Thursday, September 5, 2024

EPS: ईपीएस के 78 लाख पेंशनर्स अगले साल 1 जनवरी से देश में कहीं से भी पेंशन निकाल सकेंगे, जानिए इस नए सिस्टम की मुख्य बातें

एंप्लॉयीज पेंशन स्कीम (ईपीएस)-1995 के तहत आने वाले लोगों पेंशनर्स के लिए अच्छी खबर है। 1 जनवरी, 2025 से वे देश में किसी जगह, किसी बैंक के किसी ब्रांच से अपना पेंशन अमाउंट निकाल सकेंगे। दरअसल, केंद्र सरकार ने सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (सीपीपीएस) लागू करने के प्रस्ताव को 4 सितंबर को मंजूरी दे दी। ईपीएस के इस नए नियम का फायदा 78 लाख से ज्यादा लोगों के मिलने की उम्मीद है।

क्या पीपीओ ट्रांसफर नहीं कराना होगा?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि Centralised Pension Payment System (CPPS) लागू होने से ईपीएस के तहत आने वाले लोगों को काफी फायदा होगा। अब पेंशनर्स को किसी नए जगह जाने या बैंक बदलने में पेंशन पेमेंट ऑर्डर (PPO) ट्रांसफर कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पेंशनर्स लंबे समय से सरकार से इसकी मांग करते आ रहे हैं। अब जाकर सरकार ने उनकी मांग पूरी की है।

ईपीएस के तहत किसे मिलती है पेंशन?

ईपीएस के तहत उन लोगों को पेंशन मिलती है, जो प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने के बाद रिटायर करते हैं। नौकरी के दौरान एंप्लॉयीज ईपीएफ में हर महीने कंट्रिब्यूशन करता है। ईपीएफ के दो हिस्से होते हैं-पहला प्रोविडेंट फंड और दूसरा ईपीएस। प्रोविडेंट फंड में जमा पैसा रिटायरमेंट के बाद एंप्लॉयी को एकमुश्त मिल जाता है। ईपीएस में जमा पैसे पर उसे हर महीने पेंशन मिलती है।

क्या सरकार ईपीएफओ की सुविधाएं बेहतर बना रही है?

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, "सीपीपीएस को मंजूरी ईपीएफओ की सुविधाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब पेंशनर्स को काफी सुविधा होगी। वे देश में किसी बैंक की किसी ब्रांच से अपनी पेंशन निकाल सकेंगे।" एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहले पेंशन का बैंक बदलने के लिए पीपीए ट्रांसफर कराना पड़ता था। इसमें काफी दिक्कत आती थी। समय भी काफी लगता था।

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अगले चरण में एबीपीएस लागू करने की तैयारी

EPFO सेंट्रलाइज्ड आईटी इनेबल्ड सिस्टम (CITES 2.01) की तरफ बढ़ रहा है। अभी उसका सिस्टम डिसेंट्रलाइज्ड हैं, जिसमें सिर्फ कुछ बैंकों के साथ उसका अलग-अलग एग्रीमेंट है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले चरण में आधार आधारित पेमेंट सिस्टम यानी एबीपीएस लागू हो जाएगा। इससे पेंशन डिस्बर्समेंट और आसान हो जाएगा। ईपीएस के तहत पेंशन का हकदार बनने के लिए कम से कम 10 साल की नौकरी जरूरी है। एंप्लॉयी 58 साल की उम्र में रिटायर कर जाता है। उसके बाद उसे हर महीने ईपीएस से पेंशन मिलती है।



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