कई इनवेस्टर्स शेयर बाजार (Stock Markets) के उतार-चढ़ाव (Market Volatility) को देखते हुए इनवेस्टमेंट करने से कतरा रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि अभी पैसा कहां लगाना चाहिए। बाजार एक कदम आगे बढ़ाने के बाद दो कदम पीछे बढ़ा देता है। इसके बावजूद आपको निवेश का फैसला रोकना नहीं चाहिए। यह कहना है Sanjeev Govila का। करीब तीन दशक तक इंडियन आर्मी में देश की सेवा करने के बाद पिछले कुछ समय से गोविला सेना के जवानों को पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी सलाह दे रहे हैं। उनकी कंपनी Hum Fauji Fianacial Services के देश और विदेश में 3,300 क्लाइंट्स हैं। गोविला ने कहा कि अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपको आज बाजार के सूचकांकों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। सबसे पहले आपको अपनी रिस्क प्रोफाइल को समझना चाहिए। उसके बाद अपने फाइनेंशियल गोल (लक्ष्य) तय करने चाहिए। अगर आप बहुत छोटी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो आपको सैटेलाइट पोर्टफोलियो बनाना चाहिए। यह भी पढ़ें : Axis Bank-Max Life deal: IRDAI ने Axis Bank पर लगाई 2 करोड़ रुपये पेनाल्टी, जानिए क्या है पूरा मामला गोविल ने कहा, "अगर आपका गोल पांच साल से लेकर सात साल का है तो आप अपना पूरा पैसा शेयरों में लगा सकते हैं। आपको बाजार के उतार-चढ़ाव पर ध्यान नहीं देना चाहिए। लेकिन, इससे पहले आपको अपने रिस्क प्रोफाइल को समझ लेना होगा। अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं ले सकते तो फिर आपको इक्विटी में ज्यादा निवेश नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में आप हाइब्रिड फंड्स के बारे में सोच सकते हैं।" गोविल ने बताया, "इनवेस्टमेंट के लिए 100 माइनस एज (उम्र) का एक थंब रूल है। लेकिन, मैं इसमें भरोसा नहीं करता हूं। मैं ज्यादा महत्व व्यक्ति की रिस्क प्रोफाइल और उसके इनवेस्टमेंट गोल को देता हू। अगर आप कम से कम पांच साल के लिए पैसे लगा सकते हैं और आपकी उम्र 40 प्लस है तो आपको अपना 70 फीसदी पैसा शेयरों में लगाना चाहिए। अगर आपकी उम्र इससे कम है या आप 29 प्लस हैं तो आप अपना 80-85 फीसदी पैसा शेयरों में लगा सकते हैं। इसकी वजह यह है कि लंबी अवधि के निवेश पर बाजार के उतार-चढ़ाव का असर नहीं पड़ता है। " उनकी सलाह है कि जो इनवेस्टर्स अपनी रिस्क प्रोफाइल को समझे बगैर मार्केट में निवेश करते हैं, उन्हें बाजार के रोजाना के उतार-चढ़ाव की वजह से ठीक से नींद नहीं आती। उन्होंने निवेशकों को डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेश में इनवेस्ट करने की भी सलाह दी। जहां तक रिटेल इनवेस्टर्स का सवाल है तो उनके लिए तो इंडियन मार्केट के डायनेमिक्स को भी ठीक तरह से समझना आसान नहीं है। इसलिए आप जर्मनी, ब्राजील, वियतनाम और यहां तक कि चीन के बाजार के बारे में अंदाजा नहीं लगा सकते। इसलिए आप एक्सपर्ट एडवाइस की मदद से निवेश के फैसले ले सकते हैं।
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