NBFCs ने प्रोजेक्ट फाइनेंसिंस को लेकर RBI के ड्राफ्ट नॉर्म्स को लेकर वित्तमंत्रालय से दखल देने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक NBFCs ने कहा है कि प्रोविजनिंग में बढ़ोत्तरी से उनकी प्रॉफिटिबलिटी पर बुरा असर पड़ेगा। वित्तिय सेवा मामलों के सचिव विवेक जोशी के साथ आज हुई बैठक में NBFCs के प्रतिनिधियों के साथ SBI और PNB जैसे सरकारी बैंकों के प्रमुख भी शामिल थे। वित्त मंत्रालय के साथ बैठक में NBFCs ने प्रेजेंटेशन दिया। इस बैठक में RBI के ड्राफ्ट प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग नॉर्म समेत सेक्टर की सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। वित्त मंत्रालय ने RBI के नए ड्राफ्ट को लेकर NBFCs की चिंताओं को सुना।
RBI के प्रोजेक्ट फाईनेंसिंग के ड्राफ्ट नॉर्म्स पर NBFCs की चिंता बढ़ी
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक RBI के प्रोजेक्ट फाईनेंसिंग के ड्राफ्ट नॉर्म्स पर NBFCs की चिंता बढ़ गई है। NBFCs ने पूरे मामले में वित्तमंत्रालय से दखल देने की अपील की है। कमेंट देने के लिए इस मुद्दे पर लीगल ओपेनियन भी लिया जा रहा है। RBI ने ड्राफ्ट में मौजूदा 5 फीसदी तक प्रोविजनिंग करने का प्रस्ताव रखा है। अभी तक NBFCs और बैंकों को 0.4 फीसदी तक ही प्रोविजनिंग करनी पड़ती थी। NBFCs के मुताबिक इससे उनके ग्रोथ और मुनाफे पर बुरा असर पड़ेगा।
NBFCs ने नए नॉर्म्स से मुनाफे और ग्रोथ पर असर को लेकर चिंता जताई
इस मुद्दे पर आज NBFCs और सरकारी बैंकों के साथ वित्तमंत्रालय की अहम बैठक हुई है। NBFCs ने नए नॉर्म्स से मुनाफे और ग्रोथ पर असर को लेकर चिंता जताई गई है। RBI के ड्राफ्ट नियमों पर अगले हफ्ते NBFCs अपने सुझाव भेज सकते हैं। वित्तमंत्रालय भी ड्राफ्ट नॉर्म्स पर RBI को अपने कमेंट जल्द ही भेजेगा। PFCऔर REC जैसी सरकारी कंपनी के अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे।
RBI इंफ्रा प्रोजेक्ट को लोन देने के लिए नए नियम लाने की तैयारी में
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर लोन डूबने के कारण देश के बैंकिंग सिस्टम का काफी बुरा हाल रहा है। अब RBI ने बैंकों की इसी स्थिति को सुधारने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की फाइनेंसिंग को लेकर सख्ती करने का फैसला किया है। RBI इंफ्रा प्रोजेक्ट को लोन देने के लिए नए नियम लेकर आने वाली है। इस नए ड्राफ्ट को तैयार कर लिया गया है और इस पर सुझाव देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से 15 जून तक का समय दिया गया है।
क्या है प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग का नया ड्राफ्ट
प्रोजेक्ट फाइनेंसिंग के नए ड्राफ्ट में आरबीआई ने कहा है कि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए जो फाइनेंस दिया जाता है उसके लिए 5 फीसदी एडिशनल प्रोविजन आपको इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में करना होगा। दूसरे शब्दों में कहें तो बैंकों को प्रोजेक्ट के कंस्ट्रक्शन के दौरान लोन अमाउंट का 5 फीसदी अलग से रखना होगा। इसे प्रोजेक्ट के चालू हो जाने पर 2.5 फीसदी और रीपेमेंट की स्थिति में आ जाने के बाद 1 फीसदी पर भी लाया जा सकेगा। ताकि लोन लेने से लेकर चुकाने तक की इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी तरह का डिफॉल्ट हो तो बैंक के पास कम से कम बैंकिंग सिस्टम को चलाने लायक फंड मौजूद रहे।
ड्राफ्ट के मुताबिक इस प्रावधान को तीन फेज में लागू किया जाएगा। पहले फेज में साल वित्त वर्ष 2025 तक 2 फीसदी की प्रोविजनिंग करनी है। दूसरे फेज में वित्त वर्ष 2026 तक इस प्रोविजनिंग को बढ़ा कर 3.5 फीसदी तक कर दिया जाएगा और फेज 3 में वित्त वर्ष 2027 से ये 5 फीसदी हो जाएगा।
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