Wednesday, March 20, 2024

Weather Report: अप्रैल-मई में देखने को मिल सकता है भीषण गर्मी और लू का कहर, स्काईमेट ने जताई आशंका

Weather Report: इस बार मौसम का मिजाज उखड़ा हुआ दिख रहा है। अप्रैल से मई के बीच भीषण गर्मी पड़ सकती है। इस दौरान लोगों को लू का भी सामना करना पड़ सकता है। भारत की प्रमुख मौसम एजेंसी से एक स्काईमेट के जीपी शर्मा (GP Sharma) का कहना है कि भारत में अप्रैल-मई महीने में तापमान में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा सकती है। वहीं भी लू का भी प्रकोप देखने को मिल सकता है। CNBC-TV18 के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने हीटवेव और अल नीनो के बारे में भी चर्चा की।

दरअसल, जल स्तर कम होने की वजह से गर्मी जल्दी शुरू हो जाती है। शर्मा ने कहा कि हीटवेव की शुरुआत भारत में खासतौर से मध्य भारत से हो सकती है। हालांकि कुछ दक्षिणे राज्यों में पहले से ही 41 डिग्री सेल्सियस के जैसे तापमान देखने को मिल रहा है।

मार्च से जून तक भारत में चलती है लू

भारत में औमतौर पर मार्च से जून तक लू चलती है। कभी-कभी लू जुलाई तक चलती है। उत्तर पश्चिम भारत, मध्य, पूर्व और उत्तर प्रायद्वीपीय भारत के साथ-साथ महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल के कुछ हिस्सों में हीटवेव की स्थिति देखी गई है। राजस्थान और विदर्भ क्षेत्रों में तापमान 45°C से अधिक देखने को मिलता है। भारत में साल 2016 और 2022 में सबसे अधिक गर्मी पड़ी। कुछ क्षेत्रों में तापमान 50°C से ऊपर चला गया। इसके बाद साल 2023 की भीषण गर्मी की मार लोगों को झेलनी पड़ी। वहीं मौसम वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि दुनिया भर के मौसम (Weather) को प्रभावित करने वाला अल नीनो (Al-Nino) अब कमजोर हो रहा है। यह इस साल जून तक खत्म हो सकता है।

मानसून तक न्यूट्रल हो जाएगा अल नीनो

मौसम विभाग के डायरेक्टर डॉ.मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि अल नीनो का प्रभाव धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। देश में मानसून आते-आते यह न्यूट्रल हो जाएगा। अल नीनो के प्रभाव से आमौतर पर खराब असर रहता है जो हम पहले देख चुके हैं। अलनीनो न्यूट्रल होना मानसून के लिए सकारात्मक संकेत है। लेकिन यह मानसून के अच्छे-सामान्य या खराब होने का अकेला फैक्टर नहीं है। यह कुछ अन्य परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है। अलनीनो न्यूट्रल होने के बाद ला नीना शुरू होता है। इसे मानसून के लिए अच्छा माना गया है।

जानिए क्या है अल नीनो और ला नीना

अल नीनो

अल नीनो मौसम संबंधी एक विशेष घटना होती है। यह मध्य और पूर्वी प्रशांत सागर में समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक होने पर बनता है। इससे तापमान काफी गर्म हो जाता है। इसके बनने से गर्मी, सूखे और कमजोर मानसून की स्थिति होती है। हर 2 -7 साल में इसका असर देखने को मिलता है।

ला नीना

जब पूर्वी प्रशांत महासगारीय क्षेत्र में जल का तापमान सामान्य के मुकाबले कम हो जाता है तो ला नीना की घटना देखने को मिलती है। इससे प्रशांक्ष महासागर में एक हाई प्रेशर की स्थिति पैदा होती है। इससे बारिश ज्यादा होती है। इसके साथ ही ला नीना की वजह से ठंडी हवाओं से सर्दी भी ज्यादा पड़ती है। ऐसी स्थिति एक साल से तीन साल तक बनी रह सकती है।

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