Rajasthan Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) से कुछ हफ्ते पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन यह पद उन्हें छोड़ नहीं रहा है और शायद छोड़ेगा भी नहीं। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस (Congress) अलाकमान का जो भी फैसला होगा, वह सबको स्वीकार होगा। गहलोत ने यहां कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि कांग्रेस आलाकमान और गांधी परिवार ने उन्हें तीन बार मुख्यमंत्री बनाकर उन पर इतना विश्वास किया है, तो इसकी कोई तो वजह होगी। मुख्यमंत्री गहलोत ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मतभेदों की पृष्ठभूमि में कहा कि उन्होंने 'भूलो और माफ करो' की नीति पर अमल किया है। गहलोत ने यह भी कहा कि साल 2020 में पायलट के साथ जिन विधायकों ने बगावत की थी, उनमें लगभग सभी के टिकट तय हो गए हैं और उन्होंने किसी का विरोध नहीं किया है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भारतीय जनता पार्टी (BJP) में कथित उपेक्षा को लेकर गहलोत ने कहा कि उनकी वजह से वसुंधरा को सजा नहीं मिलनी चाहिए। 'पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और शायद छोड़े भी नहीं' यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस की जीत के बाद वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे, तो गहलोत ने कहा, "राजस्थान में सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत हार्ट ट्रांसप्लांट कराने वाली एक महिला ने मुझसे से कहा कि भगवान करे कि आप चौथी बार मुख्यमंत्री बनें। मैंने उनसे कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं और यह पद मुझे नहीं छोड़ रहा है...।" इसके साथ ही उन्होंने कहा, "कितने मुख्यमंत्रियों में यह कहने की हिम्मत है ...मैं कह रहा हूं कि पद मुझे नहीं छोड़ रहा है और शायद छोड़े भी नहीं।" उनका कहना था, "पद मुझे नहीं छोड़ रहा यह बात मजाक में कही है...मुझमें आलाकमान ने इतना विश्वास दिखाया है, तो कुछ तो कारण होंगे। कोई तो कारण होगा कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जो कांग्रेस को एकजुट रखे हुए हैं। उन्होंने मुझे तीसरी बार मुख्यमंत्री बनाया।" गहलोत ने कहा कि देश के मौजूदा हालात में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करना है और फिर आलाकमान का जो भी फैसला होगा वो सबको मंजूर होगा। 'मुख्यमंत्री पद मुझे छोड़ नहीं रहा और शायद...', सचिन पायलट के साथ मतभेद और टिकट बंटवारे पर पहली बार बोले अशोक गहलोत टिकटों के बंटवारे के संदर्भ में गहलोत ने कहा कि जीत की संभावना ही उम्मीदवारी का मुख्य आधार होगा। गहलोत के अनुसार, "अभी टिकट का अधार जीत की संभावना है। वो सब बातें (मतभेद की) भूल चुके हैं। हम सब एक हो गए हैं, मिलकर लड़ना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "जो लोग उनके (पायलट) साथ गए थे, उनके टिकट करीब-करीब 'क्लियर' हो गए हैं। मैंने एक भी टिकट का विरोध नहीं किया है। इससे अंदाजा कर लीजिए कि आपस में कितना प्यार-मोहब्बत है।" राजस्थान में सभी 200 विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा। तीन दिसंबर को मतगणना होगी। मेरे कारण उनको सजा नहीं मिलनी चाहिए- गहलोत वसुंधरा राजे की BJP में कथित उपेक्षा के सवाल पर गहलोत ने कहा, "यह उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है। लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि मेरे कारण उनको सजा नहीं मिलनी चाहिए। यह उनके साथ अन्याय होगा।" गहलोत ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष को अपना शत्रु समझते हैं, लेकिन जनता उन्हें सही समय पर सबक सिखाएगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना था, "अगर ईमानदारी है, तो प्रधानमंत्री को दखल देना चाहिए। अगर गृह मंत्री नहीं मान रहे हैं, तो प्रधानमंत्री को दखल देना चाहिए।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह भी किया कि वह देश में सामाजिक सुरक्षा का कानून बनाएं। गहलोत ने कहा, "सूचना का अधिकार, खाद्य सुरक्षा कानून, शिक्षा का अधिकार और मनरेगा, चार कानून बनाए। प्रधानमंत्री से मांग है कि सामाजिक सुरक्षा का कानून बनाया जाए। प्रधानमंत्री को 140 करोड़ लोगों को गारंटी देनी चाहिए कि वह सामाजिक सुरक्षा कानून लेकर आएंगे।"
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