प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी शनिवार 2 सितंबर को जेट एयरवेज (Jet Airways) के फाउंडर नरेश गोयल को मुंबई के सेशन कोर्ट में ले गए। उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। ED ने 538 करोड़ रुपये के कथित बैंक फ्रॉड मामले एक दिन पहले नरेश गोयल को गिरफ्तार किया था। ED ने नरेश गोयल को मुंबई स्थित अपने ऑफिस में दिन भर की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। यह मामला केंद्रीय जांच एजेंसी, सीबीआई (CBI) की ओर से इस साल मई में दर्ज की गई एक FIR पर आधारित है। मनीलॉन्ड्रिंग का यह मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये के कथित फ्रॉड मामले से जुड़ा हुआ है। यह मामला जेट एयरवेज, गोयल, उनकी पत्नी अनीता और कंपनी के कुछ पूर्व अधिकारियों के खिलाफ CBI की ओर से दर्ज एक एफआईआर से सामने आया है। FIR में आरोप लगाया गया था कि बैंक ने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (JIL) को 848.86 करोड़ रुपये के लोन मंजूर किए थे, जिनमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया हैं। इस साल 19 जुलाई को ED ने नरेश गोयल और कुछ दूसरे लोगों पर छापा मारा था। तब ED ने मुंबई और कुछ दूसरे इलाकों के घर-दफ्तर पर छापेमारी की थी। यह भी पढ़ें- Uday Kotak Resigns: उदय कोटक ने कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO के पद से दिया इस्तीफा क्या है पूरा मामला? CBI ने केनरा बैंक की शिकायत के आधार पर FIR दर्ज किया था। केनरा बैंक का आरोप है कि उसने जेट एयरवेज इंडिया लिमिटेड को 848.86 करोड़ रुपए का क्रेडिट लिमिट्स और लोन पास किया था। इसमें से 538.62 करोड़ रुपए का बकाया है। CBI के FIR के मुताबिक, "जेट एयरवेज के सैंपल एग्रीमेंट के मुताबिक, जनरल सेलिंग एजेंट्स (GSA) का खर्च खुद GSA ने उठाया था ना कि जेट एयरवेज ने। हालांकि यह पता चला है कि जेट एयरवेज ने 403.27 करोड़ रुपए अलग-अलग चीजों पर खर्च किया जो GSA के मुताबिक नहीं था।" अप्रैल 2019 से बंद है जेट एयरवेज की उड़ान जेट एयरवेज की उड़ानें 17 अप्रैल 2019 से बंद है। इसके बाद CBI ने 29 जुलाई 2021 को जेट एयरवेज के अकाउंट को फ्रॉड करार दिया था। बैंक का आरोप था कि जेट एयरवेज के फॉरेंसिक ऑडिट से यह पता चलता है कि इसने रिलेटेड कंपनियों को 1410.41 करोड़ रुपए का पेमेंट करते फंड का गलत इस्तेमाल किया है।
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Saturday, September 2, 2023
Friday, September 1, 2023
Aditya-L1: भारत से पहले भी ये देश भेज चुके हैं सूर्य यान, सभी हुए सफल, वैज्ञानिक ने बताया बाकी सोलर मिशन से कितना अलग है आदित्य-एल1
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की शानदार सफलता के बाद, अब अपनी खोज का दायरा और बढ़ा रही है। ISRO का नया मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1), 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट से लॉन्च होने वाला है। यूं तो ये भारत का पहला सोलर मिशन (Solar Mission) या कहें कि सूर्य मिशन है, लेकिन ऐसा करने वाला भारत पहला देश नहीं है। भारत से पहले भी सूरज के भीतर छिपे रहस्यों की खोज में अमेरिका, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और जापान जुटे हैं। ऐसा करने वाला भारत चौथा देश है। फिलहाल कई मिशन ऐसे हैं, जो सूरज और उससे जुड़े कई सवालों के जवाब खोज रहे हैं। ये सभी मिशन अमेरिका की स्पेस एजेंसी-NASA, यूरोपियन स्पेस एजेंसी और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) की निगरानी में चल रहे हैं। आइए डालते हैं, इन सभी मिशन पर एक नजर- 1. SOHO (सोलर और हेलियोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी) देश: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और अमेरिका की NASA का एक ज्वाइंट मिशन। लॉन्च: 2 दिसंबर, 1995, हालांकि, 2000 के दशक में चालू हुआ। मिशन का मकसद: सूरज के अंदरूनी हिस्से, बाहरी वातावरण और सोलर विंड का अध्ययन करना। 2. STEREO (सोलर टेरेस्ट्रियल रिलेशन ऑब्जर्वेटरी) देश: अमेरिका, NASA लॉन्च: 25 अक्टूबर 2006 मिशन का मकसद: सूरज के स्टीरियोस्कोपिक ऑब्जर्वेशन देकर, कोरोनल मास इजेक्शन समेत सूरज पर होने वाली दूसरी घटनाओं का अध्ययन करना। 3. Hinode (Solar B) देश: जापान, JAXA ने अंतराष्ट्रीय सहयोग से ये मिशन किया। लॉन्च: 22 सितंबर 2006 मिशन का मकसद: सूरज के मैग्नेटिक फील्ड और सोलर एटमॉस्फेयर पर इसके असर का अध्ययन करना। 4. SDO (सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी) देश: अमेरिका, NASA लॉन्च: 11 फरवरी, 2010 मकसद: सूरज के मैग्नेटिक फील्ड, सोलर एक्टिविटी और स्पेस वेदर पर प्रभाव को समझने के लिए अलग-अलग वेवलेंथ में सूरज का निरीक्षण करना। 5. ISRIS (इंटरफोस रीजन इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ) देश: अमेरिका, NASA लॉन्च: 28 जून 2013 मकसद: इस रीजन के डायनमिक्स को समझने के लिए सूरज के फोटोस्फेयर और कोरोना के बीच इंटरफेस का अध्ययन करना। 6. सोलर ऑर्बिटर देश: NASA के सहयोग से यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) का मिशन लॉन्च: 9 फरवरी, 2020 मकसद: सूरज और पृथ्वी के बीच संबंध को समझने के लिए सूर्य के पोलर रीजन और सोलर विंड का अध्ययन करना। 7. पार्कर सोलर प्रोब देश: अमेरिका, NASA लॉन्च: 12 अगस्त, 2018 मकसद: किसी भी पिछले मिशन की तुलना में सूरज के सबसे करीब पहुंचना, उसके बाहरी वातावरण और सोलर विंड का अध्ययन करना। जब बात सूरज की हो तो ये खुद में ही एक चुनौती पूर्ण हो जाता है। ऐसे में इन सभी मिशन की सफलताओं की बात करें, तो विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक डॉ. टीवी वेंकटेश्वरन ने कहा कि पिछले सभी सूर्य मिशन सफल रहे हैं। उनका कहना है, "इसमें चंद्रयान की तरह लैंडिंग का कोई मसला ही नहीं है, क्योंकि स्पेसक्राफ्ट को धरती और सूरज के बीच किसी एक प्वाइंट में स्थापित करना ही एक बड़ी चुनौती है। इसलिए सभी पुराने मिशन सफल रहे हैं।" अब सवाल ये उठता है कि जब कई बड़े देश सूर्य यान भेज चुके हैं, तो ऐसे में भारत का सोलर मिशन आदित्य-एल1 कितना अलग है। इसके जवाब में डॉ. वेंकटेश्वरन ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर भारत के आदित्य सूर्य यान में लगभग सभी कुछ पुराने मिशन जैसा ही है। Aditya L1 Mission: अंतरिक्ष में जिस तूफान ने तबाह की मस्क की सैटेलाइट, उसी जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म का अध्ययन करेगा आदित्या-एल1 उन्होंने तकनीकि बदलाव को समझाते हुआ कहा, "उस समय की क्षमताओं के आधार पर खोज और अध्ययन सीमित थे। इसलिए हमारा सूर्य यान आज के दौर के मुताबिक काफी एडवांस है।" उन्होंने आगे बताया कि भारत के आदित्य-एल1 में विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) नाम का एक पेलोड है, जो दूसरे सूर्य यान में नहीं था। सूरज के एटमॉस्फेयर के तीन भाग हैं - फोटोस्फेयर, जो सतह की परत है। दूसरा है सोलर एटमॉस्फेयर, जिसमें क्रोमोस्फेयर और कोरोना शामिल हैं। VELC सूरज के एटमॉस्फेयर के सबसे बाहरी हिस्से कोरोना का अध्ययन करेगा। इसे बेंगलुरु में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) ने डेवलप किया है।
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LIC पॉलिसीहोल्डर्स ऐसे चेक कर सकते हैं अपना अनक्लेम्ड डिपॉजिट, जानें क्या है इसे क्लेम करने का तरीका
जीवन बीमा निगम (LIC) अपने ग्राहकों को कई सारी पॉलिसी ऑफर करती हैं। हालांकि LIC में भी अनक्लेम्ड डिपॉजिट यानी दावा ना की गई रकम पिछले कुछ दिनों में बढ़ी है। । इसे मेच्योरिटी की डेट और जिस तारीख से प्रीमियम नहीं दिया गया है या फिर पॉलिसीहोल्डलर्स की मृत्यु की तारीख के आधार पर किया जाता है। LIC में ऐसे कर सकते हैं अनक्लेम्ड डिपॉजिट की जांच LIC में अपने अनक्लेम्ड डिपॉजिट की जांच करने के लिए सबसे पहले इसकी ऑफीशियल वेबसाइट licindia.in पर जाएं। इसके बाद ऑनलाइन सर्विस के टैब पर जाकर दावा ना की गई रकम के ऑप्शन को चुनें। इसके बाद अपना पॉलिसी नंबर और डेट ऑफ बर्थ इंटर करें। इसके बाद आप अपने अकाउंट में लॉगइन करके अपनी दावा ना की गई रकम को देख पाएंगे। इसके बाद भी अगर आपको कोई दिक्कत आती है तो आप LIC ऑफिस या फिर कस्टमर केयर सर्विस से कॉन्टैक्ट कर सकते हैं। 7th Pay Commission: DA Hike का ऐलान कर सकती है केंद्र सरकार, केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में हो सकता है इजाफा ऐसे कर सकते हैं अपनी रकम को क्लेम अपनी दावा ना की गई रकम का क्लेम करने के लिए पॉलीसीहोल्डर्स को जरूरी डॉक्युमेंट्स के साथ एक फॉर्म भरना होता है। आपको पॉलिसी डॉक्युमेंट्स, प्रीमियम रसीद और अगर हो तो डेथ सर्टिफिकेट को जमा करना होगा। आप इन फॉर्म को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं या फिर LIC ऑफिस से भी ले सकते हैं। इसी फॉर्म के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी और कंपनी दावा न की गई रकम को जारी कर देगी। दावा ना करने पर क्या होगा रकम का अगर आप अपनी रकम का क्लेम नहीं करते हैं तो LIC आपके पैसे को आम तौर पर सरकारी बॉन्ड या कहीं और निवेश कर सकती है। वहीं कुछ मामलों में ऐसा भी होता है कि लोग अपनी रकम के बारे में भूल जाते हैं या फिर उनके पास क्लेम करने के जरिए जरूरी डॉक्युमेंट्स ही नहीं होते हैं। ऐसे में हमेशा यह सुझाव दिया जाता है कि आप वेबसाइट पर जाकर अपनी पॉलिसी को अपडेट करते रहें।
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Gold loan : आपने गोल्ड लोन लिया है? जानिए EMI नहीं चुकाने पर बैंक क्या होगा
पिछले कुछ सालों में गोल्ड लोन (Gold Loan) की लोकप्रियता बढ़ी है। इसकी कई वजहे हैं। इस लोन का इंटरेस्ट रेट कम है। ज्यादा डॉक्युमेंट्स देने की जरूरत नहीं पड़ती है। पैसा जल्द ग्राहक के बैंक अकाउंट में आ जाता है। लेकिन, दूसरे लोन के मुकाबले इस लोन की अवधि कम होती है। यह अवधि आम तौर पर 6 महीने से 24 महीनों के बीच होती है। यह सेक्योर्ड कैटेगरी का लोन है, क्योंकि बैंक या वित्तीय संस्थान आपका सोना गिरवी रखने के बाद आपको लोन देता है। सेक्योर्ड लोन होने की वजह से बैंकों और एनबीएफसी की इस लोन में ज्यादा दिलचस्पी होती है। दूसरी तरह, कम इंटरेस्ट रेट की वजह से ग्राहक को भी यह ठीक लगता है। लोन नहीं चुकाने पर क्या होता है? कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है जब ग्राहक लोन का पैसा नहीं चुका पाता है। ग्राहक के तय अवधि में पैसा नहीं चुकाने पर बैंक या एनबीएफसी सख्त कदम उठाने को मजबूर हो जाती हैं। वे पहले ग्राहक को कई बार रिमाइंडर भेजती हैं। इसके बाद भी ग्राहक के पेमेंट नहीं करने पर उनके पास गिरवी रखे सोने को नीलाम करने का विकल्प होता है। जब ग्राहक गोल्ड लेता है तो बैंक या एनबीएफसी उसके साथ कॉन्ट्रैक्ट करता है। कॉन्ट्रैक्ट की शर्त में लोन का रीपेमेंट नहीं होने पर गिरवी रखे सोने को नीलाम करने का विकल्प शामिल होता है। दरअसल, बैंक या एनबीएफसी सोने को नीलाम कर लोन का अपना पैसा वसूलने की कोशिश करती हैं। यह भी पढ़ें : BSE में एक पेनी स्टॉक की कीमत एक ही दिन में 2 रुपये से 149 रुपये पहुंच गई, जानिए इसके पीछे की पूरी कहानी सोने की नीलामी से बचने का है रास्ता नीलामी के लिए पहले से नियम और शर्तें तय हैं। बैंक और एनबीएफसी को इनका पालन करना होता है। सोने की नीलामी से दो हफ्ते पहले बैंक या एनबीएफसी को ग्राहक को इस बारे में बताना जरूरी है। अगर ग्राहक नहीं चाहता है कि गिरवी रखे उसके सोने की नीलामी हो तो वह बैंक से संपर्क कर पैसे लौटा सकता है। अगर ग्राहक पूरा पैसा नहीं लौटा सकता है तो वह बैंक को अपनी मजबूरी बता सकता है। बैंक उसे आंशिक पेमेंट की इजाजत दे सकता है। ग्राहक बैंक या एनबीएफसी से पैसे लौटाने के लिए अतिरिक्त समय मांग सकता है। लोन नहीं चुकाने पर क्रेडिट स्कोर खराब होता है गोल्ड लोन नहीं चुकाने पर ग्राहक के क्रेडिट स्कोर पर खराब असर पड़ता है। बैंक और गोल्ड लोन कंपनियां ग्राहक के पैसे समय पर नहीं चुकाने पर क्रेडिट ब्यूरो को इस बारे में जानकारी भेजती हैं। इस वजह से क्रेडिट स्कोर पर इसका असर देखने को मिलता है। पहला, ग्राहक का क्रेडिट स्कोर घट जाता है। दूसरा, इससे भविष्य में उसे बैंक या एनबीएफसी से लोन लेने में दिक्कत आ सकती है। अगर ऐसे ग्राहक को बैंक या एनबीएफसी लोन देने के लिए तैयार हो जाती है तो उसका इंटरेस्ट रेट काफी ज्यादा होता है।
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INS Mahendragiri: समंदर में उतरा भारतीय नौसेना का युद्धपोत महेंद्रगिरी, ये खूबियां जान थर-थर कापेंगे दुश्मन देश
INS Mahendragiri: मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL) द्वारा निर्मित भारतीय नौसेना के नए युद्धपोत INS महेंद्रगिरी को शुक्रवार को मुंबई में लॉन्च कर दिया गया। लॉन्चिंग समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि यह उचित है कि युद्धपोत की लॉन्चिंग मुंबई जैसे शहर में हुआ। प्रोजेक्ट 17 अल्फा के तहत बनाए गए युद्धपोतों में INS महेंद्रगिरि 7वां और आखिरी स्टील्थ फ्रिगेट है। यह युद्धपोत बेहतर स्टेल्थ फीचर्स, एडवांस्ड हथियार सिस्टम और सेंसर से लैस है। देश की समुद्री सुरक्षा में INS महेंद्रगिरी मील का पत्थर साबित होगा। धनखड़ ने कहा कि मुझे यकीन है कि लॉन्चिंग के बाद महेंद्रगिरी भारत की समुद्री शक्ति के दूत के रूप में समुद्र में पूरे गर्व से तिरंगा लहराएगा। धनखड़ ने आगे कहा कि मैं पूरे विश्वास के साथ हमारे सुरक्षा बल को बधाई देता हूं। वे दुनिया की सुरक्षा के लिए व्यापक रूप से खुद को बेहतर बनाना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि सेना, नौसेना और वायुसेना में 10,000 से अधिक महिला कर्मियों की मजबूत उपस्थिति के साथ भारतीय सशस्त्र बल ने लैंगिक समानता की दिशा में भी काफी प्रगति की है। महेंद्रगिरी की लॉन्चिंग को देश के समुद्री इतिहास में उल्लेखनीय मील का पत्थर बताते हुए उन्होंने कहा कि यह Project 17A के तहत निर्मित नीलगिरि कैटेगरी के युद्धपोत बेड़े का सातवां और आखिरी युद्धपोत है। उन्होंने कहा कि आत्म निर्भरता की दिशा में हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता के तहत नीलगिरि कैटेगीर के उपकरणों और सिस्टम के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर स्वदेशी कंपनियों को दिए गए। धनखड़ ने कहा कि महेंद्रगिरी की लॉन्चिंग नौसेना को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में की गई हमारे राष्ट्र की अतुलनीय प्रगति का उपयुक्त उदाहरण है। लॉन्चिंग समारोह में महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे। महेंद्रगिरी की खास बातें न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, ओडिशा में पूर्वी घाट में सबसे ऊंची पर्वत चोटी के नाम पर निर्मित यह युद्धपोत प्रोजेक्ट 17-ए (Project 17A Frigates series) के बेड़े के तहत निर्मित सातवां जहाज है। यह युद्धपोत उन्नत युद्धक सिस्टम्स, अत्याधुनिक हथियारों, सेंसर और प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम से लैस है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महेंद्रगिरि में 76 मिमी बंदूक, दो 30 मिमी AK-630 M एंटी-एयरक्राफ्ट आर्टिलरी सिस्टम, दो टारपीडो ट्यूब, 8 ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए लॉन्चर और 32 बराक- 8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें होंगी। इसका मेन रडार MF-STAR होगा। इसकी लंबाई 143 मीटर और चौड़ाई 16.9 मीटर है। फ्रिगेट में 37 अधिकारियों सहित अधिकतम 257 लोग रह सकते हैं। ये भी पढ़ें- I.N.D.I.A. Mumbai Meet LIVE: 14 सदस्यों वाली कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन, सीट-बंटवारे पर जल्द होगा फैसला कैसे पड़ा युद्धपोत का नाम? युद्धपोत का नाम ओडिशा में स्थित पूर्वी घाट की एक पर्वत शृंखला के नाम पर रखा गया है। इसके पहले के 6 जहाजों INS नीलगिरि, INS हिमगिरि, INS तारागिरि, INS उदयगिरि, INS दूनागिरि और INS विंध्यगिरि के नाम भी पर्वत शृंखलाओं के नाम पर रखे गए थे। INS महेंद्रगिरि इस कैटेगरी का सातवां जहाज है। चार जहाज का निर्माण मेसर्स मझगांव डाक लिमिटेड द्वारा तथा तीन जहाजों का निर्माण जीआरएसई द्वारा किया गया है। सेल ने 28,000 टन विशेष इस्पात की आपूर्ति की है।
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Gainers and Losers: हरे निशान में बंद हुआ सेंसेक्स-निफ्टी, 01 सितंबर को इन स्टॉक्स में रहा सबसे ज्यादा एक्शन
बाजार में सितंबर सीरीज का शानदार आगाज रहा। 01 सितंबर यानी आज के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी शानदार बढ़त के साथ बंद हुए। वहीं मिडकैप, स्मॉलकैप इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए। फार्मा को छोड़ सभी सेक्टर इंडेक्स में तेजी देखने को मिली। ऑटो इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। वहीं मेटल, PSE, एनर्जी शेयरों में खरीदारी रही। ऑटो, इंफ्रा, बैंकिंग शेयरों में तेजी देखने को मिली। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 555.75 अंक यानी 0.86 फीसदी की बढ़त के साथ 65,387.16 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 181.50 अंक यानी 0.94 फीसदी की बढ़त के साथ 19435.30 के स्तर पर बंद हुआ। आज इन शेयरों में दिखा सबसे ज्यादा एक्शन BSE | CMP Rs 1,126 | आज यह स्टॉक 6 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। दरअसल, BSE ने बायबैक प्राइस में बदलाव किया है। कंपनी ने बायबैक प्राइस 816 रुपये प्रति शेयर से बढ़ाकर 1,080 रुपये प्रति शेयर किया है। शेयर बायबैक की रिकॉर्ड डेट 14 सितंबर तय की गई है। JSW | CMP Rs 806 | आज यह स्टॉक 3 फीसदी की बढ़त के लेकर बंद हुआ। दरअसल, जेएसडब्ल्यू स्टील यहां देश में इलेक्ट्रिक वेईकल्स (EVs) बनाने को तकनीकी लाइसेंस के लिए चाइनीज कंपनी लीपमोटर से बातचीत कर रही है। अभी यह बातचीत शुरुआती अवस्था में है। न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक जेएसडब्ल्यू की योजना अपने ब्रांड नाम से स्थानीय तौर पर ईवी बनाने के लिए लीपमोटर का प्लेटफॉर्म इस्तेमाल करने की है। ONGC | CMP Rs 181 | आज यह स्टॉक 4 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। फिच रेटिंग्स इस पीएसयू कंपनी की रेटिंग BBB(स्टेबल आउटलुक) की है। फिच रेटिंग स पता चलता है कि ओएनजीसी को मोडरेट लेवल माना जाता है। इसके अतिरिक्त, फिच ने कहा है कि ओएनजीसी के लिए भविष्य का दृष्टिकोण स्थिर है। Navneet Education | CMP Rs 160 | आज यह स्टॉक 4 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। कंपनी ने समूह संरचना को तर्कसंगत बनाने और बेहतर तालमेल हासिल करने के उद्देश्य से कई बदलाव करने का निर्णय लिया।कंपनी के निदेशक मंडल ने एक स्टेप-डाउन सहायक कंपनी के विलय और नवनीत फ्यूचरटेक लिमिटेड के एड-टेक व्यवसाय को नवनीत एजुकेशन लिमिटेड में अलग करने की मंजूरी दे दी है। Sula Vineyards | CMP Rs 491 | आज यह स्टॉक 0.5 फीसदी की हल्की बढ़त के लेकर बंद हुआ। कंपनी में फंड एक्शन देखने को मिला है। Verlinvest Asia ने कंपनी में 1.06 करोड़ शेयर बेचे हैं। खरीदारों की लिस्ट में Morgan Stanley, HDFC MF और Societe Generale का नाम है। NCC | CMP Rs 170 | आज यह स्टॉक 1 फीसदी की बढ़त के लेकर बंद हुआ। कंपनी ने अगस्त महीने में 8,398 करोड़ रुपये के चार कॉन्ट्रैक्ट मिलने की घोषणा की है। कंपनी को महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण निगम से 5,755 करोड़ रुपये के पहले दो ऑर्डर और उत्तर बिहार बिजली वितरण निगम से तीसरा ऑर्डर मिला है। Mahindra and Mahindra | CMP Rs 1,591 | आज यह स्टॉक 1 फीसदी की बढ़त के लेकर बंद हुआ। सालाना आधार पर अगस्त में कुल ट्रैक्टर बिक्री 21,676 यूनिट रही है जबकि ट्रैक्टर बिक्री 23,000 यूनिट पर रहने का अनुमान किया गया था। वहीं अगस्त में कुल बिक्री 19% बढ़कर 70,350 यूनिट रही। PV बिक्री 25% बढ़कर 37,270 यूनिट रहा। जबकि SUV बिक्री 26% बढ़कर 37,270 यूनिट रहा है। 3-व्हीलर बिक्री 47% बढ़कर 7,044 यूनिट रहा। Closing Bell: सेंसेक्स 555 अंक चढ़ा, निफ्टी 19,400 के पार हुआ बंद, मेटल, पावर शेयर चमके
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Finland's pilor project is only valid for Finnish nationals flying on Finnair to or from London, Manchester and Edinburgh
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