Thursday, October 17, 2024

आईपीओ वाले शेयरों का रिटर्न क्या लंबी अवधि में मार्केट रिटर्न से कम रहता है?

आईपीओ के बाद शेयरों का प्रदर्शन कैसा रहता है? कैपिटल माइंड सर्विसेज की रिपोर्ट से इस सवाल का जवाब मिलता है। इसके मुताबिक, 30 बड़े आईपीओ में से 18 शेयरों का रिटर्न निफ्टी 500 इंडेक्स से कम रहा है। यह स्टडी इंडिया में सबसे बड़े आईपीओ के शेयरों के प्रदर्शन पर आधारित है। इस आईपीओ में कुल 40 बड़े आईपीओ के ट्रेंड का विश्लेषण किया गया। इसके नतीजों से पता चला कि ज्यादातर शेयरों का प्रदर्शन निफ्टी 500 इंडेक्स के मुकाबले कमजोर रहा है। हालांकि, शेयरों के प्रदर्शन में कंपनियों के डिविडेंड को भी ध्यान में रखा गया।

टॉप 10 आईपीओ में से 8 ने किया निराश

इस स्टडी के नतीजे इस धारणा के विपरीत है कि बड़ी कंपनियों के आईपीओ के शेयरों का लंबी अवधि में रिटर्न हमेशा बेहतर होता है। टॉप 10 आईपीओ में से 8 शेयरों का रिटर्न निफ्टी 500 इंडेक्स से कम रहा। इसमें Paytm, LIC, GIC Re, New India Assurance और SBI कार्ड्स जैसी कंपनियों के आईपीओ शामिल हैं। इन कंपनियों के शेयरों ने लिस्टिंग के बाद लंबे समय तक निवेशकों को मायूस किया।

जोमैटो सहित दो कंपनियों ने निवेशकों को किया खुश

हालांकि, आईपीओ पेश करने वाली दो कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहा। इनमें से एक जोमैटो है। यह कंपनी 2021 में स्टॉक मार्केट में लिस्ट हुई थी। इसने निवेशकों को स्टॉक मार्केट से ज्यादा रिटर्न दिया है। कोल इंडिया का शेयर 14 साल में करीब दोगुना हो गया है। अगर डिविडेंड को कैलकुलेशन में शामिल किया जाए तो इसका रिटर्न मार्केट के रिटर्न जैसा रहा है। मजेदार बात यह है कि कुछ ऐसी कंपनियों के आईपीओ जो टॉप 10 में शामिल नहीं थे, उनके शेयरों का प्रदर्शन अच्छा रहा है।

इन कंपनियों ने भी दिया अच्छा रिटर्न

HAL, IRFC और Sona BLW Precision Forgings जैसे आईपीओ के शेयरों ने निवेशकों अपने रिटर्न से खुश किया है। इन कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन अंधरे के बीच उम्मीद की किरण जैसा है। इस स्टडी से यह भी पता चला कि उन कंपनियों के आईपीओ के शेयरों को अच्छे रिटर्न के लिए संघर्ष करना पड़ता है, जो मार्केट में तेजी के दौर में लॉन्च होते हैं। उनकी वैल्यूएशन में भी बाद में गिरावट देखने को मिलती है।

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बुल रन में आने वाले आईपीओ वाले शेयरों को करना पड़ता है संघर्ष

कैपिटलमाइंड में रिसर्च हेड अनूप विजयकुमार ने कहा कि बुल मार्केट में ज्यादा आईपीओ आते हैं। इससे इनकी वैल्यूएशन ज्यादा रहती है। लेकिन, जब उनकी अर्निंग्स वैल्यूएशन के मुताबिक नहीं रहती है तो उनके शेयरों में गिरावट आती है। ऐसे आईपीओ के शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहता है। आईपीओ के जरिए पैसे जुटाने में 2024 में फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां आगे रहीं।



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