इनकम टैक्स फाइल करने वाले करोड़पतियों की संख्या दस साल में पांच गुना बढ़ी है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक आधे टैक्सपेयर्स की सालाना आमदनी 4.5 लाख से 9.5 लाख रुपए की होती है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि 2013-14(AY) में करोड़पति टैक्सपेर्यस की संख्या 44,078 थी जो अब बढ़कर 2023-24 में 2.3 लाख हो गई है। 1 करोड़ रु से ज्यादा सालाना आमदनी वाले नौकरीपेशा टैक्सपेयर 52 फीसदी हैं।
आकलन वर्ष 2013-14 में केवल एक व्यक्ति ने 500 करोड़ रुपये से अधिक आय की घोषणा की थी, जबकि 100-500 करोड़ रुपये आय वर्ग में दो लोग थे। हालांकि, पिछले आकलन वर्ष की तुलना में 25 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले व्यक्तियों की संख्या 1,812 से घटकर 1,798 हो गई है। वेतनभोगी वर्ग में भी यह ट्रेंड देखने को मिला है जहां 10 करोड़ रुपये से अधिक आय वाले वेतनभोगी टैक्सपेयरों की संख्या 1,656 से घटकर 1,577 हो गई है।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ताजे आंकड़ों के मुताबिक2013-14(AY) के मुकाबले इंडीविज्यूअल टैक्स फाइलर्स की संख्या दो गुनी बढ़ी है। 2023-24 में देश इंडिविज्यूअल टैक्स फाइलर्स की संख्या 3.3 करोड़ से बढ़कर 7.5 करोड़ पर पहुंच गई है।
आय स्तर में बढ़त का एक और संकेत यह है कि 4.5 लाख रुपये से 9.5 लाख रुपये के आय वर्ग ने AY2023-24 में 52 फीसदी आयकर रिटर्न दाखिल किए, जबकि AY2013-14 में 54.6 फीसदी रिटर्न 1.5-3.5 लाख रुपये के आय वर्ग से दाखिल हुए थे। इसके अलावा, 5.5-9.5 लाख रुपये वाला आय वर्ग अब कुल राजस्व में 23 फीसदी हिस्सा रखते हैं, जो AY2013-14 में 18 फीसदी था। वहीं, 10-15 लाख रुपये आय वर्ग 12 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरा सबसे बड़ा योगदान करने वाला वर्ग है। जबकि 25-50 लाख रुपये आय वर्ग 10 फीसदी हिस्सेदारी रखता है।
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