PoK Protests: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी सेना के साथ झड़प के दौरान प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में कम से कम 3 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों अन्य घायल हो गए। PoK में गेहूं के आटे की ऊंची कीमतों और बिजली के बढ़े हुए दामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पाकिस्तानी सेना के अधीन काम करने वाले अर्धसैनिक बल, पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा सोमवार को उन लोगों पर गोलीबारी की गई, जो PoK में बढ़ती महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे।
यह घटना उस दिन हुई जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बढ़ती झड़पों के बीच इस्लामाबाद में एक इमरजेंसी बैठक के बाद इस क्षेत्र के लिए तत्काल प्रभाव से 23 अरब रुपये का बजट मंजूर किया। पाकिस्तान के फ्राइडे टाइम्स ने बताया कि ताजा तनाव 'असहयोग आंदोलन' से उपजा है, जो एक साल पहले बढ़ते बिजली बिल और आटे की कीमतों के विरोध में शुरू हुआ था।
लोगों ने सुरक्षाबलों पर किया हमला
पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' की खबर के अनुसार, विवादित क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए अर्धसैनिक रेंजर्स पर क्षेत्र से बाहर निकलते समय हमला हो गया। खबर में कहा गया है कि पांच ट्रकों समेत 19 वाहनों के काफिले ने खैबर पख्तूनख्वा की सीमा से लगे गांव ब्रारकोट से बाहर निकलने के बजाय कोहाला से क्षेत्र से बाहर निकलने का विकल्प चुना।
खबरों के अनुसार, जैसे ही काफिला आक्रोशित माहौल में मुजफ्फराबाद पहुंचा, शोरां दा नक्का गांव के पास उस पर पत्थरों से हमला किया गया, जिसका जवाब उन्होंने आंसू गैस और गोलीबारी से दिया।
गोलीबारी से दहल उठा इलाका
रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिमी बाईपास के रास्ते शहर में प्रवेश करने के बाद, रेंजर्स पर फिर से पथराव हुआ, जिसके चलते उन्हें आंसूगैस और गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा। गोलाबारी इतनी भीषण थी कि पूरा इलाका दहल उठा।
खबरों के अनुसार, 40 किलोग्राम आटे की सब्सिडी दर 3,100 पाकिस्तानी रुपये से कम करके 2,000 पाकिस्तानी रुपये कर दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार 100, 300 और 300 यूनिट से अधिक के लिए बिजली के दाम बढ़ाकर क्रमश: 3 रुपये, 5 रुपये और 6 रुपये प्रति यूनिट कर दिए गए हैं।
क्यों भड़की हिंसा?
शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन तब हिंसक हो गया जब क्षेत्र में चीनी श्रमिकों और परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए इस्लामाबाद द्वारा भेजे गए फ्रंटियर और पंजाब कांस्टेबुलरी जैसे स्थानीय पुलिस और संघीय बलों ने प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की। PoK में हड़ताल के दौरान पुलिस और आम नागरिकों के बीच हिंसक झड़पें हुईं, जिससे इलाका ठप हो गया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, झड़पों में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और 90 से अधिक लोग घायल हो गए।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की निंदनीय कार्रवाई के बाद नागरिकों को पुलिस अधिकारियों का पीछा करते और उन पर हमला करते हुए दिखाया गया है। वायरल वीडियो में मुजफ्फराबाद-बरारकोट रोड पर तीन रेंजर वाहनों को आग लगाते हुए दिखाया गया है। जम्मू कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी के बैनर तले हो रहे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व व्यापारियों ने किया है।
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