Sunday, June 18, 2023

Reliance नय एनरज बजनस स 2030 तक कर सकत ह 10-15 अरब डलर क कमई बरकरज फरम क य ह अनमन

उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) सोलर से हाइड्रोजन तक फैले न्यू एनर्जी बिजनेस से 2030 तक 10-15 अरब डॉलर की कमाई कर सकती है। हालांकि, उसे टेक्नोलॉजी में अपनी सीमित विशेषज्ञता को ध्यान में रखते हुए नए अधिग्रहणों या पार्टनरशिप की जरूरत होगी। सैनफोर्ड सी बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। क्लीन एनर्जी (सोलर, बैटरी, इलेक्ट्रोलाइजर और फ्यूल सेल) 2050 तक भारत में 2000 अरब डॉलर के निवेश के साथ रिलाायंस के ग्रोथ के लिए अहम है। भारत 2030 तक 280 गीगावॉट सोलर कैपिसिटी और 50 लाख टन ग्रीन एच2 प्रोडक्शन का लक्ष्य लेकर चल रहा है। ब्रोकरेज कंपनी का ये है अनुमान ब्रोकरेज कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हमारा अनुमान है कि पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल कैटेगरी में इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या 5 फीसदी पर पहुंचेगी, जबकि टू-व्हीलर के मामले में यह 21 फीसदी होगी। क्लीन एनर्जी का कुल उपलब्ध बाजार (TAM) मौजूदा 10 अरब डॉलर से बढ़कर 2030 में 30 अरब डॉलर का हो सकता है।” रिपोर्ट के अनुसार, “हमारा इसके 2050 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।’’ सोलर मैन्युफैक्चरिंग और हाइड्रोजन मार्केट में उतरने की घोषणा ऑयल से लेकर टेलीकॉम सेक्टर तक काम कर रहे रिलायंस ग्रुप ने सोलर मैन्युफैक्चरिंग के साथ-साथ हाइड्रोजन मार्केट में उतरने की घोषणा की है। रिलायंस की योजना 2030 तक 100 गीगावॉट की स्थापित सोलर कैपिसिटी पाने की है, जो देश की लक्षित क्षमता 280 गीगावॉट का 35 फीसदी है। बर्नस्टीन ने कहा, “हमें रिलायंस के 2030 तक सोलर मार्केट का 60 फीसदी, बैटरी मार्केट का 30 फीसदी और हाइड्रोजन मार्केट का 20 फीसदी हासिल करने की उम्मीद है।’’ रिपोर्ट के अनुसार, “हमारा अनुमान है कि रिलायंस 2030 में न्यू एनर्जी बिजनेस से लगभग 10-15 अरब डॉलर का राजस्व प्राप्त कर सकती है जो टीएएम का लगभग 40 फीसदी बैठेगा।” (डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल, नेटवर्क18 ग्रुप का हिस्सा है। नेटवर्क18 का नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसकी एकमात्र लाभार्थी रिलायंस इंडस्ट्रीज है।)

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