Monday, August 21, 2023

Motilal Oswal के चेयमरैन रामदेव अग्रवाल को भरोसा, रिटेल इक्विटी मार्केट में देखने को मिलेगा बड़ा बूम

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ( Motilal Oswal Financial Services) के चेयरमैन रामदेव अग्रवाल का कहना है कि भारत के रिटेल इक्विटी मार्केट में उछाल का ट्रेंड है। उन्होंने कहा कि बचत में जबरदस्त बढ़ोतरी की वजह से शेयर बाजार और बड़ा होने की राह पर है। मोतीलाल ओसवाल की सालाना ग्लोबल कॉन्फ्रेंस के मौके पर उन्होंने कहा कि अगले 25 साल में देश की सकल घरेलू बचत (gross domestic savings) बढ़कर 103 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी। पिछले 25 साल में यह आंकड़ा 12 लाख करोड़ डॉलर था। उनके मुताबिक, डीमैट खातों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़ रहे हैं। जुलाई 2020 में डीमैट खातों की संख्या 4.1 करोड़ थी, जो जुलाई 2023 में बढ़कर 12.3 करोड़ हो गई। साल 2028 तक यह दोगुने से भी ज्यादा बढ़कर 25 करोड़ हो जाने का अनुमान है। रामदेव ने कहा कि यह संख्या पूरी आबादी का 17 पर्सेंट होगी। Multibagger Stocks: ₹8 रुपये का शेयर अब ₹800 के पार, अभी मिल रहा भारी डिस्काउंट पर, एक्सपर्ट ने लगाया दांव सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) में भी बढ़ोतरी का ट्रेंड है। मार्च 2020 में SIP की संख्या 86 अरब थी, जो जुलाई 2023 में बढ़कर 152 अरब डॉलर हो गई। उन्होंने कहा, 'अगर ज्यादा से ज्यादा रिटेल इनवेस्टर मार्केट से जुड़ते हैं, तो जोखिम का बंटवारा भी पूरे देश में होता है।' अग्रवाल ने कहा कि रिटेल इक्विटी मार्केट में निवेशकों की बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण कोरोना के दौरान सेबी द्वारा केवाईसी ( KYC) नियमों को आसान बनाना रहा। उनका यह भी कहना था कि ज्यादा से ज्यादा डिस्काउंट ब्रोकर्स की मौजूदगी के कारण भी स्टॉक मार्केट में रिटेल इनवेस्टर्स की भागीदारी बढ़ रही है। अग्रवाल ने कहा, 'डिस्काउंट ब्रोकर ग्राहकों को हासिल करने को लेकर काफी आक्रामक हैं और उनका इरादा निकट भविष्य में प्रॉफिट हासिल करने पर नहीं है।' भारत में प्राइवेट इक्विटी फर्म और वेंचर कैपिटल फर्मों में जबदस्त बढ़ोतरी हुई है, जबकि IPO मार्केट का विस्तार सीमित है। रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal) का कहना था कि IPO मार्केट की ग्रोथ के लिए रेगुलेटर को कुछ कदम उठाने की जरूरत है। इसके तहत प्रमोटर शेयरहोल्डिंग को 75 पर्सेंट से घटाकर 65 पर्सेंट करना होगा और पीई (PE) निवेशकों के बाहर निकलने के लिए नियमों का आसान करना चाहिए।

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