपीने की चीजों की महंगाई के वजह से लोगों के हाथ में पैसे नहीं बच रहे हैं। इससे वे सेविंग्स नहीं कर पा रहे हैं। टैक्स का बोझ कम होने पर वे ज्यादा खर्च और सेविंग्स कर सकेंगे। लोगों के ज्यााद खर्च करने से इकोनॉमी में डिमांड बढ़ेगी, जिसका पॉजिटिव असर इकोनॉमिक ग्रोथ पर पड़ेगा।
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2020 में हुई थी नई रीजीम की शुरुआत
सरकार ने इनकम टैक्स की नई रीजीम में शुरुआत 2020 में की थी। इसे ऐसे लोगों के लिए शुरू किया गया था, जो इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में आसानी चाहते हैं। इसमें सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी सहित ज्यादातर डिडक्शन के फायदें नहीं मिलते हैें। लेकिन, इसमें टैक्स के रेट्स ओल्ड रीजीम के मुकाबले कम हैं।
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