देशभर में आज दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। रोशनी के इस पर्व पर पटाखे जलाना आम बात है। बच्चे, बड़े हर कोई तरह-तरह के पटाखे जलाते हैं। लेकिन पटाखे जलाते हुए सावधानी बरतना बेहद जरूरी है, नहीं तो जान और माल दोनों का नुकसान हो सकता है। अगर कोई पटाखा चलाते वक्त जल जाए तो कुछ फर्स्ट ऐड उपायों की मदद से इंजरी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। क्या हैं वे उपाय, आइए जानते हैं...
पैनिक न हों
सबसे पहले तो जल जाने पर पैनिक न हों, शांत रहें और कितना जला है, इसका आकलन करें। घाव की गंभीरता को जल्दी से समझने से अगला कदम क्या होना चाहिए, यह तय करने में आसानी होगी।
जले हुए हिस्से को ठंडा करें
जले हुए हिस्से पर तुरंत 10-20 मिनट के लिए ठंडा पानी डालें, लेकिन पानी बर्फीला नहीं होना चाहिए। इससे दर्द कम करने में मदद मिलेगी और त्वचा को और नुकसान होने से रोका जा सकेगा। सीधे बर्फ का इस्तेमाल करने से बचें। ठंडे पानी से जली हुई जगह को करीब 5-10 मिनट तक धोना जरूरी होता है।
एरिया को रगड़ें नहीं
जले हुए हिस्से को रगड़ें नहीं और नही त्वचा पर चिपके कपड़ों या मैटेरियल्स/पार्टिकल्स हटाने की कोशिश करें। जले हुए हिस्से को इनफेक्शन से बचाने के लिए उस पर एक साफ पट्टी बांधें। पट्टी चिपकनी नहीं चाहिए।
एंटीसेप्टिक क्रीम या बर्न क्रीम का इस्तेमाल
अगर घर में एंटीसेप्टिक क्रीम, जले पर लगाने के लिए स्पेसिफिक दवा या लोशन है तो उसे इस्तेमाल करें। लेकिन याद रहे कि दवा खास जलने से होने वाले घावों के लिए ही हो। टूथपेस्ट या हल्दी जैसे घरेलू उपचार न करें।
जले हुए हिस्से को ऊपर रखें
यदि संभव हो, तो जले हुए हिस्से को ऊपर रखने की कोशिश करें। इससे उस एरिया में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिससे सूजन और असुविधा कम हो जाती है।
गंभीर घाव के लिए मेडिकल हेल्प लें
अगर घाव गहरा है, जलन ज्यादा है यानि जलने की स्थिति गंभीर है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।
पटाखे जलाते वक्त बरतें ये सावधानियां
- पटाखों का इस्तेमाल खुले, बाहरी स्थानों पर करें।
- पटाखे जलाते वक्त सही दूरी बनाए रखें और जलाने के बाद भी दूर जाकर खड़े हो जाएं।
- आतिशबाजी जलाते समय पानी की एक बाल्टी या आग बुझाने का यंत्र पास में रखें।
- सूती कपड़े पहनें, सिंथेटिक कपड़ों से बचें।
- लूज यानि ढीले कपड़े न पहनें।
- एक साथ कई पटाखे जलाने से बचें।
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