Tuesday, February 20, 2024

Green Tax: शिमला में सैर करना पड़ सकता है भारी, लगेगा ग्रीन टैक्स, नगर निगम ने की तैयारी

Green Tax: हिमाचल प्रदेश घूमने की तैयारी कर रहे हैं तो अलर्ट हो जाएं। अब आपकी जेब पर बोझ बढ़ सकता है। सूबे की राजधानी शिमला में अब ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी हो रही है। शिमला नगर निगम ने सूबे के बाहर से आने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स वसूलने की तैयारी कर ली है। बता दें कि मनाली में पहले से ही ग्रीन टैक्स वसूला जा रहा है। ग्रीन टैक्स वसूलने के पीछे स्थानीय प्रशासन का तर्क है कि ऐसे में इस क्षेत्र को प्रदूषण से मुक्त रखा जा सकता है। शिमला नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान सालाना बजट में ग्रीन टैक्स लगाने का ऐलान कर चुके हैं। ग्रीन टैक्स बाहर से आने वाले वाहनों पर लगाया जाएगा। इसके साथ ही पर्यटकों का रिकॉर्ड रहेगा। वहीं इससे नगर निगम की कमाई भी होगी। ऑनलाइन वसूला जाएगा ग्रीन टैक्स शिमला नगर निगम ग्रीन टैक्स कैसे वसूलेगा, इस बारे में अभी कोई ठोस प्लान नहीं है। नगर निगम का कहना है कि इस मामले में एक कमेटी गठित कर दी गई है। मासिक मीटिंग में इस बारे में रिपोर्ट आ सकती है। महापौर ने बताया कि ग्रीन टैक्स की वसूली ऑनलाइन की जाएगी। इसके लिए फास्टैग या किसी अन्य विकल्प की तलाश जारी है। वहीं महापौर ने भी बताया कि इससे पर्यटकों की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं बढ़ेगा। इससे शिमला में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। महापौर ने तर्क देते हुए कहा कि अगर कोई पर्यटक 5000 से 10000 रुपये खर्च करके शिमला घूमते हैं तो उनके लिए 50-100 रुपये कोई बड़ी बात नहीं है। Farmers Protest 2024: किसानों की सरकार से ये है 3 बड़ी मांगें, जानें आखिर कहां फंस रहा पेंच मनाली में लगता है ग्रीन फीस मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिमला से पहले मनाली में दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीन टैक्स की वसूली की जा रही है। मनाली में वाहनों में लगे फास्टैग के जरिए ग्रीन फीस ली जाती है। इससे यहां बैरियर लगाकर गाड़ियां रोकने की जरूरत नहीं पड़ती। फास्टैग से चंद सेकंड में यह फीस कट जाती है। जिनके पास फास्टैग नहीं है, उनसे नकद फीस ली जा रही है। जानिए किसे कहते हैं ग्रीन टैक्स ग्रीन टैक्स को प्रदूषण कर या पर्यावरण टैक्स के रूप में भी जाना जाता है। सरकार द्वारा उन वस्तुओं पर लगाया जाने वाला एक प्रकार का उत्पाद शुल्क है, जो प्रदूषण बढ़ाने में योगदान करते हैं। इस टैक्स का मकसद लोगों को ऐसी वस्तुओं का उपयोग करने से हतोत्साहित करना है। जिससे प्रदूषण के स्तर में कमी आए। ग्रीन क्रेडिट योजना कुछ साल पहले राज्य में प्रेम कुमार धूमल सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान ग्रीन क्रेडिट योजना पेश की गई थी। इस योजना के तहत प्रदेश में निजी भूमि पर पेड़-पौधे लगाने की पहल हुई थी। जोकि विश्व बैंक की ओर से निर्धारित मापदंडों के तहत किया जाना था। उसके बाद प्रदेश में ग्रीन क्रेडिट को लेकर आगे काम नहीं हो सका था। ग्रीन टैक्स प्रक्रिया के तहत बस, ट्रक के 300, कार के 200 और दोपहिया वाहन के लिए 50 रुपये ग्रीन फीस लिया जा सकता है।

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