Wednesday, February 26, 2025

Mutual Funds: कम रिस्क, स्थिर रिटर्न की है चाह तो लो वोलैटिलिटी फंड निवेश के लिए हो सकता है बेहतर विकल्प

जिंदगी के हर कदम पर पैसों की जरूरत के लिए किस तरह प्लानिंग करें? योर मनी में हम आपको ना सिर्फ बचत करना बताते हैं, बल्कि अपनी बचत पर आप मोटा मुनाफा कैसे कमाया जाए ये गुर भी आपको सीखाता है, ताकि आप जिंदगी के हर गोल को अच्छे से पूरा कर सकें। आज लो वोलैटिलिटी फंड पर बात करेंगे। बाजार में जहां लगातार करेक्शन दिख रहा है। ऐसी स्थिति में लो वोलैटिलिटी फंड में कितना दम? इस पर बात करते हुए WISEINVEST के सीईओ हेमंत रुस्तगी (Hemant Rustagi) ने कहा कि लो वोलैटिलिटी फंड का सेलेक्शन कम रिस्क, स्थिर रिटर्न के हिसाब से किया जाता है। इसके फंड के जरिए अस्थिरता में स्थिर और संतुलित रिटर्न मिलता है। अस्थिरता से कम प्रभावित होता है।

उन्होंने कहा कि इस फंड के जरिए कम उतार-चढ़ाव वाले एसेट में निवेश किया जाता है। कम अस्थिरता वाले एसेट में निवेश से स्थिर रिटर्न मिलता है। इसमें कम रिस्क और बेहतर डायवर्सिफिकेशन मिलता है। बाजार में गिरावट के दौरान स्थिरता मिलती है। लो वौलेटिलिटी फंड दबाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन करते हैं और बाजार में तेज उछाल के दौरान मध्यम रिटर्न देते है।

हेमंत रुस्तगी ने कहा कि लो वोलैटिलिटी फंड Nifty100 Low Volatility 30 इंडेक्स को ट्रैक करता है। रूल बेस्ड निवेश का तरीका है और इसके जरिए खास विशेषताओं वाले स्टॉक में निवेश करता है। इस फंड की बाजार की चाल के हिसाब से समीक्षा की जाती है।

लो वोलैटिलिटी फंड के फायदे के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें कम रिस्क, स्थिर रिटर्न और रूल बेस्ड निवेश का तरीका मिलता है। वहीं इस फंड के नुकसान के बारे में कहते हुए उन्होंने कहा कि कम रिटर्न और निवेश की सीमाएं तय होती है।

बता दें कि लो-वोलैटिलिटी वाले फंडों में एलोकेशन निवेशक की रिस्क उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। लो-वोलैटिलिटी वाले फंड उतार-चढ़ाव वाले बाजारों के बीच स्थिरता और स्थिर रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के लिए एक मजबूत विकल्प बने हुए हैं। हालांकि तेज उछाल के दौरान उनकी अपसाइड क्षमता कम हो सकती है, लेकिन उनका लचीलापन और लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस उन्हें एक बेहतर विकल्प बनाता है।

 

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



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