दिग्गज निवेशक और बिलियनेयर वॉरेन बफे (Warren Buffett) की बातें निवेशक बहुत गौर से सुनते हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि बिलियनेयर होने के बावजूद बफे की लाइफ स्टाइल बहुत सामान्य रही है। इससे निवेशक उनसे आसानी से कनेक्ट करते हैं। उन्हें लगता है कि बफे उन्हीं में से एक हैं। लेकिन, कई लोग यह भूल जाते हैं कि सिर्फ बफे की बताई बातों और नसीहत पर अमल करने से उनके जितना दौलत कमाना मुमकिन नहीं है। उनके नक्शेकदम पर काफी समय तक चलने के बाद निवेशकों को यह पता चलता है कि वे बफे के मुकाबले थोड़ी सफलता हासिल करने में भी नाकाम रहे। इसकी एक वजह यह हो सकती है कि अक्सर निवेशक बफे ने जिस संदर्भ में कोई बात कही है, उस संदर्भ पर निवेशक गौर नहीं करते।
24 फरवरी को जारी हुआ बफे का अनुअल लेटर
बर्कशायर का 2023 का एनुअल लेटर 24 फरवरी, 2024 को जारी किया गया। इसे गौर से देखने के बाद पता चलता है कि बफे ने खुद कुछ ऐसी धारणाओं को गलत बताया था, जिन पर काफी निवेशक भरोसा करते हैं। इनमें पहला यह है कि कामयाब निवेशक सिर्फ चुनिंदा स्टॉक्स पर दांव लगाते हैं। यह भी कि अमीर रिटायर होने के लिए जिंदगी में सिर्फ दो या तीन बड़े फाइनेंशियल फैसले जरूरी होते हैं। बफे ने पिछले साल के अपने लेटर में कंपाउंड इंटरेस्ट के पावर का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि अगर हम जिंदगी में दो अच्छे फैसले लेते हैं और बड़ी गलती नहीं करते हैं तो इसका फायदा हमें मिलेगा।ॉ
स्टॉक मार्केट में गलतियों का सही मतलब
निवेशक सिर्फ दो अच्छे फैसले के बारे सुनकर उत्साहित हो जाते हैं। वे यह भूल जाते हैं कि बफे ने गंभीर गलती नहीं करने की भी बात कही है। गंभीर गलती का मतलब ऐसे फैसले से है, जो वित्तीय रूप से आपको बड़ा लॉस पहुंचाते हैं। निवेशक कई बड़ी गलतियां मार्केट में करते हैं। इनमें निवेश के लिए सही समय की तलाश, डायवर्सिफिकेशन की कमी और खराब शेयरों का चुनाव शामिल हैं।
जल्द मुनाफे के लिए गलत जगह निवेश
दूसरी बड़ी गलती निवेश से जुड़े खतरों को नहीं समझना है। इनमें पोंजी स्कीम, इनसाइडर ट्रेडिंग, क्रिप्टो क्राइम, पेनी स्टॉक्स में निवेश, पंप एंड डंप स्कीम, सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर्स आदि शामिल हैं। अगर आप इन चीजों से बच जाते हैं तो जिंदगी के दो बड़े फैसले आपको अमीर बना सकते हैं। लेकिन, व्यवहार में ज्यादातर निवेशक जल्द कमाई के लालच में ऐसी जगह या स्कीम में निवेश कर बैठते हैं, जो फायदे की जगह लॉस देता है।
निवेश के स्केल को समझना है जरूरी
बफे ने एक दूसरी बात यह कही थी कि किसी अच्छी कंपनी के स्टॉक को ज्यादा कीमत पर खरीदने से अच्छा है कि किसी शानदार कंपनी के स्टॉक को सही कीमत पर खरीदा जाए। हमें सबसे पहले यह समझना होगा कि बफे की कंपनी किस स्तर पर निवेश करती है। बर्कशायर हैथवे के पाल निवेशयोग्य कैश 168 अरब डॉलर है। यह अमाउंट कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह अमाउंट TCS और RIL को छोड़ सभी भारतीय कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन से ज्यादा है।
अच्छी कंपनियों में सही वैल्यू पर निवेश
इसका मतलब यह है कि बफे जिस स्तर पर ऑपरेट करते हैं, वह हमारे लिए मुमकिन नहीं है। इसलिए निवेशकों को अच्छी कंपनियों की तलाश करनी चाहिए। जब आपको कोई अच्छी कंपनी शानदार कीमत पर मिल रही तो उसमें निवेश किया जा सकता है। रिटेल इनवेस्टर्स को एचडीएफसी बैंक या इंफोसिस या आईटीसी जैसी कंपनियों को सही कीमत पर खरीदने का इंतजार नहीं करना चाहिए। अगर आप सही कीमत पर भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, पेज इंडस्ट्रीज और HAL जैसी कंपनियों में निवेश करते हैं तो वह सही होगा।
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