Sunday, May 15, 2022

विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार से अंधाधुंध पैसा निकालना जारी, मई में अब तक ₹25,200 करोड़ की बिकवाली

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारतीय शेयर बाजारों में अंधाधुंध बिकवाली का सिलसिला लगातार जारी है। मई महीने में FPI भारतीय बाजारों से अब तक 25,200 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। ग्लोबल लेवल पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी और कई प्रमुख देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयरों में लगाया अपना पैसा निकाल रहे हैं। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) हेड, श्रीकांत चौहान ने बताया, "कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, बढ़ती महंगाई और मॉनिटरी पॉलिसी में सख्ती का असर शेयर बाजारों पर पड़ा है। इसके अलावा निवेशक महंगाई के आगे भी ऊंचे स्तर पर बने रहने के संकेतों को लेकर चिंतित हैं। हमारा मानना है कि निकट भविष्य में भी FPI का रुख उतार-चढ़ाव वाला रहेगा।" विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, पिछले अक्टूबर 2021 से ही लगातार भारतीय बाजार से अपना निवेश निकाल रहे हैं। अक्टूबर 2021 से अप्रैल 2022 तक, पिछले सात महीनों में उन्होंने भारतीय शेयरों से 1.65 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया का मानना है कि आगामी हफ्तो में भी FPI की निकासी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस समय भारतीय शेयरों में FPI की हिस्सेदारी घटकर 19.5 फीसदी पर आ गई है, जो मार्च 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। यह भी पढें- शेयर बाजार में अगले हफ्ते कर रहे ट्रेडिंग की तैयारी? LIC की लिस्टिंग सहित इन 10 फैक्टर्स पर रखें नजर लगातार छह माह तक बिकवाली के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में FPI ने भारतीय बाजारों में 7,707 करोड़ रुपये डाले थे। हालांकि, उसके बाद अगले हफ्ते से फिर उन्होंने बाजार में बिकवाली शुरू कर दी और उसके बाद से वे लगातार बिकवाल बने हुए हैं। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, 2 से 13 मई के बीच, FPI ने भारतीय शेयरों से करीब 25,216 करोड़ रुपये की निकासी की है। RBI ने बीते 4 मई को अचानक रेपो रेट को 0.4 फीसदी बढ़कर 4.40 फीसदी करके बाजार को चौंका दिया था। इसके साथ ही RBI ने कैश रिजर्व रेशियो (CRR) भी 0.50 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने भी ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर - मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव ने बताया, "निवेशकों को यह आशंका है कि आगे चलकर ब्याज दरों में और बढ़ोतरी हो सकती है। इसकी वजह से विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं।" शेयरों के अलावा इस अवधि में FPI ने डेट या बॉन्ड मार्केट से भी 4,342 करोड़ रुपये निकाले हैं।

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