पीसी ज्वेलर (PC Jeweller) के खिलाफ SBI की इनसॉल्वेंसी याचिका पर 29 अगस्त को सुनवाई तय थी। ऐसा लगता है कि दोनों पक्षों ने NCLT-दिल्ली में एक दूसरे के खिलाफ कई याचिकाएं दाखिल की हैं। इनसॉल्वेंसी याचिका मंजूर होने के बाद NCLT में 29 अगस्त को मामले की सुनवाई होनी थी। लेकिन, इसे 18 सितंबर तक टाल दिया गया। दरअसल, SBI ने अपनी इनसॉल्वेंसी याचिका पर पीसी ज्वेलर्स के 26 वॉल्यूम के जवाब में रिज्वाइंडर फाइल करने के लिए और वक्त मांगा है। एनसीएलटी के प्रेसिडेंट जस्टिस (रिटायर्ड) रामालिंगम सुधाकर ने भी इनसॉल्वेंसी याचिका में इतने लंबे डॉक्युमेंट्स फाइल करने पर नाराजगी जताई। NCLT के प्रेसिडेंट ने जताई हैरानी जस्टिस सुधाकर ने कहा कि अगर याचिका में इतने ज्यादा डॉक्युमेंट्स पेश किए जाते हैं तो ट्राइब्यूनल्स के लिए मामलों की समय पर सुनवाई करना मुश्किल हो जाएगा। सुनवाई के दौरान SBI ने दलील दी कि उसे ईमेल के जरिए पीसी ज्वेलर्स का रिस्पॉन्स मिला था, लेकिन अभी उसे उसकी फिजिकल कॉपी नहीं मिली है। इस पर पीसी ज्वैलर्स के वकील ने एसबीआई को फिजिकल कॉपी देने के लिए और समय मांगा। यह भी पढ़ें : वोटर्स को चीजें फ्री देने का वादा पड़ा भारी, राज्य सरकारें ज्यादा कर्ज लेने को मजबूर मामले की पहली सुनवाई 26 जुलाई को हुई थी पीसी ज्वेलर्स ने ट्राइब्यूनल को बताया कि डॉक्युमेंट्स इसलिए ज्यादा हैं, क्योंकि उसने इस विवाद से जुड़े कई मंचों पर पेश दस्तावेज ट्राइब्यूनल के समक्ष पेश किए हैं। उसने यह भी कहा कि चूंकि SBI की याचिका 19 वॉल्यूम की है, जिससे उसे भी लंबे जवाब फाइल करने को मजबूर होना पड़ा। ट्राइब्यूनल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की सुनवाई 18 सितंबर तक के लिए टाल दी। इस मामले में एसबीआई की याचिका पर पहली सुनवाई 26 जुलाई को हुई थी। तब ट्राइब्यूनल ने इस मामले में नोटिस जारी किया था। उसने मामले की अगली सुनवाई के लिए 2 अगस्त की तारीख तय की थी। क्या है पूरा मामला? पीसी ज्वेलर्स की दिक्कतें इस साल फरवरी में बढ़नी शुरू हो गई थीं। बैंकों को यह पता चला था कि कंपनी ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिए 3,466 करोड़ रुपये के लोन पर डिफॉल्ट किया है। उसके बाद बैंकों ने कंपनी से अपने पैसे मांगने शुरू कर दिए। इस प्रोसेस को लोन रिकॉल कहा जाता है। पीसी ज्वेलर्स ने 2021-22 की अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा था कि उसने 14 बैंकों से लोन लिए हैं। इनमें SBI, Indian Bank, Union Bank of India और PNB जैसे बड़े सरकारी बैंक शामिल हैं। उसने सालाना रिपोर्ट में बैंकों से 3,278 करोड़ रुपये की बात बताई थी। पीसी ज्वेलर्स पर इसमें से सबसे ज्यादा 1,060 करोड़ रुपये एसबीआई का बकाया है।
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