Tuesday, October 31, 2023

Assembly Election 2023 : इस बार कांग्रेस ने उम्मीदवारों के चयन का तरीका बदला, सर्वे के नतीजों के आधार पर दिए गए टिकट

कांग्रेस ने 15 अक्टूबर को मध्य प्रदेश में 144 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की। लिस्ट ने कई लोगों को चैंकाया। इसकी वजह यह है कि आम तौर पर यह पार्टी उम्मीदवारों के नामों के ऐलान के लिए अंतिम वक्त तक इंतजार. करती थी। इसका मकसद उन लोगों के विरोध से बचना था, जो टिकट नहीं मिलने के बाद अपने गुस्से का इजहार करते हैं। सवाल है कि इस बार कांग्रेस ने क्यों परंपरा से हटने का फैसला किया? दरअसल, इस बार पार्टी की सेंट्रल कमेटी (CEC) को राज्य इकाई से उम्मीदवारों की एक लिस्ट मिली थी। इस लिस्ट से उम्मीदवारों का चुनाव करने में हाई प्रोफाइल कमेटी को सिर्फ कुछ मिनट्स का समय लगा। दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पहले ही आपसी खींचतान को लेकर चल रही चर्चाओं पर विराम लगाने की कोशिश की है। इन दोनों नेताओं के एक साथ आ जाने का असर दूसरे नेताओं पर भी पड़ा है। कमलनाथ-दिग्विजय में सुलह कमलनाथ ने पहले भी दिग्विजय सिंह को साधने की कोशिश की थी। लेकिन, वे नाकाम रहे थे। लेकिन, बाद में दोनों नेताओं के बीच सुलह हो गई। 19 अक्टूबर को कांग्रेस ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की थी। साथ ही पहली सूची में शामिल तीन उम्मीदवारों के नाम बदल दिए थे, क्योंकि उनके निवार्चन क्षेत्र में कार्यकर्ताओं का विरोध देखने को मिला था। अब ऐसा लगता है कि टिकट बंटवारे को लेकर आम तौर पर दिखने वाला विरोध इस बार देखने को नहीं मिला है। कहीं-कहीं कुछ विरोध दिखा है, लेकिन वह बहुत ताकतवर नहीं है। बताया जाता है कि कमलनाथ और उनकी टीम ने पिछले 2-3 सालों में कई सर्वे किए हैं। इनमें 230 विधानसभा क्षेत्रों की टोह लेने की कोशिश की गई। इससे उन उम्मीदवारों के चुनाव में मदद मिली, जो चुनाव जीत सकते हैं। सर्वे के आधार पर 70 फीसदी टिकटों का बंटवारा इस बार 60-70 फीसदी टिकट सर्वे के नतीजों के आधार पर दिए गए हैं। इस बार चंबल-ग्वालियर इलाके में उम्मीदवारों के चयन में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। इसकी वजह यह है कि इस इलाके के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधियां ने 2020 में कांग्रेस को छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। सिंधिया का हमेशा टिकट बंटवारे में ज्यादा असर होता था। इसकी वजह यह है कि इस इलाके में उनकी जबर्दस्त पकड़ मानी जाती है। उधर, छत्तीसगढ़ में भी इस बार कांग्रेस ने पहली बार स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों को भेजा। सदस्य हर जिले में जाकर वहां संभावित उम्मीदवारों से बातचीत की। इससे जमीनी स्तर पर संभावित उम्मीदवारों के बारे में जानकारी जानकारी जुटाने में मदद मिली। इससे टिकट बंटवारे में लॉबीइंग की भूमिका घट गई। बघेल और सिंहदेव के बीच संतुलन छत्तीसगढ़ में उम्मीदवारों के नाम तीन सूची में जारी किए गए। 71 वर्तमान विधायकों में से 22 को टिकट नहीं देने का फैसला लिया गया। दरअसल, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सामने सत्ता विरोधी लहर से निपटने की भी चुनौती है, क्योंकि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद दूसरी बार चुनावी मैदान में सीएम बनने के लिए ताल ठोंक रहे हैं। हालांकि, इस बार 90 सीटों के उम्मीदवारों के चयन में उनके और उनके प्रतिद्वंद्वी टीएस सिंहदेव के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की गई है।

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पांच साल में Sensex@100000, मार्क मोबियस इन शेयरों पर लगा रहे दांव

घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) पिछले महीने 68 हजार के करीब पहुंच गया था लेकिन अब यह 64 हजार के भी नीचे हैं। हालांकि मोबियस कैपिटल पार्टनर्स के इनवेस्टमेंट गुरु मार्क मोबियस का मानना है कि अगले पांच साल में यह 1 लाख के लेवल को छू देगा। मार्निंगस्टार इनवेस्टमेंट कांफ्रेंस से इतर मोबियस ने मनीकंट्रोल से बातचीत में यह अनुमान जताया। इस समय दुनिया भर के स्टॉक मार्केट में बिकवाली का भारी दबाव है। ऐसे माहौल में मोबियस का भारत पर भरोसा बना हुआ है और उनका कहना है कि अगर मार्केट में थोड़ी और गिरावट आती है तो भारतीय बाजार में वे कुछ और निवेश करेंगे। घरेलू मार्केट की बात करें तो इजराइल-हमास जंग (Israel-Hamas War) में बढ़ते तनाव, हाई बॉन्ड यील्ड्स और कच्चे तेल के भाव में उतार-चढ़ाव के चलते पिछले दो हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी की बात करें तो 3 फीसदी से अधिक गिर चुका है। इन चीजों पर रहेगी नजर मार्केट की चाल को प्रभावित करने वाले कारकों की बात करें तो मोबियस के मुताबिक तीन ग्लोबल इवेंट्स- यूक्रेन, दक्षिणी चीन सागर और इजराइल पर उनकी नजर रहेगी। इनसे मार्केट की चाल प्रभावित तो होगी लेकिन इन सबके अलावा एक और अहम बात ये है कि ब्याज दरें कैसी रहती हैं। उनका मानना है कि अमेरिकी फेड ने 2% के महंगाई दर के लक्ष्य को हासिल करने में अभी समय लगेगा और तब तक ब्याज दरें लंबे समय तक इसी लेवल पर बनी रहेंगी। सितंबर में फेडरल रिजर्व ने 5.25-5.50 फीसदी की रेंज में ब्याज दरों को स्थिर रखा जो 22 साल का हाई लेवल है। 'P/E में P पर अधिक फोकस' मोबियस ने यह स्वीकार तो किया कि प्राइस-टू-अर्निंग्स रेश्यो (P/E) के हिसाब से बाकी उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय मार्केट काफी महंगा है। हालांकि उन्होंने आगे ये भी कहा कि अधिकतर लोग इस समय P/E रेश्यो में सिर्फ P पर फोकस किए हुए हैं, E पर नहीं। उनका कहना है कि भारत में किसी अच्छी कंपनी में हर साल 12-13 फीसदी की दर से बढ़ने की क्षमता है जोकि देश की जीडीपी ग्रोथ से दोगुना है। Nifty 5 साल में 40000 और 10 साल साल में 80000 हो जाएगा इन शेयरों पर है भरोसा मोबियस के मुताबिक निवेशक सॉफ्टवेयर, कंस्ट्रक्शन मैटेरियल्स और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर में ऐसी कंपनियां खोज सकते हैं। वह पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, अपोलो ट्यूब्स, ड्रीमफोक्स सर्विसेज और मैपमायइंडिया जैसे शेयरों पर दांव लगा रहे हैं। मोबियस के मुताबिक इन कंपनियों पर कर्ज कम है, कैपिटल रेश्यो पर रिटर्न हाई है और आगे ग्रोथ की अच्छी गुंजाइश है। दो साल पहले भी उन्होंने एक टीवी चैनल पर एपीएल अपोलो, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, पॉलीकैप और मेट्रोपोलिस पर दांव लगाया था। अभी वह मैपमायइंडिया को लेकर काफी उत्साहित हैं जो मैपिंग और यूटिलिटी सर्विसेज मुहैया कराती है। इस साल मैपमायइंडिया निवेशकों का पैसा डबल कर चुकी है।

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Cipher Case: Pakistan Court Adjourns Hearing Against Imran Khan, Qureshi Until Nov 7

The hearing was held in the high-security Adiala jail in Rawalpindi where Khan and Qureshi were present with their lawyers. Prosecutor Rizwan Abbasi was also present to lead the government side in the case

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‘Pak’s ISI Funds Khalistani Pannun’: Referendum Figures to Immigration Racket, Intel Sources Decode Strategy | Exclusive

Pak ISI with Khalistani Pannun: “Despite spending a huge amount of money, Pakistan never won any war against India. However, by just spending USD 20,000 on Pannun’s propaganda war, they are getting big results and more OGWs,” say top intel sources. Pannun’s referendum rallies in Canada were complete failures, say local sources

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Monday, October 30, 2023

'My Daughter Is No Longer Alive': Mother of German-Israeli Woman Who Was Paraded Naked by Hamas

Ricarda Louk first raised the alarm about her daughter after she recognized her in videos circulating online, due to her striking tattoos and dyed hair

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Sunday, October 29, 2023

Zydex Group को FY24 में 15-20% रेवेन्यू ग्रोथ की उम्मीद, जानिए क्या है प्लान

स्पेशियलिटी केमिकल कंपनी Zydex Group ने मौजूदा वित्त वर्ष में अपने कई वर्टिकल के रेवेन्यू में सालाना आधार पर 15 से 20 फीसदी की वृद्धि का लक्ष्य तय किया है। कंपनी पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 2023-24 में रेवेन्यू 375 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद कर रही है। कंपनी सड़क, कपड़ा, कृषि, जल-रोधन और पेंट्स वर्टिकल में कारोबार करती है। Zydex Group के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर (CMD) अजय रांका ने बातचीत करते हुए कहा, “हम मौजूदा वित्त वर्ष में सभी बिजनेस वर्टिकल में राजस्व में 15-20 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं।” Zydex Group के चेयरमैन का बयान अजय रांका ने कहा, “कंपनी को रोड वर्टिकल से 35 फीसदी, टेक्सटाइल से 35 फीसदी, एग्रो से 10-12 फीसदी, वॉटरप्रूफिंग से 14-15 फीसदी और पेंट्स कारोबार से 3-4 फीसदी रेवेन्यू मिलता है। कारोबार पर कोविड महामाही के प्रभाव को लेकर रांका ने कहा कि हालांकि बाजार के सेंटिमेंट में सुधार हुआ है लेकिन टेक्सटाइल सेक्टर का प्रदर्शन अक्टूबर 2022 से खराब रहा है। उन्होंने कहा कि शेष सेगमेंट्स में महामारी के बाद वृद्धि हो रही है। अगले दो सालों में ग्रोथ की उम्मीद रांका ने कहा, "अगले दो वर्षों में कंपनी को अपने कारोबार में वृद्धि की उम्मीद है। इसके बाद कंपनी अधिग्रहण आदि के जरिये विस्तार पर ध्यान देगी।" केमिकल फर्टिलाइजर्स पर निर्भरता के बारे में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में केमिकल फर्टिलाइजर्स के उपयोग पर अधिक निर्भरता है और मिट्टी की उर्वरता के मामले में खेत की मिट्टी की फर्टिलिटी सुनिश्चित करने के लिए तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि Zydex के बायो-फॉर्मिंग सॉल्यूशन ने किसानों को अपनी उपज 15-50 फीसदी बढ़ाने, सिंचाई 20-30 फीसदी कम करने, उर्वरकों के उपयोग में 50-100 फीसदी और कीटनाशकों के उपयोग में 20-40 फीसदी की कमी करने में सक्षम बनाया है।

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Saturday, October 28, 2023

एक घर के लिए 8 घंटे लाइन में लगे रहे लोग! वीडियो हुआ वायरल

भारत के बड़े शहरों में रियल एस्टेट (Real Estate) की कीमतों में इजाफा बरकरार है। फिर चाहे वह बहुमंजिला इमारत का फ्लैट हो या इंडिपेंडेंट हाउस। बढ़ती कीमत के बीच भी हर कोई चाहता है कि वह सुविधाओं से भरे घर में रहे और इसीलिए कई लोग उच्च कीमत चुकाने को भी तैयार हैं। हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे में एक वाकया सामने आया है, जब कुछ अपार्टमेंट्स को देखने और खरीदने के लिए लोग घंटों तक लंबी लाइन में लगने को भी तैयार हो गए। इन अपार्टमेंट्स की कीमत 1.5-2 करोड़ रुपये है। ये अपार्टमेंट्स मुख्य शहर से 15 किमी दूर स्थित वकाड इलाके में है। इन्हें खरीदने की चाह कुछ ऐसी थी कि लोग आठ घंटे तक कतार में खड़े रहे। यह कतार अपार्टमेंट्स में जाकर उन्हें देखने के लिए थी। इस वाकये का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर हुआ है, जिसमें बिल्डिंग के बाहर कई सारे लोग देखे जा सकते हैं। क्या आप लगेंगे लाइन में? वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में सवाल पूछा गया कि अगर आप 1.5-2 करोड़ रुपये एक अपार्टमेंट खरीदने के लिए खर्च कर रहे हैं तो क्या आप 8 घंटे के लिए लाइन में खड़े होंगे? यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ और इस पर लोगों के कमेंट्स आने लगे।   Guys, will you stand in a queue for 8 hours if you are spending 1.5cr-2cr to buy an apartment???? pic.twitter.com/4OtNw9DtmE — Ekant | ek

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