Union Budget 2024 : केंद्रीय बजट पेश होने में कुछ दिन बचे हैं। इस बीच, अंतरिम बजट (Interim Budget) को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं। लेकिन, इकोनॉमिस्ट्स का कहना है कि 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में लोकलुभावन ऐलान होने की उम्मीद नहीं है। सिटी (Citi) में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट्स समीरन चक्रवर्ती ने कहा कि पिछले ट्रेंड से पता चलता है कि अंतरिम बजट में आम तौर पर नई स्कीम का ऐलान नहीं होता है। सिर्फ 2019 के अंतरिम बजट में पीएम किसान स्कीम का ऐलान हुआ था। अगर सरकार फिस्कल डेफिसिट को घटाने के साथ ही पूंजीगत खर्च पर फोकस बनाए रखना चाहती है तो फिर लोकलुभावन स्कीमों के ऐलान की गुंजाइश नहीं रह जाती। हालांकि, सरकार की तरफ से छोटे ऐलान किए जा सकते हैं। जैसे सरकार पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त बढ़ा सकती है। इसे सालाना 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये किया जा सकता है। ऐसा करने पर जीडीपी का करीब 0.1 फीसदी हिस्सा खर्च होगा। बजट 2024 में फिस्कल डेफिसिट का टारगेट 5.3 फीसदी तय हो सकता है डोएचे बैंक के चीफ इकोनॉमिस्ट कौशिक दास ने कहा कि सरकार की कोशिश फिस्कल डेफिसिट में कमी लाने पर होगी। सरकार फिस्कल डेफिसिट के लिए करीब 5.3 फीसदी टारगेट तय कर सकती है। इस वित्त वर्ष के लिए सरकार ने फिस्कल डेफिसिट का 5.9 फीसदी टारगेट तय किया था। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस वित्त वर्ष में फिस्कल डेफिसिट टारगेट के अंदर रहने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 तक फिस्कल डेफिसिट को घटाकर 4.5 फीसदी पर लाने का लक्ष्य तय किया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार अगर इस टारगेट को हासिल करना चाहती है तो उसे हर साल फिस्कल डेफिसिट के टारगेट में कमी करनी होगी। यह भी पढ़ें : Union Budget 2024 : अंतरिम बजट में होने वाले ऐलान से क्या इंडस्ट्रियल स्टॉक्स में आएगा उछाल? कैपिटल एक्सपेंडिचर का टारगेट बढ़ने की उम्मीद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष का मानना है कि सरकार अंतरिम बजट में अगले कुछ सालों के लिए अपने प्रमुख प्लान का एक रोडमैप पेश कर सकती है। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे प्रोग्राम पर फोकस हो सकता है। उन्होंने कैपिटल एक्सपेंडिचर के टारगेट में भी वृद्धि की उम्मीद जताई। सालाना 13-14 फीसदी वृद्धि के साथ यह अगले वित्त वर्ष में जीडीपी के 3.5 फीसदी तक पहुंच सकता है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये का टारगेट रखा था। वित्त वर्ष 2023-24 में इसे बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया। यह भी पढ़ें : Budget 2024 Expectations LIVE: रेलवे को मिल सकता है बड़ा तोहफा, यहां मिलेगी बड़ी छूट
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