Rajasthan Election Results 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव की मतगणना के अब तक आए रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) 114 एवं कांग्रेस 70 सीटों पर आगे है। खबर लिखे जाने तक बीजेपी का 26, कांग्रेस का 14 और BAP (Bharat Adivasi Party) का एक प्रत्याशी चुनाव जीत चुका है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, 200 में से 199 सीट पर हुए चुनाव की मतगणना रविवार सुबह आठ बजे शुरू हुई और शाम चार बजे तक सभी 199 सीटों के रुझान सामने आ गए हैं। इसमें बीजेपी 114 एवं कांग्रेस 70 सीटों पर आगे चल रही है। राज्य की 200 में से 199 सीट पर मतदान 25 नवंबर को हुआ था। करणपुर सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के निधन के कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था। रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बढ़त मिलने के साथ ही जयपुर में पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को जश्न मनाते देखा जा सकता है। वहीं चुनाव के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए बनाए गए पार्टी के वार रूम में सन्नाटा छाया हुआ है। बीजेपी कार्यकर्ता सुबह-सुबह ही पार्टी कार्यालय पहुंच गए और रुझानों में पार्टी को कांग्रेस पर बढ़त मिलती दिखाई देने के साथ ही उन्होंने ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाना शुरू कर दिया। पार्टी कार्यालय में बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने 'मोदी-मोदी' के नारे लगाए। पार्टी के एक कार्यकर्ता ने दावा किया, 'भाजपा को प्रचंड जीत मिलने जा रही है और वह सरकार बनाएगी।" वहीं. कांग्रेस कार्यालय में कोई कार्यकर्ता नजर नहीं आया और सभी नेता कार्यालय के अंदर बैठकर रुझानों का आकलन कर रहे हैं। कौन होगा सीएम? बीजेपी कार्यकर्ताओं के जश्न के बीच, मुख्यमंत्री पद के लिए प्रमुख नाम सामने आने शुरू हो गए हैं। इनमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, अरुण मेघवाल और यहां तक कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम भी शामिल हैं। 1993 के बाद से राजस्थान में हर पांच साल में दो मुख्य पार्टियों भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच लड़ाई रही है। अनुभवी कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने तीन बार रेगिस्तानी राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। जबकि बीजेपी की वसुंधरा राजे ने इस अवधि के दौरान दो बार पद संभाला है। ये BJP नेता सीएम की रेस में आगे पहला नाम वसुंधरा राजे का है। राजस्थान की दो बार सीएम रहीं राजे 2003 में राज्य की मुख्यमंत्री बनने वाली पहली महिला थीं। वह वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्षों में से एक हैं और सीएम की दौड़ में संभावित उम्मीदवार भी हैं। सिंधिया परिवार की सदस्य राजे धौलपुर के बमरौलिया परिवार की कुलमाता हैं। वह मौजूदा चुनाव में झालरापाटन से चुनाव लड़ रही हैं। इसके अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का नाम भी सीएम की रेस में है। वैष्णव राजस्थान के मूल निवासी हैं। वह ओडिशा से राज्यसभा सदस्य हैं और उन्होंने रेगिस्तानी राज्य में तीन वंदे भारत ट्रेनें शुरू की हैं। इसलिए वह इस पद के लिए चर्चा में रहने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। वहीं, अरुण मेघवाल का नाम भी सामने आ रहा है। वह पार्टी का दलित चेहरा है। मेघवाल वर्तमान में 2023 से भारत सरकार के कानून और न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 2017 से संसदीय मामलों के राज्य मंत्री और 2021 से दूसरे मोदी मंत्रालय में संस्कृति राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह बीकानेर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं और केंद्रीय नेतृत्व के पसंदीदा बने हुए हैं। इन तीनों के अलावा दीया कुमारी भी सीएम की दौड़ में हैं। दीया कुमारी राजसमंद संसदीय सीट से संसद सदस्य हैं। इसके अलावा वह भारत में ब्रिटिश राज के दौरान जयपुर रियासत के अंतिम शासक महाराजा मान सिंह द्वितीय की पोती हैं। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी और बीजेपी नेता बाबा बालकनाथ का नाम भी सामने आ रहा है। महंत बालकनाथ योगी अलवर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वह बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय (BMU) के चांसलर हैं। रिपोर्टों के अनुसार, वह हिंदू धर्म के नाथ संप्रदाय के आठवें प्रमुख/महंत भी हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत वर्तमान में जल शक्ति मंत्रालय में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। वह लोकसभा में जोधपुर का प्रतिनिधित्व करने वाले BJP के सांसद हैं। शेखावत केंद्रीय नेतृत्व के प्रिय व्यक्ति हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सभी रैलियों में जल जीवन मिशन का उल्लेख किया है, इसलिए उन्हें सीएम की कुर्सी मिलने की संभावना है। ये भी पढ़ें- Assembly Election Results 2023: तीन राज्यों में बढ़त से BJP उत्साहित, पीयूष गोयल बोले- 2024 में 330 सीटें मिलेंगी इससे पहले रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी नेताओं ने कहा था कि अगर पार्टी को 100 के आसपास सीटें मिलती हैं तो राजे पहली पसंद होंगी क्योंकि वह दो बार की सीएम हैं जो राजस्थान की राजनीति की नब्ज जानती हैं। हालांकि, अगर आंकड़ा 120 का आंकड़ा पार करता है तो केंद्रीय नेतृत्व विधायकों का नेता तय करेगा।
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