FMCG सेक्टर की मार्केट लीडर कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) के शेयरों में आज 5 जून को 9 फीसदी से अधिक की तेजी देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 4.27 फीसदी की बढ़त के साथ 2602.90 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। यह लगातार तीसरा दिन है जब कंपनी के शेयर हरे निशान पर बंद हुए हैं। इन तीन दिनों में कंपनी के शेयरों में करीब 12 फीसदी की रैली आ चुकी है। विदेशी ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने 2024 के लोकसभा चुनाव में के नतीजों का हवाला देते हुए इस स्टॉक को अपग्रेड किया है। इसके चलते HUL के शेयरों में अप्रैल 2020 के बाद आज सबसे बड़ी सिंगल-डे बढ़त देखी गई।
Hindustan Unilever के शेयरों पर ब्रोकरेज की राय
जेफरीज ने HUL को अपग्रेड करके 'Buy' रेटिंग दी है और इसके टारगेट प्राइस को पहले के 2530 रुपये से बढ़ाकर 2950 रुपये कर दिया है। जेफरीज के टारगेट प्राइस से HUL के लिए मंगलवार के समापन स्तरों से 18% की संभावित वृद्धि का संकेत मिलता है। टारगेट प्राइस के तहत कंपनी के शेयरों में आज की क्लोजिंग प्राइस के मुकाबले 13 फीसदी की और तेजी देखने को मिल सकती है।
जेफरीज को उम्मीद है कि पिछले तीन और पांच सालों में निफ्टी 50 के मुकाबले एचयूएल का प्रदर्शन अब ठीक होने लगेगा। ब्रोकरेज ने कहा, "एचयूएल ने निफ्टी से बहुत कम प्रदर्शन किया है, क्योंकि पिछले कुछ सालों में इसे ग्रोथ और मार्जिन में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।"
लोकसभा चुनाव के बाद अनुकूल पॉलिसी की उम्मीद
जेफरीज ने आगे कहा कि लोकसभा चुनाव के सरप्राइसिंग नतीजों ने उसे यह भरोसा दिलाया है कि सरकार कंजप्शन, खासकर ग्रामीण और निचले तबके (BOP) के कंज्यूमर्स के प्रति अधिक अनुकूल पॉलिसी अपनाएगी। ब्रोकरेज ने अपने नोट में लिखा है कि यह ऐसे समय में हुआ है जब कुछ कंपनियां ग्रामीण क्षेत्रों में अपेक्षित ग्रोथ की ओर इशारा कर रही हैं, जो बाजार के लिए अच्छा संकेत है। ब्रोकरेच को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में HUL की ग्रोथ आगे बढ़ेगी। जेफरीज ने अपने अर्निंग पर शेयर (EPS) अनुमानों को 1-3% तक बढ़ा दिया है।
HUL के तिमाही नतीजे
जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान HUL ने ₹2,406 करोड़ का नेट प्रॉफिट दर्ज किया, जो CNBC-TV18 के ₹2,438 करोड़ के पोल के मुताबिक रहा। इसका रेवेन्यू भी तिमाही में उम्मीदों के मुताबिक रहा। कंपनी का EBITDA ₹3435 करोड़ रहा, जो ₹3430 करोड़ की उम्मीदों के मुताबिक ही था। EBITDA मार्जिन 23.1% रहा।
मैनेजमेंट ने अपनी अर्निंग कॉल में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि एफएमसीजी की मांग में आगे भी धीरे-धीरे सुधार जारी रहेगा। वे बेहतर मानसून और सुधरती मैक्रो इकोनॉमिक कंडीशन के मिड टर्म प्रभाव के बारे में भी आशावादी बने हुए हैं।
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