Tuesday, June 25, 2024

Pune Porsche Case: पोर्श दुर्घटना मामले में नाबालिग को मिली जमानत, फिलहाल अपनी आंटी के साथ रहेगा आरोपी लड़का

बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया कि पुणे पोर्श दुर्घटना मामले में आरोपी किशोर को तुरंत हिरासत से रिहा किया जाना चाहिए। 19 मई को 17 साल के लड़के पर आरोप है कि उसने अपनी तेज रफ्तार पोर्श कार से देर रात दो इंजीनियरों को कुचल कर मार डाला। इस घटना के बाद देश भर में आक्रोश फैल गया था। आरोपी किशोर अपनी रिहाई के बाद अपनी चाची के साथ रहेगा। मामले के आरोपी मंगलवार को रिमांड होम से बाहर आ सकता है।

जस्टिस भारती डांगरे और जस्टिस मजूषा देशपांडे की बेंच का फैसला लड़के की चाची की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर आया, जिसने सरकारी ऑब्जरवेशन होम से उसकी रिहाई की मांग की थी। बेंच ने किशोर न्याय बोर्ड (JJB) के नाबालिग को ऑब्जरवेशन होम भेजने के आदेश को रद्द कर दिया।

आंटी को मिली लड़के की कस्टडी

बेंच ने याचिका को स्वीकार करते हुए लड़के को छोड़ने का आदेश दिया और कहा कि नाबालिग आरोपी याचिकाकर्ता (आंटी) की देखरेख में रहेगा।

बेंच ने कहा कि JJB के रिमांड आदेश अवैध थे और अधिकार क्षेत्र के बिना पारित किए गए थे। अदालत ने कहा कि दुर्घटना के बाद लोगों की प्रतिक्रिया और सार्वजनिक आक्रोश के बीच आरोपी की उम्र पर विचार नहीं किया गया।

बेंट ने कहा कि आरोपी 18 साल से कम उम्र का है, इसलिए उसकी उम्र पर विचार किया जाना चाहिए।

बेंच ने कहा कि न्यायालय कानून, किशोर न्याय अधिनियम के उद्देश्यों और प्रावधानों से बंधा हुआ है और उसे अपराध की गंभीरता के बावजूद, कानून का उल्लंघन करने वाले किसी भी नाबालिग आरोपी के साथ वयस्क से अलग व्यवहार करना चाहिए।

अदालत ने कहा कि आरोपी पहले से ही पुनर्वास के दौर से गुजर रहा है, जो कि शुरुआती फेज है और उसे पहले ही मनोवैज्ञानिक के पास भेजा जा चुका है और यह सिलसिला जारी रहेगा।

क्या था पूरा मामला?

नाबालिग आरोपी के वकील प्रशांत पाटिल ने कहा, "आज हमने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की तीन रिमांड को हाई कोर्ट के सामने चुनौती दी... हमने बहस की... और उसकी तत्काल रिहाई के लिए रिहा कर दिया। आज, अदालत रिहाई का निर्देश दिया है। कस्टडी मौसी को दी जानी चाहिए।"

17 साल के आरोपी कथित तौर पर 19 मई को नशे में धुत होकर बहुत तेज रफ्तार से पोर्श कार चला रहा था, तभी उसने एक बाइक को टक्कर मार दी, इस हादस में दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों, अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई।

किशोर के पिता विशाल अग्रवाल और उसकी मां शिवानी को उसके ब्लड सैंपल की अदला-बदली में संदिग्ध तौर पर शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

ये फैसला तब आया है, जब कुछ दिनों पहले ही पुणे पुलिस ने JJB को अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें पिछले महीने पुणे के कल्याणी नगर में एक कार दुर्घटना में कथित रूप से शामिल 17 साल लड़के के खिलाफ सभी सबूतों की डिटेल दी थी।



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