यदि आप किसी बैंक या दूसरे आरबीआई रेग्युलेटेड संस्थाओं, जैसे गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों, भुगतान प्रणाली प्रतिभागियों (एनईएफटी, आरटीजीएस, यूपीआई आदि के माध्यम से भुगतान की सुविधा देने वाले) या क्रेडिट सूचना कंपनियों द्वारा प्रदान की गई सेवा से असंतुष्ट हैं तो आपके लिए सहायता उपलब्ध है। रेग्युलेटेड इकाइयों (RE) के लिए आरबीआई के आंतरिक लोकपाल गाइडलाइन और इसकी इंटीग्रेटेड लोकपाल योजना के तहत ग्राहकों के लिए एक से ज्यादा स्तरों पर सपोर्ट है। नवंबर 2021 में केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए एकरूपता और सरलता सुनिश्चित करने के लिए तीन आरबीआई लोकपाल योजनाओं को एक में मिलाते हुए एक एकीकृत लोकपाल योजना शुरू की। आरबीआई ने ठीक एक महीने पहले, 29 दिसंबर को रेग्युलेटेड इकाइयों के लिए आंतरिक लोकपाल योजनाओं को एक एकीकृत योजना में अपडेट कर दिया था। प्रत्येक रेग्युलेटेड इकाई द्वारा एक आंतरिक लोकपाल (आईओ) नियुक्त किया जाता है। ये उपभोक्ता के आरबीआई लोकपाल से संपर्क करने से पहले शिकायत के निवारण के पहले स्तर के रूप में कार्य करता है। आरबीआई के ताजे आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में आरबीआई लोकपाल को लगभग 3 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से, बैंकों के ख़िलाफ़ शिकायतें सबसे अधिक थीं। बैंकों के खिलाफ कुल का 88 फीसदी शिकायतें थी। इसके बाद एनबीएफसी के ख़िलाफ़ 11 फीसदी शिकायतें थीं। इन आंकड़ों से ये भी पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए शिकायतों के निपटान की कुल दर 98 फीसदी के करीब रही। कहां से करें शुरू आपको सबसे पहले संबंधित इकाई जैसे, बैंक से संपर्क करना चाहिए। यदि आपकी शिकायत बैंक द्वारा आंशिक/पूर्ण रूप से अस्वीकार कर दी जाती है, तो यह स्वचालित रूप से बैंक के आंतरिक लोकपाल को भेज दी जाती है (तालिका देखें)। कोई ग्राहक किसी आईओ से सीधे शिकायत नहीं कर सकता। इसके अलावा, कुछ प्रकार की शिकायतों को आईओ के दायरे से बाहर रखा गया है (उदाहरण के लिए तालिका देखें)। शिकायतों की मात्रा के आधार पर, एक रेग्यूलेटेड इकाई एक से अधिक आईओ और एक या अधिक डिप्टी आईओ की नियुक्ति भी कर सकती है। आरबीआई ने इनकी नियुक्ति के लिए नियम तय कर दिए हैं। आगे क्या करें? यदि आप आंतरिक लोकपाल (आईओ) के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप आरबीआई लोकपाल (इस उद्देश्य के लिए नियुक्त एक वरिष्ठ आरबीआई अधिकारी) से संपर्क कर सकते हैं। कुछ खास अपवादों को छोड़कर किसी रेग्यूलेटेड इकाई द्वारा सेवा में किसी भी कमी के लिए शिकायत दर्ज की जा सकती है (उदाहरण के लिए तालिका देखें)। ध्यान रखने की बात है कि आप आरबीआई लोकपाल के पास तभी पहुंच सकते हैं जब आपने पहले ही रेग्यूलेटेड इकाई (आरई) को लिखित रूप से शिकायत कर दी हो और आरई ने आपकी शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों के भीतर जवाब नहीं दिया है या इसे खारिज कर दिया हो। अगर आप शिकायत के समाधान से पूरी तरह/आंशिक रूप से संतुष्ट नहीं हैं तो भी आरबीआई लोकपाल के पास जाया जा सकता है। आधार कार्ड में कर लें यह छोटा सा काम, फ्रॉड होते ही फौरन पता चलेगा आरबीआई लोकपाल के पास ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के लिए https://cms.rbi.org.in पर जाएं। यहां प्रक्रिया के बारे में विस्तृत निर्देश (वीडियो) उपलब्ध कराए गए हैं। आप अपनी शिकायत निर्धारित प्रारूप में crpc@rbi.org.in पर ईमेल के माध्यम से या भौतिक मोड में भारतीय रिज़र्व बैंक, चौथी मंजिल, सेक्टर 17, चंडीगढ़ - 160017 के 'सेंट्रलाइज्ड रसीट और प्रोसेसिंग सेंटर' को भेज सकते हैं। तालिका 4 दिखाती है कि आरबीआई लोकपाल के पास दायर करने के बाद आपकी शिकायत कैसे आगे बढ़ती है। याद रखें कि आरबीआई लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करने के लिए कोई शुल्क या चार्ज नहीं देना पड़ता है। ध्यान रखें कि केवल वे शिकायतें जिनमें नुकसान के लिए मांगा गया मुआवजा 20 लाख रुपये या उससे कम है (विवादित लेनदेन की राशि की कोई सीमा नहीं है) आरबीआई लोकपाल के पास स्वीकार्य हैं। इसके अलावा लोकपाल मानसिक पीड़ा, उत्पीड़न आदि के लिए 1 लाख रुपये तक का मुआवजा भी दे सकता है।
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