भारतीय बेंचमार्क इंडेक्सों ने आज थोक मूल्य सूचकांक में गिरावट को नजरअंदाज कर दिया और पिछले सत्र की कुछ बढ़त को गंवा दिया। इसके चलते आज 16 दिसंबर को निफ्टी 24,700 से नीचे बंद हुआ। आईटी,मेटल, तेल एवं गैस तथा एफएमसीजी शेयरों में बिकवाली पही। वहीं, रियल्टी, पीएसयू बैंक, मीडिया में खरीदारी ने गिरावट बढ़ने से रोक दिया। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 384.55 अंक या 0.47 फीसदी गिरकर 81,748.57 पर और निफ्टी 100.05 अंक या 0.40 फीसदी गिरकर 24,668.25 पर बंद हुआ।
ग्लोबल संकेतों में नरमी के बीच भारतीय बाजार में नकारात्मक रुझान के साथ सपाट शुरुआत हुई तथा दिन चढ़ने के साथ इसमें गिरावट बढ़ती गई। निवेशक इस सप्ताह फेड तथा दूसरे बड़े केंद्रीय बैंकों की ब्याज दरों की घोषणाओं से पहले सतर्कता बरत रहे हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि बाजार आज सीमित दायरे में कारोबार करता दिखा। रियल्टी सेक्टर ने बढ़ती मांग और 2025 में संभावित दर कटौती की उम्मीद में बेहतर प्रदर्शन किया। मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस PMI में बढ़त वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही अर्निंग्स में सकारात्मक बदलाव के रही है। इससे वित्त वर्ष 2025 मेंआय में और गिरावट सीमित रह सकती है। बढ़ते अमेरिकी 10-ईयर बॉन्ड यील्ड और मजबूत होते डॉलर ने निवेशकों को आगामी यूएस फेड नीति और 2025 में दरों के लिए फेड की टिप्पणी पर सतर्क बना दिया है।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि घरेलू शेयर बाजारों ने एशियाई और यूरोपीय बाजारों से संकेत लिया और गिरावट के साथ बंद हुए। निवेशक इस सप्ताह के अंत में दरों पर यूएस FOMC बैठक के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हालांकि दर में कटौती की संभावना है, लेकिन सुस्त चाइनीज अर्थव्यवस्था और प्रमुख देशों से अमेरिका में होने वाले से आयात पर भारी शुल्क के ट्रम्प के निर्णय से जुड़ी चिंता के कारण निवेशकों का मूड खराब है।
Market Outlook : 24700 से नीचे बंद हुआ निफ्टी, जानिए 17 दिसंबर को कैसी रहेगी इसकी चाल
रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजीत मिश्रा का कहना है कि निफ्टी को 24,800 के स्तर के आसपास रजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही वोलैटिलिटी इंडेक्स (इंडिया VIX) में बीच-बीच में उछाल से बुल्स के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। इसके बावजूद, बैंकिंग और आईटी दिग्गजों में मजबूती को देखते हुए इंडेक्स पर पॉजिटिव रुझान बनाए रखने की सलाह होगी। ट्रेडर्स को बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्टरों से क्वालिटी स्टॉक जोड़कर बीच-बीच में आने वाली गिरावट का लाभ उठाने की कोशिश करनी चाहिए,साथ ही पोजीशन साइज को सावधानीपूर्वक मैने करना चाहिए।
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