Thursday, August 18, 2022

Vande Bharat Express: स्पीड ट्रायल के लिए चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंची तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस, जानिए नई ट्रेन की खासियत

Vande Bharat Express: सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन (Vande Bharat) ट्रेन का नया डिजाइन तैयार हो गया है। स्पीड ट्रायल के लिए यह रेक चंडीगढ़ पहुंच गया है। यात्रियों की सर्विस देने से पहले इसका ट्रायल किया जाएगा। अंबाला रेल मंडल के चंडीगढ़-लुधियाना रेल सेक्शन पर इसका ट्रायल होगा। चेन्‍नई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (Integral Coach Factory -ICF) चेन्नई से वंदे भारत ट्रायल के लिए रवाना हो चुकी है। इसमें कई तरह की नई सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। यह ट्रेन 12 अगस्त को लॉन्च हुई थी। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विवी वैष्णव ने पिछले हफ्ते तीसरी वंदेभारत ट्रेन का निरीक्षण किया था। पूरी तरह से संतुष्‍ट होने के बाद ट्रायल के लिए RDSO को हैंडओवर किया है। RDSO ट्रेन का कई अलग-अलग तरह से ट्रायल करेगा। इसके बाद इसे सीआरएस से सेफ्टी क्‍लीयरेंस मिलेगी। रेलवे बोर्ड के अनुसार तकनीकी रूप में नई वंदेभारत एक्‍सप्रेस में बदलाव किए गए हैं। मौजूदा वंदेभारत ट्रेन में सीट को आगे पीछे किया जा सकता है। ट्रेन में कोई धूम्र पान न करे। इसके लिए अलार्म बजेगा। ट्रेन में पावर फेल होने पर लाइट तीन घंटे तक ऑन रहेगी। इसके अलावा यात्रियों की सुविधा को ध्‍यान में रखते हुए बदलाव किए गए हैं। इसमें ऑटोमेटिक दरवाजे खुलेंगे। ड्राइवर के केबिन को आरामदायक बनाया गया है। दिव्यांगों को ध्यान में रखकर टॉयलेट (toilets) बनाए गए हैं। रेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि तीसरी वंदे भारत ट्रायल के लिए चंडीगढ़ पहुंच चुकी है। वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से किया जाएगा। अब पायलट बनने के लिए किसी ट्रांसजेंडर को मेरी तरह दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा : एडम हैरी Getting ready to roll - 3rd Vande Bharat Train reaches stabling line in Chandigarh for speed trial. pic.twitter.com/lAzab4J9W7 — Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 18, 2022 क्या होती है ट्रायल की प्रक्रिया? वंदेभारत ट्रेन का ट्रायल सामान्य, खराब और अच्छे तीनों तरह के ट्रैक पर किया जाएगा। कुछ ट्रायल खाली ट्रेन पर और कुछ वजन रखकर किए जाएंगे। ताकि ट्रेन की गुणवत्ता को कन्फर्म किया जा सके। इन सभी ट्रायल में डेढ़ महीने से दो महीने का समय लग सकता है। इतना ही नहीं, अधिकारियों के अनुसार, जरूरत पड़ने पर रोजाना अतिरिक्त घंटे ट्रायल भी किया जा सकता है। ट्रायल सफल होने के बाद कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) से क्लीयरेंस ली जाएगी। जिसके बाद ट्रेन नियमित रूप से यात्रियों के लिए चलाया जाएगा।

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