Thursday, June 1, 2023

Zelensky Warns Doubts on Ukraine NATO Membership Endanger Europe

Ukraine is a candidate to join both NATO and the European Union, and Moldova the EU, but some European capitals are wary of setting a formal timeline for membership as Russia's invasion continues

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Westlife Foodworld Shares: मैकडॉनल्ड्स के रेस्टोरेंट्स चलाने वाली कंपनी का शेयर 10% उछला, तोड़ा पिछला रिकॉर्ड

Westlife Foodworld Shares: मैकडॉनल्ड्स (McDonald's) के रेस्टोरेंट्स चेन चलाने वाली कंपनी वेस्टलाइफ फूडवर्ल्ड (Westlife Foodworld) के शेयर गुरुवार 1 जून को दिन के कारोबार में करीब 10 प्रतिशत बढ़कर 852.00 रुपये के स्तर पर पहुंच गए। यह पिछले एक साल का इस शेयर का उच्चमत स्तर है। इसका पिछला 52-वीक हाई 815.25 रुपये का था, जो इसने 6 दिसंबर 2022 को छुआ था। कारोबार के अंत में, स्टलाइफ फूडवर्ल्ड के शेयर एनएसई पर 8.01% की तेजी के साथ 832.80 रुपये के भाव पर बंद हुए। कंपनी के शेयरों में यह तेजी उसके मार्च तिमाही के नतीजों के ऐलान के बाद आई है। Westlife Foodworld ने बताया कि मार्च तिमाही में उसका शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 31.17% बढ़कर 20.09 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 15.32 करोड़ रुपये था। कंपनी का रेवेन्यू मार्च तिमाही में 22 फीसदी बढ़कर 556 करोड़ रुपये रहा, जो कंपनी का किसी एक तिमाही में दर्ज किया गया अबतक का सबसे अधिक रेवेन्यू है। कंपनी का मार्च तिमाही में कुल इनकम 556.37 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 455.08 करोड़ रुपये था। वहीं कंपनी की सेम-स्टोर सेल्स ग्रोथ (SSSG) 14 फीसदी रही। कंपनी ने बताया कि रेस्टोरेंट्स में आकर खाने वाले ग्राहकों की संख्या में दोहरे अंकों में बढ़ोतरी से उसे मार्च तिमाही में अपनी आमदनी बढ़ाने में मदद मिली। यह भी पढ़ें- Share Market: शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन लुढ़का, लेकिन निवेशकों को ₹30,000 करोड़ का हुआ फायदा Westlife Foodworld का ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) मार्च तिमाही में 23.96 फीसदी बढ़कर 94.26 करोड़ रुपये रहा, जो इसके पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 76.04 करोड़ रुपये था। वेस्टलाइफ फूड का अर्निंग प्रति शेयर (EPS) मार्च तिमाही में बढ़कर 1.29 रुपये हो गया, जो पिछले साल मार्च तिमाही में 0.98 रुपये था। कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 35 नए स्टोर्स खोले और इस वित्त वर्ष में उसने 40 से 45 और स्टोर्स खोलने का लक्ष्य रखा है। साथ ही उसने वित्त वर्ष 24 में सेम-स्टोर सेल्स ग्रोथ (SSSG) के 8 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है। इसके चलते इसके शेयरों में तेजी देखी जा रही है। Westlife Foodworld, एक भारतीय फास्ट फूड रेस्टोरेंट्स कंपनी है, जो अपनी सब्सिडियरी हार्डकैसल रेस्टोरेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ काम करती है। इसके पास साउथ इंडिया और वेस्टर्न इंडिया में McDonald’s के रेस्टोरेंट्स चलाने की मास्टर फ्रेंचाइजी है।

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SEBI करेगा 7 कंपनियों की संपत्तियों की नीलामी, निवेशकों का पैसा वसूलने के लिए होगी कार्रवाई

मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) निवेशकों का पैसा रिकवर करने के लिए सात बिजनेस ग्रुप की 17 प्रॉपर्टीज की नीलामी करने की तैयारी में है। यह नीलामी 28 जून को 51 करोड़ रुपये की कुल रिजर्व प्राइस के लिए की जाएगी। इन कंपनियों में MPS ग्रुप, टावर इन्फोटेक और Vibgyor ग्रुप शामिल हैं। सेबी ने नोटिस में कहा है कि इनके अलावा रेगुलेटर प्रयाग ग्रुप, मल्टीपर्पज BIOS इंडिया ग्रुप, वारिस फाइनेंस इंटरनेशनल ग्रुप और पायलन ग्रुप ऑफ कंपनीज की संपत्तियों को भी नीलामी के लिए रखेगा। पश्चिम बंगाल में फैली नीलामी वाली इन 17 प्रॉपर्टीज में भूखंड, मंजिला इमारतें, फ्लैट और कमर्शियल जगहें शामिल हैं। सेबी ने बोलीदाताओं को आमंत्रित करते हुए कहा कि प्रॉपर्टीज की नीलामी सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक ऑनलाइन माध्यम से होगी। इन प्रॉपर्टीज के लिए कुल रिजर्स प्राइस 51 करोड़ रुपये है। नीलामी वाली प्रॉपर्टीज में से पांच MPS ग्रुप की, चार Vibgyor की, तीन पायलन ग्रुप ऑफ कंपनीज की, दो टावर इन्फोटेक की और एक-एक मल्टीपर्पज BIOS, प्रयाग ग्रुप और वारिस फाइनेंस की हैं। इन कंपनियों ने रेगुलेटरी नियमों का पालन किए बिना निवेशकों से फंड जुटाया था, जिसके बाद सेबी ने कार्रवाई की है। इससे पहले सेबी ने निवेशकों का पैसा ब्याज समेत लौटाने के निर्देश का पालन नहीं करने के बाद उनकी कुछ संपत्तियों को कुर्क कर लिया था। इन मामलों में मार्केट रेगुलेटर ने डीमैट और बैंक खातों को भी कुर्क किया था।

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NCERT ने कथित तौर पर साइंस की किताबों से पीरियोडिक टेबल को हटाया, डार्विन की थ्योरी भी हुई गायब

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) पिछले काफी महीनों से अपने सिलेबस रेशनलाइजेशन (syllabus rationalisation) और इसके बाद अपनी किताबों से कुछ टॉपिक को हटाने के कारण चर्चाओं में है। कोर्स को कम करने के इस फैसले ने शिक्षकों, अभिभावकों और नीति निर्माताओं के बीच एक बड़ी बहस छेड़ दी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, NCERT ने अब कक्षा 10 CBSE साइंस की किताबों से डार्विन के सिद्धांत (Darwin’s theory) और पीरियोडिक टेबल (Periodic Table) जैसे साइंटिफिक टॉपिक को कथित रूप से हटा दिया है। खासतौर से, चार्ल्स डार्विन थ्योरी ऑफ इवोल्यूशन, पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति, ह्यूमन इवोल्यूशन एंड हेरिडिटी के साथ-साथ पीरियोडिक क्लासिफिकेशन ऑफ एलिमेंट को भी हटा दिया गया है। इस आरोप के जवाब में, NCERT ने कहा है कि इन चैप्टर को सिलेबस रेशनलाइजेशन प्रोसेस के हिस्से के रूप में महामारी के दौरान अस्थायी रूप से हटा दिया गया था। "इवोल्यूशन एंड हेरिडिटी" शीर्षक वाले चैप्टर को अब केवल "हेरिडिटी" पर के नाम से बदला गया है। जहां कुछ लोगों ने इस कदम पर सवाल उठाए हैं, तो वहीं कई ने नई किताबों के लिंक शेयर किए हैं, जिसमें कहा गया है कि टॉपिक को हटाया नहीं गया है, बल्कि कक्षा 11 के सिलेबस में शिफ्ट कर दिया गया है। सरकार ने तय की 12वीं तक के शिक्षकों के लिए योग्यता, स्कूलों में पढ़ाने के लिए अब चाहिए होगी ये डिग्री हाल ही में NCERT ने कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की किताबों से खालिस्तान का टॉपिक भी हटाया। ये बदलाव शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की तरफ से शिक्षा मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र के बाद किया गया है। NCERT ने चैप्टर 7, "रीजनल एस्पिरेशन" से कुछ लाइन को हटा दिया, जिसमें पहले एक अलग सिख राष्ट्र और खालिस्तान का जिक्र किया गया था। इसके अलावा, जब NCERT ने अपनी दो कक्षा 12 की किताबों से 2022 के नस्लीय संघर्ष के संदर्भों को हटा दिया, तो कक्षा 11 और 12 की समाजशास्त्र की पाठ्यपुस्तकों से गुजरात दंगों के चैप्टर को भी हटा दिया गया।

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मनीष सिसोदिया का अदालत परिसर में मारपीट का सनसनीखेज दावा, कोर्ट ने CCTV फुटेज सुरक्षित रखने का दिया आदेश

Delhi Excise Policy Scam Case: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने सनसनीखेज दावा करते हुए आरोप लगाया है कि आबकारी घोटाला मामले में अदालत में पेशी के दौरान सुरक्षाकर्मियों ने 23 मई को उनके साथ कथित तौर पर मारपीट की थी। सिसोदिया के साथ कथित तौर पर सुरक्षाकर्मियों के दुर्व्यवहार और मारपीट की शिकायत पर दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को अधिकारियों को उस दिन की कोर्ट परिसर की CCTV फुटेज को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सिसोदिया के आरोपों के बाद दिल्ली पुलिस ने आवेदन दायर कर उन्हें केवल वीडियो कॉन्फ्रेंस (VC) के माध्यम से कोर्ट में पेश करने के लिए अदालत की अनुमति मांगी। पुलिस ने सिसोदिया को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश करने का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें अदालत में लाने से परिसर में AAP समर्थकों और मीडिया की मौजूदगी के कारण अराजकता पैदा होती है। कोर्ट का बड़ा आदेश इसके बाद मामले की सुनवाई कर रहे स्पेशल जज एम.के. नागपाल ने दोनों आवेदनों पर फैसला लंबित रहने तक सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए पेश करने का निर्देश दिया। सिसोदिया को आज (1 जून) वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया गया। दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री को आबकारी नीति के निर्माण एवं कार्यान्वयन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। क्या है सिसोदिया पर आरोप? प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को 9 मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था जहां वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। 51 वर्षीय आम आदमी पार्टी के नेता को सबसे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गिरफ्तार किया था, जो आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। Delhi Excise Policy Case | Delhi Police moves an application in Rouse Avenue Court stating that seeking court permission to produce Manish Sisodia should now be produced only via Video-conferencing, after allegations of manhandling. — ANI (@ANI) June 1, 2023 ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपने नए चार्जशीट में कहा है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 को आम आदमी पार्टी नेतृत्व विशेष रूप से पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया 'अवैध धन का लगातार सृजन करने के लिए लाए थे।' अब इस दिल्ली आबकारी नीति को रद्द किया जा चुका है। एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम सिसोदिया पर मामले में शामिल एक अभियुक्त से 'रिश्वत' प्राप्त करने का भी आरोप लगाया। साथ ही धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत इन्हें 'अपराध से सृजित आय' करार दिया। ये भी पढ़ें- Delhi Weather: इस साल का मई महीना 36 साल में सबसे ठंडा रहा, जून में भी मौसम रहेगा मेहरबान चार्जशीट में कहा गया है कि सिसोदिया ने अपराध की आय (2.2 करोड़ रुपये) हासिल की और उसी को छुपाने में शामिल हैं। ED ने सिसोदिया पर जांच को बाधित करने और सबूत मिटाने के लिए डिजिटल सबूतों को नष्ट करने में शामिल होने का भी आरोप लगाया है।

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Vipul Organics Standalone March 2023: नेट सेल्स सालाना 19.25% गिरकर रही 31.39 करोड़ रुपये

विपुल ऑर्गेनिक्स (Vipul Organics) ने अपने स्टैंडअलोन तिमाही नंबर जारी कर दिये हैं। कंपनी द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2023 में कंपनी की शुद्ध बिक्री 31.39 करोड़ रुपये रही। जो मार्च 2022 में हुई बिक्री 38.88 करोड़ रुपये से 19.25% कम है। मुनाफे के मोर्चे पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही यानी कि मार्च 2023 की तिमाही में मुनाफा 0.36 करोड़ रुपये रहा। कंपनी का मुनाफा मार्च 2022 में हुए 2.23 करोड़ रुपये के मुनाफे से 83.67% नीचे रहा। कंपनी का EBITDA मार्च 2023 में 3.13 करोड़ रुपये रहा। जो कि मार्च 2022 के 5.08 करोड़ रुपये से से 38.39% कम रहा। विपुल ऑर्गेनिक्स का EPS मार्च 2023 में घटकर 0.28 रुपये रहा जबकि मार्च 2022 में कंपनी का EPS 1.78 रुपये रहा था। विपुल ऑर्गेनिक्स के शेयर ने पिछले 6 महीनों में -12.99% का निगेटिव रिटर्न दिया है। वहीं इस शेयर ने पिछले 12 महीनों में -34.25% का निगेटिव रिटर्न दिया है। FAME 2 स्कीम सब्सिडी में कटौती के बाद एथर एनर्जी, ओला, बजाज, टीवीएस ने बढ़ाये इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के दाम Vipul Organics का शेयर आज यानी कि 1 जून 2023 को बाजार बंद होने के समय एनएसई पर 2.36 प्रतिशत या 2.60 रुपये की गिरावट के साथ 107.80 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। शेयर का 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 183.95 रुपये जबकि 52 हफ्ते का न्यूनतम स्तर 82 रुपये रहा। आज शेयर ने इंट्राडे में 112.90 रुपये का उच्च स्तर हिट किया। जबकि 107.80 रुपये का इंट्राडे लो हिट किया। विपुल ऑर्गेनिक्स की ऑपरेशंस से कुल आय में तिमाही आधार पर इजाफा देखने को मिला जबकि सालाना आधार पर इसमें गिरावट नजर आई। मार्च 2023 की तिमाही में कंपनी की कुल आय 31.39 करोड़ रुपये रही जबकि दिसंबर 2022 में कंपनी की कुल आय 27.88 करोड़ रुपये रही। वहीं एक साल पहले की मार्च तिमाही में कंपनी की कुल आय 38.88 करोड़ रुपये रही थी। विपुल ऑर्गेनिक्स की एम्प्लॉयी कॉस्ट मार्च 2023 की तिमाही में 2.47 करोड़ रुपये रही जबकि दिसंबर 2022 में कंपनी की एम्प्लॉयी कॉस्ट 2.13 करोड़ रुपये रही। वहीं एक साल पहले की मार्च तिमाही में कंपनी की एम्प्लॉयी कॉस्ट 1.84 करोड़ रुपये रही थी। डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)      

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RVNL का रेवेन्यू क्यों गिरा जब रेलवे में हो रहा है भारी पूंजीगत निवेश?

इनवेस्टर्स ने रेलवे से जुड़ी जिन कंपनियों के शेयरों में दिलचस्पी दिखाई है, उनमें Rail Vikas Nigam Ltd (RVNL) शामिल है। दरअसल, रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश और रेल सेवाओं को फायदेमंद बनाने की सरकार की कोशिशों की वजह से रेलवे से जुड़े शेयरों में दिलचस्पी बढ़ी है। सरकार रेलवे से माल दुलाई के लिए नई लाइने बना रही है। मौजूदा सिंगल लाइनों को डबल किया जा रहा है। इलेक्ट्रिफिकेशंस पर जोर दिया जा रहा है। इससे रेलवे से जुड़ी कंपनियों को काफी ऑर्डर मिल रहे हैं। रेवेन्यू 11 फीसदी गिरा रेलवे के क्षेत्र में भारी पूंजी निवेश के बावजूद RVNL का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। मार्च तिमाही में कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू साल दर साल आधार पर 11 फीसदी गिरकर 5,719.8 करोड़ रुपये रहा। नेट प्रॉफिट 5 फीसदी घटकर 359.2 करोड़ रुपये रहा। EBITDA में साल दर साल आधार पर 8 फीसदी गिरावट आई। EBITDA मार्जिन 6.5 फीसदी रहा। एक साल पहले की समान अवधि में यह 6.3 फीसदी था। पिछले तीन साल में 500 फीसदी रिटर्न वेंचुरा सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिसर्च विनित बोलिजकर ने कहा कि कंपनी के नेट प्रॉफिट में गिरावट की कई वजहें हैं। इनमें मैटेरियल और सर्विसेज की ज्यादा कॉस्ट, प्रोजेक्ट्स पर चल रहे काम में देरी और सरकार से पेमेंट मिलने में देरी शामिल हैं। मजेदार बात यह है कि इस कंपनी के शेयरों में घरेलू संस्थागत निवेशक और पब्लिक शेयरहोल्डर्स जून 2020 से लगातार अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। तब से यह शेयर 500 फीसदी चढ़ चुका है। महंगा है आरवीएनएल का शेयर वैल्यूएशन के लिहाज से देखा जाए तो आरवीएनएल का शेयर महंगा है। बोलिजकर ने कहा कि कंपनी का पीई 17.6 गुना है। यह प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के पीई के मुकाबले ज्यादा है। हालंकि कंपनी का पीई अब भी उसके 20 गुना के उसके हिस्टोरिकल एवरेज से कम है। इस शेयर में उसकी बुक वैल्यू के 1.53 गुना प्रीमियम पर कारोबार हो रहा है। कंपनी के शानदार ऑर्डर बुक को देखने पर यह प्रीमियम सही लगता है। कंपनी की शानदार ऑर्डरबुक इस कंपनी की ऑर्डर बुक 56,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। इसमें से 36,977 करोड़ रुपये का ऑर्डर रेलवे से मिला है। कंपनी ने 20,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर बोली लगाकर हासिल किए हैं। एनालिस्ट्स का कहना है कि इस ऑर्डर बुक की वजह से अगले कुछ सालों तक कंपनी की कमाई को लेकर तस्वीर साफ है। RVNL का शेयर 1 जून को 1.5 फीसदी की कमजोरी के साथ 118.20 रुपये पर बंद हुआ।

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