Thursday, April 4, 2024

Indian Railways: क्या ट्रेन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना पड़ता है? यहां जानिए पूरी डिटेल

Indian Railways: लंबे सफर के लिए आज लोग भारतीय रेलवे को पहली प्राथमिकता देते हैं। भारतीय रेलवे के जरिए रोजाना करीब 3 करोड़ लोग यात्री सफर करते हैं। इंडियन रेलवे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इस नेटवर्क को सफलता पूर्वक चलाने के लिए लाखों कर्मचारी काम करते हैं। इतने यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचाना कोई छोटा काम नहीं हैं। इसके लिए बहुत अच्छी और सही प्लानिंग की जरूरत होती है। ऐसे में बहुत से लोग सोच रहे होंगे कि क्या ट्रेन चलाने के लिए भी ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है?

दरअसल, ट्रेनों का संचालन इंडियन रेलवे की ओर से किया जाता है। ऐसे में जिसे ट्रेन चलाना है। उसकी अनुमति भी रेलवे की ओर से दी जाती है। ट्रेन के लिए आम लाइसेंस की तरह परमिशन नहीं मिलती है। बल्कि रेलवे कुछ लोगों को ही ट्रेन चलाने की अनुमति देता है। जो लोग ट्रेन चलाते हैं। लोको पायलट कहा जाता है।

क्या ट्रेन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की होती है जरूरत?

कार या बस चलाने के लिए लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस हासिल करना पड़ता है। इस तरह हवाई जहाज उड़ाने के लिए पायलट बनना पड़ता है। इसके लिए फ्लाइंग लाइसेंस की जरूरत होती है। लेकिन ट्रेन चलाने के लिए किसी भी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है। ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट कहा जाता है। इसकी भर्ती रेलवे बोर्ड की ओर से की जाती है। इन लोगों को ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके बाद मंडल यांत्रिक इंजीनियर या मंडल विद्युत इंजीनियर की ओर से एक टेस्‍ट लिया जाता है। इसमें सफल होने वाले लोगों को कंपेटेंसी सर्टिफिकेट (competency certificate) मिलता है। इस सार्टिफिकेट को हासिल करने के बाद ट्रेन चलाने का मौका मिलता है।

जानिए कैसे बनते हैं लोको पायलट

ट्रेन चलाने के लिए लोको पायलट की नियुक्ति की जाती है। इसके लिए कैंडिडेट्स को लिखित परीक्षा, इंटरव्‍यू और मेडिकल टेस्‍ट के दौर से गुजरना होता है। इसके बाद लोको पायलट भर्ती हुए युवाओं को ट्रेनिंग स्कूल भेज दिया जाता है। ट्रेनिंग स्कूल में उन्हें रेल का इंजन चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है।

पहले चलाना होता है मालगाड़ी

ट्रेन चलाने की ट्रेनिंग लेने के बाद सहायक पायलट के पद पर नियुक्ति किया जाता है इस दौरान सबसे पहले मालगाड़ी चलाने की अनुमति मिलती है। मालगाड़ी चलाने के बाद सहायक लोको पायलट को पैसेंजर ट्रेन में लोको पायलट की देखरेख में ट्रेन चलाने को दी जाती है। ऐसे में कुछ समय बाद ट्रेन चलाने का अनुभव लेने के बाद उन्‍हें स्‍वतंत्र रूप से ट्रेन चलाने की अनुमति मिलती है।

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