सरकार ने OMSS के जरिए गेहूं की बिक्री बढ़ाने के लिए ज्यादा माल बेच रही है, लेकिन हर बार की तरह पूरी की पूरी खेप बिक जा रही है। 5 लाख टन गेहूं की बिक्री के लिए आई। 4.98 लाख टेन गेहूं की बिक्री हुई। 19 फरवरी को ज्यादा गेहूं की बिक्री हुई। पहले 4 लाख टन ब्रिकी के लिए आती थी। कीमतों में तेजी के कारण ज्यादा बिक्री हुई। जिसके कारण गेहूं की कीमतों में भी गिरावट आई।
OMSS में गेहूं के दाम पर नजर डालें तो झारखंड में 19 फरवरी को OMSS में गेहूं के दाम 2790-3107 रुपये प्रति क्विंटल पर थे। जबकि उत्तराखंड में 2724-3029 रुपये प्रति क्विंटल, असम में 2703-3270 रुपये प्रति क्विंटल, पश्चिम बंगाल में 2690-3100 रुपये प्रति क्विंटल, ओडिशा में 2609-3056 रुपये प्रति क्विंटल पर थे।
बताते चलें कि हाल ही में सरकार ने गेहूं बढ़ती कीमतों को देखते हुए स्टॉक लिमिट को घटाया। सरकार ने गेहूं की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए स्टॉक लिमिट कड़ी की है जबकि अधिक तापमान ने आगामी रबी फसल के उत्पादन को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।
गौरतलब हो कि देश के कई राज्यों में तापमान बढ़ने लगा है। जिसके बाद गेहूं के किसानों को उत्पादन में गिरावट की आशंका सताने लगी है। बढ़ता पारा किसानों के लिए परेशानी बन रहा है। वहीं 70% कम बारिश भी परेशानी बढ़ा रही। नॉर्थ में उत्पादन में गिरावट की आशंका है। मार्च वाली गर्मी 20-30 दिन पहले आई है।
WPPS के चेयरमैन अजय गोयल का कहना है कि कुछ मंडियों में गेहूं की सप्लाई शुरु हो गई है। यूपी, पंजाब, हरियाणा में गेहूं के दाम अब भी ऊपर हैं। इन राज्यों में गंहूं की कटाई में एक महीने का वक्त है। उन्होंने कहा कि सप्लाई बढ़ने पर गेहूं की कीमतों में गिरावट आएगी।
अजय गोयल ने आगे कहा कि गेहूं की 100 मिलियन टन से ज्यादा फसल की उम्मीद है। बाजार कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहा है। कीमतों में गिरावट के बाद ही मांग में तेजी आएगी।
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