इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है। इस बहस में एलॉन मस्क, पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के बाद अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कूद गए हैं। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर आज 16 जून को एलॉन मस्क के पोस्ट को रीट्वीट करते हुए कहा कि भारत में EVM एक "ब्लैक बॉक्स" है, और किसी को भी इसकी जांच करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने जोर देकर आगे कहा, "भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर "गंभीर चिंताएं" हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है तो लोकतंत्र दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता की यह टिप्पणी टेस्ला के CEO एलन मस्क द्वारा माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर एक पोस्ट में EVM को खत्म करने की बात कहने के बाद आई है। गांधी ने अपने ट्वीट में एक मीडिया रिपोर्ट को शेयर किया है, जिसमें दावा किया गया है कि मुंबई के उत्तर-पश्चिम से 48 वोटों से चुनाव जीतने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन था जिससे ईवीएम को अनलॉक किया जा सकता था।
EVMs in India are a "black box," and nobody is allowed to scrutinize them.
Serious concerns are being raised about transparency in our electoral process.
Democracy ends up becoming a sham and prone to fraud when institutions lack accountability. https://t.co/nysn5S8DCF pic.twitter.com/7sdTWJXOAb
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 16, 2024
चुनाव आयोग का भी आया जवाब
EVM पर सियासी घमासान के बीच चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्टीकरण जारी किया है। चुनाव आयोग ने कहा, “जो खबर चल रही है, वो गलत है। ईवीएम के लिए किसी ओटीपी की जरूरत नही होती है, बल्कि रिजल्ट बटन प्रेस करके काम होता है। चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर अपनी पूरी प्रकिया का पालन किया है। मुंबई उपनगर जिला कलेक्टर वंदना सूर्यवंशी ने ईवीएम पर जारी विवादों को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ईवीएम पर गलत ख़बर फैलाई गई है और सारे आरोप बेबुनियाद हैं।
एलॉन मस्क बोले- EVM को हैक किया जा सकता है
इसके पहले, EVM के मुद्दे पर टेस्ला के मालिक एलॉन मस्क और पूर्व केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर आमने-सामने हैं। दरअसल, मस्क का मानना है कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए, क्योंकि इसे हैक किया जा सकता है। वहीं, दूसरी ओर चंद्रशेखर ने इंडियन EVM का बचाव करते हुए मस्क के इस ट्वीट का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मस्क का नजरिया अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकता है, जहां वे इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए रेगुलर कंप्यूट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। उनका कहना है कि भारतीय ईवीएम बिल्कुल सुरक्षित हैं।
EVM पर इस बहस की शुरुआत कहां से हुई?
दरअसल, 2024 के अमेरिकी चुनावों में स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने प्यूर्टो रिको के हालिया चुनावों में EVM की विश्वसनीयता को लेकर चिंता व्यक्त की है। यहां प्राथमिक चुनाव में ईवीएम से जुड़ी कई अनियमितताएं सामने आई। हालांकि, एक पेपर ट्रेल ने चुनाव अधिकारियों को वोटों की गिनती की पहचान करने और उसे सही करने में मदद की। EVM पर विवादों के कारण इसकी सुरक्षा पर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई।
उन्होंने लिखा, "एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से संबंधित सैकड़ों मतदान गड़बड़ियां देखी गईं। सौभाग्य से, वहां एक पेपर ट्रेल था इसलिए समस्या की पहचान की गई और वोटों की गिनती को सही किया गया। उन अधिकार क्षेत्रों में क्या होता है जहां कोई पेपर ट्रेल नहीं है?"
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