विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) इंडियन मार्केट में बिकवाली कर रहे हैं। 1 अगस्त, 2023 से अब तक वे 55,723 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। इस बीच, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने घरेलू बाजार में 49,763 करोड़ रुपये की खरीदारी की है। अगर FIIs की बिकवाली का यह ट्रेंड जारी रहता है तो इसका असर IT और Infra शेयरों पर पड़ सकता है। ये दोनों एफआईआई की पहली पसंद रहे हैं। हालांकि, DIIs की खरीदारी से इंफ्रा और कंज्यूमर कंपनियों के शेयरों में उछाल दिख सकता है। एनालिस्ट्स FIIs की बिकवाली की वजह इकोनॉमी से जुड़े इंडिकेटर्स को बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगर DIIs ने बाजार को सहारा नहीं दिया होता तो FIIs की बिकवाली की वजह से बाजार में बड़ी गिरावट आई होती। एफआईआई की खरीदारी के बावजूद मार्केट में तेजी दिख रही है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज से चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वी के विजयकुमार ने कहा कि निफ्टी के 20,000 से ऊपर जाने पर DIIs की तरफ से मुनाफावसूली हो सकती है। FIIs की बिकवाली की यह है वजह FII की बिकवाली और DIIs की खरीदारी जारी रहने से मार्केट में उतार-चढ़ाव भी बढ़ सकता है। एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि एफआईआई की बिकवाली से रुपये पर भी दबाव बन सकता है। अमेरिकी बॉन्ड यील्ड 2007 के बाद सबसे हाई लेवल पर पहुंच गई है। डॉलर इंडेक्स 106 को पार कर गया है। इंटरेस्ट रेट के लंबे समय तक हाई बने रहने का अनुमान जताया जा रहा है। इसका असर ग्लोबल इकोनॉमी पर पड़ना तय है। मास्टर कैपिटल सर्विसेज के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट अरविंद सिंह नंदा ने कहा कि बढ़ती अमेरिकी बॉन्ड यील्ड, हाई क्रू़ड ऑयल प्राइस और डॉलर इंडेक्स में उछाल से विदेशी निवेशक इंडिया में बिकवाली कर रहे हैं। रिटेल इनवेस्टर्स के निवेश ने किया कमाल एनालिस्ट्स का कहना है कि DIIs पर मार्केट में शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव से असर नहीं पड़ेगा। दरअसल, म्यूचुतअल फंड्स की स्कीमों में बहुत अच्छा निवेश हो रहा है। इसलिए डीआईआई यह पैसा स्टॉक्स में लगा रहे हैं। जब तक इंडियन इकोनॉमी का प्रदर्शन बेहतर बना रहता है और कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा रहता है, निवेश जारी रहेगा। एफएफआई की बिकवाली के बीच डीआईआई शेयरों की सही वैल्यूएशन का फायदा उठाने के लिए निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में रिटेल इनवेस्टर्स स्टॉक मार्केट्स का रुख कर रहे हैं, जिस वजह से इनवेस्टमेंट बढ़ रहा है। FII की बदली थी रणनीति इस साल जनवरी और फरवरी में FIIs ने इंडिया में बेचो और चीन में खरीदों की स्ट्रेटेजी अपनाई थी। इससे बाजार में गिरावट आई थी। डीडीआई ने इस मौके का फायदा उठाया। लेकिन, जल्द FIIs की स्ट्रेटेजी बदल गई। उन्होंने इंडिया में खरीदो और चीन में बेची की रणनीति अपनानी शुरू कर दी। इससे इंडियान मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गए। इस साल के शुरुआती दो महीनों में जिन रिटेल इनवेस्टर्स ने निवेश किए थे, वे आज अच्छे मुनाफे पर बैठे हुए हैं।
from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/PulWwxZ
via
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
Labour unions and so-called 'yellow vest' protesters were on the streets across France just days after Macron outlined policy propos...
-
The outbreak in India adds to the pressure on President Joe Biden to provide vaccines to other countries. Biden has said the US won'...
-
Samsung is the latest company to roll out a self-repair program for users. Earlier, Google and Valve have also partnered with iFixit for the...
No comments:
Post a Comment