नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की बेंगलुरु बेंच ने बुधवार, 3 अप्रैल को बायजूज (Buju's) के राइट्स इश्यू और ईजीएम (EGM) के खिलाफ निवेशकों की ओर से दाखिल याचिका पर खंडित फैसला सुनाया। चूंकि फैसला खंडित है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि ट्रिब्यूनल के प्रेसिडेंट अब इस याचिका को NCLT के तीसरे सदस्य के पास सुनने के लिए भेजेंगे। दो सदस्यीय बेंच में आमतौर पर एक न्यायिक और एक टेक्निकल सदस्य होता है। बता दें कि बायजूज लंबे समय से नकदी संकट जूझ रही है। बायजूज के निवेशकों ने इस याचिका में कंपनी के राइट इश्यू और EGM के जरिए अधिकृत शेयर कैपिटल बढ़ाने के प्रस्ताव पर चिंता जताई थी।
दरअसल बायजूज की पैरेंट कपनी, थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (Think and Learn Pvt Ltd) ने हाल ही में मौजूदा निवेशकों को राइट इश्यू जारी करके करीब 20 करोड़ डॉलर जुटाने की मंजूरी दी थी। इसके बाद बायजूज ने अधिकृत शेयर कैपिटल को बढ़ाने के लिए 29 मार्च को शेयरधारकों की एक्सट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) बुलाई थी।
बेंगलुरु की NCLT बेंच ने इससे पहले ईजीएम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हालांकि उसने यह जरूर कहा कि इस EGM में पारित कोई भी प्रस्ताव 4 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई से पहले लागू नहीं किया जा सकता है।
EGM के बाद, बायजूज के 4 निवेशकों ने एनसीएलटी की बेंगलुरु बेंच के सामने कंपनी के खिलाफ उत्पीड़न और मिसमैनजमेंट का मुकदमा दायर किया। याचिका में निवेशक ने कंपनी के फाउंडर्स को फर्म चलाने के लिए अयोग्य घोषित करने और एक नया बोर्ड नियुक्त करने की मांग की थी। इसके अलावा, मुकदमे में 20 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए जारी होने वाले राइट्स इश्यू को भी शून्य घोषित करने की भी मांग की गई है।
मुकदमा करने वाले निवेशकों में प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक XV शामिल हैं। इन्हें टाइगर ग्लोबल और आउल वेंचर्स जैसे दूसरे शेयरधारकों का समर्थन है। उनका आरोप है कि फाउंडर्स ने कथित तौर पर वित्तीय अनियमितताएं बरती, निवेशकों का उत्पीड़न किया और हितधारकों के साथ जानबूझकर सही जानकारी नहीं शेयर की।
बता दें कि थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड में बायजूज के फाउंडर रवींद्रन और उनके परिवार की करीब 26 फीसदी हिस्सेदारी है।
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