स्टॉक मार्केट में इस साल मार्च के अंत से शुरू तेजी अब तक जारी है। बाजार के प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty ने ऊंचाई के नए रिकॉर्ड बनाए हैं। ऐसे में एक तरफ इनवेस्टर्स खुश हैं तो दूसरी तरफ उनके मन में इस तेजी को लेकर कई सवाल हैं। मनीकंट्रोल ने Mirae Asset Global Investment के चीफ इनवेस्टमेंट अफसर राहुल चड्ढा से बातचीत में इस बारे में पूछा। आईटी शेयरों के भविष्य और टू-व्हीलर मार्केट में बढ़ रही गर्मी के बारे में भी उनकी राय जानने की कोशिश मनीकंट्रोल ने की। चड्ढा ने कहा कि मार्केट में मौजूदा संभावनाओं के बारे में हमेशा उनका रुख पॉजिटिव रहा है। खासकर हाल में तेजी से उनके पोर्टफोलियो की वैल्यू बढ़ी है। उन्होंने कहा कि इंडियन मार्केट के आउटलुक के बारे में उनकी सोच पॉजिटिव है। उन्हें इंडियन मार्केट से अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद है। मिडकैप-स्मॉलकैप शेयरों को लेकर सावधानी जरूरी उन्होंने कहा, "बीते कुछ दिनों में हमने कुछ मुनाफावसूली करने का फैसला किया है। खासकर हम मिडकैप स्टॉक्स से कुछ मुनाफा बुक करना चाहते हैं। इन कंपनियां की बुनियादी स्थिति बहुत मजबूत है, लेकिन उनके शेयरों के कीमतें बहुत ज्यादा चढ़ गई हैं। इसलिए थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी है और इन शेयरों में निवेश थोड़ा घटाने की जरूरत है।" दरअसल, मार्च के अंत से शुरू हुई तेजी में लार्जकैप के मुकाबले स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में ज्यादा तेजी आई है। निफ्टी स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों से इसकी पुष्टि होती है। यह भी पढ़ें : Varun Beverages डेयरी और स्पोर्ट्स ड्रिंक्स पर बढ़ाएगी फोकस, मोतीलाल ओसवाल ने इस स्टॉक में निवेश करने की सलाह दी आईटी सेक्टर में निवेश के बड़े मौके होंगे आईटी सेक्टर के बारे में पूछने पर चड्ढा ने कहा कि यह सही है कि आईटी सेक्टर अभी कुछ मुश्किलों का सामना कर रहा है। अगर अमेरिका में अगले छह महीनों में हल्की मंदी आती है तो आईटी शेयरों में निवेश का अच्छा मौका बनेगा। हम चीन में हालात पर भी नजर रख रहे हैं। पीपल्स बैंक ऑफ चाइना इकोनॉमी में जान फूंकने की कोशिश कर रहा है। चीन और इंडिया के बीच के ऐतिहासिक संबंध को देखते हुए रुपये में कमजोरी आने की ज्यादा संभावना लगती है। हेजिंग के लिहाज से यह अच्छा मौका होगा। हालांकि, अमेरिकी इकोनॉमी को लेकर मीडियम टर्म व्यू रखना जरूरी है। अगल 12 से 18 महीनों में अमेरिकी इकोनॉमी की सेहत में सुधार होगा। आयशर मोटर्स को बड़े फैसले लेने होंगे बजाज ऑटो और हीरो मोटोकॉर्प के प्रीमियम मॉडल्स पेश करने से ऑटो सेक्टर पर असर के बारे में उन्होंने कहा कि इससे आयशर मोटर्स पर दबाव बढ़ सकता है। कंपनी के मार्जिन पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि उसे बजाज और हीरो के नए मॉडल्स का मुकाबला करने के लिए अपनी मोटरसाइकिल में नए फीचर्स जोड़ने पड़ेंगे या कीमतों में डिस्काउंट देने होंगे। अगर आयशर मोटर्स बदलती स्थितियों के अनुसार बड़े फैसले नहीं लेती है तो उसके मार्केट शेयर में गिरावट आएगी। हम पहले से आयशर मोटर्स के शेयरों पर दबाव देख रहे हैं।
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