Thursday, September 7, 2023

सऊदी अरब, रूस की कटौती की वजह से 90 डॉलर से ऊपर रह सकती है कच्चे तेल की कीमत: एक्सपर्ट्स

एनर्जी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, क्रूड ऑयल की कीमतों में इस साल तेजी बनी रही सकती है। प्रॉडक्शन में कटौती की वजह से ऐसा होगा। कच्चे तेल की कीमत 5 सितंबर को 90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई, जो पिछले 10 महीने में सबसे ज्यादा है। दरअसल, सऊदी अरब और रूस ने इस साल के अंत तक कच्चे तेल की सप्लाई में कटौती जारी रखने का ऐलान किया है, जिसके बाद इसकी कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली। हालांकि, 7 सितंबर को कच्चे तेल की कीमत स्थिर रही, जबकि डॉलर छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया। सऊदी अरब ने इस साल कच्चे तेल की सप्लाई में 10 लाख बैरल रोजाना की कटौती करने का फैसला किया है, जिससे दिसंबर के आखिर तक कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बनी रहेगी। सऊदी ने इस साल की बाकी अवधि के लिए 90 लाख बैरल रोजाना का प्रॉडक्शन टारगेट तय किया है, जबकि रूस ने दिसंबर के आखिर तक 3 लाख बैरल रोजाना एक्सपोर्ट पर रोक को दिसंबर तक बढ़ा दिया है। बाजार को उम्मीद थी कि जुलाई में शुरू हुई यह कटौती अक्टूबर तक चलेगी, लेकिन इसे बढ़ाकर दिसंबर तक कर दिया गया है। इस वजह से कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। इस साल कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। इस दौरान कीमतों की रेंज 70 से 90 डॉलर प्रति बैरल रही है। पिछले 15 दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में 8 बैरल रोजाना की बढ़ोतरी हुई है। बीते 23 अगस्त को कच्चा तेल 82 डॉलर प्रति बैरल पर था, जबकि 5 सितंबर को यह 90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कच्चे तेल की कीमतों में ऊपर की तरफ मोमेंटम बना हुआ है। उनके मुताबिक, अगर चीन में मांग में फिर से मजबूती देखने को मिलती है, तो कच्चे तेल की कीमत बढ़कर 100 डॉलर तक पहुंच सकती है। हालांकि, यह बढ़ोतरी लंबे समय तक नहीं रहेगी, क्योंकि भारत और अमेरिका में कुछ समय बाद चुनाव होने हैं। बाजार का अनुमान है कि कच्चा तेल आखिरकार 80 डॉलर प्रति बैरल पर सपोर्ट हासिल कर सकता है।

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