इंडिया में 1950-2015 के बीच कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी में 7.81 फीसदी कमी आई है। इस दौरान कुल आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 43.15 फीसदी बढ़ी है। कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय में कमी के लिहाज से इंडिया दुनिया में म्यांमार के बाद दूसरे पायदान पर है। म्यांमार में इस दौरान कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी में 10 फीसदी कमी आई है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने दुनिया के 167 देशों का अध्ययन करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
इंडिया दक्षिण एशिया में दूसरा देश जहां बहुसंख्यक समुदाय की आबादी में हिस्सेदारी घटी
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडिया में 1950-2015 के बीच कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय (majority religious Communities) की हिस्सेदारी 84.68 फीसदी से घटकर 78.06 फीसदी पर आ गई है। उधर, कुल आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी 1950 में 9.84 फीसदी थी, जो बढ़कर 2015 में 14.09 फीसदी हो गई है। इस तरह कुल आबादी में उनकी हिस्सेदारी में 43.15 फीसदी बढ़ी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में म्यांमार के बाद इंडिया दूसरा देश है, जहां बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी कुल आबादी में घटी है।
भारत के पड़ोसी देशों में आबादी में बहुसंख्यकों की हिस्सेदारी कुल आबादी में बढ़ी
यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्यों ने तैयार की है। इनमें शामिका रवि, अपूर्व कुमार मिश्रा और अब्राहम जोस शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ हलकों में चल रही चर्चा के विपरीत सच्चाई यह है कि इंडिया में अल्पसंख्यक समुदाय न सिर्फ पूरी तरह सुरक्षित है बल्कि यह फलफूल रहा है। खासकर दक्षिण एशिया के दूसरे देशों से तुलना करने पर यह तथ्य और अहम हो जाता है। बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान और अफगानिस्तान जैसे देशों में कुल आबादी में बहुसंख्यक धार्मिक समुदाय की हिस्सेदारी बढ़ी है, जबकि अल्पसंख्य समुदाय की हिस्सेदारी घटी है।
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इंडिया में आबादी में मुस्लिम, सिख, ईसाई की हिस्सेदारी बढ़ी
इस रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिया में 1950 से 2015 के बीच कुल आबादी में मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिख समुदायों की हिस्सेदारी बढ़ी है। जैन और पारसी समुदाय की हिस्सेदारी कुल आबादी में घटी है। कुल आबादी में ईसाई समुदाय की हिस्सेदारी 2.24 फीसदी से बढ़कर 2.36 फीसदी हो गई है। सिख समुदाय की हिस्सेदारी 1.24 फीसदी से बढ़कर 1.85 फीसदी हो गई है। बौद्ध समुदाय की हिस्सेदारी कुल आबादी में 0.05 फीसदी से बढ़कर 0.81 फीसदी हो गई है।
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