Lok Sabha Elections 2024: राजनीतिक गलियारों में एक बात हमेशा से कही जाती है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश (UP) से होकर गुजरता है। इसका मतलब है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Polls) में जिसने उत्तर प्रदेश जीत लिया, उसकी सरकार बनना तय है। हालांकि, इस बार एक और राज्य चर्चाओं में रहने वाला है और वो है महाराष्ट्र (Maharashtra), जहां लोकसभा की 48 सीट हैं। राज्य में इस वक्त भारतीय जनता पार्टी (BJP), शिवसेना (Shivsena) और NCP की गठबंधन सरकार है, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। हिंदी बेल्ट में मजबूत पकड़ बनाने के बाद भारतीय जनता पार्टी को भरोसा है कि उनके पास लोगों का समर्थन है और केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सत्ता बरकरार रखने का मौका है। पिछले चुनाव में BJP के नेतृत्व वाले नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने 41 सीटें जीती थीं। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में फूट के बाद, दोनों दलों के शिंदे और अजीत पवार गुट 'महायुति' सरकार में शामिल हो गए। भले ही ये सरकार शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी, लेकिन सभी जानते हैं कि आखिरी फैसला बीजेपी का ही होगा। एक तरफ से जहां महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन का दावा है कि सीट शेयरिंग को लेकर उनकी बातचीत अंतिम दौर में चल रही है, तो वहीं दूसरी तरफ 'महायुति' गठबंधन में BJP, शेवसेना और अजित पवार के गुट वाली NCP के बीच ऐसी कोई बैठक फिलहाल नहीं हुई है। क्या है जमीनी हालात? महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव उतना भी आसान नहीं होने वाला है। एक तरफ, BJP सीटों की संख्या में बड़ी हिस्सेदारी चाहती है, जबकि दूसरी तरफ शिंदे के नेतृत्व वाली सेना कम से कम 23-25 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। क्योंकि ये उनके लिए प्रतिष्ठा का मुद्दा होगा, तकि शिंदे गुट 'मराठी' लोगों के मन में 'बालासाहेब ठाकरे की शिव सेना' के रूप में अपनी जगह बना पाए। कुछ ऐसी भावना अजित पवार के खेमे वाली NCP की भी है। NCP गुट पिछले साल ही 'महायुति' सरकार में शामिल हुआ था और उसे नौ कैबिनेट बर्थ मिले थे। अब ये गुट भी शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट के प्रति सहानुभूति कम करने के लिए राज्य में ज्यादा सीटें जीतना चाहता है। क्या है BJP का 'महा गेम प्लान'? हालांकि, BJP अपने गठबंधन साथियों की इतनी बड़ी महत्वाकांक्षाओं को पूरा नहीं होने दे सकती। पार्टी के एक सूत्र ने कहा, "BJP ने 45+ का टारगेट रखा है और वो ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "वे पिछले दो सालों से चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं। उन्होंने 90,000 से ज्यादा बूथ प्रमुख बनाए हैं और पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति की गई है और उन्हें जिम्मेदारियां दी गई हैं।" पार्टी ने कई नए चेहरों को भी चुना है, जिनके बारे में उसका मानना है कि उनमें 'जीतने का दम' है, क्योंकि महाराष्ट्र में 'जीतने की क्षमता' ही एक बड़ा कारण होगा। इसलिए अगर पुराने चेहरों को हटा दिया जाए, तो किसी को हैरानी नहीं होना चाहिए। इसी सूत्र ने ये भी कहा कि पार्टी के भीतर हुई चर्चा के अनुसार, पार्टी पिछले चुनाव की तुलना में अपना सीट कोटा बढ़ा सकती है, क्योंकि उनका मानना है कि अब स्थिति BJP के पक्ष में है। कहीं बढ़ी युवा वोटर्स की संख्या, तो कहीं महिलाओं का दबदबा कायम, लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों की फाइनल वोटर लिस्ट आई मतदाताओं को लुभाने के लिए पिछले दो हफ्तों में PM मोदी राज्य के अलग-अलग हिस्सों में ताबड़तोड़ दौरे भी कर चुके हैं। 10 जनवरी को, उन्होंने नासिक, मुंबई और नवी मुंबई का दौरा किया। कई छोटे प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने के साथ-साथ बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर का उद्घाटन भी किया। कुछ दिनों पहले ही वह सोलापुर आए, जहां उन्होंने केंद्र की किफायती आवास योजना के तहत बने घरों की चाबियां लाभार्थियों को सौंपी। इससे पता चलता है कि महाराष्ट्र बीजेपी के लिए कितना अहम है। ऐसे में बीजेपी अपने गठबंधन सहयोगियों को उनकी इच्छानुसार सीटें नहीं देगी। इसके बजाय, BJP ज्यादा से ज्यादा 30-35 सीटें अपने पास रखेगी और बाद में गठबंधन सहयोगियों से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) और बाकी छोटे दलों को शामिल करके बची हुई सीटें बराबर-बराबर बांटने को कहेगी। NCP के सहारे BJP खेलेगी दांव? 2019 के चुनाव पर एक नजर डाली जाए, तो NCP ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा और महज चार सीटों पर 15.66% वोट प्रतिशत के साथ जीत हासिल की। इतने सब के बाद भी अजित पवार को इस गठबंधन में लाया गया। इसके पीछे कारण ये है कि BJP के केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि भले ही शिंदे को शिवसेना का चिन्ह और नाम मिल गया हो, लेकिन अब भी वह ग्रामीण इलाकों में उद्धव ठाकरे के प्रति सहानुभूति को कम नहीं कर पाए हैं। ऐसे में NCP की मदद से BJP ग्रामीण इलाकों, खासकर पश्चिमी महाराष्ट्र में ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतना चाहती है। इतने सीधे प्लान के बावजूद, सीट-बंटवारे की बातचीत को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। दिसंबर में अपनी पार्टी के दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान अजीत पवार ने कहा कि उनका गुट 2019 में NCP की जीती गई सभी चार सीटों - सतारा, शिरूर, बारामती और रायगढ़ - से चुनाव लड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि वे कुछ और सीटें मांगेंगे, जहां उनके पास मजबूत उम्मीदवार हों और जीतने की संभावना हो। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि NCP कम से कम 12 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा रखती है।
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