Rupee at record low: रुपये में आज दिन भर एक रेंज में उतार-चढ़ाव रहा। मैक्रोइकनॉमिक डेटा से जो पॉजिटिव संकेत मिले थे, वह भी रुपये को संभाल नहीं पाया क्योंकि कच्चे तेल के भाव में उछाल ने इसे झटका दे दिया। दिन के आखिरी में आज अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह 83.44 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। यह रुपये का रिकॉर्ड निचला स्तर है। डॉलर की मजबूती ने रुपये की चाल पर असर डाला और यह फिसल गया। फोरेक्स ट्रेडर्स के मुताबिक घरेलू शेयरों की कमजोरी ने भी इसे लेकर निगेटिव माहौल तैयार किया।
कमजोर Rupee से क्या होता है असर
आयात का पेमेंट आमतौर पर अमेरिकी डॉलर में होता है तो ऐसे में अगर रुपया कमजोर होता है तो इसका मतलब ये है कि रुपया कमजोर हुआ तो डॉलर में बदलने के लिए अब अधिक रुपये देने होंगे। इसका मतलब हुआ कि आयात बिल बढ़ेगा। भारत अपनी जरूरत का करीब 85 फीसदी हिस्सा बाहर से मंगाता है यानी कि रुपये की कमजोरी से तेल पर अधिक खर्च करना होगा। वहीं वित्त वर्ष 2023 के आंकड़ों के मुताबिक भारत के अहम आयात का करीब 30 फीसदी हिस्सा पेट्रोलियम और इससे जुड़े प्रोडक्ट्स का रहा। इससे समझ सकते हैं कि रुपये की चाल कितनी अहम है।
मार्केट का कैसा रहा हाल
स्टॉक मार्केट की बात करें तो मार्केट में दिन भर वोलैटिलिटी बनी रही। Nifty 50 की बात करें तो इंट्रा-डे में यह 22500 के पार चला गया था और इंट्रा-डे में 22350 के नीचे तक आ गया था। दिन के आखिरी में यह 0.08 फीसदी की गिरावट के साथ 22434.65 पर बंद हुआ है। वहीं Sensex की बात करें तो इंट्रा-डे में यह 74150 के पार चला गया था और डाउनसाइड 73550 के नीचे तक आ गया था। दिन के आखिरी में यह 0.04 फीसदी की गिरावट के साथ 73876.82 पर बंद हुआ है।
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