Thursday, July 17, 2025

नहीं बंद किया PPF, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट तो फ्रीज हो जाएंगे अकाउंट, पोस्ट ऑफिस ने बदले सभी नियम

Small Saving Scheme: अगर आपने पोस्ट ऑफिस की किसी स्मॉल सेविंग स्कीम में पैसा लगाया है तो अब अलर्ट हो जाइए। अगर आपने सेविंग स्कीम के मैच्योर होने तीन साल बाद भी अकाउंट बंद नहीं किया है, या आगे नहीं बढ़ाया है, तो अब आपका स्मॉल सेविंग अकाउंट फ्रीज हो सकता है। फ्रीज होने का मलतब है कि आप उस योजना से पैसा नहीं निकाल सकते। पोस्ट ऑफिस ने अब ऐसे स्मॉल सेविंग अकाउंट को फ्रीज करना शुरू कर दिया है।

हर साल 2 बार होगा सेविंग स्कीम अकाउंट फ्रीज करने का प्रोसेस

पोस्ट ऑफिस ने यह आदेश 15 जुलाई 2025 को जारी किया है। नए आदेश में कहा गया है कि यह प्रोसेस अब हर साल दो बार 1 जुलाई और 1 जनवरी से शुरू होगा। ये पूरा प्रोसेस 15 दिनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। इसका मकसद यह तय करना है कि जमा की गई मेहनत की कमाई सेफ रहे और इसका गलत इस्तेमाल न हो।

किन खातों को किया जाएगा फ्रीज?

यह नियम उन खातों पर लागू होगा जो मैच्योरिटी के बाद तीन साल तक निष्क्रिय रहे हैं। यानी जिन्हे न ही बंद किया और न ही आगे बढ़ाया गया। अब ऐसे अकाउंट को फ्रीज कर दिया जाएगा। इनमें ये सभी तरह के अकाउंट शामिल है।

टाइम डिपॉजिट (Time Deposit)

मंथली इनकम स्कीम (MIS)

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC)

सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS)

किसान विकास पत्र (KVP)

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

रेकरिंग डिपॉजिट (RD)

समॉल सेविंग अकाउंट फ्रीज होने पर क्या होगा?

अगर कोई खाता फ्रीज हो जाता है, तो उसमें से कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं किया जा सकता। यानी, आप न तो पैसा निकाल सकते हैं। न ही पैसा जमा कर सकते हैं। आप कोई भी ट्रांजेक्शन नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन सर्विस, स्टैंडिंग ऑर्डर या किसी भी तरह की डिजिटल सर्विस बंद हो जाएगी।

फ्रीज अकाउंट को दोबारा कैसे कर सकते हैं शुरू?

अगर आपका अकाउंट फ्रीज हो गया है, तो आप उसे दोबारा चालू कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर कुछ डॉक्यूमेंट देने होंगे।

फ्रीज अकाउंट की पासबुक या सर्टिफिकेट

KYC डॉक्यूमेंट – जैसे आधार कार्ड/पता प्रमाण, पैन कार्ड और मोबाइल नंबर

अकाउंट क्लोजर फॉर्म (SB-7A)

बैंक खाते की डिटेल जहां मैच्योरिटी का पैसा भेजना है। साथ ही कैंसिल चेक या बैंक पासबुक की कॉपी देनी होगी।

जांच के बाद ही आपको पैसा मिलेगा। पोस्ट ऑफिस अधिकारी पहले आपके डॉक्यूमेंट्स और सिग्नेचर की जांच करेंगे। जब वे यह तय कर लेंगे कि आप ही सही अकाउंटहोल्डर हैं, तो तब जाकर आपका खाता अनफ्रीज किया जाएगा। फिर मैच्योरिटी की रकम आपके सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

यदि आपने भी पोस्ट ऑफिस की किसी स्कीम में निवेश किया है और वह मैच्योर हो चुकी है। तो जल्द से जल्द उसे बढ़वाएं या बंद करवाएं। ताकि आपको आगे किसी भी तरही की परेशानी न हो।



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Wednesday, July 16, 2025

L&T Technology Services Result: पहली तिमाही में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट मामूली ग्रोथ के साथ 316.1 करोड़ रुपए रहा

L&T Technology Services (LTTS) ने फिस्कल ईयर 2026 की पहली तिमाही के लिए कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट में साल-दर-साल 0.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ ₹316.1 करोड़ दर्ज किया। जबकि ऑपरेशन से रेवेन्यू 16.4 प्रतिशत बढ़कर ₹2,866 करोड़ हो गया। USD में कंपनी का रेवेन्यू $335.3 मिलियन था, जो साल-दर-साल 13.6 प्रतिशत की वृद्धि है।

Q1 वित्त वर्ष 26 फाइनेंशियल नतीजे (₹ करोड़ में)
पैमाना Q1 वित्त वर्ष 26 Q1 वित्त वर्ष 25 साल-दर-साल बदलाव Q4 वित्त वर्ष 25 तिमाही-दर-तिमाही बदलाव
नेट प्रॉफिट 315.7 313.6 +0.7 प्रतिशत 311.1 +1.5 प्रतिशत
रेवेन्यू 2,866.0 2,461.9 +16.4 प्रतिशत 2,982.4 -3.9 प्रतिशत
EBIT 381.3 383.6 -0.6 प्रतिशत 393.9 -3.2 प्रतिशत
EBIT मार्जिन 13.3 प्रतिशत 15.6 प्रतिशत 13.2 प्रतिशत

फाइनेंशियल परफॉर्मेंस

रुपए के लिहाज से देखें तो Q1 वित्त वर्ष 26 के लिए रेवेन्यू ₹28,660 मिलियन था, जो साल-दर-साल 16.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है, लेकिन तिमाही-दर-तिमाही 3.9 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। कंपनी का EBIT ₹3,813 मिलियन था, जिसका EBIT मार्जिन 13.3 प्रतिशत था। नेट इनकम ₹3,157 मिलियन रहा, जो साल-दर-साल 0.7 प्रतिशत की वृद्धि और तिमाही-दर-तिमाही 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। नेट इनकम मार्जिन 11.0 प्रतिशत था।

USD के संदर्भ में, रेवेन्यू $335.3 मिलियन था, जो साल-दर-साल 13.6 प्रतिशत और तिमाही-दर-तिमाही 2.9 प्रतिशत कम है। स्थिर मुद्रा में, रेवेन्यू में साल-दर-साल 12.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई और तिमाही-दर-तिमाही 4.2 प्रतिशत की कमी आई।

रणनीतिक पहल

LTTS क्लाइंट एंगेजमेंट और डील जीतने के लिए AI और ऑटोमेशन का लाभ उठा रहा है। कंपनी ने क्लाइंट के लिए कई AI प्रोग्राम तैनात किए हैं और इस डोमेन में 206 पेटेंट फाइल किए हैं। इसके अतिरिक्त, LTTS वैश्विक ग्राहकों के लिए प्रोडक्ट डेवलपमेंट लाइफसाइकल को तेज करने के लिए अपना मालिकाना AI फ्रेमवर्क PLxAI लॉन्च कर रहा है। PLxAI स्मार्ट प्रॉम्प्टिंग, प्रासंगिक इंटेलिजेंस और एजेंटिक वर्कफ़्लो को मिलाकर प्रोडक्ट लाइफसाइकल को काफी कम कर देता है और इसे मोबिलिटी सेगमेंट से अन्य सेगमेंट में बढ़ाया गया है।

सेगमेंट परफॉर्मेंस

    • मोबिलिटी: रेवेन्यू का 29.6 प्रतिशत, साल-दर-साल 4.4 प्रतिशत और तिमाही-दर-तिमाही 1.5 प्रतिशत की कमी।
    • सस्टेनेबिलिटी: रेवेन्यू का 30.8 प्रतिशत, साल-दर-साल 16.4 प्रतिशत और तिमाही-दर-तिमाही 4.1 प्रतिशत की वृद्धि।
    • टेक: रेवेन्यू का 39.6 प्रतिशत, साल-दर-साल 29.4 प्रतिशत की वृद्धि लेकिन तिमाही-दर-तिमाही 8.5 प्रतिशत की कमी।

मैनेजमेंट कमेंट्री

L&T Technology Services Limited के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर अमित चड्ढा ने कहा कि कंपनी ने बड़े सौदों में मजबूत गति के साथ वित्तीय वर्ष की शुरुआत की।



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Tuesday, July 15, 2025

Ananya Birla: 'आप बिड़ला की बेटी हैं.. सीमेंट वाले...?'; यूजर्स के सवाल पर अनन्या बिड़ला का मजेदार जवाब वायरल

Ananya Birla Viral News: मशहूर उद्योगपति एवं आदित्य बिरला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिरला की बड़ी बेटी अनन्या बिरला एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा में बनी हुई हैं। अनन्या बिड़ला ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक सवाल-जवाब सेशन के जरिए फैंस से बातचीत की। बता दें कि अनन्या बिड़ला ना सिर्फ एक सक्सेफुल बिजनेसवुमन हैं, बल्कि एक शानदार सिंगर भी हैं। अरबपति कुमार मंगलम बिड़ला की सबसे बड़ी बेटी ने अपने 'आस्क मी एनीथिंग' सेशन के दौरान X पर कई सवालों के जवाब दिए। इस दौरान कुछ यूजर्स ने ऐसे मजेदार सवाल किए जिसका जवाब अब वायरल हो गया है।

अरबपति बिड़ला परिवार की छठी पीढ़ी की वंशज 30 वर्षीय अनन्या बिड़ला ने हर सवाल का जवाब बड़ी ही चतुराई और ईमानदारी से दिया। हालांकि, उनके एक जवाब को दूसरों की तुलना में ज्यादा शेयर किया जा रहा है। इसमें एक यूजर ने मजाकिया अंदाज में उनसे पूछा, "आप वही बिड़ला की बेटी हो? सीमेंट वाले...?" इस सवाल को लेकर अनन्या ने जो जवाब दिया उसने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है।

उन्होंने जवाब दिया, "हां जी। पिछली बार जब मैंने चेक किया था, तो नाम अल्ट्रा टेक था।" उनके इस जवाब को खबर लिखे जाने तक 13 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है और दर्जनों मजेदार कमेंट आए हैं। इस पोस्ट को 15,000 यूजर्स ने लाइक किया है। एक व्यक्ति ने कमेंट सेक्शन में लिखा, "यह अब तक का सबसे अजीब सवाल है, हाहा...।" एक अन्य ने इसे "हास्य और उदारता का शानदार संतुलन" करार दिया।

मुंबई स्थित आदित्य बिड़ला ग्रुप की प्रमुख कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड, ग्रे सीमेंट, रेडी-मिक्स कंक्रीट (RMC) और व्हाइट सीमेंट का भारत का सबसे बड़ा निर्माता है। यह दुनिया भर में पांचवां सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक है।

अनन्या बिड़ला, आदित्य बिड़ला ग्रुप के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला और उनकी पत्नी नीरजा बिड़ला की सबसे बड़ी बेटी हैं। उन्होंने अपने म्यूजिक करियर के जरिए सार्वजनिक जीवन में लोकप्रियता हासिल की। मुंबई की रहने वाली अनन्या ने 17 साल की उम्र में स्वतंत्र माइक्रोफिन प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की।

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बाद में वह लक्जरी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म यूनिट Asai की संस्थापक भी बनीं। 30 साल की अनन्या आदित्य बिड़ला ग्रुप के मुख्य व्यवसाय में भी पूरी तरह से उतर चुकी हैं। अब वह ग्रुप की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों जैसे Grasim, Hindalco और ABFRL के बोर्ड में शामिल हैं। अनन्या ने 17 साल की उम्र में ही Svatantra Microfin की स्थापना की। बाद में उन्होंने लग्जरी E-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Ikai Asai की स्थापना की।



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RBI अगस्त की मॉनेटरी पॉलिसी में इंटरेस्ट रेट घटा सकता है, सस्ता होंगे होम और ऑटो लोन

पिछले महीने की शुरुआत में आरबीआई ने इंटरेस्ट रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कमी की थी। यह रेपो रेट में उम्मीद से ज्यादा कमी थी। हालांकि, आरबीआई ने इकोनॉमिक ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने के लिए रेपो रेट में यह कमी की थी। इस साल आरबीआई रेपो रेट में लगातार दो बार कमी कर चुका है। हाल तक एक्सपर्ट्स का यह मानना था कि आरबीआई अगस्त में रेपो रेट में कमी नहीं करेगा। लेकिन, 14 जुलाई को रिटेल इनफ्लेशन का डेटा आने के बाद एक्सपर्ट्स की राय बदलती दिख रही है।

जून में रिटेल इनफ्लेशन में तेज गिरावट

जून में रिटेल इनफ्लेशन में तेज गिरावट देखने को मिली है। ऐसे में अगस्त में RBI रेपो रेट में कमी कर सकता है। आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने एक इंटरव्यू में कहा था, "हमारा रुख न्यूट्रल है। इसका मतलब है कि न सिर्फ करेंट डेटा बल्कि आउटलुक के हिसाब से हम किसी भी दिशा में फैसला ले सकते है।" दरअसल, आरबीआई काफी समय से इनफ्लेशन को कंट्रोल में करने पर फोकस करता आया है। जब इनफ्लेशन पूरी तरह से नियंत्रण में आ गया है तो रेपो रेट में कमी के रास्ते में अब किसी तरह की बाधा नहीं रह गई है। RBI की मॉनेटरी पॉलिसी की अलगी बैठक 4 अगस्त को शुरू होने वाली है।

इकोनॉमिक ग्रोथ बढ़ाने पर RBI का फोकस

RBI का फोकस अब ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने पर होगा। अगर केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कमी करता है तो इससे कर्ज सस्ता होगा। इससे इकोनॉमी में डिमांड बढ़ेगी, जिससे कंजम्प्शन को बढ़ावा मिलेगा। इस साल रेपो रेट में कमी के बाद बैंकों ने होम लोन और दूसरे लोन के इंटरेस्ट में कमी की है। लेकिन, अभी डिमांड पर इसका ज्यादा असर नहीं दिखा है। जून के ऑटो सेल्स के आंकड़ों पर इसका असर देखने को नहीं मिला। शहरी इलाकों में डिमांड कमजोर बनी हुई है।

इंटरेस्ट रेट घटने से इकोनॉमी में डिमांड बढ़ेगी

केंद्रीय बैंक इकोनॉमी में मांग बढ़ाने के लिए कर्ज को सस्ता करने के लिए कदम उठा सकता है। कर्ज सस्ता होने से रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर को खास फायदा होगा। अगर होम लोन सस्ता होने से लोगों की दिलचस्पी घर खरीदने में बढ़ती है तो इससे स्टील, सीमेंट, लाइटिंग सहित की दूसरे सेक्टर में भी तेजी देखने को मिलेगी। ऑटो सेक्टर में सेल्स बढ़ने का फायदा ऑटो एंसिलियरी और टायर बनाने वाली कंपनियों को मिलेगा।

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इंडिया दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था

RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा था कि 6.5 फीसदी की जीडीपी ग्रोथ अनुमान के मुताबिक है। उन्होंने कहा था कि इकोनॉमी के बारे में मिलेजुले संकेत मिल रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इस साल मानसून की बारिश बेहतर रहने की उम्मीद है। कंज्यूमर सर्वे के नतीजें भी उत्साहजनक हैं। टैरिफ को लेकर बातचीत चल रही है। इससे ग्रोथ की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि, इंडिया अब भी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था है।



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Shubhanshu Shukla: धरती पर लौटने के बाद भी घर नहीं जा पाएंगे शुभांशु शुक्ला, 30 दिनों तक इस प्रोसेस से गुजरेंगे एस्ट्रोनॉट

Shubhanshu Shukla : इंडियन एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला आज अपना मिशन पूरा कर चार एस्ट्रोनॉट के साथ धरती पर वपास लौट आए हैं। शुंभाशु ने अपने इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष में करीब 18 दिन का समय बिताया है। करीब 23 घंटे के सफर के बाद उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट कैलिफोर्निया के तट पर स्प्लैशडाउन किया है। धरती पर वापस आने के बाद शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष यात्रा का अंत नहीं है, बल्कि भारत के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र में एक नए दौर की शुरुआत भी है।

 भारत में नए युग की शुरुआत

एक्सिओम-4 मिशन में मिला उनका अनुभव आने वाले वर्षों में देश की अंतरिक्ष नीति, वैज्ञानिक खोजों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में मदद करेगा। यह अनुभव गगनयान-4 की 2027 में होने वाली उड़ान, 2035 तक भारत में बनाए जाने वाले अंतरिक्ष स्टेशन और 2040 तक के चंद्र मिशन जैसे बड़े लक्ष्यों की दिशा में उपयोगी साबित होगा।

अभी क्वारंटीन में रहेंगे शुभांशु 

शुभांशु शुक्ला के पृथ्वी पर लौटने के बाद अब उनके आगे के सफर पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्हें और उनके साथियों को अब अमेरिका के ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया जाएगा, जहाँ वे लगभग 10 दिनों तक क्वारंटीन में रहेंगे। इस दौरान डॉक्टर उनकी हेल्थ, मानसिक स्थिति, हड्डियों की ताकत, बैलेंस, हार्ट बीट और रोग प्रतिरोधक क्षमता की जांच करेंगे, ताकि उनका शरीर दोबारा पृथ्वी के माहौल के अनुसार ढल सके।

फिर होगी डीब्रीफिंग प्रोसेस 

स्वस्थ होने के बाद शुक्ला एक डीब्रीफिंग प्रोसेस में हिस्सा लेंगे, जहां वे अपने मिशन के अनुभव और gathered जानकारियां साझा करेंगे। इस मिशन के दौरान अंतरिक्ष स्टेशन पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए गए, जिनमें कई इसरो और भारतीय वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा तैयार किए गए थे। इन प्रयोगों में हड्डियों और मांसपेशियों पर माइक्रोग्रैविटी का असर, मानसिक क्षमता से जुड़ी चुनौतियाँ, अंतरिक्ष में जीवन समर्थन के लिए शैवाल की भूमिका और शरीर की निगरानी के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल शामिल था। इन अध्ययनों के नतीजे भारत की भविष्य की मानव अंतरिक्ष उड़ानों की योजना को बेहतर बनाने में मदद करेंगे।

इस दिन भारत लौट सकते हैं शुभांशु

रिपोर्टों के मुताबिक, शुक्ला के 17 अगस्त के आस-पास भारत लौटने की संभावना है। लखनऊ में उनका परिवार उन्हें देखने के लिए बेहद उत्सुक है। सिर्फ उनका परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा शहर और देश भी गर्व और खुशी के साथ उनकी वापसी का इंतज़ार कर रहा है। शुक्ला के पास 2,000 घंटे से ज़्यादा का लड़ाकू विमानों पर उड़ान का अनुभव है, और उन्हें 2019 में भारत के गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए भी चुना गया था। उनका हालिया मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम की तैयारी का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है। इसरो अब 2027 की शुरुआत में गगनयान-4 के जरिए पहली मानवयुक्त उड़ान भेजने की योजना बना रहा है। इस मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग से लेकर ज़रूरी व्यवस्थाओं तक का अनुमानित खर्च करीब 600 करोड़ रुपये रखा गया है।

भारत के फ्यूचर प्लान में मदद

एक अनुभवी पायलट और इस मिशन के हिस्से के रूप में, शुक्ला अपने अनुभवों के ज़रिए ट्रेनिंग, अंतरिक्ष में रीयल-टाइम डेटा संचालन, मानसिक तैयारी और वैज्ञानिक प्रयोगों से जुड़ी अहम जानकारियां साझा करेंगे। उनका यह फीडबैक भारत की भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं को बेहतर और सुरक्षित बनाने में मदद करेगा। खुद शुभांशु शुक्ला ने भी यह कहा है कि उनका मिशन केवल विज्ञान तक सीमित नहीं, बल्कि इसका असर भविष्य की बड़ी योजनाओं पर भी पड़ेगा। इसरो प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने शुक्ला की वापसी के बाद किए गए सभी प्रयोगों और गतिविधियों को ठीक से दर्ज करने की अहमियत बताई है, ताकि गगनयान मिशन को और बेहतर बनाया जा सके। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर मिशन का अनुभव हासिल करने के बाद, शुक्ला अब भविष्य की गगनयान उड़ानों और भारत के अपने अंतरिक्ष स्टेशन की तैयारी में अहम भूमिका निभाएंगे।



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Post Office Scheme: मोदी सरकार सिर्फ महिलाओं को देगी 8.2% का गारंटीड रिटर्न, फटाफट चेक कर लीजिए प्लान

अगर आप बिना रिस्क के निवेश करके मोटा रिटर्न कमाना चाहती हैं तो आपके लिए पोस्ट ऑफिस स्कीम्स सबसे बेहतर हैं। इनमें कुछ स्कीम्स में मोदी सरकार 8.2 फीसदी का गारंटीड रिटर्न दे रीह है। इसके साथ ही टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है। इन पोस्ट ऑफिस स्कीम्स को खासतौर पर महिलाओं के लिए डिजाइन किया गया है।

सुकन्या समृद्धि योजना

बेटियों के नाम पर शुरू की गई इस स्कीम में सरकार फिलहाल 8.2% का सालाना ब्याज दे रही है। यह किसी भी पोस्ट ऑफिस स्कीम में सबसे अधिक है। बच्ची के 10 वर्ष की आयु तक माता-पिता या अभिभावक यह खाता खोल सकते हैं। इसमें सालाना ₹1.5 लाख तक जमा किया जा सकता है, और यह पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। योजना की मैच्योरिटी 21 साल में या बेटी के 18 की उम्र के बाद शादी होने पर होती है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

PPF लंबे समय के लिए सुरक्षित निवेश चाहने वाली महिलाओं के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसकी अवधि 15 साल होती है, जिसे 5-5 साल के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल इसका ब्याज दर 7.1% है, जो सालाना कंपाउंड होती है। PPF में किए गए निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी रकम-तीनों टैक्स फ्री होती हैं।

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) से पांच साल में पक्की बचत

अगर कोई महिला मीडियम टर्म के लिए निश्चित और सुरक्षित निवेश चाहती हैं, तो NSC एक उपयुक्त विकल्प है। इस पांच साल की योजना में 7.7% सालाना ब्याज मिलता है, जो मैच्योरिटी पर एकमुश्त दिया जाता है। इसमें निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है।

पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) में हर महीने तय आय

घर की मासिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए महिलाएं इस स्कीम को चुन रही हैं। इसमें 7.4% सालाना ब्याज मिलता है, जो हर महीने खाते में आता है। योजना 5 वर्षों के लिए होती है और इसमें अधिकतम ₹9 लाख (पर्सनल अकाउंट) और ₹15 लाख (ज्वाइंट अकाउंट) तक निवेश की अनुमति है। यह स्कीम गृहिणियों और सीनियर महिलाओं के लिए आदर्श है।

महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट (MSSC)

केवल महिलाओं के लिए लाई गई यह योजना 2023 में शुरू की गई थी और अब काफी लोकप्रिय हो रही है। इसमें सिर्फ 2 साल का निवेश कार्यकाल है और 7.5% सालाना ब्याज दिया जाता है, जो तिमाही आधार पर कंपाउंड होता है। अधिकतम ₹2 लाख तक निवेश किया जा सकता है और मैच्योरिटी पर एकमुश्त राशि मिलती है।

क्यों खास हैं पोस्टऑफिस स्कीम्स

विशेषज्ञों का मानना है कि पोस्ट ऑफिस की ये स्कीमें उन महिलाओं के लिए ज़्यादा अनुकूल हैं जो जोखिम नहीं लेना चाहतीं लेकिन स्टेबल और सुरक्षित रिटर्न चाहती हैं। टैक्स बचत की सुविधा होने के कारण ये योजनाएं नौकरीपेशा और गृहिणी दोनों के लिए प्रभावी साबित हो रही हैं। ताजा ब्याज दरों और स्कीम की शर्तों को आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी डाकघर से कन्फर्म करें। आप अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश कर सकते हैं। ये ब्याज दरें फिलहाल जुलाई-सितंबर 2025 तक के लिए है।



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Monday, July 14, 2025

ITR Filing 2025: टैक्सपेयर्स सावधान! AIS डेटा मिसमैच की बढ़ी समस्या, नोटिस का खतरा; एक्सपर्ट से जानें बचाव का तरीका

ITR Filing 2025: असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन तकनीकी तैयारियों के चलते पहले ही 15 सितंबर तक बढ़ाई जा चुकी है। लेकिन अब एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (Annual Information Statement - AIS) में तकनीकी खामियों और डेटा मिसमैच के मामलों ने टैक्सपेयर्स के लिए नई चिंता खड़ी कर दी है। यह परेशानी खासकर ITR-1 फाइल करने वाले छोटे निवेशकों को हो रही है।

गलत ब्याज रिपोर्टिंग बनी मुख्य समस्या

बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसायटी (BCAS) की कोषाध्यक्ष और सीए किंजल भुट्टा ने बताया कि इस बार ब्याज आय से जुड़ी गलतियों में तेजी आई है। उन्होंने कहा, “पोस्ट ऑफिस और बैंक ब्याज की मिस-क्लासिफिकेशन, जॉइंट खातों में डुप्लीकेशन और ब्याज की अधिक गणना जैसे मुद्दे आम हैं। यह अक्सर गलत SFT रिपोर्टिंग या विभागीय तकनीकी गड़बड़ियों के कारण हो रहा है।”

मिसमैच से ऑटोमैटिक नोटिस की आशंका

AKM ग्लोबल में टैक्स पार्टनर संदीप सहगल ने बताया कि AIS और ITR के बीच अगर कोई अंतर मिलता है, तो यह आयकर विभाग के सिस्टम में ऑटो-जेनरेटेड नोटिस का कारण बन सकता है। उन्होंने आगाह करते हुए कहा, "ऐसे मामलों में छोटे टैक्सपेयर्स पर गैरजरूरी अनुपालन बोझ बढ़ सकता है।"

एक्सपर्ट की सलाह: AIS डेटा क्रॉस-चेक करें

टैक्स एक्सपर्ट ने आगाह किया है कि AIS पर पूरी तरह निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है। कई बार छूट प्राप्त आय (जैसे बचत खाते का ब्याज या करमुक्त ब्याज) और बिना TDS वाली आमदनी AIS में दिखाई नहीं देती। अगर टैक्सपेयर्स ने बिना सत्यापन के AIS के आधार पर रिटर्न फाइल किया, तो गलती की गुंजाइश बढ़ जाती है।

किंजल भुट्टा ने कहा, “टैक्सपेयर्स को अपने बैंक स्टेटमेंट के अनुसार सही आय रिपोर्ट करनी चाहिए। किसी भी अंतर को स्पष्ट करने के लिए जरूरी दस्तावेज संभालकर रखने चाहिए।”

सहगल ने बताया कि आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर मौजूद कम्प्लायंस सेक्शन में टैक्सपेयर्स AIS की गलतियों को फ्लैग कर सकते हैं और मैनुअल सुधार दर्ज कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “टाइम से फीडबैक देना और मैन्युअल री-कंसिलिएशन बेहद जरूरी है, वरना वैध कटौतियों का नुकसान या नोटिस मिल सकता है।”

डुप्लीकेट एंट्री की संख्या बढ़ी

एक्सपर्ट के अनुसार, इस बार AIS डेटाबेस में डुप्लीकेट और गलत एंट्री की संख्या पहले से अधिक है। किंजल ने कहा, “रिपोर्टिंग स्तर पर खामियों के कारण एक ही ब्याज आय कई बार दिख रही है। ऐसे में टैक्सपेयर्स को सभी इनकम सोर्सेज को सावधानी से मिलान करना चाहिए और दस्तावेज तैयार रखने चाहिए।”

समय रहते सुधार जरूरी

रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख में अभी लगभग दो महीने का समय बचा है। एक्सपर्ट का मानना है कि टैक्सपेयर्स को इस समय का उपयोग कर सभी प्री-फिल्ड डेटा की जांच करनी चाहिए। साथ ही, AIS पोर्टल पर लॉग इन कर संभावित त्रुटियों को फीडबैक के जरिए दुरुस्त करना चाहिए। अपनी ओर से सभी स्पष्टीकरणों के लिए भी तैयारी रखनी चाहिए।

अगर ऐसा नहीं किया गया, तो रिफंड में देरी, टैक्स नोटिस और वैध कटौतियों के नुकसान की आशंका बनी रहेगी।

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