वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है 2024 के अंतरिम बजट में लोगों को ज्यादा बड़े ऐलानों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। बहरहाल, पिछले दो वित्त वर्ष में शिक्षा, कौशल विकास आदि के आवंटन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। अगले साल का अंतरिम बजट भारतीय जनता पार्टी की सरकार का 10वां बजट होगा। हम आपको यहां पिछले दशक यानी 2014-15 (FY15) से 2023-24 (FY24) के दौरान बजट में शिक्षा से जुड़े प्रावधानों के बारे में जानकारी पेश कर रहे हैं। 2014 का शिक्षा बजट: शिक्षकों की कमी दूर करने और कौशल विकास के लिए पहल केंद्रीय बजट 2014 में शिक्षा के मद में 68,728 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। बजट में प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कौशल विकास कार्यक्रमों के जरिये पहली बार शिक्षकों की कमी दूर करने की कोशिश की गई थी। 'कम्युनिकेशन लिंक्ड इंटरफेस फॉर कल्टिवेटिंग नॉलेज' (CLICK) के तहत वर्चुअल क्लासरूम के लिए 1,800 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। पंडित मदन मोहन मालवीय न्यू टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटन किए गए थे, ताकि शिक्षकों की कमी को दूर किया जा सके। इसके अलावा, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान का आवंटन 400 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,200 करोड़ रुपये कर दिया था। 2015 का शिक्षा बजट: उच्च शिक्षा, एजुकेशन लोन पर फोकस 2015 के बजट में शिक्षा क्षेत्र में 68,968 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इसके तहत 42,219 करोड़ रुपये उच्च शिक्षा के लिए और 26,855 करोड़ रुपये स्कूली शिक्षा और साक्षरता के मद में आवंटित किए गए थे। इस बजट में उच्च शिक्षा पर फोकस था, जिसमें नए सरकारी संस्थान खोलने और नई एडुकेशन लोन स्कीम पेश करने का ऐलान किया गया था। इस बजट में 5 नए एम्स, दो आईआईएम (IIM), दो आईआईटी (IIT) की स्थापना की बात कही गई थी। इसक अलावा, प्रधानमंत्री विद्या लक्ष्मी कार्यक्रम और दीन दयाल उपाध्याय कौशल योजना जैसी एजुकेशन लोन स्कीम्स की भी शुरुआत की गई थी। 2016 का शिक्षा बजट: इंटरनेशनल एजुकेशन हब 2016 के बजट में शिक्षा के मद में 72,394 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो पिछले साल के आवंटन के मुकाबले 4.9 पर्सेंट ज्यादा था। स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में 43,554 करोड़ रुपये (3 पर्सेंट की बढ़ोतरी) खर्च करने का प्रावधान था, जबकि उच्च शिक्षा के लिए 28,840 करोड़ रुपये (7.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी) का प्रावधान किया गया था। बजट में उच्च शिक्षा को मजबूत करने और भारत को ग्लोबल एजुकेशन हब बनाने पर फोकस करने का ऐलान किया गया था। इसके तहत हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (HEFA) की भी स्थापना की गई थी। 2017 का शिक्षा बजट: क्वालिटी पर फोकस 2017 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 79,685.95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो पिछले साल के मुकाबले 9.9 पर्सेंट ज्यादा था। बाद में इसे संशोधित कर 81,868 करोड़ रुपये कर दिया गया था। शुरुआती आवंटन में से 46,356.25 करोड़ रुपये स्कूल सेक्टर को मिले थे और 33,329.7 करोड़ रुपये हायर एजुकेशन को दिए गए थे। बजट में शिक्षा का क्वालिटी को बेहतर बनाने की बात कही गई थी। सरकार ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की स्थापना का फैसला किया था। 2018 का शिक्षा बजट: 'स्टडी इन इंडिया' प्रोग्राम की शुरुआत 2018 के बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर 1.38 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इनमें से 83,626 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने का ऐलान किया गया था, जो बजट 2017 के संशोधित अनुमान के मुकाबले 3.8 पर्सेंट ज्यादा था। 2018 के बजट का मकसद शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल बदलाव, विदेशी छात्रों को आकर्षित करना और रोजगार पैदा करना था। इसक अलावा, बजट में कृषि को मजबूत करने, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस किया गया था। 'स्टडी इन इंडिया' प्रोग्राम की शुरुआत विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए की गई थी। 2019 का शिक्षा बजट: स्पोर्ट्स एजुकेशन को बढ़ावा 2019 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए 94,853.64 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसमें पिछले साल के मुकाबले 13.4 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी। यह संबंधित वित्त वर्ष में केंद्र सरकार के अनुमानित खर्च का 3 पर्सेंट था। बजट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स और स्किल ट्रेनिंग जैसे क्षेत्रों में नई-नई स्किल मुहैया कराने पर जोर दिया गया था। सरकार ने 2019 के बजट में स्कूली शिक्षा के मद में 56,537 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो पिछले साल के संशोधित अनुमानों के मुकाबले 12.8 पर्सेंट ज्यादा था। इसके अलावा, उच्च शिक्षा का आवंटन पिछले साल के मुकाबले 14.3 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 38,317 करोड़ रुपये था। 2020 का बजट: NEP की सिफारिश वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 के बजट में शिक्षा क्षेत्र के मद में 99,300 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जो सालाना आधार पर 5 पर्सेंट ज्यादा था। इसके अलावा, कौशल विकास के लिए 3,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। बजट में शिक्षा के क्षेत्र में निवेश लाने और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 को लागू करने पर फोकस किया गया था। शिक्षा के क्षेत्र में ग्लोबल लेवल पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस बजट में फॉरेन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) और एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग्स (ECB) भी पेश किए गए थे। मई 2019 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा जारी किया गया था, जिसमें शिक्षा पर जीडीपी का कम से कम 6 प्रतिशत खर्च करने का प्रस्ताव दिया गया था। 2021 का बजट: NEP 2020 पर नजर 2021 के बजट में शिक्षा मंत्रालय को 93,224 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो एजुकेशन सेक्टर के मद में पिछले साल के वास्तविक खर्च से 2.1 पर्सेंट ज्यादा था। 2021 के बजट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुधारों को ध्यान में रखकर फैसले लिए गए थे। इसके तहत नए स्कूलों और लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की स्थापना के जरिये स्कूली और उच्च शिक्षा की पहुंच बढ़ाने का ऐलान किया गया था। इस बजट में स्कूली शिक्षा के लिए 54,874 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो वित्त वर्ष 2021 के वास्तविक खर्च से 2.2 पर्सेंट ज्यादा था। उच्च शिक्षा के लिए 38,351 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष के वास्तविक खर्च से 1.9 पर्सेंट ज्यादा था। 2022 का शिक्षा बजट: 1 लाख करोड़ से ज्यादा का एजुकेशन बजट 2022 के बजट में शिक्षा का आवंटन 2021-22 के संशोधित खर्च के मुकाबले 18.5 पर्सेंट बढ़ाकर 1.04 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था। यह आवंटन वित्त वर्ष 2023 के लिए केंद्र सरकार के कुल अनुमानित खर्च का 3 पर्सेंट था। इस बजट में स्कूली शिक्षा के लिए 63,449.37 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो वित्त वर्ष 2022 के संशोधित अनुमानों से 22.1 पर्सेंट ज्यादा था। इसी तरह, उच्च शिक्षा का बजट 40,828 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2022 के संशोधित अनुमानों से 13.3 पर्सेंट ज्यादा था। बजट में मॉडल स्कूलों, शिक्षकों की ट्रेनिंग और कुछ खास संस्थानों को स्कॉलरशिप के आवंटन पर जोर दिया गया था। 2023 का शिक्षा बजट 2023 के बजट में शिक्षा मंत्रालय को 1,12,899 करोड़ रुपये का आवंटन मिला और इसमें 13 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। यह वित्त वर्ष 2024 के लिए सरकार के कुल अनुमानित खर्च का 2.9 पर्सेंट था। इस बजट में समग्र शिक्षा अभियान के लिए बड़ी रकम (37,453 करोड़ रुपये) आवंटित की गई। बजट में एकलव्य स्कूलों के लिए 38,000 से भी ज्यादा शिक्षकों की भर्ती करने का ऐलान भी किया गया था। इस साल स्कूली शिक्षा के मद में 68,805 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, जो वित्त वर्ष 2023 के संशोधित अनुमानों से 16.5 पर्सेंट ज्यादा है। इसके अलावा, उच्च शिक्षा के लिए 44,095 करोड़ का प्रावधान किया गया था, जो वित्त वर्ष 2023 के संशोधित अनुमानों के मुकाबले 8 पर्सेंट ज्यादा है।
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