घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) पिछले महीने 68 हजार के करीब पहुंच गया था लेकिन अब यह 64 हजार के भी नीचे हैं। हालांकि मोबियस कैपिटल पार्टनर्स के इनवेस्टमेंट गुरु मार्क मोबियस का मानना है कि अगले पांच साल में यह 1 लाख के लेवल को छू देगा। मार्निंगस्टार इनवेस्टमेंट कांफ्रेंस से इतर मोबियस ने मनीकंट्रोल से बातचीत में यह अनुमान जताया। इस समय दुनिया भर के स्टॉक मार्केट में बिकवाली का भारी दबाव है। ऐसे माहौल में मोबियस का भारत पर भरोसा बना हुआ है और उनका कहना है कि अगर मार्केट में थोड़ी और गिरावट आती है तो भारतीय बाजार में वे कुछ और निवेश करेंगे। घरेलू मार्केट की बात करें तो इजराइल-हमास जंग (Israel-Hamas War) में बढ़ते तनाव, हाई बॉन्ड यील्ड्स और कच्चे तेल के भाव में उतार-चढ़ाव के चलते पिछले दो हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी की बात करें तो 3 फीसदी से अधिक गिर चुका है। इन चीजों पर रहेगी नजर मार्केट की चाल को प्रभावित करने वाले कारकों की बात करें तो मोबियस के मुताबिक तीन ग्लोबल इवेंट्स- यूक्रेन, दक्षिणी चीन सागर और इजराइल पर उनकी नजर रहेगी। इनसे मार्केट की चाल प्रभावित तो होगी लेकिन इन सबके अलावा एक और अहम बात ये है कि ब्याज दरें कैसी रहती हैं। उनका मानना है कि अमेरिकी फेड ने 2% के महंगाई दर के लक्ष्य को हासिल करने में अभी समय लगेगा और तब तक ब्याज दरें लंबे समय तक इसी लेवल पर बनी रहेंगी। सितंबर में फेडरल रिजर्व ने 5.25-5.50 फीसदी की रेंज में ब्याज दरों को स्थिर रखा जो 22 साल का हाई लेवल है। 'P/E में P पर अधिक फोकस' मोबियस ने यह स्वीकार तो किया कि प्राइस-टू-अर्निंग्स रेश्यो (P/E) के हिसाब से बाकी उभरते बाजारों की तुलना में भारतीय मार्केट काफी महंगा है। हालांकि उन्होंने आगे ये भी कहा कि अधिकतर लोग इस समय P/E रेश्यो में सिर्फ P पर फोकस किए हुए हैं, E पर नहीं। उनका कहना है कि भारत में किसी अच्छी कंपनी में हर साल 12-13 फीसदी की दर से बढ़ने की क्षमता है जोकि देश की जीडीपी ग्रोथ से दोगुना है। Nifty 5 साल में 40000 और 10 साल साल में 80000 हो जाएगा इन शेयरों पर है भरोसा मोबियस के मुताबिक निवेशक सॉफ्टवेयर, कंस्ट्रक्शन मैटेरियल्स और हेल्थकेयर जैसे सेक्टर में ऐसी कंपनियां खोज सकते हैं। वह पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, अपोलो ट्यूब्स, ड्रीमफोक्स सर्विसेज और मैपमायइंडिया जैसे शेयरों पर दांव लगा रहे हैं। मोबियस के मुताबिक इन कंपनियों पर कर्ज कम है, कैपिटल रेश्यो पर रिटर्न हाई है और आगे ग्रोथ की अच्छी गुंजाइश है। दो साल पहले भी उन्होंने एक टीवी चैनल पर एपीएल अपोलो, पर्सिस्टेंट सिस्टम्स, पॉलीकैप और मेट्रोपोलिस पर दांव लगाया था। अभी वह मैपमायइंडिया को लेकर काफी उत्साहित हैं जो मैपिंग और यूटिलिटी सर्विसेज मुहैया कराती है। इस साल मैपमायइंडिया निवेशकों का पैसा डबल कर चुकी है।
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