Retail Inflation : मई में रिटेल महंगाई के मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है। इस अवधि में देश की रिटेल महंगाई दर 6 साल के निचले स्तर पर आ गई है। रिटेल महंगाई अप्रैल के 3.16 फीसदी से घटकर 2.82 फीसदी पर आ गई है। हालांकि इसके 2.95 फीसदी पर रहने का अनुमान किया गया था। मई में खाने-पीने की चीजों की महंगाई 0.99 फीसदी पर रही है। इसके 1.8 फीसदी पर रहने का अनुमान था। मई CPI फरवरी 2019 के निचले स्तर पर रही है।
मई में ग्रामीण महंगाई अप्रैल के 2.92 फीसदी से घटकर 2.59 फीसदी पर रही है। इस अवधि में शहरी महंगाई अप्रैल के 3.36 फीसदी से घटकर 3.07 फीसदी पर आ गई है। मई में सब्जियों की महंगाई अप्रैल के -10.98 फीसदी से घटकर -13.70 फीसदी पर रही है। वहीं, दालों की महंगाई अप्रैल के -5.23 फीसदी से घटकर -8.22% फीसदी पर रही है।
मई में फ्यूल और बिजली की महंगाई 2.92 फीसदी से घटकर 2.78 फीसदी पर रही है। वहीं, हाउसिंग महंगाई अप्रैल के 3 फीसदी से बढ़कर 3.16 फीसदी पर रही है। मई में कपड़ा,जूता चप्पल की महंगाई बिना बदलाव के 2.67 फीसदी पर ही रही है। जबकि कोर CPI 4.2 फीसदी पर रही है जिसके 4.2 फीसदी पर रहने का अनुमान था। मई में कोर CPI अप्रैल के 4.1 फीसदी से बढ़कर 4.2 फीसदी पर आई है।
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शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन महंगाई की दरें क्रमशः 4.12%, 4.34% और 3.85% के उच्च स्तर पर बनी रहीं लेकिन कोर महंगाई में औवरऑल नरमी पर इसका बहुत कम असर पड़ा है। महंगाई में तेजी से आई कमी में अनुकूल बेस इफेक्ट और खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आई गिरावट का बड़ा योगदान रहा।
यह लगातार चौथा महीना है जब हेडलाइन महंगाई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 4 फीसदी के टारेगट से नीचे रही है। खाने-पीने की चीजों की महंगाई, जिसका कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में अहम योगदान होता है,लगातार तीन महीनों से 3 फीसदी से नीचे बनी हुई है।
कोटक महिंद्रा बैंक की चीफ इकोनॉमिस्ट उपासना भारद्वाज ने कहा कि रिटेल महंगाई मोटे तौर पर हमारी उम्मीदों के अनुरूप रही है। हाई फ्रीक्वेंसी डेटा से पता चलता है कि सब्जियों और फलों की कीमतों में उछाल आना शुरू हो गया है,जिससे अनाज और दालों में दिख रही गिरावट का असर कम हो गया है। हालांकि कुल मिलाकर महंगाई के रुख में नरमी रहने की उम्मीद है।
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